10-11-2023, 06:42 PM
रस रंग - ननद की सहेलियों के संग
बस इनकी भी हालत ख़राब थी ,एक हाथ छन्दा के शलवार क्या पैंटी के अंदर , और दूसरा ब्रा के अंदर।
मेरे साथ गुड्डी और दिया भी लेकिन दोनों के हाथों में मोबाइल , स्नैप स्नैप।
" तेरे फेसबुक पे पोस्ट कर दूँ ,?" दिया ने आँख नचाते हुए छेड़ा।
" अरे मेरे प्यारे भइया हैं , तो क्या तू ही इनसे मजे लेगी। ला मेरा मोबाइल ,सेल्फी तो खींच लूँ मैं खुद ही पोस्ट कर दूंगी सेल्फी। "
छन्दा बोली
एक हाट किस ,न उन्होंने छन्दा की शलवार से हाथ बाहर निकाला , न छन्दा ने अपने भइया के खूंटे को छेड़ा ,दो चार सेल्फी और फिर दिया ने अपने झोला छाप पर्स से एक सेल्फी स्टिक भी निकाल के छन्दा को ,
और फिर तो फुल बाड़ी सेल्फी ,आधी दर्जन से ज्यादा हर ऐंगल में ,
फिर मेरे गुड्डी के दिया के सबके फोन बजने लगे ,
गुड्डी की सारी सहेलियां फेसबुक में भी थी मेरे और व्हाट्सऐप पे भी ,
वो सारी की सारी सेल्फी मेरे मोबाइल में ,फेसबुक पे ,व्हाट्सऐप पे।
" हे खाली अपने बहनों के साथ मस्ती ही करते रहोगे या कुछ खिलाओ पिलाओगे "
अब उनकी हड़काये जाने की बारी थी। उन्हें तो मैंने बोला ही ,गुड्डी की सहेलियों को भी उकसाया ,
" अरे यार जरा अपने भैय्या की जेब तो ढीली करवाओ तुम सब कैसी बहनें हो। "
" जेब तो ये ढीली करवा लेंगी ,लेकिन भैय्या इन दोनों की भी ढीली कर देंगे। "
गुड्डी झट से अपने भैय्या की ओर से बोली।
तबतक छन्दा उनकी गोद से उतरकर हमारे पास आ गयी थी ,और अपने फेसबुक पर सेल्फी पर कमेंट्स और लाइक्स देख रही थी। २ ८ कमेंट्स और १४७ लाइक्स आचुकी थीं। जवाब उसी ने गुड्डी को दिया ,
" अरे यार हमारी तो कब की ढीली हो गयी है , अब तेरा नंबर है ,जो ये मोटा मूसल घुसेगा न कोरी कच्ची बिल में ,... भाभी अब की ये बचने न पाए। "
" एकदम नहीं बचेगी ,इसीलिए तो साथ ले जा रही हूँ ,नहीं मानेगी तो हाथ पेअर बाँध के ,... " मैंने छन्दा को अश्योर किया।
" और भाभी एकदम सूखी ,नो वैसलीन ,नो बोरोलीन , नो के वाई जेली , ,... " दिया भी अब गुड्डी के पीछे पड़ गयी थी। "रानी जी ने बहुत दिन बचा के रखा है अपनी। "
गुड्डी मीठा मीठा मुस्करा रही थी ,अपनी सहेलियों की बातों में उसको भी रस आ रहा था।
"एकदम दिया , मैं भी आर्गेनिक हूँ , नथिंग आर्टिफिशियल ,... आर्गेनिक, नेचुरल। बहुत हुआ तो इनके भैय्या का थूक ,वो भी बस थोड़ा सा ,उनके सुपाड़े पर फटे तो ठीक से फटे "
वो कमरे में चले गए थे शायद वॉलेट लेने।
मेरी निगाह घडी पर पड़ी ,ढाई बज चुके थे।
तबतक जेठानी जी की आवाज आयी ,मुझे बुलाती।
एक बार ,दो बार ,तीन बार ,..
