10-11-2023, 04:32 PM
(This post was last modified: 10-11-2023, 06:28 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
जोरू का गुलाम 105
मस्ती ही मस्ती
" काक ऊप्स कोक चलेगा ,... : मैंने बाहर से हंकार लगाई।
" एकदम भाभी ,दोनों चलेगा। " छन्दा की खिलखिलाती आवाज आयी।
" अरे कॉक तो हमारे पास है , हाँ कोक चलेगा नहीं दौड़ेगा। " दिया अंदर से बोली ,और हम दोनों मैं और गुड्डी अंदर दाखिल।
और अंदर का नजारा देख के तो मेरी तबियत एकदम मस्त होगयी। यही तो मैं चाहती थी अपने सैंया के बारे में ,और आज एकदम बिलकुल उसी तरह ,
नान स्टाप मस्ती , नो होल्स बार्ड एकदम झकास
वो मस्त पंजाबी कुड़ी ,जिसके उभार अपनी उम्र से दो साल बड़ी लड़कियों को भी चैलेंज करते हुए ,एकदम कड़क , इनकी गोद में
लेकिन असली बात तो इसके आगे थी
इनका हाथ उस पंजाबी कुड़ी के टॉप के अंदर गोलाइयों की नाप जोख तो कब की ख़तम कर चुका था अब तो खुल के रगड़ाई मसलाई हो रही थी मेरी ननद की जुबना की।
और वो पंजाबी कुड़ी ,दिया भी कौन कम ,स्साली एकदम मेरी पक्की ननद ,उसका हाथ इनके जींस के अदंर और साफ़ लग रहा था की उसने हथियार मुट्ठी में पकड़ रखा है।
मेरी उस पंजाबी ननद ने , नाप जोख तो कब की पूरी कर ली थी अब तो बस वो हलके हलके मुठिया रही थी ,अपनी कोमल मुट्ठी में मस्त खूंटे का मजा ले रही थी।
छन्दा ,गुड्डी की दूसरी सहेली थी तो थोड़ी छुईमुई टाइप लेकिन वो भी तो अपने कजिन्स के खूंटे घोंट चुकी थी , तो इनकी दूसरी जांघ पे वो और उनका दूसरा हाथ बाहर से ही सही खुल केछंदा रानी के जोबन का रस लूट रहा था।
यही तो जवानी की मजा है ,
गोद में दो दो टीनेजर , इंटर में पढ़ने वाली नए नए जुबना वाली बैठी हों ,और उनके जुबना का रस मेरे सैयां ,उन के भैय्या लूट रहे हों ,...
गुड्डी ने सामने टेबल पर पकौड़े , रमोला ऊप्स कोला रख दिया ,
इन्होने छन्दा के उभार पर से हाथ हटाना चाहा तो मेरी आँखों ने उन्हें जोर से घुड़क दिया ,और अपनी ननदों को उकसाया ,
"अरे सालियों ,तीन तीन बहने जिस भाई के पास बैठीं हो ,सामने ,और एक से एक जबरदंग जोबन वाली ,मस्त माल।उस भाई को अपना हाथ इस्तेमाल करना पड़े।
" एकदम नहीं भाभी आपने समझा क्या है हम बहनों को ,... " दिया बोली।
वो कुड़ी सच में हॉट थी। बिना अपना उनकी जींस के अंदर घुसा हाथ निकाले उस शोख ने दूसरे हाथ से एक पकौड़ी उठायी ,और नहीं नहीं उनके मुंह में नहीं अपने मुंह में गड़प कर ली ,पूरी की पूरी और कुछ देर तक कुचल कर , हाथ से उनका सर कस के पकड़ा और दिया के होंठ मेरे सैंया के होंठों से चिपक गए , दिया की जीभ अंदर
और पकौड़ी ईमानदारी से आधी आधी बाँट ली गयी।
और अगली बार छन्दा ने देखा देखी यही।
मैं क्यों छोड़ती अपनी ननद को, जब छन्दा और उनके बीच टंग फाइट चल रही थी मैंने ,दिया के साथ और एक खूब मोटी बैंगनी ,
अपने होंठों से दिया के मुंह में।
" बैंगन तो तुझे बहुत पसंद होगा , " मैंने उसे चिढ़ाया।
"एकदम भाभी , लेकिन अब उसकी जरूरत नहीं पड़ती ज्यादा ,मेरा सगा भाई है न। उसकी हिम्मत जो अपनी बहन को इग्नोर करे "
खिलखिलाती उस शोख ने अपनी सारी कहानी एक लाइन में कह दी।
दिया ने तबतक कोका कोला का ग्लास उठाया और पहली घूँट में ही उसे अंदाज मिल गया , मेरी ओर मुस्करा के देखा ,आँखों ही आँखों में हाई फाइव किया और तीनो टीनेजर्स ने एक साथ , अपने भैया के साथ टोस्ट किया ,
"टू अवर सेक्सिएस्ट ,हैंड्समेस्ट भैय्या "
दूसरा टोस्ट मैंने प्रपोज
" टू माई सेक्सिएस्ट छिनाल ननदों के नाम पर "
और सब ने टोस्ट किया , उन्होंने भी।
आधे से ज्यादा ग्लास खाली था। एक बार और फिर मेरी ननदों के टुन्न होने में कोई कसर बाकी नहीं थी।
खासतौर से छन्दा , वो अभी भी थोड़ा थोड़ा ,...
