27-11-2023, 02:27 PM
" फिफ्टी -फिफ्टी "
" फिफ्टी -फिफ्टी " मैं मुस्कराते हुए बोली, सही है।
ज्योति और नीतू, बताया तो था दोनों के बारे में, फागुन के शुरू में, चलिए एक बार फिर से मिला देती हूँ।
मेरी दो बड़ी शोख शरारती ननदें, बगल की सटी हुयी कालोनी में, गुड्डी के कॉलेज में ही पढ़ती है, गवर्मेट गर्ल्स इंटर कालेज, ... ग्यारहवीं में,... देखने में कैसी लगती हैं ? जैसी ग्यारहवीं की लड़कियां लगती हैं, मस्त , तैयार एकदम, लेकिन ये दोनों कुछ ज्यादा ही, जोबन में अपनी क्लास वालियों से २० नहीं २२, और उभारने में ललचाने में भी,...
नीतू पंजाबी थी, खूब गोरी चिट्ठी ,
और ज्योति यहीं की, नीतू इतनी गोरी तो नहीं लेकिन अच्छी गोरी और चेहरे पर नमक जबरदस्त, बड़ी बड़ी आँखे गालों पर डिम्पल।
कालोनी में दोनों के सटे घर थे, बचपन की पक्की दोस्ती, दांत काटी, खांएगी तो एक प्लेट में और सब कुछ मिल बाँट के, आधा आधा.
जिस दिन से मैं शादी के बाद आयी दोनों चिढ़ाती थीं,
"भौजी कुछ दिन की बात है, होली में हम सब ननदें मिल के आपको इस आंगन में नंगे नचाएंगी, आखिर हमारे भैया के सामने रोज रोज खोलती हैं तो एक दिन ननदों के सामने भी खोल दीजियेगा,... "
और जब उन दोनों को पता चला की मैं होली में यहाँ नहीं रहूंगी तो अल्लफ, जैसे फागुन शुरू हुया उसी दिन,....
दोनों ने धावा बोला पर उन्हें नहीं पता था की मेरे साथ कम्मो भौजी भी हैं, बस आधे घंटे के अंदर ही नंगा नाच तो हुआ ही, परफेक्ट स्ट्रिपटीज, लेकिन ज्योति और नीतू ने किया , एक दूसरे की ब्रा और पैंटी खोल के, ... और उसके बाद बाद दोनों की 69 भी ,
एक दूसरे की चूत चूसने का साथ में कम्मो ने ज्योति, नीतू दोनों को हड़का लिया छिनारों , पांच मिनट के अंदर अगर दोनों न झड़ी तो दोनों की गाँड़ यहीं आंगन में मारूंगी मैं और अपनी मुट्ठी से, कोहनी तक पेलूँगी।
मैंने भी एक शर्त लगा दी, जो पहले झडा उसे कम्मो की चूसने पड़ेगी।
कम्मो कौन चूत चूसा के छोड़ देती, जबरदस्त गाँड़ चटवायी उसने और मैं क्यों पीछे रहती, उसके बाद होली में खूब मस्ती, दोनों ने दो दो ऊँगली एक साथ घोंटी, मालूम तो मुझे पहले ही था की इस शहर की सब लड़कियां, झांटे बाद में आती हैं, लंड पहले ढूँढ़ती हैं. अपने भाई से ही झिल्ली फड़वा लेती हैं. तो
फट तो दोनों की कब की गयी थी, इसलिए जब वो होली खेल के गयीं तो दोनों की बुर में मैंने सात सात इंच का निरोध में गुलाल भर के बनाया डिलडो एकदम जड़ तक ठोंक दिया।
ज्योति तो अगले दिन फिर आयी, अपनी कॉलेज की वही गवरन्मेंट गर्ल्स इंटर कालेज वाली चार सहेलियों के साथ,
और अबकी तो और जबरदस्त,... दोनों से खूब जबरदस्त दोस्ती होगयी, और कम्मो की तो एकदम पक्की वाली ,
तभी पता चला वो आधी आधी वाली बात , और कम्मो ने अपनी प्लानिंग बतायी।
….
