03-11-2023, 07:51 AM
रमोला
मेरी आँखों के सामने मंजू बाई का चेहरा उसकी किंकी बातें घूम रही थीं।
" अरे बस दो तीन दिन में चलेगी न हमारे साथ , एक हमारे यहाँ काम करती है ,एकदम घर की ही तरह ,उससे कोई दुराव छिपाव एकदम नहीं है ,तेरा भैय्या का तो बहुत ख्याल करती है ,मंजू बाई। बहुत बढ़िया स्पेशल वाला बनाती है। बस एक बार चल चल तू हमारे साथ , फिर देखना। हाँ एक बार अगर तूने मंजू बाई से हाँ कर दिया तो बिना खिलाये वो छोड़ेगी नहीं। "
मुस्कराते हुए मैं बोली और फिर गुड्डी को कहा ,
" सुन वो जो रम की बोतल है न ,खोल के हर ग्लास में एक तिहाई क्रश्ड आइस के ऊपर डाल ,हाँ बस ऐसे ही। और जो बचेगी न उस जग में डाल दे ,हाँ पहले क्रश्ड आइस जग में भी , ... "
गुड्डी क्विक लर्नर भी थी और बस थोड़ी सी जोर जबरदस्ती और वो मान भी जाती थी।
" हाँ पूरी बोतल खाली कर दे , आज तेरी सहेलियों को एकदम टुन्न करना है। " मैंने उसको अपना प्लान बताते हुए बोला।
"एकदम सही भाभी , आप मेरी सबसे अच्छी वाली मीठी मीठी भाभी हो , सेक्सी प्यारी। ये दोनों कमिनियाँ ,सुबह से मेरे पीछे पड़ी थी , भैय्या से मिलवाने को , ये स्साली दिया भी न, सुबह मेरे घर आयी , बस पहला हमला मेरे मोबाइल पे करती है। और वो नया नया भैय्या का दिया आई फोन लेटेस्ट ,बस दिया ने खोल लिया और भैय्या के ८-९ मेसेज थे एकदम सुबह सुबह ,मैंने डिलीट भी नहीं किये थे और उस ने खोल के देख लिए। और भइया भी न अब से जब से आये हैं एकदम बस। "
उसकी बात काटती मैंने पूछा ,
"तुझे ऐसे वाले भैय्या अच्छे लगते है या पुराने वाले ,सीधे साधे। "
"क्या भाभी आप भी न ये भी कोई पूछने की बात है ऐसे वाले ," खिलखिलाते हुए वो शोख बोली और अपनी बात आगे बढ़ाई।
" भइया भी न ,सुबह सुबह अपने उसका ,वीडियो फोटो सब , ...एकदम से ,... "
मैंने उसको टोका नहीं ,आखिर वो सब वीडियो उनके खूंटे का ,मुठियाने का मैंने ही तो भेजा था उनके फोन से , और गुड्डी के सारे जवाब भी मैंने पढ़े थे ,शुरू में थोड़े शरमाते झिझकते बाद में सब हाट हाट।
" तो क्या हुआ , आगे बोल न " मैंने गुड्डी को उकसाया , और काम पर भी लगाया ,
"सुन बताती जा और वो कोक उन रम वाले ग्लासेज में ,ऊपर से धीमे धीमे पोर कर दे। "
गुड्डी ने कोक पोर करते हुए बात जारी रखी ,
" बस दिया स्साली तो ,भइया के उसके फोटो देखते ही सुलग गयी। मैंने चिढ़ाया , बोल मेरे भैय्या का कैसा लगा. "
मुझसे नहीं रहा गया ,पूछ बैठी ,
" तूने उसके भैय्या का देखा है क्या , ... "
हँसते हुए बोली वो शोख ,
"भाभी आप भी न ,देखा है पूछ रही हैं। यहाँ लड़किया नाम बाद में पूछती हैं सेल्फी पहले खिंचवाती हैं। रोज बिना नागा। सच में नहीं अरे फोटो में। ये दिया भी न ,ठीक प्रेयर में , फिर टिफिन में ,किती बार क्लास में भी ,रोज ,... कभी हाथ में अपने पकड़ के ,कभी गाल पे रख के सेल्फी , एक दिन इंच टेप के साथ , सात इंच का पूरा। "
फिर गुड्डी अपनी बात बढाती बोली ,
" दिया को यकीन नहीं हुआ ,बोली फोटोशॉप होगा। फिर बोली बाजी लगा और मैंने बाजी लगा ली। मुझे अपने भैय्या पे पूरा यकीन था। "
"किस बात की बाजी " मुझसे रहा नहीं गया।
"अरे भौजी ,अगर मेरे भैय्या का बड़ा होगा तो वो मेरे भैय्या से मरवायेगी और अगर उसके भैय्या का बड़ा होगा तो मुझे उसके भैय्या से मरवाना होगा। "
बाकी कोला जग में रखे रमोला में मिलाते गुड्डी बोली।
"मरवाना "
मैंने घुड़का :उसको ,"कल क्या सिखाया था तुझे , मेरे सामने ,तेरे भैय्या के सामने कैसे बोलना है।"
" सॉरी भाभी " चट से मेरी ननद ने अपने कान पकडे और बोली ,
‘चुदवाना। ‘
बिना झिझके शर्माए।
थोड़ी देर में हम ननद भौजाई , कोक और रम मिला रमोला ,और भांग के पकौड़े लेकर ऊपर कमरे में ,जहाँ दिया और छन्दा के साथ ये ,
" काक ऊप्स कोक चलेगा ,... : मैंने बाहर से हंकार लगाई।
" एकदम भाभी ,दोनों चलेगा। " छन्दा की खिलखिलाती आवाज आयी।
