13-06-2019, 01:13 PM
कुछ देर में ही हम सभी ढाबे के भीतर सविता के साथ आकर कुर्सियों पर अपनी जगह ले ली। उस समय ढाबे पर अधिक भीड़ नहि थी, कुछ लोग जो शक्ल सूरत से ड्राइवर खलासी लग रहे थे पास के खाटों पर लेटे हुए थे, सभी हमलोगों को तरफ हि थि। सविता हम लोगों को बैठा कर काउंटर के तरफ बढ चली। काउंटर पर एक 45\50के आयू का व्यक्ति बैठा हुआ सविता को ही देख रहा था। उसके पास पहुंच कर सविता उससे कुछ बात की और हमलोगों के तरफ ईशारा कि। उसके बाद वे दोनो हंस हंस कर कुछ बात करने लगे, ईसी बिच काउंटर पर बैठे आदमी ने खाट पर लेटे एक आदमी को ईशारा कर अपने पास बुलाया और उसे सविता कि ओर उंगली दिखाई। फिर सविता और वह आदमी कुछ बाते करने लगे, बात चित के क्रम में उस आदमी का हाथ कभी सविता के कंधे पर तो कभी बा़ह पर भी चल रहा था, और सविता भी हंसते हुए उसी अंदाज में बाते कर रही थी। तब तक ईधर हमलोगों के टेबल पर एक लड़का पांच ग्लास और दो बोतल बियर का रखने लगा। का रे लल्लू का हाल बा, सीमा उस लड़के से बोली ।आज बरा दिन बाद अईलू ह, कोई दूसर जगहे जातारू कि। हां हो आज ईहां के नया आटो ले ले बारन ओकरे पुजा करे ...घाट जात बानी, सीमा उसको जबाव देते हुऊ बोली। उसके जाने के बाद मेरी नजर फिर सविता की ओर गई, वहां खरा हुआ आदमी सवीता से बात कर रहा था, जिसके जबाव में सविता कभी हां में तो कभि ना में सर हिला रही थी, और आखिर में ना में सर हिला कर वो वापस टेबल के पास आकर कुर्सी पर बैठ गई। पहले तो मैं बोली की बियर नही लूंगी, पर सभी के बोलने पर अपना ग्लास उठा बियर का घुंट लगाने लगी ।लल्लू तब तक दूसरे ग्लास मेंकोई पे पदार्थ ले कर आया और ऊसमें बियर ढाल कर सविता पिने लगी। ग्लास खाली कर हम लोग वापस आटो पर बैठने लगे। सीमा ऊषा और सविता तिनों पिछे के सिट पर बैठने लगी ,सीमा मुझे आगे की सीट पर दामू के साथ बैठने के लिए बोल कर पिछे बैठ गई। अभी आटो रमेश भैया ने स्टार्ट ही किया था कि वह आदमी जो सविता से बात कर रहा था, लगभग दौरते हुए आटो के पास आया और सविता से कहने लगा ,का हे सविता रानी ना होखी। सविता जफाव में कुछ ऊंगली से ईशारा की ।ठीक बा अब ना मानू तारू त तोहरे बात रही ।और यह कहके ऊसने अपने हाथ से सविता का हाथ पकर कर आटो से ऊतरने में मदद कर दिया।