27-11-2023, 02:35 PM
जोरू का गुलाम भाग १०८
छुटकी
3,35,739
बताया तो था छुटकी के बारे में ,लेकिन उसके बारे में जो भी बताओ कम है। वो वय: संधि के उस दरवाजे पर खड़ी जहाँ घर वाले उसे अभी भी बच्ची समझते थे पर घर से बाहर निकलते ही , मोहल्ले के लौंडे सीटी बजाकर , इशारे कर के न सिर्फ उसे उसकी जवानी का अहसास करा देते थे बल्कि कितने उसपे चढ़ाई का भी प्लान बना चुके थे।
टीनेज ब्रा तो उसने कब से पहननी शुरू कर दी थी ,पर नहाने के बाद शीशे के सामने उन आती बढ़ती गदराती गोलाइयों को कभी छू के ,कभी सहला के ,कभी हलके से फ्लिक कर के तो उसे खुद को रोज अपनी आती जवानी का अहसास होता।
उमर तो बस वही जो गुड्डी की थी , जब मेरी शादी में बारात में गाँव में आयी थी मेरे और उसके कच्चे टिकोरों ने न सिर्फ लौंडों को बल्कि गाँव के मर्दों की भी पैंट टाइट कर दी थी। सच में खट्टी मीठी अमिया की बात ही कुछ ऐसी है ,हर कोई कुतरना चाहता है। और छुटकी की अमिया अपनी समौरियों से २० नहीं २२ थीं।
लेकिन जो उसकी कातिल बनाती थीं वो थीं उसके संदली भोले चेहरे पर बड़ी बड़ी कजरारी आँखे,खूब रसीले होंठ और एट्टीट्यूड। उन आँखों का तो बस , झुकना भी गज़ब उठना भी गजब ,
खिलना कम, कम कली ने सीखा है,
तेरी आंखों की नीमबाजी से।
लगता है मीर ने वैसे ही किसी शोख को देख के लिखा होगा। और फिर हुस्न के साथ अदा भी अगर मिल जाए ,
तिरछी निगाह के साथ हलकी सी मुस्कराहट , वो एक जम्बिश के साथ गर्दन का मोड़ना और बेसाख्ता उन गुलाब से गालों पर आयी लटों को हटाना , उसकी फेहरिस्त में आधे घायल थे।
और जैसा मेरी बाकी ससुरालवालियों को आदत है , बस उसी तरह से मना करना उसने सीखा नहीं था था। उसके फेसबुक पेज पे १२४६ फ्रेंड्स थे उसमें ८२७ लड़के और उसमें से भी साढ़े चार सौ से ऊपर एक से एक हंक। जब वो उन कटीली आँखों और गुलाबी भरे भरे होंठों से फक मी लुक देती थी तो बस ,
तो छुटकी और गुड्डी स्काइप पर पहले से ही थे जब मैं पहुंची।
और पांच मिनट में ही मेरी सेक्सी मीठी मीठी ननदों ने, जो टेंशन मेरी जेठानी ने दिया था सब गायब कर दिया।
छेड़छाड़ की शुरुआत छुटकी ने ही की ,बोली
" भाभी आप दो ननदों में भेदभाव करती हैं , गुड्डी को अपने साथ ले जारही हैं और मुझे एक बार भी नहीं बुलाया। "
मैंने तुरंत कान पकडे ,अपने और बोली ,
" आ जाओ न तू भी , लेकिन गुड्डी तो वहां कोचिंग करेगी और तू , ... "
अभी गुड्डी मेरी ओर हो गयी बोली ,
" भाभी इसकी भी करवा दीजियेगा न ,कोचिंग "
बस दुहरे मीनिंग वाले डायलॉग चालू हो गए।
" बोल करवाएगी , एक बार हाँ कर देगी न तो मैं छोडूंगी नहीं भले फिर लाख ना ना करना " मैंने छुटकी को चिढ़ाया।
क्या जबरदस्त अंगड़ाई ली उस हाईकॉलेज वाली ने ,लगता था बस वो कबूतर के बच्चे टॉप फाड़ के उड़ के बाहर आ जाएंगे।
" अरे भाभी ,नेकी और पूछ पूछ। हाँ और दस बार हाँ। ना करने वाले कोई और होंगे। "
वो छुटकी जिस शोख ढंग से बोली सच्च में मैं लड़का होती न तो वहीँ पटक के चोद देती।
" तेरे शहर में क्या तुझे यारों की कमी पड़ गयी या ,... कोई पसंद का नहीं मिल रहा " गुड्डी ने छेड़ा अपनी कजिन को।
" फेसबुक पे तो तेरे इत्ते ,... " मैंने भी अपनी राय जाहिर कर दी।
" अरे भाभी वो सब हगिंग और किस की स्माइली वाले हैं , असली बात तक पहुंचते ही नहीं। " उदास चेहरा बना के वो बोली।
फिर वो मेरे ऊपर एकदम तेल पानी ले के चढ़ गयी।
" भाभी आप तो रोज बिना नागा , और यहाँ आप की ननदें बिचारी एक बार के लिए ,... "
और गुड्डी भी अब अपनी छोटी कजिन की ओर से , ...