बस इनकी भी हालत ख़राब थी ,एक हाथ छन्दा के शलवार क्या पैंटी के अंदर , और दूसरा ब्रा के अंदर।
मेरे साथ गुड्डी और दिया भी लेकिन दोनों के हाथों में मोबाइल , स्नैप स्नैप।
" तेरे फेसबुक पे पोस्ट कर दूँ ,?" दिया ने आँख नचाते हुए छेड़ा।
" अरे मेरे प्यारे भइया हैं , तो क्या तू ही इनसे मजे लेगी। ला मेरा मोबाइल ,सेल्फी तो खींच लूँ मैं खुद ही पोस्ट कर दूंगी सेल्फी। "
छन्दा बोली
एक हाट किस ,न उन्होंने छन्दा की शलवार से हाथ बाहर निकाला , न छन्दा ने अपने भइया के खूंटे को छेड़ा ,दो चार सेल्फी और फिर दिया ने अपने झोला छाप पर्स से एक सेल्फी स्टिक भी निकाल के छन्दा को ,
और फिर तो फुल बाड़ी सेल्फी ,आधी दर्जन से ज्यादा हर ऐंगल में ,
फिर मेरे गुड्डी के दिया के सबके फोन बजने लगे ,
गुड्डी की सारी सहेलियां फेसबुक में भी थी मेरे और व्हाट्सऐप पे भी ,
वो सारी की सारी सेल्फी मेरे मोबाइल में ,फेसबुक पे ,व्हाट्सऐप पे।
" हे खाली अपने बहनों के साथ मस्ती ही करते रहोगे या कुछ खिलाओ पिलाओगे "
अब उनकी हड़काये जाने की बारी थी। उन्हें तो मैंने बोला ही ,गुड्डी की सहेलियों को भी उकसाया ,
" अरे यार जरा अपने भैय्या की जेब तो ढीली करवाओ तुम सब कैसी बहनें हो। "
" जेब तो ये ढीली करवा लेंगी ,लेकिन भैय्या इन दोनों की भी ढीली कर देंगे। "
गुड्डी झट से अपने भैय्या की ओर से बोली।
तबतक छन्दा उनकी गोद से उतरकर हमारे पास आ गयी थी ,और अपने फेसबुक पर सेल्फी पर कमेंट्स और लाइक्स देख रही थी। २ ८ कमेंट्स और १४७ लाइक्स आचुकी थीं। जवाब उसी ने गुड्डी को दिया ,
" अरे यार हमारी तो कब की ढीली हो गयी है , अब तेरा नंबर है ,जो ये मोटा मूसल घुसेगा न कोरी कच्ची बिल में ,... भाभी अब की ये बचने न पाए। "
" एकदम नहीं बचेगी ,इसीलिए तो साथ ले जा रही हूँ ,नहीं मानेगी तो हाथ पेअर बाँध के ,... " मैंने छन्दा को अश्योर किया।
" और भाभी एकदम सूखी ,नो वैसलीन ,नो बोरोलीन , नो के वाई जेली , ,... " दिया भी अब गुड्डी के पीछे पड़ गयी थी। "रानी जी ने बहुत दिन बचा के रखा है अपनी। "
गुड्डी मीठा मीठा मुस्करा रही थी ,अपनी सहेलियों की बातों में उसको भी रस आ रहा था।
"एकदम दिया , मैं भी आर्गेनिक हूँ , नथिंग आर्टिफिशियल ,... आर्गेनिक, नेचुरल। बहुत हुआ तो इनके भैय्या का थूक ,वो भी बस थोड़ा सा ,उनके सुपाड़े पर फटे तो ठीक से फटे "
वो कमरे में चले गए थे शायद वॉलेट लेने।
मेरी निगाह घडी पर पड़ी ,ढाई बज चुके थे।
तबतक जेठानी जी की आवाज आयी ,मुझे बुलाती।
एक बार ,दो बार ,तीन बार ,..