मैंने दिया को छन्दा की ओर देखते हुए इशारा किया , और मुस्कराते हुए उसने हामी भर दी।
" अबकी बॉटम्स अप ,पूरा ग्लास खाली। जिसकी ग्लास में एक बूँद भी बचा न ये ,बस उसे ये छूना पकड़ना घोंटना तो दूर ,देखने को भी नहीं मिलेगा ये जादू का डंडा ,भैय्या का। "
दिया का हाथ तो अभी तक उनकी जींस में था , उनके मुस्टंडे को पकडे ,उसे जींस के अंदर से उचकाते हुए उसने चैलेन्ज किया , खास तौर से छन्दा को उकसाया।
गुड्डी तो खेल समझ ही रही थी ,वो छन्दा की ओर से आ गयी ,
" अरे दिया ,तू समझती है क्या अपनी छन्दा को देख तुझसे पहले ग्लास खाली करेगी वो " और गुड्डी ने ग्लास उठाया ,बॉटम्स अप।
सच में छन्दा ने ग्लास खाली कर दिया ,ये तो गुड्डी को भी नहीं मालूम था क्या होने वाला था ,सिर्फ मुझे अंदाज था।
सुपीरीयर रम , ,स्ट्रांगेस्ट। और दो पेग से ज्यादा ,
" हे दिया ,इत्ती देर से तू पकड़ के बैठी है मुझे भी , ... "छन्दा बोल रही थी।
मस्ती ही मस्ती
" काक ऊप्स कोक चलेगा ,... : मैंने बाहर से हंकार लगाई।
" एकदम भाभी ,दोनों चलेगा। " छन्दा की खिलखिलाती आवाज आयी।
" अरे कॉक तो हमारे पास है , हाँ कोक चलेगा नहीं दौड़ेगा। " दिया अंदर से बोली ,और हम दोनों मैं और गुड्डी अंदर दाखिल।
और अंदर का नजारा देख के तो मेरी तबियत एकदम मस्त होगयी। यही तो मैं चाहती थी अपने सैंया के बारे में ,और आज एकदम बिलकुल उसी तरह ,
नान स्टाप मस्ती , नो होल्स बार्ड एकदम झकास
वो मस्त पंजाबी कुड़ी ,जिसके उभार अपनी उम्र से दो साल बड़ी लड़कियों को भी चैलेंज करते हुए ,एकदम कड़क , इनकी गोद में
लेकिन असली बात तो इसके आगे थी
इनका हाथ उस पंजाबी कुड़ी के टॉप के अंदर गोलाइयों की नाप जोख तो कब की ख़तम कर चुका था अब तो खुल के रगड़ाई मसलाई हो रही थी मेरी ननद की जुबना की।
और वो पंजाबी कुड़ी ,दिया भी कौन कम ,स्साली एकदम मेरी पक्की ननद ,उसका हाथ इनके जींस के अदंर और साफ़ लग रहा था की उसने हथियार मुट्ठी में पकड़ रखा है।
मेरी उस पंजाबी ननद ने , नाप जोख तो कब की पूरी कर ली थी अब तो बस वो हलके हलके मुठिया रही थी ,अपनी कोमल मुट्ठी में मस्त खूंटे का मजा ले रही थी।
छन्दा ,गुड्डी की दूसरी सहेली थी तो थोड़ी छुईमुई टाइप लेकिन वो भी तो अपने कजिन्स के खूंटे घोंट चुकी थी , तो इनकी दूसरी जांघ पे वो और उनका दूसरा हाथ बाहर से ही सही खुल केछंदा रानी के जोबन का रस लूट रहा था।
यही तो जवानी की मजा है ,
गोद में दो दो टीनेजर , इंटर में पढ़ने वाली नए नए जुबना वाली बैठी हों ,और उनके जुबना का रस मेरे सैयां ,उन के भैय्या लूट रहे हों ,...
