03-11-2023, 07:49 AM
छुटकी
अब आप पूछेंगे छुटकी कौन , ...
इनकी सबसे छोटी कजिन। मैंने बताया था की जब मैंने गुड्डी का मोबाइल हैक किया था उसके सारे व्हाट्सऐप ग्रुप ,.. और ये वाला ग्रुप ,इसमेंकि सारी कजिन्स थी ,मौसेरी ,ममेरी ,चचेरी ,पूरी चौदह। और सब की सब एकदम ,छुटकी का नाम तो वैसे अनन्या था ,पर सबसे छोटी होने के कारण घर में सब उसे छुटकी कहते थे ,अभी हाईकॉलेज का इम्तहान दिया था। गुड्डी से दो साल छोटी। गोरी चिट्ठी , लम्बी ,जोबन बस , जैसे हाईकॉलेज की लड़कियों के होते हैं बस वैसे ही ,....
. ( ट्रिपलिंग मतलब ,... हम तीन , मैं गुड्डी और छुटकी रात में स्काइप पर एक साथ मस्ती करेंगी )
"यार छुटकी ,अभी थोड़ी छोटी है न "
कड़ाही चढ़ाते हुए , भेद जानने के लिए ,मैंने गुड्डी को उकसाया।
" अरे नहीं भाभी , कत्तई छोटी वोटी नहीं , आप तो हमारे ग्रुप में नयी नयी आयी हैं न , इसलिये आप को अंदाज नहीं है। हमारे ग्रुप की सबसे तीखी मिर्च है वो.. "
हँसते हुए गुड्डी बोली कटे प्याज और बैगन उसने मेरी ओर सरका दिया।
बैगन बेसन में फेंटते हुए मैंने सोचा ,अगर गुड्डी की बात सही है तो ,तीखी हरी मिर्च कुतरने का बहुत शौक है मुझे।
" हे जरा चार शीशे वाले ग्लास फ्रीजर में लगा दे न चार पांच मिनट के लिए " मैं गुड्डी से बोली।
आज रमोला मैं इसी से बनवाने वाली थी।
गुड्डी ने फ्रीजर में ग्लास रखते हुए छुटकी के बारे में अपनी बात जारी रखी ,
" भाभी छुटकी की शकल पे मत जाइयेगा ,चेहरे पे भले अभी ,... लेकिन,... "
मैंने छेड़ा , तो मतलब ,यार लग गए है उसके पीछे ,
" एकदम भाभी ,आधे दर्जन से ऊपर ,उसकी फेसबुक पेज पे देखिये आप ,लड़कों की लाइन लगी है। अरे आज कल लड़कियों के पिरीअड बाद में आते हैं ,यार पहले आ जाते है, एडवांस बुकिंग का जमाना है। रोज उसके कॉलेज के बाहर आधे दर्जन लड़के उसके इन्तजार में खड़े रहते हैं, ... हाँ गुलाबो उसकी बड़ी मुश्किल से बची है। " "
खिलखलाते हुए वो बोली , और मेरे पास आ के पकौड़ी बनाने में मेरा हाथ बटाने लगी।
" खास तौर से मेरी ननदों के , अरे मेरे ननदे हैं ऐसी नमकीन ,"
गुड्डी को छेड़ते हुए थोड़ा सा बेसन मैंने उसके चम्पई गालों पर लगा दिया।
" भाभी , " वो चिढ़ती हुयी बोली।
" अरी मेरी बन्नो , रूप निखर आएगा हल्दी और चन्दन से ,फिर आज मेरी बन्नो को हल्दी लगी है , और हल्दी लगने के बाद लड़कियां जो लगवाती हैं ,उसके लिए तो तेरे भैया कब से तड़प रहे हैं "