मेरी आँखों के सामने मंजू बाई का चेहरा उसकी किंकी बातें घूम रही थीं।
" अरे बस दो तीन दिन में चलेगी न हमारे साथ , एक हमारे यहाँ काम करती है ,एकदम घर की ही तरह ,उससे कोई दुराव छिपाव एकदम नहीं है ,तेरा भैय्या का तो बहुत ख्याल करती है ,मंजू बाई। बहुत बढ़िया स्पेशल वाला बनाती है। बस एक बार चल चल तू हमारे साथ , फिर देखना। हाँ एक बार अगर तूने मंजू बाई से हाँ कर दिया तो बिना खिलाये वो छोड़ेगी नहीं। "
मुस्कराते हुए मैं बोली और फिर गुड्डी को कहा ,
" सुन वो जो रम की बोतल है न ,खोल के हर ग्लास में एक तिहाई क्रश्ड आइस के ऊपर डाल ,हाँ बस ऐसे ही। और जो बचेगी न उस जग में डाल दे ,हाँ पहले क्रश्ड आइस जग में भी , ... "
गुड्डी क्विक लर्नर भी थी और बस थोड़ी सी जोर जबरदस्ती और वो मान भी जाती थी।
" हाँ पूरी बोतल खाली कर दे , आज तेरी सहेलियों को एकदम टुन्न करना है। " मैंने उसको अपना प्लान बताते हुए बोला।
"एकदम सही भाभी , आप मेरी सबसे अच्छी वाली मीठी मीठी भाभी हो , सेक्सी प्यारी। ये दोनों कमिनियाँ ,सुबह से मेरे पीछे पड़ी थी , भैय्या से मिलवाने को , ये स्साली दिया भी न, सुबह मेरे घर आयी , बस पहला हमला मेरे मोबाइल पे करती है। और वो नया नया भैय्या का दिया आई फोन लेटेस्ट ,बस दिया ने खोल लिया और भैय्या के ८-९ मेसेज थे एकदम सुबह सुबह ,मैंने डिलीट भी नहीं किये थे और उस ने खोल के देख लिए। और भइया भी न अब से जब से आये हैं एकदम बस। "
उसकी बात काटती मैंने पूछा ,
"तुझे ऐसे वाले भैय्या अच्छे लगते है या पुराने वाले ,सीधे साधे। "
"क्या भाभी आप भी न ये भी कोई पूछने की बात है ऐसे वाले ," खिलखिलाते हुए वो शोख बोली और अपनी बात आगे बढ़ाई।
" भइया भी न ,सुबह सुबह अपने उसका ,वीडियो फोटो सब , ...एकदम से ,... "
मैंने उसको टोका नहीं ,आखिर वो सब वीडियो उनके खूंटे का ,मुठियाने का मैंने ही तो भेजा था उनके फोन से , और गुड्डी के सारे जवाब भी मैंने पढ़े थे ,शुरू में थोड़े शरमाते झिझकते बाद में सब हाट हाट।
" तो क्या हुआ , आगे बोल न " मैंने गुड्डी को उकसाया , और काम पर भी लगाया ,
"सुन बताती जा और वो कोक उन रम वाले ग्लासेज में ,ऊपर से धीमे धीमे पोर कर दे। "
गुड्डी ने कोक पोर करते हुए बात जारी रखी ,
" बस दिया स्साली तो ,भइया के उसके फोटो देखते ही सुलग गयी। मैंने चिढ़ाया , बोल मेरे भैय्या का कैसा लगा. "
मुझसे नहीं रहा गया ,पूछ बैठी ,
" तूने उसके भैय्या का देखा है क्या , ... "
हँसते हुए बोली वो शोख ,
"भाभी आप भी न ,देखा है पूछ रही हैं। यहाँ लड़किया नाम बाद में पूछती हैं सेल्फी पहले खिंचवाती हैं। रोज बिना नागा। सच में नहीं अरे फोटो में। ये दिया भी न ,ठीक प्रेयर में , फिर टिफिन में ,किती बार क्लास में भी ,रोज ,... कभी हाथ में अपने पकड़ के ,कभी गाल पे रख के सेल्फी , एक दिन इंच टेप के साथ , सात इंच का पूरा। "
फिर गुड्डी अपनी बात बढाती बोली ,
" दिया को यकीन नहीं हुआ ,बोली फोटोशॉप होगा। फिर बोली बाजी लगा और मैंने बाजी लगा ली। मुझे अपने भैय्या पे पूरा यकीन था। "
"किस बात की बाजी " मुझसे रहा नहीं गया।
"अरे भौजी ,अगर मेरे भैय्या का बड़ा होगा तो वो मेरे भैय्या से मरवायेगी और अगर उसके भैय्या का बड़ा होगा तो मुझे उसके भैय्या से मरवाना होगा। "
बाकी कोला जग में रखे रमोला में मिलाते गुड्डी बोली।
"मरवाना "
मैंने घुड़का :उसको ,"कल क्या सिखाया था तुझे , मेरे सामने ,तेरे भैय्या के सामने कैसे बोलना है।"
" सॉरी भाभी " चट से मेरी ननद ने अपने कान पकडे और बोली ,
‘चुदवाना। ‘
बिना झिझके शर्माए।
थोड़ी देर में हम ननद भौजाई , कोक और रम मिला रमोला ,और भांग के पकौड़े लेकर ऊपर कमरे में ,जहाँ दिया और छन्दा के साथ ये ,
" काक ऊप्स कोक चलेगा ,... : मैंने बाहर से हंकार लगाई।
" एकदम भाभी ,दोनों चलेगा। " छन्दा की खिलखिलाती आवाज आयी।