12-06-2019, 08:39 PM
भांग की पकौड़ी
मैं बड़ी मुश्किल से अपनी मुस्कान दबा पा रही थी।
मैं जानती थी जिस ननद ने थोड़ा भी नखड़ा किया सारी भौजाइयां उसके ही पीछे ,...
और अब वही हालात गुड्डी रानी की हो रही थी , ...
मैं भी मजा ले रही थी।
एक जेठानी उसके गाल पर हाथ सहलाते बोलीं ,
" अरे पुराना कौन , एकदम नया नया माल है , ये ,... क्यों लल्ला चाहिए ये ,...
एकदम कोरी है ,... कहो तो तुम्हारी सिफारिश लगा दें और तुम्हारी दुल्हिन भी बुरा नहीं मानेगी ,... "
उनकी रगड़ाई में मुझे भी मजा आ रहा था , मैंने हलके से सर हिला के अपनी सहमति दे दी ,
और जैसे ही वो बाहर मुड़े सब उनकी भाभियाँ जोर से हंसी ,
तब तक मिली आ आगयी , मुझे किचेन में ले चलने के लिए , वही रसोई छुआई की रस्म ,...
गुड्डो , और जेठानी पहले से ही थीं , ... एक कड़ाही में हलवा बनाना था ,
पहले तो मैंने सोचा ,... लेकिन मेरी जेठानी बोलीं ,
' बस कलछुल से एक बार चला दो हो गयी रस्म ,... " और मैंने चला दिया।
असली खेल एक घंटे बाद था , ...
मुझे जेठानी ने ऊपर मेरे कमरे में भेज दिया गुड्डो के साथ ,... और बोला की एक घण्टे में थाली लगा कर वो भेजेंगी , और मुझे और उनको एक साथ थाली में खाना होगा ,और सबसे पहले वही हलवा , ...
मैं ऊपर चढ़ रही थी की मैंने देखा अनुज , ... वही जो गुड्डो के साथ लसा था ,.. सीढ़ी के ऊपर वाले कमरे में ,...
बस कमरे में घुसते ही गुड्डो को बाहर खदेड़ दिया ,..
" अरे वो बिचारा इन्तजार कर रहा है , जा दे दे उसको , ... कोई पूछेगा तो मैं बोल दूंगी की तू मेरे साथ थी।“
और मैं उस कबर्ड की ओर मुड़ गयी , जहाँ सुबह सुबह इन्होने अपनी वो स्क्रैप बुक रखी थी ,
और खोलते ही मेरा जी धक् से हो गया , अखबार के नीचे , साफ़ साफ़ छुपाकर , एक बड़ा सा लिफाफा रखा था ,
और उसे निकालते ही मुझे लग गया की क्या है ये , प्रेमपत्र।
चिट्ठियों का कागज , हलकी हलकी गुलाब की खुशबु ,... मैं बहोत उहापोह में थी।
खोलूं , न खोलूं।
मुझे तो उन्होंने प्रेमपत्र क्या कोई कागज की चिट भी नहीं भेजी थी , और फोन भी ,... सीधे नहीं , ...
एक दो बार इनकी छोटी साली , मेरी सबसे छोटी वाली बहन छुटकी के जरिये , जब शादी की तारीख तय हुयी थी ,
वो भी बस हूँ ,... हाँ ,... और उस दुष्ट छुटकी ने इनका नंबर भी मुझे नहीं दिया था , बस बात करो तो उसी के फोन से ,...
कुछ समझ में आ रहा था , ... मुझे डर लग रहा था ,...
क्या पता कोई रहा हो इनका बचपन में , उसी के ,... इत्ता सम्हाल के छुपा के ,... कल इत्ते प्यार से ,...
फिर ये इतने सीधे लजीले हैं , ...
आखिर नहीं रहा गया , मैंने खोल ही लिया , एक दो नहीं पचासों प्रेम पत्र , एक दो नहीं कम से कम हर चिट्ठी पांच दस पन्ने की ,
मेरी हालत खराब हो गयी , ... पहली चिट्ठी पढ़ते ही ,
सब की सब मुझी को लिखी गयी थी , जिस दिन उन्होने मुझे देखा था , मैंने इन्हे बीड़ा मारा था शादी में ,...
उसके अगले दिन से , रोज एक ,... मेरी शादी वाले दिन तक,
और कुछ तो बहुत हॉट ,खास कर मेरे उरोजों के बारे में , और एक दो में तो मिलन का बहुत ही एरोटिक ,...
चिट्ठी पढ़कर मैं गीली हो रही थी , लेकिन तब तक अखबार के दूसरे कोने की ओर मेरी निगाह गयी , ...
वहां भी कुछ कुछ उभरा सा था ,
मैंने सब चिट्ठियां वापस उसी पैकेट में रख कर , जैसे अखबार के नीचे उन्होंने छुपा कर रखा था , वैसे ही रख दिया ,...