बचपन से तो ज्योति नीतू हर चीज आधी आधी , तो बस टीनेज में जब लौंडों ने चक्कर काटने शुरू किये तो वो भी आधी आधी,
पटती ज्योति, लेकिन लौंडे के सामने पहले नाड़ा खोलती नीतू,
और वो भी दोनों साथ साथ, किस भी साथ और बात जब नीचे तक पहुंचती तो गन्ना नीतू चूसती तो दोनों रसगुल्ले ज्योति के हिस्से में, ...
और जब मोटा मूसल नीतू के ओखल में घुसता तो उस लौंडे को अपनी चूत की चाशनी ज्योति चटाती। और कई बार तो एक ही पलंग पर दोनों अपने अपने यारों के साथ, बदल बदल कर, ...
कम्मो से उस दिन होली के बाद तो एकदम पक्की वाली दोस्ती हो गयी, दो चार बार तो कम्मो की कुठरिया में ही दोनों अपने यारों के साथ और तीन चार घंटे कब्बडी चलती, कम्मो यहाँ अंदर हम लोगों के पास, ऊपर से कम्मो जड़ी बूटी, हर तरह के देसी तेल सब की एक्सपर्ट तो उन दोनों को ' टाइट अगेन' का देसी संस्करण भी दिया रोज सोने के पहले और नहाने के बाद गुलाबो में लगाने के लिए और उरोज कल्प भी उन दोनों के जबरदंग जोबन को और जबरदंग करने के लिए, कितना भी मसलवायें, मिजवायें यारों से वैसे ही टनाटन,...
मैं उन दोनों के बारे में कुछ स्पेसिफिक बात पूछती तो कम्मो ने पहले ही बता दिया, एक दर्जन यार है पूरे, दोनों के,...
" दोनों के मिला के या,... " मैंने जब पूछा तो कम्मो ने ऐसे देखा उसने मुझे ऐसे घूर के देखा की मैंने कौन सी बेवकूफी की बात कर दी, क्या मुझे शहर की लड़कियों के बारे में कुछ मालूम नहीं, ... फिर बोली,
" अलग , अलग और उन की गिनती नहीं जिनको उन दोनों ने चूस के फेंक दिया। "
फिर कम्मो ने अपनी प्लानिंग बतानी शुरू कर दी
" फिफ्टी -फिफ्टी " मैं मुस्कराते हुए बोली, सही है।
ज्योति और नीतू, बताया तो था दोनों के बारे में, फागुन के शुरू में, चलिए एक बार फिर से मिला देती हूँ।
मेरी दो बड़ी शोख शरारती ननदें, बगल की सटी हुयी कालोनी में, गुड्डी के कॉलेज में ही पढ़ती है, गवर्मेट गर्ल्स इंटर कालेज, ... ग्यारहवीं में,... देखने में कैसी लगती हैं ? जैसी ग्यारहवीं की लड़कियां लगती हैं, मस्त , तैयार एकदम, लेकिन ये दोनों कुछ ज्यादा ही, जोबन में अपनी क्लास वालियों से २० नहीं २२, और उभारने में ललचाने में भी,...
नीतू पंजाबी थी, खूब गोरी चिट्ठी ,
और ज्योति यहीं की, नीतू इतनी गोरी तो नहीं लेकिन अच्छी गोरी और चेहरे पर नमक जबरदस्त, बड़ी बड़ी आँखे गालों पर डिम्पल।
कालोनी में दोनों के सटे घर थे, बचपन की पक्की दोस्ती, दांत काटी, खांएगी तो एक प्लेट में और सब कुछ मिल बाँट के, आधा आधा.
जिस दिन से मैं शादी के बाद आयी दोनों चिढ़ाती थीं,
"भौजी कुछ दिन की बात है, होली में हम सब ननदें मिल के आपको इस आंगन में नंगे नचाएंगी, आखिर हमारे भैया के सामने रोज रोज खोलती हैं तो एक दिन ननदों के सामने भी खोल दीजियेगा,... "
और जब उन दोनों को पता चला की मैं होली में यहाँ नहीं रहूंगी तो अल्लफ, जैसे फागुन शुरू हुया उसी दिन,....