"सच्च कह रही है तू ,भाभी इट इज नॉट फेयर। हम दोनों अपनी सील बंद लिए टहल रही हैं और आप सिर्फ चिढ़ाती रहती है की इंटर कोर्स कर लिया बिना इंटरकोर्स के। "
" और अब तो मैं भी इंटर में पहुँच गयीं हूँ , .... " खिलखिलाते हुए छुटकी बोली।
" तो ठीक है मैं जिससे करवाती हूँ रोज बिना नागा फड़वा दूँ उससे तुम दोनों की। सोच लो। "
अब दोनों की चुप होने की बारी थी।
" बहुत दर्द होगा फटते समय , "अब मैंने चढ़ाई कर दी।
फिर तो दोनों ने ऐसा हंसना शुरू किया , चुप होती फिर हंसना चालू कर देतीं।
मुश्किल से हंसी रोक के छुटकी बोली ,
" एकदम भाभी ,जैसे आप को हुआ था न , याद है गुड्डी दी। "
"एकदम याद है , " गुड्डी बोली और दोनों ने फिर हंसना शुरू कर दिया।
"कित्ता जोर से चीखी थीं आप " दोनों एक साथ बोलीं।
दोनों के भैय्या का मूसल था ही इतना मोटा , बिचारे बहुत सम्हाल के ,लेकिन,... मैंने भी कंट्रोल करने की कोशिश की थी पर चीख निकल ही गयी। लेकिन इन दोनों को कैसे ,... "
और गुड्डी और छुटकी दोनों ने कबूल कर लिया।
" भाभी ,इस की शैतानी है यही मुझे पकड़ के ले गयी थी। " छुटकी ने गुड्डी की ओर इशारा किया।
" अच्छा शैतान की नानी , और टेबल के ऊपर स्टूल रख के रोशनदान में छेद किसने किया था। " गुड्डी ने बाल अब छुटकी के खाते में डाल दी।
" और किसने कहा था की पूरा देखने को मैं तो बस ज़रा सा ,... " छुटकी बोली।
" भाभी बहुत दर्द हुआ था आपको " अबकी सीधा सा मुंह बना के उस किशोरी ने मुझे चिढ़ाते हुए पूछा।
" घबड़ा मत आ जा ना , तेरे भैय्या से तेरी फड़वा दूंगी , बस तुझे खुद मालूम हो जायेगा कितना दर्द होता है। "मैंने छुटकी को लपेटा।
"एकदम भाभी बहुत चहक रही है न , इसकी तो एकदम सूखी ही ,... " गुड्डी अब फिर मेरे साथ हो गयी।
और मैंने फिर बात बदल दी ,मैं और गुड्डी मिल के जैसे शिकार का हांका करते हैं न बस उसी तरह छुटकी का ,... "
" जाने दे गुड्डी यार ,बोलना आसान है घोंटना नहीं। फिर बिचारी अभी ये बच्ची है ,दूध के दांत भी नहीं टूटे। " मैंने गुड्डी से कहा।
अब छुटकी अलफ ,
"एकदम बच्ची नहीं हूँ , ये देखो मेरे मेरी क्लास में सबसे बड़े हैं मेरे। "
छुटकी
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बताया तो था छुटकी के बारे में ,लेकिन उसके बारे में जो भी बताओ कम है। वो वय: संधि के उस दरवाजे पर खड़ी जहाँ घर वाले उसे अभी भी बच्ची समझते थे पर घर से बाहर निकलते ही , मोहल्ले के लौंडे सीटी बजाकर , इशारे कर के न सिर्फ उसे उसकी जवानी का अहसास करा देते थे बल्कि कितने उसपे चढ़ाई का भी प्लान बना चुके थे।
टीनेज ब्रा तो उसने कब से पहननी शुरू कर दी थी ,पर नहाने के बाद शीशे के सामने उन आती बढ़ती गदराती गोलाइयों को कभी छू के ,कभी सहला के ,कभी हलके से फ्लिक कर के तो उसे खुद को रोज अपनी आती जवानी का अहसास होता।