और फिर अख़बार का दूसरा कोना , बहुत सम्हाल के उठाया ,...
किताबें ,... और मुश्किल से मैं अपनी हंसी रोक पायी ,... ये भी न ,
भांग की पकौड़ी , सावन भाँदो , सोलहवा सावन , जवान ननद ,...
सब की सब मस्तराम का साहित्य ,...
दर्जन से भर से ऊपर ही रही होंगी और उसी तरह की मैगजीन्स , कुछ फ़ोटो वाली भी ,
मेरे लिए ये सब कुछ भी नया नहीं था ,मैं नौवें में थी तभी ,...
मेरी एक सहेली लायी थी , उस के किसी ब्वॉयफ्रेंड ने पकड़ा दिया ,... और रीतू भाभी के पास तो पूरी लाइब्रेरी थी , ... अगर कोई ननद कुछ भी शर्मायी , ऐसा वैसा बोलने में तो बस उसे पकड़ा कर , सब के सामने , ( मेरा मतलब ननद भाभियों के सामने ,.. गर्ल्स ओनली ) शरू से पढ़वाया जाता था , ...
और जहाँ ऐसे वैसे शब्द आये ,... वो थोड़ी रुकी धीमी हुयी तो एक हाथ , उसके पिछवाड़े ,...
कस के और और फिर से शुरू से पढ़ो ,...
भांग की पकौड़ी मैंने एक बार फिर से पन्ने पलटने शुरू किये , ...
जहाँ पति पत्नी के मिलन का दृश्य था वहां कई पन्ने चिपके थे ,...
और वही हालत जीजा साली वाले पन्नो की थी ,
अब मैं समझ गयी मेरी दोनों बहनों , ... मंझली और छुटकी की ,...
तबतक गुड्डो और दुलारी खाना ले के आगयीं ,... और मैंने झट से मस्तराम की किताबें पलंग पे गद्दे के नीचे ,
वो मौक़ा ही देख रहे थे ,
गुड्डो और दुलारी अभी नीचे उतरी भी नहीं होंगी की वो अंदर आये और दरवाजा बंद , और बस चालू ,...
मेरे बहुत समझाने , दस चुम्मी का घूस देने पर माने ,
पहले खाना ,...
अभी दुलारी एक घंटे बाद थाली ले जाने आने वाली थी ,...
मैं बड़ी मुश्किल से अपनी मुस्कान दबा पा रही थी।
मैं जानती थी जिस ननद ने थोड़ा भी नखड़ा किया सारी भौजाइयां उसके ही पीछे ,...
और अब वही हालात गुड्डी रानी की हो रही थी , ...
मैं भी मजा ले रही थी।
एक जेठानी उसके गाल पर हाथ सहलाते बोलीं ,
" अरे पुराना कौन , एकदम नया नया माल है , ये ,... क्यों लल्ला चाहिए ये ,...
एकदम कोरी है ,... कहो तो तुम्हारी सिफारिश लगा दें और तुम्हारी दुल्हिन भी बुरा नहीं मानेगी ,... "
उनकी रगड़ाई में मुझे भी मजा आ रहा था , मैंने हलके से सर हिला के अपनी सहमति दे दी ,
और जैसे ही वो बाहर मुड़े सब उनकी भाभियाँ जोर से हंसी ,
तब तक मिली आ आगयी , मुझे किचेन में ले चलने के लिए , वही रसोई छुआई की रस्म ,...
गुड्डो , और जेठानी पहले से ही थीं , ... एक कड़ाही में हलवा बनाना था ,
पहले तो मैंने सोचा ,... लेकिन मेरी जेठानी बोलीं ,
' बस कलछुल से एक बार चला दो हो गयी रस्म ,... " और मैंने चला दिया।
असली खेल एक घंटे बाद था , ...
मुझे जेठानी ने ऊपर मेरे कमरे में भेज दिया गुड्डो के साथ ,... और बोला की एक घण्टे में थाली लगा कर वो भेजेंगी , और मुझे और उनको एक साथ थाली में खाना होगा ,और सबसे पहले वही हलवा , ...
मैं ऊपर चढ़ रही थी की मैंने देखा अनुज , ... वही जो गुड्डो के साथ लसा था ,.. सीढ़ी के ऊपर वाले कमरे में ,...
बस कमरे में घुसते ही गुड्डो को बाहर खदेड़ दिया ,..
