10-11-2023, 07:29 PM
अनुज
अनुज अपने कमरे में पढ़ रहा था और गुड्डो ने जा के फोन उसे दे दिया और गुड्डो को कुछ किचेन में काम था वो वहीँ चली गयी और मैं अनुज से बात करने लगी।
मन तो उसे चिढ़ाने का बहुत हो रहा था, लेकिन मैंने अपने ऊपर कंट्रोल रखा, सिर्फ उससे पढ़ाई लिखाई की बात की. वो बहुत कॉन्फिडेंट भी था खुश भी , बोला,
"भाभी आपने एकदम सही कहा था की मैं यहाँ रुक जाऊं, सब लोग बहुत ख्याल करते हैं, पढ़ने के अलावा और किसी बात की चिंता नहीं, और गुड्डो तो है ही उससे भी बढ़कर एकदम उसकी मम्मी, भाभी, एकदम आपकी तरह, इतना ख्याल करती हैं , कोचिंग भी बहुत अच्छी है। ऑनलाइन भी बहुत हेल्प हो जाती है."
" और तेरा स्क्रीनिंग का रिजल्ट कब तक आ जाएगा, ... " मैंने पता किया , तो वो बोला,
" भाभी रिजल्ट तो आठ दस दिन में आ जाएगा , अंदाज काफी कुछ उसी दिन शाम को चल जायेगा। "
मेरी समझ में नहीं आया लेकिन उस ने समझा दिया।
ओ एम् आर जिसमें लड़के आंसर भरते हैं वो डुप्लीकेट में कार्बन कॉपी की तरह भरी जाती है, एक शीट पर पेन्सिल से निशान लगाएंगे तो नीचे वाली शीट पर अपने आप मार्क आ जाता है , ऊपर वाली शीट कॉपी के साथ चेक होने के लिए जमा हो जाती है और नीचे वाली शीट को इंविजिलेटर साइन करके परीक्षार्थी को दे देता है. कोचिंग वाले एक्जाम हाल से बाहर निकलते ही लड़कों से ये शीट लेकर स्कैन कर लेते हैं।
जे ई ई की साइट पर इक्जाम ख़तम होने के आधे घंटे के अंदर ही पेपर आन लाइन पब्लिश हो जाता है, बस सिम्पल। कोचिंग वाले उस की आंसर शीट बना के उससे स्कैन्ड शीट को चेक कर अपनी साइट पर पर्सेंटेज लगा देते हैं। पिछले साल ५२. ४ क्वालियाफयिंग गया था और पांच सालों में मैक्स ५४. ७ कट आफ था , और वो कोशिश कर रहा है की उसके ६० % के ऊपर ही आये. तो बस स्क्रीनिंग में हो जाना चाहिए लेकिन असली लड़ाई तो मेंस ही है।
मैं चुपचाप सुन रही थी। बात उसकी सही थी.
अनुज ने बात अपनी जारी रखी। वो मुझे बता रहा था की बनारस में जिस कोचिंग में वो है , उसने एक स्कीम बनाई है, जिन लोगों की शीट वो स्कैन करेंगे उनमे से आल इण्डिया लेवल पर जो टॉप १५ % होंगे या बनारस में जो टॉप १0 होंगे या जिनके नंबर ५७ % से ऊपर होंगे उनके लिए वो अगले हफ्ते से , स्क्रीनिंग टेस्ट के पांच दिन बाद से एक १२ इन का बूट कैम्प लगाएंगे, ... स्क्रीनिंग के रिजल्ट के बाद तो मेन के लिए सिर्फ तीन हफ्ते बचेंगे न , इसलिए बिना
स्क्रीनिंग का रिजल्ट का इन्तजार किये , और उसमे ओवर ऑल इंडिया के बेस्ट फिजिक्स और मैथ के टीचर आएंगे
और अचानक, अनुज चुप हो गया.
मुझे उस की चुप्पी में उदासी झलक रहा था , और मेरा देवर उदास, मुझसे नहीं देखा जा सकता था ,
" तो कर लो न बूट कैम्प, क्या बात है, फ़ीस क्या बहुत ज्यादा है ? मैंने उससे पूछा।
" अरे नहीं भाभी, फ़ीस तो कुछ नहीं है. जो टफ स्टैण्डर्ड उन्होंने रखे हैं ज्यादातर तो वहीँ हैं जिनका सेलेक्शन होने का पूरा चांस है, हाँ इस इंटेंसिव कोचिंग के बाद इनमे से जो टॉप १०० में आये तो अखबार में फुल पेज के ऐड, होर्डिंग पर फोटो, अरे जो टॉप १०० में आते हैं उनके पीछे तो तमाम कोचिंग वाले पड़े रहते हैं , झूठ सच बोल दें की उनकी कोचिंग में थे,... उन्हें तो बेस्ट मार्केटिंग चांस मिल जाता है , फ़ीस का मामला नहीं है ,... "
अब उस का मूड कुछ ठीक हुआ , उसने मुझे समझाया।
लेकिन मेरी कुछ समझ में नहीं आया.
