03-11-2023, 08:19 AM
२१ दिन तक ननदिया पर चढ़ाई , रोज, बिना नागा ----- पक्की
बरतन रखने में जब किचेन में गयी तो बाकी की बात मैंने कम्मो से कर ली।
कम्मो का चेहरा चमक उठा, वो बहुत जोर से मुस्करायी। और ख़ुशी से मेरे गले लग गयी और बोली,
" यही मैं परेशान थी, गाँव के लौंडो को मैंने दावत तो दे दी थी लेकिन बोला था आज कल में पक्का करुँगी, होली के अगले दिन के लिए। एक तो ये डर था की वो स्साली आएगी की नहीं, और मान लो आ भी जाती थो घर में सब लोग होते, कैसे सब की नजर बचा के मेरी कोठारिया में , फिर घर में से कहीं कोई आवाज देके बुला लेता, लेकिन सबसे बड़ी डर की बात थी, वो स्साले पठान के लौंडे, बिना गाली दिए चिखवाये, गाँड़ मारते नहीं और उन सबों का है भी बित्ते भर का,... हम दोनों की ननदिया ऐसी जोर से रोयेगी चिल्लायेगी की मोहल्ले भर में सुनाई देगा,... और घर में से,... "
उसकी बात काटते मैं बोली, " अरे सही तो है यार कुँवारी कच्ची कली ननद रानी की गाँड़ फाटे और रोई रोहट चीख चिल्लाहट न हो,... अरे वो नौ नौ आंसू रोये टसुए बहाती रहे और फाड़ने वाला हचक हचक के उसकी गाँड़ मारता रहे, बेरहमी से , तभी तो मजा है ननद की गाँड़ मरवाई का, और एक बार जब गाँड़ परपराती रहे, गाँड़ में मिर्ची लगती रहे, आग लगी रहे, उसी समय दुबारा गाँड़ मरौवव्वल चालू हो जाए,.. "
" एकदम " कम्मो बोली, और अपनी परेशानी भी जाहिर कर दी, " लेकिन मैं यही सोच रही थी की अगर आएगी भी वो घर से कुछ बहाना बना के, दो घंटा या तीन घंटा हद से हद, ओतने में क्या काम बनेगा, आधा एक घंटा तो पटाने में सटाने में लगेगा, है की नहीं,... "
" एकदम " मैंने भी उसी तरह कम्मो से बोला, " लेकिन हम दोनों की ननद की किस्मत और हम दोनों के बनारस वाले भाइयों की किस्मत, ... अब तो होली तो अबकी इतवार को पड़ रही है न, तो इतवार की शाम को वो आ जायेगी, रात में सब लोग दस बजे की ट्रेन से चले जायँगे, उसके बाद तो, हाँ रात को उसको सो लेने देना, जिससे अगले दिन,... अगले दिन तो सोमवार है उसके स्कूल की छुट्टी, तो फिर नाश्ते के बाद ही कुटाई चालू,... हाँ एक बात और उसके भौंरों की,... मंगल को उसका स्कूल खुल जाएगा, यही से स्कूल जायेगी वो और लौटते हुए, अरे वही गली वाला उसका भौंरा उसी से सेटिंग हो गयी है उसकी, तो शाम को वो, शाम उसके नाम,... "
कम्मो और चहकने लगी, " ये तो बहुत अच्छा हुआ, अरे उसके स्कूल में , गली मोहल्ले में नाम गाम तभी तो होगा जब मोहल्ले के लौंडे कूटेंगे उसको। सोमवार को दिन भर , कम से कम आठ दस घंटा लगातार, पहिले पिछवाड़ा अच्छी तरह से, फिर पिछवाड़ा, अगवाड़ा दोनों, क्या कहते हैं नॉन स्टॉप,... हाँ रात को भले थोड़ा देर से सो जाए, अगले दिन स्कूल भी तो रहेगा, उसका,... "
मैंने बात आगे बढ़ाई, " एकदम और जब वो दोनों टाँगे फैला के स्कूल जायेगी, हर कदम पर चलते समय चिल्ख निकलेगी, दोनों गालों पर दांतो के निशान रहेंगे तो उसकी सारी सहेलियों को बल्कि सारे स्कूल को, सब मास्टरनियों को पता चल जाएगा की इस होली में चिड़िया उड़ने लगी है , बल्कि कस के कूटी गयी है दोनों तरफ से, ...
