22-11-2023, 09:35 AM
तीन तीन पठान और
एक ननदिया
" तू तो कह रही थी तेरे गाँव के तीन पठान के,... " मैंने पूछा
" सही ही कहा था। हंस के वो बोली।
बाकी दोनों जल्लाद हैं, ये जावेद तो लौंडा है, बातचीत में लौंडिया पटाने में माहिर, लेकिन वो दोनों अच्छे खासे मरद हैं ३० -३२ के होंगे बल्कि दो चार साल ज्यादे, बहुत तगड़े, साल दो साल पहले तक जब तक पहलवानी करते थे बीस तीस गाँव में उन दोनों से कोई जीत नहीं सकता, लेकिन औजार इतना जालिम है उन दोनों का की चार चार बच्चों की माँ पूरी भोंसडे वाली भी पनाह मांगती है,
बस गाँव की चमाइन खेत में मजूरी करनेवाली किसी को दो चार कट्टा गेंहू देकर, ... बिना गाली दिए दो चार हाथ, ऐसे रगड़ रगड़ के चोदते हैं की ढेला पिस कर मट्टी का चूरा हो जाता है , रहम दया से मतलब नहीं, एकदम खब्बीस, शादी तो दोनों की हुयी है एक ही गाँव में लेकिन बीबी अक्सर मायके में रहती है और ये भी अब कतर में , तो अभी छुट्टी आये थे, आज कल अपनी ससुराल आये थे,
अरे बीस पच्चीस मील भी नहीं होगा, सराय मीर वहीँ, अरे अच्छी बाजार है , सीधे वहां से बस चलती है , तो सोमवार को दस ग्यारह तक वो दोनों भी आ जाएंगे।
मैं मान गयी कम्मो की प्लानिंग, जावेद को देख के तो कोई भी लड़की टाँगे फैला देती, और उसका वो मोटा सुपाड़ा , अगर दो बार हचक हचक के उसने गुड्डी रानी की गाँड़ फाड़ दी , फिर तो वो ,
कम्मो समझ गयी मैं क्या सोच रही हूँ , बोली ,
एकदम एकबार कस कस के उसकी गाँड़ की ले ली गयी न फिर सब उसका डर हदस, और वो दोनों जल्लाद तो जबरदस्ती गाली दे दे के, ... तो उन दोनों से भी पहले उस की गाँड़ ही मरवाउंगी, चार बार गांड मरौव्वल के बाद लंच का इंटरवल ,
फिर गुड्डी रानी की सैंडविच बनेगी, तीन तीन जबरदस्त मर्द , तो कोई भी छेद क्यों खाली रहे, मुंह , चूत गाँड़ तीनो की एक साथ जबरदस्त कुटाई उसी कमरे में ,
मैंने झट से जोड़ा,
" यानी ननद रानी का पिछवाड़ा सात बार और अगवाड़ा तीन बार ,... "
" कम से कम, असल में साढ़े साथ बजे उन दोनों की आखिरी बस है , और आठ बजे तक जावेद को भी लौटना है,... " कम्मो बोली।
" और अगले दिन उसका कॉलेज भी तो है ,... " मैं बोली,...