" यार मेरी समझ में कुछ नहीं आ रहा है , खुल के बोल न. अब तुझे ये कैम्प तो करना है , और होर्डिंग पर तेरी फोटो भी लगनी है , सोच ले ये तेरी भाभी का हुकुम है लेकिन परेशानी बता न, ... "
मैंने पूछ लिया।
अनुज अपने कमरे में पढ़ रहा था और गुड्डो ने जा के फोन उसे दे दिया और गुड्डो को कुछ किचेन में काम था वो वहीँ चली गयी और मैं अनुज से बात करने लगी।
मन तो उसे चिढ़ाने का बहुत हो रहा था, लेकिन मैंने अपने ऊपर कंट्रोल रखा, सिर्फ उससे पढ़ाई लिखाई की बात की. वो बहुत कॉन्फिडेंट भी था खुश भी , बोला,
"भाभी आपने एकदम सही कहा था की मैं यहाँ रुक जाऊं, सब लोग बहुत ख्याल करते हैं, पढ़ने के अलावा और किसी बात की चिंता नहीं, और गुड्डो तो है ही उससे भी बढ़कर एकदम उसकी मम्मी, भाभी, एकदम आपकी तरह, इतना ख्याल करती हैं , कोचिंग भी बहुत अच्छी है। ऑनलाइन भी बहुत हेल्प हो जाती है."
" और तेरा स्क्रीनिंग का रिजल्ट कब तक आ जाएगा, ... " मैंने पता किया , तो वो बोला,
" भाभी रिजल्ट तो आठ दस दिन में आ जाएगा , अंदाज काफी कुछ उसी दिन शाम को चल जायेगा। "
मेरी समझ में नहीं आया लेकिन उस ने समझा दिया।
ओ एम् आर जिसमें लड़के आंसर भरते हैं वो डुप्लीकेट में कार्बन कॉपी की तरह भरी जाती है, एक शीट पर पेन्सिल से निशान लगाएंगे तो नीचे वाली शीट पर अपने आप मार्क आ जाता है , ऊपर वाली शीट कॉपी के साथ चेक होने के लिए जमा हो जाती है और नीचे वाली शीट को इंविजिलेटर साइन करके परीक्षार्थी को दे देता है. कोचिंग वाले एक्जाम हाल से बाहर निकलते ही लड़कों से ये शीट लेकर स्कैन कर लेते हैं।
जे ई ई की साइट पर इक्जाम ख़तम होने के आधे घंटे के अंदर ही पेपर आन लाइन पब्लिश हो जाता है, बस सिम्पल। कोचिंग वाले उस की आंसर शीट बना के उससे स्कैन्ड शीट को चेक कर अपनी साइट पर पर्सेंटेज लगा देते हैं। पिछले साल ५२. ४ क्वालियाफयिंग गया था और पांच सालों में मैक्स ५४. ७ कट आफ था , और वो कोशिश कर रहा है की उसके ६० % के ऊपर ही आये. तो बस स्क्रीनिंग में हो जाना चाहिए लेकिन असली लड़ाई तो मेंस ही है।
मैं चुपचाप सुन रही थी। बात उसकी सही थी.
अनुज ने बात अपनी जारी रखी। वो मुझे बता रहा था की बनारस में जिस कोचिंग में वो है , उसने एक स्कीम बनाई है, जिन लोगों की शीट वो स्कैन करेंगे उनमे से आल इण्डिया लेवल पर जो टॉप १५ % होंगे या बनारस में जो टॉप १0 होंगे या जिनके नंबर ५७ % से ऊपर होंगे उनके लिए वो अगले हफ्ते से , स्क्रीनिंग टेस्ट के पांच दिन बाद से एक १२ इन का बूट कैम्प लगाएंगे, ... स्क्रीनिंग के रिजल्ट के बाद तो मेन के लिए सिर्फ तीन हफ्ते बचेंगे न , इसलिए बिना
स्क्रीनिंग का रिजल्ट का इन्तजार किये , और उसमे ओवर ऑल इंडिया के बेस्ट फिजिक्स और मैथ के टीचर आएंगे
और अचानक, अनुज चुप हो गया.
मुझे उस की चुप्पी में उदासी झलक रहा था , और मेरा देवर उदास, मुझसे नहीं देखा जा सकता था ,
" तो कर लो न बूट कैम्प, क्या बात है, फ़ीस क्या बहुत ज्यादा है ? मैंने उससे पूछा।
" अरे नहीं भाभी, फ़ीस तो कुछ नहीं है. जो टफ स्टैण्डर्ड उन्होंने रखे हैं ज्यादातर तो वहीँ हैं जिनका सेलेक्शन होने का पूरा चांस है, हाँ इस इंटेंसिव कोचिंग के बाद इनमे से जो टॉप १०० में आये तो अखबार में फुल पेज के ऐड, होर्डिंग पर फोटो, अरे जो टॉप १०० में आते हैं उनके पीछे तो तमाम कोचिंग वाले पड़े रहते हैं , झूठ सच बोल दें की उनकी कोचिंग में थे,... उन्हें तो बेस्ट मार्केटिंग चांस मिल जाता है , फ़ीस का मामला नहीं है ,... "
अब उस का मूड कुछ ठीक हुआ , उसने मुझे समझाया।
लेकिन मेरी कुछ समझ में नहीं आया.
" यार मेरी समझ में कुछ नहीं आ रहा है , खुल के बोल न. अब तुझे ये कैम्प तो करना है , और होर्डिंग पर तेरी फोटो भी लगनी है , सोच ले ये तेरी भाभी का हुकुम है लेकिन परेशानी बता न, ... "
मैंने पूछ लिया।