" अरे वो बिचारा इन्तजार कर रहा है , जा दे दे उसको , ... कोई पूछेगा तो मैं बोल दूंगी की तू मेरे साथ थी।“
और मैं उस कबर्ड की ओर मुड़ गयी , जहाँ सुबह सुबह इन्होने अपनी वो स्क्रैप बुक रखी थी ,
और खोलते ही मेरा जी धक् से हो गया , अखबार के नीचे , साफ़ साफ़ छुपाकर , एक बड़ा सा लिफाफा रखा था ,
और उसे निकालते ही मुझे लग गया की क्या है ये , प्रेमपत्र।
चिट्ठियों का कागज , हलकी हलकी गुलाब की खुशबु ,... मैं बहोत उहापोह में थी।
खोलूं , न खोलूं।
मुझे तो उन्होंने प्रेमपत्र क्या कोई कागज की चिट भी नहीं भेजी थी , और फोन भी ,... सीधे नहीं , ...
एक दो बार इनकी छोटी साली , मेरी सबसे छोटी वाली बहन छुटकी के जरिये , जब शादी की तारीख तय हुयी थी ,
वो भी बस हूँ ,... हाँ ,... और उस दुष्ट छुटकी ने इनका नंबर भी मुझे नहीं दिया था , बस बात करो तो उसी के फोन से ,...
कुछ समझ में आ रहा था , ... मुझे डर लग रहा था ,...
क्या पता कोई रहा हो इनका बचपन में , उसी के ,... इत्ता सम्हाल के छुपा के ,... कल इत्ते प्यार से ,...
फिर ये इतने सीधे लजीले हैं , ...
आखिर नहीं रहा गया , मैंने खोल ही लिया , एक दो नहीं पचासों प्रेम पत्र , एक दो नहीं कम से कम हर चिट्ठी पांच दस पन्ने की ,
मेरी हालत खराब हो गयी , ... पहली चिट्ठी पढ़ते ही ,
सब की सब मुझी को लिखी गयी थी , जिस दिन उन्होने मुझे देखा था , मैंने इन्हे बीड़ा मारा था शादी में ,...
उसके अगले दिन से , रोज एक ,... मेरी शादी वाले दिन तक,
और कुछ तो बहुत हॉट ,खास कर मेरे उरोजों के बारे में , और एक दो में तो मिलन का बहुत ही एरोटिक ,...
चिट्ठी पढ़कर मैं गीली हो रही थी , लेकिन तब तक अखबार के दूसरे कोने की ओर मेरी निगाह गयी , ...
वहां भी कुछ कुछ उभरा सा था ,
मैंने सब चिट्ठियां वापस उसी पैकेट में रख कर , जैसे अखबार के नीचे उन्होंने छुपा कर रखा था , वैसे ही रख दिया ,...
और फिर अख़बार का दूसरा कोना , बहुत सम्हाल के उठाया ,...
किताबें ,... और मुश्किल से मैं अपनी हंसी रोक पायी ,... ये भी न ,
भांग की पकौड़ी , सावन भाँदो , सोलहवा सावन , जवान ननद ,...
सब की सब मस्तराम का साहित्य ,...
दर्जन से भर से ऊपर ही रही होंगी और उसी तरह की मैगजीन्स , कुछ फ़ोटो वाली भी ,
मेरे लिए ये सब कुछ भी नया नहीं था ,मैं नौवें में थी तभी ,...
मेरी एक सहेली लायी थी , उस के किसी ब्वॉयफ्रेंड ने पकड़ा दिया ,... और रीतू भाभी के पास तो पूरी लाइब्रेरी थी , ... अगर कोई ननद कुछ भी शर्मायी , ऐसा वैसा बोलने में तो बस उसे पकड़ा कर , सब के सामने , ( मेरा मतलब ननद भाभियों के सामने ,.. गर्ल्स ओनली ) शरू से पढ़वाया जाता था , ...
और जहाँ ऐसे वैसे शब्द आये ,... वो थोड़ी रुकी धीमी हुयी तो एक हाथ , उसके पिछवाड़े ,...
कस के और और फिर से शुरू से पढ़ो ,...
भांग की पकौड़ी मैंने एक बार फिर से पन्ने पलटने शुरू किये , ...
जहाँ पति पत्नी के मिलन का दृश्य था वहां कई पन्ने चिपके थे ,...
और वही हालत जीजा साली वाले पन्नो की थी ,
अब मैं समझ गयी मेरी दोनों बहनों , ... मंझली और छुटकी की ,...
तबतक गुड्डो और दुलारी खाना ले के आगयीं ,... और मैंने झट से मस्तराम की किताबें पलंग पे गद्दे के नीचे ,
वो मौक़ा ही देख रहे थे ,
गुड्डो और दुलारी अभी नीचे उतरी भी नहीं होंगी की वो अंदर आये और दरवाजा बंद , और बस चालू ,...
मेरे बहुत समझाने , दस चुम्मी का घूस देने पर माने ,
पहले खाना ,...
अभी दुलारी एक घंटे बाद थाली ले जाने आने वाली थी ,...