22-11-2023, 09:25 AM
रसीला चमचम
" मालूम है इनकी समधन को कौन सी मिठाई पसंद है ? " , फिर खुद ही जवाब भी दे दिया, अपना बित्ता पूरी तरह फैला के खोल के दिखाते हुए,
" रसीली समधन के लिए रसीला चमचम, ये बित्ते की साइज़ वाला, लंबा और खूब मोटा, रस से डूबा, जिससे रस ले लेकर समधियाने का रस चूसें और समधियाने को याद करें,... "
सासू माँ ने कम्मो को तारीफ़ की नजर से देखा और जो बात वो कहना चाह रही थीं पर नहीं पा रही थी वो कम्मो ने कह दिया। और ये अक्सर होता था जो असली वाली गाली ननदों को जेठानी जी दिलवाना चाहती थीं और खुद कुछ सकुचाती थीं बस कम्मो को इशारा भी करने की जरूरत नहीं पड़ती थी, एक बार कम्मो ने बोल दिया तो मेरी सास भी चालू होंगीं अपनी समधन की तारीफ़ में, ...
" ससुराल जा रहे तो, ये मत सोचना की ससुराल में सिर्फ साली सलहज हैं, सास का भी ख्याल रखना पड़ता है, "
मुस्कराते हुए मेरी सास बोलीं, और मैंने अपनी मुस्कराहट बड़ी मुश्किल से दबायी।
मेरी सास और इनकी सास के विचार बहुत मिलते हैं. जब एक बार मैंने इनकी सास से बोला था की और सब कुछ तो ठीक है लेकिन ये लजाते बहुत हैं,... तो हंस के अपना इरादा उन्होंने साफ़ कर दिया, " आने दे उसे, जितना उसकी रगड़ाई उसकी सब, गाँव भर की साली सलहज मिल के करेंगी, उतना तो मैं अकेले करुँगी, ... सारी लाज सरम दो दिन में उसके पिछवाड़े,'
और मेरी जेठानी ने भी पाला बदल दिया और अपने देवर को चिढ़ाती बोलीं,
" एकदम सही तो कह रहीं है, जो दो मीठी मीठी सालियों के चक्कर में ललचा रहे हो नहीं, वो निकली कहाँ से हैं,... और ये मीठी मीठी बरफी जो रोज बिना नागा गपकते हो,... वो,... " मेरे गाल पे कस के चिकोटी काटते वो बोलीं।
लेकिन मज़ाक का लेवल बढ़ाने के लिए कम्मो थी न, उनसे बोली,
" और लम्बे मोटे चमचम के साथ रसगुल्ले भी,... मैं लगा दूंगी ठीक से, एक लम्बे मोटे चमचम के दोनों ओर दो गोल गोल रसगुल्ले, समधन जी के लिए,... "
और मेरी सास खिलखिला पड़ीं और एक जोर का हाथ कम्मो के पीठ पर और बात बदलते हुए उससे बोलीं,
" तू न एकदम पक्की,... देख होली के दिन हम लोग निकल जाएंगे पूरे २१ दिन के लिए और २१ दिन तक घर और वो तेरी ननद भी यहाँ रहेगी, दोनों की जिम्मेदारी पूरी तेरे ऊपर है.
मैंने और कम्मो ने आँखों में हाई फाइव किया, कम्मो ने अपनी जिम्मेदारी अपनी ननद के प्रति तो कल से ही शुरू कर दी, उस कुँवारी कच्ची कोरी ननद की अपने देवर से फड़वा के , रात भर उस के भाई चढ़े रहे , अब हमारे भाइयों और उसके यारों का नंबर लगना था,...
सासू जी ने मुझे भी काम पकड़ा दिया , मैं उनकी सेक्रेटरी थी,... लम्बी लिस्ट बनाने का,... वो बोलती गयीं मैं लिखती गयी, उनके समधियाने के सामान लाना था , ... एक हाथ की शॉपिंग की लिस्ट मैंने उन्हें पकड़ा दी.
ये बाजार के लिए चल दिए , जेठानी की दो मिस्ड काल आ चुकी थीं , जेठ जी को चैन नहीं पड़ रहा था, तो वो भी अपने कमरे में और कम्मो भी पीछे अपनी कोठरिया में,...