" एकर जिम्मेदारी हमारे ऊपर छोड़ दो, अरे दूर से पता चल जाएगा देख के अच्छी तरह चोदी गयी है,... " हँसते हुए कम्मो मेरी बात काटते बोली , लेकिन तभी उसका फोन घनघनाने लगा और वो बात रोककर उससे बतियाने लगी,... हाँ हाँ पक्का , सोमवार , होली के अगले दिन , ठीक नौ बजे पहुँच जाना, नौ का सवा नौ न हो , सोच ले ,.... हाँ ,... हाँ ,... एकदम कोरा पिछवाड़ा है उसका,...कैसे घोंटेंगी तेरा,... अरे तो तू किस मर्ज की दवा है,... रोये चिल्लायेगी तो रोने देना , मैं रहूंगी ना , ... "
और कम्मो ने फोन बंद करते हुए मुझे समझाया, अरे वही पठान का लौंडा जावेद, जिसके बारे में मैं कह रही थी की चार बच्चे वाली भी पनाह मांगती हैं उससे,... पूरा बित्ते भर का यौ मोटा, एकदम मेरे देवर की तरह का,... और लौंडिया ने ज़रा सा नखड़ा किया न तो मार मार के चूतड़ लाल कर देता है,... "
लेकिन मेरे पास एक सवाल और था,... " लेकिन आप ने कहा था , तीन पठान के,... "
" अरे अभी तो मैं सोच रही थी चिड़िया कितनी देर के लिए , लेकिन अब तो हम लोगों की मुट्ठी में ही है , तो अभी उन दोनों को भी पक्का करती हूँ,... वो दोनों लौंडे नहीं है पूरे मरद हैं ३० -३२ के, कसरती, बड़ी ताकत है दोनों की देह में, पीस के रख देते हैं, स्सालों का तो लगता है किसी ने काट के गदहे का लगा दिया है , आज तक जो औरत उन दोनों के नीचे आयी , दुबारा उसकी आने की हिम्मत नहीं पड़ी, महीनो से भूखे हैं दोनों, बात तो हो गयी थी दोनों से आज मैंने बोला था की शाम तक या कल सुबह तक पक्का करुँगी, तो अभी उन दोनों को भी , वो दोनों सुबह देर से उठते हैं इसलिए उन दोनों को ग्यारह साढ़े ग्यारह बजे तक , तब तक वो लौंडा उस का पिछवाड़ा एक बार खोल देगा,... " कम्मो बोल ही रही थी की मेरे फोन पर तीन बार बनारस से फोन बजा, एक बार अनुज का और दो बार गुड्डो का,...
और मैं कम्मो के पास से ऊपर अपने कमरे में चली आयी।
204
बरतन रखने में जब किचेन में गयी तो बाकी की बात मैंने कम्मो से कर ली।
कम्मो का चेहरा चमक उठा, वो बहुत जोर से मुस्करायी। और ख़ुशी से मेरे गले लग गयी और बोली,
" यही मैं परेशान थी, गाँव के लौंडो को मैंने दावत तो दे दी थी लेकिन बोला था आज कल में पक्का करुँगी, होली के अगले दिन के लिए। एक तो ये डर था की वो स्साली आएगी की नहीं, और मान लो आ भी जाती थो घर में सब लोग होते, कैसे सब की नजर बचा के मेरी कोठारिया में , फिर घर में से कहीं कोई आवाज देके बुला लेता, लेकिन सबसे बड़ी डर की बात थी, वो स्साले पठान के लौंडे, बिना गाली दिए चिखवाये, गाँड़ मारते नहीं और उन सबों का है भी बित्ते भर का,... हम दोनों की ननदिया ऐसी जोर से रोयेगी चिल्लायेगी की मोहल्ले भर में सुनाई देगा,... और घर में से,... "
उसकी बात काटते मैं बोली, " अरे सही तो है यार कुँवारी कच्ची कली ननद रानी की गाँड़ फाटे और रोई रोहट चीख चिल्लाहट न हो,... अरे वो नौ नौ आंसू रोये टसुए बहाती रहे और फाड़ने वाला हचक हचक के उसकी गाँड़ मारता रहे, बेरहमी से , तभी तो मजा है ननद की गाँड़ मरवाई का, और एक बार जब गाँड़ परपराती रहे, गाँड़ में मिर्ची लगती रहे, आग लगी रहे, उसी समय दुबारा गाँड़ मरौवव्वल चालू हो जाए,.. "
" एकदम " कम्मो बोली, और अपनी परेशानी भी जाहिर कर दी, " लेकिन मैं यही सोच रही थी की अगर आएगी भी वो घर से कुछ बहाना बना के, दो घंटा या तीन घंटा हद से हद, ओतने में क्या काम बनेगा, आधा एक घंटा तो पटाने में सटाने में लगेगा, है की नहीं,... "
