27-11-2023, 02:35 PM
कबूतर के बच्चे
अब छुटकी अलफ ,
"एकदम बच्ची नहीं हूँ , ये देखो मेरे मेरी क्लास में सबसे बड़े हैं मेरे। "
अपने कबूतर के बच्चो को टॉप के ऊपर से सहलाते बोली।
" अरे ऐसे क्या पता चलेगा तू खोल के दिखा न " गुड्डी ने उसे उकसाया।
"धत्त " अब छुटकी ने जोर से ब्लश किया।
" मैं कह रही थी न गुड्डी बिचारी अभी बच्ची है ,हिम्मत नहीं है इसमें जाने दो अभी पता नहीं जो दिखा रही है असली है या नकली। " मैं बोली
और गुड्डी भी शामिल होगयी ,
" एकदम भाभी ,ढूंढते रह जाओगे टाइप , और बात करती है , फड़वाने की। छुटकी दिखा न यार हमीं तीन तो हैं ,मेरा दरवाजा बंद है कोई नहीं आएगा। " गुड्डी ने उसे और उकसाया।
" मेरा भी " मैं बोली और फिर छुटकी से कहा यार ज़रा सा टॉप उठा दे एक नजर ,अच्छा चल ब्रा मत खोलना।
छुटकी ने काउंटर अटैक किया। गुड्डी पर
"गुड्डी दी बड़ी हैं पहले वो। "
" अरे सबसे बड़ी तो मैं हूँ चल मैं ,... " और मैंने नाइटी कंधे पर से सरका दी।
मेरे ३४ सी के परफेक्ट बूब्स , हाफ कप ब्रा में ,
गुड्डी और छुटकी देखते रह गए।
गुड्डी ने भी अपना टॉप ऊपर कर लिया।
अब छुटकी के पास कोई रास्ता नहीं था ,हिचकते हुए उसने भी ,
क्या कच्ची अमिया थी। दंगे हो जाएँ एकदम ऐसी , टीन ब्रा में फंसी।
उस बिचारी को क्या मालूम मैंने झट स्क्रीन शॉट सेव कर लिया।
मुझे पता था उसके भैय्या तो बस ये स्क्रीन शॉट देखते ही पागल हो जाएंगे।
छोटी छोटी सी लाइट पिंक ब्रा और उसके अंदर कच्ची जवानी के फूल ,
और भैय्या तो बाद में , अभी तो मैं ही बौरा रही थी इन टिकोरों के बारे में सोच सोच के।
गुड्डी तो अब एकदम मेरी लेफ्टिनेंट ,सहेली सब कुछ हो गयी थी ,बस चुपके से मैंने मोबाईल पर उसके टेक्स्ट किया ,
" यार ये ढक्क्न खुलवा किसी तरह से "
और तुरंत उसका जवाब आया ,
" एकदम भौजी। " और साथ में स्माइली हग ,किसेज
और स्काइप पे गुड्डी छुटकी को चढाने पर चालू हो गयी।
" पैडेड है न ," गुड्डी ने छुटकी को चिढ़ाया।
" एकदम नहीं , तेरी होगी पैडेड " और छुटकी चढ़ भी गयी और चिढ भी गयी।
" वाह मेरी क्यों होगी पैडेड , मेरे तो असली है , तेरी तरह थोड़ी , भाभी से पूछ ले , वही लायी हैं " गुड्डी ने छुटकी को और उकसाया।
मैं क्या असल में उसके भैय्या लाये थे , अपनी पसंद , शीयर हाफ कप ,फ्रंट ओपन ३२ सी।
"अच्छा बोल तेरी ब्रा का नंबर क्या है , अच्छा रहने दे ,भाभी आप गैस करिये न।आपकी सबसे छोटी ननद है आप का हक़ है। "
गुड्डी ने अब बाल मेरे पाले में डाल दी थी।
मैं सुनने से ज्यादा बस देख रही थी उन छोटी छोटी कच्ची अमियों को , बस मन कर रहा था ये ब्रा उतार फेंकूं , मसल दूँ , रगड़ डालूं , बस एक बार चूसने को मिल जाय , बस हलके से एक बार कुतरने को ,
…..