" मालूम है इनकी समधन को कौन सी मिठाई पसंद है ? " , फिर खुद ही जवाब भी दे दिया, अपना बित्ता पूरी तरह फैला के खोल के दिखाते हुए,
" रसीली समधन के लिए रसीला चमचम, ये बित्ते की साइज़ वाला, लंबा और खूब मोटा, रस से डूबा, जिससे रस ले लेकर समधियाने का रस चूसें और समधियाने को याद करें,... "
सासू माँ ने कम्मो को तारीफ़ की नजर से देखा और जो बात वो कहना चाह रही थीं पर नहीं पा रही थी वो कम्मो ने कह दिया। और ये अक्सर होता था जो असली वाली गाली ननदों को जेठानी जी दिलवाना चाहती थीं और खुद कुछ सकुचाती थीं बस कम्मो को इशारा भी करने की जरूरत नहीं पड़ती थी, एक बार कम्मो ने बोल दिया तो मेरी सास भी चालू होंगीं अपनी समधन की तारीफ़ में, ...
" ससुराल जा रहे तो, ये मत सोचना की ससुराल में सिर्फ साली सलहज हैं, सास का भी ख्याल रखना पड़ता है, "
मुस्कराते हुए मेरी सास बोलीं, और मैंने अपनी मुस्कराहट बड़ी मुश्किल से दबायी।
मेरी सास और इनकी सास के विचार बहुत मिलते हैं. जब एक बार मैंने इनकी सास से बोला था की और सब कुछ तो ठीक है लेकिन ये लजाते बहुत हैं,... तो हंस के अपना इरादा उन्होंने साफ़ कर दिया, " आने दे उसे, जितना उसकी रगड़ाई उसकी सब, गाँव भर की साली सलहज मिल के करेंगी, उतना तो मैं अकेले करुँगी, ... सारी लाज सरम दो दिन में उसके पिछवाड़े,'
और मेरी जेठानी ने भी पाला बदल दिया और अपने देवर को चिढ़ाती बोलीं,
" एकदम सही तो कह रहीं है, जो दो मीठी मीठी सालियों के चक्कर में ललचा रहे हो नहीं, वो निकली कहाँ से हैं,... और ये मीठी मीठी बरफी जो रोज बिना नागा गपकते हो,... वो,... " मेरे गाल पे कस के चिकोटी काटते वो बोलीं।
लेकिन मज़ाक का लेवल बढ़ाने के लिए कम्मो थी न, उनसे बोली,
" और लम्बे मोटे चमचम के साथ रसगुल्ले भी,... मैं लगा दूंगी ठीक से, एक लम्बे मोटे चमचम के दोनों ओर दो गोल गोल रसगुल्ले, समधन जी के लिए,... "
और मेरी सास खिलखिला पड़ीं और एक जोर का हाथ कम्मो के पीठ पर और बात बदलते हुए उससे बोलीं,
" तू न एकदम पक्की,... देख होली के दिन हम लोग निकल जाएंगे पूरे २१ दिन के लिए और २१ दिन तक घर और वो तेरी ननद भी यहाँ रहेगी, दोनों की जिम्मेदारी पूरी तेरे ऊपर है.
मैंने और कम्मो ने आँखों में हाई फाइव किया, कम्मो ने अपनी जिम्मेदारी अपनी ननद के प्रति तो कल से ही शुरू कर दी, उस कुँवारी कच्ची कोरी ननद की अपने देवर से फड़वा के , रात भर उस के भाई चढ़े रहे , अब हमारे भाइयों और उसके यारों का नंबर लगना था,...
सासू जी ने मुझे भी काम पकड़ा दिया , मैं उनकी सेक्रेटरी थी,... लम्बी लिस्ट बनाने का,... वो बोलती गयीं मैं लिखती गयी, उनके समधियाने के सामान लाना था , ... एक हाथ की शॉपिंग की लिस्ट मैंने उन्हें पकड़ा दी.
ये बाजार के लिए चल दिए , जेठानी की दो मिस्ड काल आ चुकी थीं , जेठ जी को चैन नहीं पड़ रहा था, तो वो भी अपने कमरे में और कम्मो भी पीछे अपनी कोठरिया में,...