गुड्डी ने सामने टेबल पर पकौड़े , रमोला ऊप्स कोला रख दिया ,
इन्होने छन्दा के उभार पर से हाथ हटाना चाहा तो मेरी आँखों ने उन्हें जोर से घुड़क दिया ,और अपनी ननदों को उकसाया ,
"अरे सालियों ,तीन तीन बहने जिस भाई के पास बैठीं हो ,सामने ,और एक से एक जबरदंग जोबन वाली ,मस्त माल।उस भाई को अपना हाथ इस्तेमाल करना पड़े।
" एकदम नहीं भाभी आपने समझा क्या है हम बहनों को ,... " दिया बोली।
वो कुड़ी सच में हॉट थी। बिना अपना उनकी जींस के अंदर घुसा हाथ निकाले उस शोख ने दूसरे हाथ से एक पकौड़ी उठायी ,और नहीं नहीं उनके मुंह में नहीं अपने मुंह में गड़प कर ली ,पूरी की पूरी और कुछ देर तक कुचल कर , हाथ से उनका सर कस के पकड़ा और दिया के होंठ मेरे सैंया के होंठों से चिपक गए , दिया की जीभ अंदर
और पकौड़ी ईमानदारी से आधी आधी बाँट ली गयी।
और अगली बार छन्दा ने देखा देखी यही।
मैं क्यों छोड़ती अपनी ननद को, जब छन्दा और उनके बीच टंग फाइट चल रही थी मैंने ,दिया के साथ और एक खूब मोटी बैंगनी ,
अपने होंठों से दिया के मुंह में।
" बैंगन तो तुझे बहुत पसंद होगा , " मैंने उसे चिढ़ाया।
"एकदम भाभी , लेकिन अब उसकी जरूरत नहीं पड़ती ज्यादा ,मेरा सगा भाई है न। उसकी हिम्मत जो अपनी बहन को इग्नोर करे "
खिलखिलाती उस शोख ने अपनी सारी कहानी एक लाइन में कह दी।
दिया ने तबतक कोका कोला का ग्लास उठाया और पहली घूँट में ही उसे अंदाज मिल गया , मेरी ओर मुस्करा के देखा ,आँखों ही आँखों में हाई फाइव किया और तीनो टीनेजर्स ने एक साथ , अपने भैया के साथ टोस्ट किया ,
"टू अवर सेक्सिएस्ट ,हैंड्समेस्ट भैय्या "
दूसरा टोस्ट मैंने प्रपोज
" टू माई सेक्सिएस्ट छिनाल ननदों के नाम पर "
और सब ने टोस्ट किया , उन्होंने भी।
आधे से ज्यादा ग्लास खाली था। एक बार और फिर मेरी ननदों के टुन्न होने में कोई कसर बाकी नहीं थी।
खासतौर से छन्दा , वो अभी भी थोड़ा थोड़ा ,...
मैंने दिया को छन्दा की ओर देखते हुए इशारा किया , और मुस्कराते हुए उसने हामी भर दी।
" अबकी बॉटम्स अप ,पूरा ग्लास खाली। जिसकी ग्लास में एक बूँद भी बचा न ये ,बस उसे ये छूना पकड़ना घोंटना तो दूर ,देखने को भी नहीं मिलेगा ये जादू का डंडा ,भैय्या का। "
दिया का हाथ तो अभी तक उनकी जींस में था , उनके मुस्टंडे को पकडे ,उसे जींस के अंदर से उचकाते हुए उसने चैलेन्ज किया , खास तौर से छन्दा को उकसाया।
गुड्डी तो खेल समझ ही रही थी ,वो छन्दा की ओर से आ गयी ,
" अरे दिया ,तू समझती है क्या अपनी छन्दा को देख तुझसे पहले ग्लास खाली करेगी वो " और गुड्डी ने ग्लास उठाया ,बॉटम्स अप।
सच में छन्दा ने ग्लास खाली कर दिया ,ये तो गुड्डी को भी नहीं मालूम था क्या होने वाला था ,सिर्फ मुझे अंदाज था।
सुपीरीयर रम , ,स्ट्रांगेस्ट। और दो पेग से ज्यादा ,
" हे दिया ,इत्ती देर से तू पकड़ के बैठी है मुझे भी , ... "छन्दा बोल रही थी।