मैं भी उसे चिढ़ाती हुयी पकौड़ियाँ छानने में लग गयी और उसे काम पकड़ा दिया।
" अच्छा सुन , ज़रा फ्रिज से क्रश्ड आइस निकाल ले , और वो जा चार ग्लास फ्रीजर में रखे थे न उसमे से निकाल के , डाल दे। और जो तू ऊपर से कोक के दोनों कैन लायी थी वो खोल दे। "
गुड्डी के मालपुआ ऐसे मुलायम चम्पई गालों पर बेसन बहुत अच्छा लगा रहा था।
लेकिन मेरे मन में बहुत से किंकी ख्याल आ रहे थे ,गुड्डी को देख देख के। उसकी भैय्या उसकी सील खोलेंगे अभी वो बिचारी यही सोच रही थी , लेकिन उस बिचारी के साथ तो बहुत कुछ होना था। सील खोलना तो बस शुरुआत थी। मंजूबाई और उसकी बेटी गीता तो,... दोनों के खुजली मची हुयी थी , नम्बरी कमीनी ,बिना 'सब कुछ खिलाये पिलाये 'तो वो इसे छोड़ने वाली नहीं थी। शर्त मैंने बस एक छोटी सी रखी थी , सब कुछ मेरे सामने होगा।
" हे तुझे बेसन का हलवा अच्छा लगता है। " आँखे नचाते हुए मैंने पूछा।
ग्लास की ओर से मेरी ओर मुंह करती वो जानेमन बोली ,
" अरे भाभी ,क्या बात कर दी आपने , नाम सुन के मुंह में पानी आगया। खिलाने वाली हैं क्या आप। "
" एकदम ,अरे तेरी पसंद की चीज और मैं न पूरी करूँ तो भाभी कैसी तेरी , लेकिन यहाँ नहीं। "
मेरी आँखों के सामने मंजू बाई का चेहरा उसकी किंकी बातें घूम रही थीं।
" अरे बस दो तीन दिन में चलेगी न हमारे साथ , एक हमारे यहाँ काम करती है ,एकदम घर की ही तरह ,उससे कोई दुराव छिपाव एकदम नहीं है ,तेरा भैय्या का तो बहुत ख्याल करती है ,मंजू बाई। बहुत बढ़िया स्पेशल वाला बनाती है। बस एक बार चल चल तू हमारे साथ , फिर देखना। हाँ एक बार अगर तूने मंजू बाई से हाँ कर दिया तो बिना खिलाये वो छोड़ेगी नहीं। "
अब आप पूछेंगे छुटकी कौन , ...
इनकी सबसे छोटी कजिन। मैंने बताया था की जब मैंने गुड्डी का मोबाइल हैक किया था उसके सारे व्हाट्सऐप ग्रुप ,.. और ये वाला ग्रुप ,इसमेंकि सारी कजिन्स थी ,मौसेरी ,ममेरी ,चचेरी ,पूरी चौदह। और सब की सब एकदम ,छुटकी का नाम तो वैसे अनन्या था ,पर सबसे छोटी होने के कारण घर में सब उसे छुटकी कहते थे ,अभी हाईकॉलेज का इम्तहान दिया था। गुड्डी से दो साल छोटी। गोरी चिट्ठी , लम्बी ,जोबन बस , जैसे हाईकॉलेज की लड़कियों के होते हैं बस वैसे ही ,....