" एकदम रात भर आराम करने दूंगी उसे , अच्छी तरह सेंक भी दूंगी गरम पानी से , फिर मेरे पास एक मलहम भी है , पिछवाडे लगा दूंगी, तो थोड़ा दर्द तो कम हो जाएगा , एकदम दुबका के रात भर दुलार कर के सुला दूंगी अपने साथ वहीँ तेरे कमरे में। " कम्मो ने समझाया लेकिन जोड़ा , " पर थोड़ा बहुत तो,.. "
तो क्या हुआ, हँसते हुए मैं बोली, अरे कुछ चिलख रहेगी, थोड़ा लंगड़ा के चलेगी, रुक रुक के सहारा लेगी तो सहेलियां भी समझ जाएंगी की उनकी अबतक कोरी सहेली के पिछवाड़े जबरदस्त मूसल चला है। "
तब तक इनका एक मेसेज आया , शॉपिंग आधी हो चुकी यही और अब वो मिठाई की दूकान पर थे।
Last edited: Oct 20, 2021
एक ननदिया
" तू तो कह रही थी तेरे गाँव के तीन पठान के,... " मैंने पूछा
" सही ही कहा था। हंस के वो बोली।
बाकी दोनों जल्लाद हैं, ये जावेद तो लौंडा है, बातचीत में लौंडिया पटाने में माहिर, लेकिन वो दोनों अच्छे खासे मरद हैं ३० -३२ के होंगे बल्कि दो चार साल ज्यादे, बहुत तगड़े, साल दो साल पहले तक जब तक पहलवानी करते थे बीस तीस गाँव में उन दोनों से कोई जीत नहीं सकता, लेकिन औजार इतना जालिम है उन दोनों का की चार चार बच्चों की माँ पूरी भोंसडे वाली भी पनाह मांगती है,
बस गाँव की चमाइन खेत में मजूरी करनेवाली किसी को दो चार कट्टा गेंहू देकर, ... बिना गाली दिए दो चार हाथ, ऐसे रगड़ रगड़ के चोदते हैं की ढेला पिस कर मट्टी का चूरा हो जाता है , रहम दया से मतलब नहीं, एकदम खब्बीस, शादी तो दोनों की हुयी है एक ही गाँव में लेकिन बीबी अक्सर मायके में रहती है और ये भी अब कतर में , तो अभी छुट्टी आये थे, आज कल अपनी ससुराल आये थे,
अरे बीस पच्चीस मील भी नहीं होगा, सराय मीर वहीँ, अरे अच्छी बाजार है , सीधे वहां से बस चलती है , तो सोमवार को दस ग्यारह तक वो दोनों भी आ जाएंगे।
मैं मान गयी कम्मो की प्लानिंग, जावेद को देख के तो कोई भी लड़की टाँगे फैला देती, और उसका वो मोटा सुपाड़ा , अगर दो बार हचक हचक के उसने गुड्डी रानी की गाँड़ फाड़ दी , फिर तो वो ,
कम्मो समझ गयी मैं क्या सोच रही हूँ , बोली ,
एकदम एकबार कस कस के उसकी गाँड़ की ले ली गयी न फिर सब उसका डर हदस, और वो दोनों जल्लाद तो जबरदस्ती गाली दे दे के, ... तो उन दोनों से भी पहले उस की गाँड़ ही मरवाउंगी, चार बार गांड मरौव्वल के बाद लंच का इंटरवल ,
फिर गुड्डी रानी की सैंडविच बनेगी, तीन तीन जबरदस्त मर्द , तो कोई भी छेद क्यों खाली रहे, मुंह , चूत गाँड़ तीनो की एक साथ जबरदस्त कुटाई उसी कमरे में ,
मैंने झट से जोड़ा,
" यानी ननद रानी का पिछवाड़ा सात बार और अगवाड़ा तीन बार ,... "
" कम से कम, असल में साढ़े साथ बजे उन दोनों की आखिरी बस है , और आठ बजे तक जावेद को भी लौटना है,... " कम्मो बोली।
" और अगले दिन उसका कॉलेज भी तो है ,... " मैं बोली,...
" एकदम रात भर आराम करने दूंगी उसे , अच्छी तरह सेंक भी दूंगी गरम पानी से , फिर मेरे पास एक मलहम भी है , पिछवाडे लगा दूंगी, तो थोड़ा दर्द तो कम हो जाएगा , एकदम दुबका के रात भर दुलार कर के सुला दूंगी अपने साथ वहीँ तेरे कमरे में। " कम्मो ने समझाया लेकिन जोड़ा , " पर थोड़ा बहुत तो,.. "
तो क्या हुआ, हँसते हुए मैं बोली, अरे कुछ चिलख रहेगी, थोड़ा लंगड़ा के चलेगी, रुक रुक के सहारा लेगी तो सहेलियां भी समझ जाएंगी की उनकी अबतक कोरी सहेली के पिछवाड़े जबरदस्त मूसल चला है। "
तब तक इनका एक मेसेज आया , शॉपिंग आधी हो चुकी यही और अब वो मिठाई की दूकान पर थे।
Last edited: Oct 20, 2021