24-11-2023, 11:05 PM
आपरेशन गुड्डी का घर ,
कामयाब , जैसा मम्मी ने प्लान किया था एकदम वैसे ही।
सबसे बड़ा खतरा तो वहीँ था कहीं जेठानी जी सास का इस्तेमाल कर के उन लोगों के इरादे न बदलवा दें।
साथ में मिसेज मल्होत्रा का मेल की दो दिन के अंदर गुड्डी को रिपोर्ट करना है , क्लासेज शुरू हो चुकी हैं। और वो सीधे पैरेंट्स को एड्रेस ,
और गुड्डी के घरवाले मान गए यानि परसों उस सोन चिरैया को ले कर हम लोग फुर्र , फिर होगी उसकी असली कोचिंग।
दिन रात ,उसकी कुठरिया में उसके सीधे साधे भैय्या ,जो इस बात पर मुझसे नाराज हो गए थे की एलबम में उनकी छुटकी बहिनिया के फोटो के साथ अनजाने में मैंने कंडोम रख दिया था ,
अपने हाथ से मैं उन्ही भैय्या का मूसल उस की ओखल में ,वो भी बिना कंडोम के, और उस के बाद से तो रोज बिना नागा ,
लेकिन उसके लिए मुझे इस जेठानी का प्लान बिगाड़ना था।
उन्होंने मेल में ये भी लिखा था की उन्होंने गुड्डी के पेरेंट्स से मेरी सासु जी की बात भी करवा दी थी। और उन लोगों ने भी सासू जी को गुड्डी के कोचिंग में एडमिशन के बारे में हम लोगो ने किसे जुगाड़ से लास्ट डेट के बाद भी कराया सब बता दिया था।
हाँ उन्होंने गुड्डी के पेरेंट्स को ये बता दिया था की गुड्डी के जाने की डेट के बारे में किसी को भी न बताएं , गुड्डी को भी नहीं। क्योंकि ये बैकडोर से एडमिशन हुआ है सोर्स सिफारिश से ,और अगर ज्यादा लोगों को पता चल गया तो मुश्किल होगी।
सासु जी मेरी बहुत वार्म तो नहीं थी गुड्डी के हम लोगों के साथ जाने की खबर से पर उन्होंने मना भी नहीं किया गुड्डी के जाने को। लेकिन अब अगर जेठानी जी ये खबर उन्हें नमक मिर्च लगा के देतीं तो वो ये नहीं कह सकती थीं की मुझे किसी ने बताया नहीं।
जेठानी जी का प्लान गुड्डी का कौमार्य बचाने के लिए नहीं था ,मुझे मेरी औकात दिखाने के लिए था।और मुझसे ज्यादा अपने देवर को, भले वो ऊँची पोस्ट पर हो, अच्छा पढ़ा लिखा हो , लेकिन होंगे तो अपनी जगह, इस जगह, इस घर में जेठानी का जी ही राज चला है उन्ही का चलेगा, और उन की मर्जी के बगैर वो गुड्डी के बारे में सोच भी नहीं सकते।
बस आज का दिन किसी तरह , कल जब उनकी छुट्टी एक बार ख़तम हो जाए , बस ,फिर तो ऐसी कस के मैं उनकी रगड़ाई करने वाली थी की लेकिन आज मेरा पूरा दिमाग सिर्फ सिंगल प्वाइंट पे था।
और मम्मी का फोन आ गया , वीडियो चैट।
वो भी आलमोस्ट सक्सेफुल था।
मम्मी ने अपने समधन से खूब खुल के मजाक किया, और उन्होंने भी, दोनों समधनों का रिश्ता भी और स्वभाव भी,... मम्मी ने पूछ लिया की पंडों से दबवाया मसलवाया की नहीं, और उन्हें दुबारा याद दिलाया की वापस तीरथ से लौटने के हफ्ते दस दिन के अंदर वो आएँगी यहाँ और फिर दोनों समधने हम लोगों के घर,... बड़ी देर तक मस्ती भरी बातें की दोनों लोगों ने, हाँ मम्मी ने जान बूझ कर गुड्डी के बारे में बात नहीं की, लेकिन सासू जी ने ही गुड्डी के कोचिंग में एडमिशन के बारे में खुद बता दिया,
एक खतरनाक बात उन्होंने सासु जी से पता कर ली थी. सासु जी ने अपना प्रोग्राम प्री पोन कर दिया था , अब वो नरसो यानी आज से तीसरे दिन दोपहर तक आ जाने वाली थीं। और ये बात जेठानी जी को जरूर मालुम होगी लेकिन उन्होंने छिपा के रखी थी।
मम्मी ने साफ़ हिदायत दी की मैं ये और गुड्डी परसों रात को अपने अपने घर किसी भी तरह पहुँच जाय। लेटेस्ट परसों शाम के पहले हम लोगों को यहां से निकल चलना था लेकिन परसों सुबह के पहले ये बात न गुड्डी को पता चलनी थी न मेरी जेठानी को। क्योंकिं उसके बाद जेठानी जी लाख उछल कूद मचाएं ,सासु जी हम लोगों के जाने के पहले आ कर कोई विघ्न बाधा नहीं डाल सकती थीं।
और कल रात जो जेठानी जी की कुटाई होने वाली थी उसके बाद से तो विघ्न बाधा तो छोड़िये , वो अपने हाथ से गुड्डी को तैयार करके हमारे साथ विदा करेंगी।