. ( ट्रिपलिंग मतलब ,... हम तीन , मैं गुड्डी और छुटकी रात में स्काइप पर एक साथ मस्ती करेंगी )
"यार छुटकी ,अभी थोड़ी छोटी है न "
कड़ाही चढ़ाते हुए , भेद जानने के लिए ,मैंने गुड्डी को उकसाया।
" अरे नहीं भाभी , कत्तई छोटी वोटी नहीं , आप तो हमारे ग्रुप में नयी नयी आयी हैं न , इसलिये आप को अंदाज नहीं है। हमारे ग्रुप की सबसे तीखी मिर्च है वो.. "
हँसते हुए गुड्डी बोली कटे प्याज और बैगन उसने मेरी ओर सरका दिया।
बैगन बेसन में फेंटते हुए मैंने सोचा ,अगर गुड्डी की बात सही है तो ,तीखी हरी मिर्च कुतरने का बहुत शौक है मुझे।
" हे जरा चार शीशे वाले ग्लास फ्रीजर में लगा दे न चार पांच मिनट के लिए " मैं गुड्डी से बोली।
आज रमोला मैं इसी से बनवाने वाली थी।
गुड्डी ने फ्रीजर में ग्लास रखते हुए छुटकी के बारे में अपनी बात जारी रखी ,
" भाभी छुटकी की शकल पे मत जाइयेगा ,चेहरे पे भले अभी ,... लेकिन,... "
मैंने छेड़ा , तो मतलब ,यार लग गए है उसके पीछे ,
" एकदम भाभी ,आधे दर्जन से ऊपर ,उसकी फेसबुक पेज पे देखिये आप ,लड़कों की लाइन लगी है। अरे आज कल लड़कियों के पिरीअड बाद में आते हैं ,यार पहले आ जाते है, एडवांस बुकिंग का जमाना है। रोज उसके कॉलेज के बाहर आधे दर्जन लड़के उसके इन्तजार में खड़े रहते हैं, ... हाँ गुलाबो उसकी बड़ी मुश्किल से बची है। " "
खिलखलाते हुए वो बोली , और मेरे पास आ के पकौड़ी बनाने में मेरा हाथ बटाने लगी।
" खास तौर से मेरी ननदों के , अरे मेरे ननदे हैं ऐसी नमकीन ,"
गुड्डी को छेड़ते हुए थोड़ा सा बेसन मैंने उसके चम्पई गालों पर लगा दिया।
" भाभी , " वो चिढ़ती हुयी बोली।
" अरी मेरी बन्नो , रूप निखर आएगा हल्दी और चन्दन से ,फिर आज मेरी बन्नो को हल्दी लगी है , और हल्दी लगने के बाद लड़कियां जो लगवाती हैं ,उसके लिए तो तेरे भैया कब से तड़प रहे हैं "
मैं भी उसे चिढ़ाती हुयी पकौड़ियाँ छानने में लग गयी और उसे काम पकड़ा दिया।
" अच्छा सुन , ज़रा फ्रिज से क्रश्ड आइस निकाल ले , और वो जा चार ग्लास फ्रीजर में रखे थे न उसमे से निकाल के , डाल दे। और जो तू ऊपर से कोक के दोनों कैन लायी थी वो खोल दे। "
गुड्डी के मालपुआ ऐसे मुलायम चम्पई गालों पर बेसन बहुत अच्छा लगा रहा था।
लेकिन मेरे मन में बहुत से किंकी ख्याल आ रहे थे ,गुड्डी को देख देख के। उसकी भैय्या उसकी सील खोलेंगे अभी वो बिचारी यही सोच रही थी , लेकिन उस बिचारी के साथ तो बहुत कुछ होना था। सील खोलना तो बस शुरुआत थी। मंजूबाई और उसकी बेटी गीता तो,... दोनों के खुजली मची हुयी थी , नम्बरी कमीनी ,बिना 'सब कुछ खिलाये पिलाये 'तो वो इसे छोड़ने वाली नहीं थी। शर्त मैंने बस एक छोटी सी रखी थी , सब कुछ मेरे सामने होगा।
" हे तुझे बेसन का हलवा अच्छा लगता है। " आँखे नचाते हुए मैंने पूछा।
ग्लास की ओर से मेरी ओर मुंह करती वो जानेमन बोली ,
" अरे भाभी ,क्या बात कर दी आपने , नाम सुन के मुंह में पानी आगया। खिलाने वाली हैं क्या आप। "
" एकदम ,अरे तेरी पसंद की चीज और मैं न पूरी करूँ तो भाभी कैसी तेरी , लेकिन यहाँ नहीं। "
मेरी आँखों के सामने मंजू बाई का चेहरा उसकी किंकी बातें घूम रही थीं।
" अरे बस दो तीन दिन में चलेगी न हमारे साथ , एक हमारे यहाँ काम करती है ,एकदम घर की ही तरह ,उससे कोई दुराव छिपाव एकदम नहीं है ,तेरा भैय्या का तो बहुत ख्याल करती है ,मंजू बाई। बहुत बढ़िया स्पेशल वाला बनाती है। बस एक बार चल चल तू हमारे साथ , फिर देखना। हाँ एक बार अगर तूने मंजू बाई से हाँ कर दिया तो बिना खिलाये वो छोड़ेगी नहीं। "