उमर तो बस वही जो गुड्डी की थी , जब मेरी शादी में बारात में गाँव में आयी थी मेरे और उसके कच्चे टिकोरों ने न सिर्फ लौंडों को बल्कि गाँव के मर्दों की भी पैंट टाइट कर दी थी। सच में खट्टी मीठी अमिया की बात ही कुछ ऐसी है ,हर कोई कुतरना चाहता है। और छुटकी की अमिया अपनी समौरियों से २० नहीं २२ थीं।
लेकिन जो उसकी कातिल बनाती थीं वो थीं उसके संदली भोले चेहरे पर बड़ी बड़ी कजरारी आँखे,खूब रसीले होंठ और एट्टीट्यूड। उन आँखों का तो बस , झुकना भी गज़ब उठना भी गजब ,
खिलना कम, कम कली ने सीखा है,
तेरी आंखों की नीमबाजी से।
लगता है मीर ने वैसे ही किसी शोख को देख के लिखा होगा। और फिर हुस्न के साथ अदा भी अगर मिल जाए ,
तिरछी निगाह के साथ हलकी सी मुस्कराहट , वो एक जम्बिश के साथ गर्दन का मोड़ना और बेसाख्ता उन गुलाब से गालों पर आयी लटों को हटाना , उसकी फेहरिस्त में आधे घायल थे।
और जैसा मेरी बाकी ससुरालवालियों को आदत है , बस उसी तरह से मना करना उसने सीखा नहीं था था। उसके फेसबुक पेज पे १२४६ फ्रेंड्स थे उसमें ८२७ लड़के और उसमें से भी साढ़े चार सौ से ऊपर एक से एक हंक। जब वो उन कटीली आँखों और गुलाबी भरे भरे होंठों से फक मी लुक देती थी तो बस ,
तो छुटकी और गुड्डी स्काइप पर पहले से ही थे जब मैं पहुंची।
और पांच मिनट में ही मेरी सेक्सी मीठी मीठी ननदों ने, जो टेंशन मेरी जेठानी ने दिया था सब गायब कर दिया।
छेड़छाड़ की शुरुआत छुटकी ने ही की ,बोली
" भाभी आप दो ननदों में भेदभाव करती हैं , गुड्डी को अपने साथ ले जारही हैं और मुझे एक बार भी नहीं बुलाया। "
मैंने तुरंत कान पकडे ,अपने और बोली ,
" आ जाओ न तू भी , लेकिन गुड्डी तो वहां कोचिंग करेगी और तू , ... "
अभी गुड्डी मेरी ओर हो गयी बोली ,
" भाभी इसकी भी करवा दीजियेगा न ,कोचिंग "
बस दुहरे मीनिंग वाले डायलॉग चालू हो गए।
" बोल करवाएगी , एक बार हाँ कर देगी न तो मैं छोडूंगी नहीं भले फिर लाख ना ना करना " मैंने छुटकी को चिढ़ाया।
क्या जबरदस्त अंगड़ाई ली उस हाईकॉलेज वाली ने ,लगता था बस वो कबूतर के बच्चे टॉप फाड़ के उड़ के बाहर आ जाएंगे।
" अरे भाभी ,नेकी और पूछ पूछ। हाँ और दस बार हाँ। ना करने वाले कोई और होंगे। "
वो छुटकी जिस शोख ढंग से बोली सच्च में मैं लड़का होती न तो वहीँ पटक के चोद देती।
" तेरे शहर में क्या तुझे यारों की कमी पड़ गयी या ,... कोई पसंद का नहीं मिल रहा " गुड्डी ने छेड़ा अपनी कजिन को।
" फेसबुक पे तो तेरे इत्ते ,... " मैंने भी अपनी राय जाहिर कर दी।
" अरे भाभी वो सब हगिंग और किस की स्माइली वाले हैं , असली बात तक पहुंचते ही नहीं। " उदास चेहरा बना के वो बोली।
फिर वो मेरे ऊपर एकदम तेल पानी ले के चढ़ गयी।
" भाभी आप तो रोज बिना नागा , और यहाँ आप की ननदें बिचारी एक बार के लिए ,... "
और गुड्डी भी अब अपनी छोटी कजिन की ओर से , ...