कामयाब , जैसा मम्मी ने प्लान किया था एकदम वैसे ही।
सबसे बड़ा खतरा तो वहीँ था कहीं जेठानी जी सास का इस्तेमाल कर के उन लोगों के इरादे न बदलवा दें।
साथ में मिसेज मल्होत्रा का मेल की दो दिन के अंदर गुड्डी को रिपोर्ट करना है , क्लासेज शुरू हो चुकी हैं। और वो सीधे पैरेंट्स को एड्रेस ,
और गुड्डी के घरवाले मान गए यानि परसों उस सोन चिरैया को ले कर हम लोग फुर्र , फिर होगी उसकी असली कोचिंग।
दिन रात ,उसकी कुठरिया में उसके सीधे साधे भैय्या ,जो इस बात पर मुझसे नाराज हो गए थे की एलबम में उनकी छुटकी बहिनिया के फोटो के साथ अनजाने में मैंने कंडोम रख दिया था ,
अपने हाथ से मैं उन्ही भैय्या का मूसल उस की ओखल में ,वो भी बिना कंडोम के, और उस के बाद से तो रोज बिना नागा ,
लेकिन उसके लिए मुझे इस जेठानी का प्लान बिगाड़ना था।
उन्होंने मेल में ये भी लिखा था की उन्होंने गुड्डी के पेरेंट्स से मेरी सासु जी की बात भी करवा दी थी। और उन लोगों ने भी सासू जी को गुड्डी के कोचिंग में एडमिशन के बारे में हम लोगो ने किसे जुगाड़ से लास्ट डेट के बाद भी कराया सब बता दिया था।
हाँ उन्होंने गुड्डी के पेरेंट्स को ये बता दिया था की गुड्डी के जाने की डेट के बारे में किसी को भी न बताएं , गुड्डी को भी नहीं। क्योंकि ये बैकडोर से एडमिशन हुआ है सोर्स सिफारिश से ,और अगर ज्यादा लोगों को पता चल गया तो मुश्किल होगी।
सासु जी मेरी बहुत वार्म तो नहीं थी गुड्डी के हम लोगों के साथ जाने की खबर से पर उन्होंने मना भी नहीं किया गुड्डी के जाने को। लेकिन अब अगर जेठानी जी ये खबर उन्हें नमक मिर्च लगा के देतीं तो वो ये नहीं कह सकती थीं की मुझे किसी ने बताया नहीं।
जेठानी जी का प्लान गुड्डी का कौमार्य बचाने के लिए नहीं था ,मुझे मेरी औकात दिखाने के लिए था।और मुझसे ज्यादा अपने देवर को, भले वो ऊँची पोस्ट पर हो, अच्छा पढ़ा लिखा हो , लेकिन होंगे तो अपनी जगह, इस जगह, इस घर में जेठानी का जी ही राज चला है उन्ही का चलेगा, और उन की मर्जी के बगैर वो गुड्डी के बारे में सोच भी नहीं सकते।
बस आज का दिन किसी तरह , कल जब उनकी छुट्टी एक बार ख़तम हो जाए , बस ,फिर तो ऐसी कस के मैं उनकी रगड़ाई करने वाली थी की लेकिन आज मेरा पूरा दिमाग सिर्फ सिंगल प्वाइंट पे था।
और मम्मी का फोन आ गया , वीडियो चैट।
वो भी आलमोस्ट सक्सेफुल था।
मम्मी ने अपने समधन से खूब खुल के मजाक किया, और उन्होंने भी, दोनों समधनों का रिश्ता भी और स्वभाव भी,... मम्मी ने पूछ लिया की पंडों से दबवाया मसलवाया की नहीं, और उन्हें दुबारा याद दिलाया की वापस तीरथ से लौटने के हफ्ते दस दिन के अंदर वो आएँगी यहाँ और फिर दोनों समधने हम लोगों के घर,... बड़ी देर तक मस्ती भरी बातें की दोनों लोगों ने, हाँ मम्मी ने जान बूझ कर गुड्डी के बारे में बात नहीं की, लेकिन सासू जी ने ही गुड्डी के कोचिंग में एडमिशन के बारे में खुद बता दिया,
एक खतरनाक बात उन्होंने सासु जी से पता कर ली थी. सासु जी ने अपना प्रोग्राम प्री पोन कर दिया था , अब वो नरसो यानी आज से तीसरे दिन दोपहर तक आ जाने वाली थीं। और ये बात जेठानी जी को जरूर मालुम होगी लेकिन उन्होंने छिपा के रखी थी।
मम्मी ने साफ़ हिदायत दी की मैं ये और गुड्डी परसों रात को अपने अपने घर किसी भी तरह पहुँच जाय। लेटेस्ट परसों शाम के पहले हम लोगों को यहां से निकल चलना था लेकिन परसों सुबह के पहले ये बात न गुड्डी को पता चलनी थी न मेरी जेठानी को। क्योंकिं उसके बाद जेठानी जी लाख उछल कूद मचाएं ,सासु जी हम लोगों के जाने के पहले आ कर कोई विघ्न बाधा नहीं डाल सकती थीं।
और कल रात जो जेठानी जी की कुटाई होने वाली थी उसके बाद से तो विघ्न बाधा तो छोड़िये , वो अपने हाथ से गुड्डी को तैयार करके हमारे साथ विदा करेंगी।