और मेरी दोनों छोटी ननदों को स्काइप पर मेरी हाल साफ़ पता चल रही थी। …………
गुड्डी की बात से मुझे मौक़ा मिल गया ,मैंने छुटकी से कहा
" अरे यार ज़रा और पास आ न , ठीक से देखने दे हाँ क्लोज अप में "
छुटकी भी मस्ता रही थी उसने अपने उभार आलमोस्ट वेब कैम से सटा दिए।
और यहाँ मेरी हालत खराब हो गयी।
कुछ देर तक मैंने सोचने का नाटक किया फिर गुड्डी की ओर देख के बोली ,
अब छुटकी अलफ ,
"एकदम बच्ची नहीं हूँ , ये देखो मेरे मेरी क्लास में सबसे बड़े हैं मेरे। "
अपने कबूतर के बच्चो को टॉप के ऊपर से सहलाते बोली।
" अरे ऐसे क्या पता चलेगा तू खोल के दिखा न " गुड्डी ने उसे उकसाया।
"धत्त " अब छुटकी ने जोर से ब्लश किया।
" मैं कह रही थी न गुड्डी बिचारी अभी बच्ची है ,हिम्मत नहीं है इसमें जाने दो अभी पता नहीं जो दिखा रही है असली है या नकली। " मैं बोली
और गुड्डी भी शामिल होगयी ,
" एकदम भाभी ,ढूंढते रह जाओगे टाइप , और बात करती है , फड़वाने की। छुटकी दिखा न यार हमीं तीन तो हैं ,मेरा दरवाजा बंद है कोई नहीं आएगा। " गुड्डी ने उसे और उकसाया।
" मेरा भी " मैं बोली और फिर छुटकी से कहा यार ज़रा सा टॉप उठा दे एक नजर ,अच्छा चल ब्रा मत खोलना।
छुटकी ने काउंटर अटैक किया। गुड्डी पर
"गुड्डी दी बड़ी हैं पहले वो। "
" अरे सबसे बड़ी तो मैं हूँ चल मैं ,... " और मैंने नाइटी कंधे पर से सरका दी।
मेरे ३४ सी के परफेक्ट बूब्स , हाफ कप ब्रा में ,
गुड्डी और छुटकी देखते रह गए।
गुड्डी ने भी अपना टॉप ऊपर कर लिया।
अब छुटकी के पास कोई रास्ता नहीं था ,हिचकते हुए उसने भी ,
क्या कच्ची अमिया थी। दंगे हो जाएँ एकदम ऐसी , टीन ब्रा में फंसी।
उस बिचारी को क्या मालूम मैंने झट स्क्रीन शॉट सेव कर लिया।
मुझे पता था उसके भैय्या तो बस ये स्क्रीन शॉट देखते ही पागल हो जाएंगे।
छोटी छोटी सी लाइट पिंक ब्रा और उसके अंदर कच्ची जवानी के फूल ,
और भैय्या तो बाद में , अभी तो मैं ही बौरा रही थी इन टिकोरों के बारे में सोच सोच के।
गुड्डी तो अब एकदम मेरी लेफ्टिनेंट ,सहेली सब कुछ हो गयी थी ,बस चुपके से मैंने मोबाईल पर उसके टेक्स्ट किया ,
" यार ये ढक्क्न खुलवा किसी तरह से "
और तुरंत उसका जवाब आया ,
" एकदम भौजी। " और साथ में स्माइली हग ,किसेज
और स्काइप पे गुड्डी छुटकी को चढाने पर चालू हो गयी।
" पैडेड है न ," गुड्डी ने छुटकी को चिढ़ाया।
" एकदम नहीं , तेरी होगी पैडेड " और छुटकी चढ़ भी गयी और चिढ भी गयी।
" वाह मेरी क्यों होगी पैडेड , मेरे तो असली है , तेरी तरह थोड़ी , भाभी से पूछ ले , वही लायी हैं " गुड्डी ने छुटकी को और उकसाया।
मैं क्या असल में उसके भैय्या लाये थे , अपनी पसंद , शीयर हाफ कप ,फ्रंट ओपन ३२ सी।
"अच्छा बोल तेरी ब्रा का नंबर क्या है , अच्छा रहने दे ,भाभी आप गैस करिये न।आपकी सबसे छोटी ननद है आप का हक़ है। "
गुड्डी ने अब बाल मेरे पाले में डाल दी थी।
मैं सुनने से ज्यादा बस देख रही थी उन छोटी छोटी कच्ची अमियों को , बस मन कर रहा था ये ब्रा उतार फेंकूं , मसल दूँ , रगड़ डालूं , बस एक बार चूसने को मिल जाय , बस हलके से एक बार कुतरने को ,
…..
और मेरी दोनों छोटी ननदों को स्काइप पर मेरी हाल साफ़ पता चल रही थी। …………
गुड्डी की बात से मुझे मौक़ा मिल गया ,मैंने छुटकी से कहा
" अरे यार ज़रा और पास आ न , ठीक से देखने दे हाँ क्लोज अप में "
छुटकी भी मस्ता रही थी उसने अपने उभार आलमोस्ट वेब कैम से सटा दिए।
और यहाँ मेरी हालत खराब हो गयी।
कुछ देर तक मैंने सोचने का नाटक किया फिर गुड्डी की ओर देख के बोली ,