"सच्च कह रही है तू ,भाभी इट इज नॉट फेयर। हम दोनों अपनी सील बंद लिए टहल रही हैं और आप सिर्फ चिढ़ाती रहती है की इंटर कोर्स कर लिया बिना इंटरकोर्स के। "
" और अब तो मैं भी इंटर में पहुँच गयीं हूँ , .... " खिलखिलाते हुए छुटकी बोली।
" तो ठीक है मैं जिससे करवाती हूँ रोज बिना नागा फड़वा दूँ उससे तुम दोनों की। सोच लो। "
अब दोनों की चुप होने की बारी थी।
" बहुत दर्द होगा फटते समय , "अब मैंने चढ़ाई कर दी।
फिर तो दोनों ने ऐसा हंसना शुरू किया , चुप होती फिर हंसना चालू कर देतीं।
मुश्किल से हंसी रोक के छुटकी बोली ,
" एकदम भाभी ,जैसे आप को हुआ था न , याद है गुड्डी दी। "
"एकदम याद है , " गुड्डी बोली और दोनों ने फिर हंसना शुरू कर दिया।
"कित्ता जोर से चीखी थीं आप " दोनों एक साथ बोलीं।
दोनों के भैय्या का मूसल था ही इतना मोटा , बिचारे बहुत सम्हाल के ,लेकिन,... मैंने भी कंट्रोल करने की कोशिश की थी पर चीख निकल ही गयी। लेकिन इन दोनों को कैसे ,... "
और गुड्डी और छुटकी दोनों ने कबूल कर लिया।
" भाभी ,इस की शैतानी है यही मुझे पकड़ के ले गयी थी। " छुटकी ने गुड्डी की ओर इशारा किया।
" अच्छा शैतान की नानी , और टेबल के ऊपर स्टूल रख के रोशनदान में छेद किसने किया था। " गुड्डी ने बाल अब छुटकी के खाते में डाल दी।
" और किसने कहा था की पूरा देखने को मैं तो बस ज़रा सा ,... " छुटकी बोली।
" भाभी बहुत दर्द हुआ था आपको " अबकी सीधा सा मुंह बना के उस किशोरी ने मुझे चिढ़ाते हुए पूछा।
" घबड़ा मत आ जा ना , तेरे भैय्या से तेरी फड़वा दूंगी , बस तुझे खुद मालूम हो जायेगा कितना दर्द होता है। "मैंने छुटकी को लपेटा।
"एकदम भाभी बहुत चहक रही है न , इसकी तो एकदम सूखी ही ,... " गुड्डी अब फिर मेरे साथ हो गयी।
और मैंने फिर बात बदल दी ,मैं और गुड्डी मिल के जैसे शिकार का हांका करते हैं न बस उसी तरह छुटकी का ,... "
" जाने दे गुड्डी यार ,बोलना आसान है घोंटना नहीं। फिर बिचारी अभी ये बच्ची है ,दूध के दांत भी नहीं टूटे। " मैंने गुड्डी से कहा।
अब छुटकी अलफ ,
"एकदम बच्ची नहीं हूँ , ये देखो मेरे मेरी क्लास में सबसे बड़े हैं मेरे। "