" एकदम " मैंने भी उसी तरह कम्मो से बोला, " लेकिन हम दोनों की ननद की किस्मत और हम दोनों के बनारस वाले भाइयों की किस्मत, ... अब तो होली तो अबकी इतवार को पड़ रही है न, तो इतवार की शाम को वो आ जायेगी, रात में सब लोग दस बजे की ट्रेन से चले जायँगे, उसके बाद तो, हाँ रात को उसको सो लेने देना, जिससे अगले दिन,... अगले दिन तो सोमवार है उसके स्कूल की छुट्टी, तो फिर नाश्ते के बाद ही कुटाई चालू,... हाँ एक बात और उसके भौंरों की,... मंगल को उसका स्कूल खुल जाएगा, यही से स्कूल जायेगी वो और लौटते हुए, अरे वही गली वाला उसका भौंरा उसी से सेटिंग हो गयी है उसकी, तो शाम को वो, शाम उसके नाम,... "
कम्मो और चहकने लगी, " ये तो बहुत अच्छा हुआ, अरे उसके स्कूल में , गली मोहल्ले में नाम गाम तभी तो होगा जब मोहल्ले के लौंडे कूटेंगे उसको। सोमवार को दिन भर , कम से कम आठ दस घंटा लगातार, पहिले पिछवाड़ा अच्छी तरह से, फिर पिछवाड़ा, अगवाड़ा दोनों, क्या कहते हैं नॉन स्टॉप,... हाँ रात को भले थोड़ा देर से सो जाए, अगले दिन स्कूल भी तो रहेगा, उसका,... "
मैंने बात आगे बढ़ाई, " एकदम और जब वो दोनों टाँगे फैला के स्कूल जायेगी, हर कदम पर चलते समय चिल्ख निकलेगी, दोनों गालों पर दांतो के निशान रहेंगे तो उसकी सारी सहेलियों को बल्कि सारे स्कूल को, सब मास्टरनियों को पता चल जाएगा की इस होली में चिड़िया उड़ने लगी है , बल्कि कस के कूटी गयी है दोनों तरफ से, ...
" एकर जिम्मेदारी हमारे ऊपर छोड़ दो, अरे दूर से पता चल जाएगा देख के अच्छी तरह चोदी गयी है,... " हँसते हुए कम्मो मेरी बात काटते बोली , लेकिन तभी उसका फोन घनघनाने लगा और वो बात रोककर उससे बतियाने लगी,... हाँ हाँ पक्का , सोमवार , होली के अगले दिन , ठीक नौ बजे पहुँच जाना, नौ का सवा नौ न हो , सोच ले ,.... हाँ ,... हाँ ,... एकदम कोरा पिछवाड़ा है उसका,...कैसे घोंटेंगी तेरा,... अरे तो तू किस मर्ज की दवा है,... रोये चिल्लायेगी तो रोने देना , मैं रहूंगी ना , ... "
और कम्मो ने फोन बंद करते हुए मुझे समझाया, अरे वही पठान का लौंडा जावेद, जिसके बारे में मैं कह रही थी की चार बच्चे वाली भी पनाह मांगती हैं उससे,... पूरा बित्ते भर का यौ मोटा, एकदम मेरे देवर की तरह का,... और लौंडिया ने ज़रा सा नखड़ा किया न तो मार मार के चूतड़ लाल कर देता है,... "
लेकिन मेरे पास एक सवाल और था,... " लेकिन आप ने कहा था , तीन पठान के,... "
" अरे अभी तो मैं सोच रही थी चिड़िया कितनी देर के लिए , लेकिन अब तो हम लोगों की मुट्ठी में ही है , तो अभी उन दोनों को भी पक्का करती हूँ,... वो दोनों लौंडे नहीं है पूरे मरद हैं ३० -३२ के, कसरती, बड़ी ताकत है दोनों की देह में, पीस के रख देते हैं, स्सालों का तो लगता है किसी ने काट के गदहे का लगा दिया है , आज तक जो औरत उन दोनों के नीचे आयी , दुबारा उसकी आने की हिम्मत नहीं पड़ी, महीनो से भूखे हैं दोनों, बात तो हो गयी थी दोनों से आज मैंने बोला था की शाम तक या कल सुबह तक पक्का करुँगी, तो अभी उन दोनों को भी , वो दोनों सुबह देर से उठते हैं इसलिए उन दोनों को ग्यारह साढ़े ग्यारह बजे तक , तब तक वो लौंडा उस का पिछवाड़ा एक बार खोल देगा,... " कम्मो बोल ही रही थी की मेरे फोन पर तीन बार बनारस से फोन बजा, एक बार अनुज का और दो बार गुड्डो का,...
और मैं कम्मो के पास से ऊपर अपने कमरे में चली आयी।
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