दोनों ने धावा बोला पर उन्हें नहीं पता था की मेरे साथ कम्मो भौजी भी हैं, बस आधे घंटे के अंदर ही नंगा नाच तो हुआ ही, परफेक्ट स्ट्रिपटीज, लेकिन ज्योति और नीतू ने किया , एक दूसरे की ब्रा और पैंटी खोल के, ... और उसके बाद बाद दोनों की 69 भी ,
एक दूसरे की चूत चूसने का साथ में कम्मो ने ज्योति, नीतू दोनों को हड़का लिया छिनारों , पांच मिनट के अंदर अगर दोनों न झड़ी तो दोनों की गाँड़ यहीं आंगन में मारूंगी मैं और अपनी मुट्ठी से, कोहनी तक पेलूँगी।
मैंने भी एक शर्त लगा दी, जो पहले झडा उसे कम्मो की चूसने पड़ेगी।
कम्मो कौन चूत चूसा के छोड़ देती, जबरदस्त गाँड़ चटवायी उसने और मैं क्यों पीछे रहती, उसके बाद होली में खूब मस्ती, दोनों ने दो दो ऊँगली एक साथ घोंटी, मालूम तो मुझे पहले ही था की इस शहर की सब लड़कियां, झांटे बाद में आती हैं, लंड पहले ढूँढ़ती हैं. अपने भाई से ही झिल्ली फड़वा लेती हैं. तो
फट तो दोनों की कब की गयी थी, इसलिए जब वो होली खेल के गयीं तो दोनों की बुर में मैंने सात सात इंच का निरोध में गुलाल भर के बनाया डिलडो एकदम जड़ तक ठोंक दिया।
ज्योति तो अगले दिन फिर आयी, अपनी कॉलेज की वही गवरन्मेंट गर्ल्स इंटर कालेज वाली चार सहेलियों के साथ,
और अबकी तो और जबरदस्त,... दोनों से खूब जबरदस्त दोस्ती होगयी, और कम्मो की तो एकदम पक्की वाली ,
तभी पता चला वो आधी आधी वाली बात , और कम्मो ने अपनी प्लानिंग बतायी।
….
बचपन से तो ज्योति नीतू हर चीज आधी आधी , तो बस टीनेज में जब लौंडों ने चक्कर काटने शुरू किये तो वो भी आधी आधी,
पटती ज्योति, लेकिन लौंडे के सामने पहले नाड़ा खोलती नीतू,
और वो भी दोनों साथ साथ, किस भी साथ और बात जब नीचे तक पहुंचती तो गन्ना नीतू चूसती तो दोनों रसगुल्ले ज्योति के हिस्से में, ...
और जब मोटा मूसल नीतू के ओखल में घुसता तो उस लौंडे को अपनी चूत की चाशनी ज्योति चटाती। और कई बार तो एक ही पलंग पर दोनों अपने अपने यारों के साथ, बदल बदल कर, ...
कम्मो से उस दिन होली के बाद तो एकदम पक्की वाली दोस्ती हो गयी, दो चार बार तो कम्मो की कुठरिया में ही दोनों अपने यारों के साथ और तीन चार घंटे कब्बडी चलती, कम्मो यहाँ अंदर हम लोगों के पास, ऊपर से कम्मो जड़ी बूटी, हर तरह के देसी तेल सब की एक्सपर्ट तो उन दोनों को ' टाइट अगेन' का देसी संस्करण भी दिया रोज सोने के पहले और नहाने के बाद गुलाबो में लगाने के लिए और उरोज कल्प भी उन दोनों के जबरदंग जोबन को और जबरदंग करने के लिए, कितना भी मसलवायें, मिजवायें यारों से वैसे ही टनाटन,...
मैं उन दोनों के बारे में कुछ स्पेसिफिक बात पूछती तो कम्मो ने पहले ही बता दिया, एक दर्जन यार है पूरे, दोनों के,...
" दोनों के मिला के या,... " मैंने जब पूछा तो कम्मो ने ऐसे देखा उसने मुझे ऐसे घूर के देखा की मैंने कौन सी बेवकूफी की बात कर दी, क्या मुझे शहर की लड़कियों के बारे में कुछ मालूम नहीं, ... फिर बोली,
" अलग , अलग और उन की गिनती नहीं जिनको उन दोनों ने चूस के फेंक दिया। "
फिर कम्मो ने अपनी प्लानिंग बतानी शुरू कर दी