03-11-2023, 07:47 AM
स्पेशल चॉकलेट
अब गुड्डी की दूसरी सहेली छन्दा का भी मन मचलने लगा ,वो दिया से बोली ,
" हट न तू ,क्या तू अकेले अकेले ही भइया से गले मिलेगी। "
" अरे तू पीछे से लग जा ना " मैंने छन्दा को उकसाया।
" भाभी ,पीछे से इस बिचारी का क्या भला होगा। " गुड्डी बोली। वो भी अब एकदम मूड में थी।
" क्यों ,आगे वाला पकड़ तो सकती ही है ,पीछे से। " अपनी ननद को छेड़ते मैं ,खिलखिलाते बोली।
एक बार और दिया के उभार मसल के उन्होंने दिया को छोड़ दिया और छन्दा खुद उनकी बाहों में जा के समा गयी।और अब छन्दा तो दिया से भी ज्यादा खुल के ,...
"यार अपनी बहनों का सिर्फ रगडोगे मसलोगे , दबाओगे मिजोगे या कुछ खिलाओ पिलाओगे भी " मैंने उन्हें उकसाया।
" एकदम " वो बोले।
उन्हें बिना छोड़े छन्दा बोली ,क्या।
और वो स्पेशल चॉकलेट का पैकेट निकाल के ले आये। लायी भी मैं थी उसे अपनी ननदों के लिए ही मैं लायी थी।
चॉकलेट्स ,, लेडीज़ ड्रीम ,डार्क ऐज सिन ,सेंसुअस।
, उन्होंने एक चॉकलेट खोल के छन्दा की ओर बढ़ाया पर वो गुड्डी की सहेली कम नहीं थी।
अपने डार्क रेड लिपस्टिक लगे होंठ खोल के इनके हाथ से उसने खुद गड़प आकर लिया।
" तू है मेरी पक्की ननद , घोंटने में नंबर वन ,खासतौर से अपने भैय्या का ,है न ,मजा आ रहा है चूसने में ?"
मस्ती से चॉकलेट चूसते चुभलाते छन्दा मेरे ही अंदाज में बोली ,
" एकदम भाभी ,भैय्या का चूसने में तो मजा ही अलग है। फिर भाभियाँ तो रोज ही भैय्या की चॉकलेट का मजा लेती हैं ,कभी कभी ननदे भी शामिल हो जाएँ तो क्या बुरा है। "
" एकदम , कभी कभी क्यों रोज , अपनी इस सहेली से पूछना , "
गुड्डी की ओर इशारा करके मैं बोली ," अब इसे ले जा रही हूँ अपने साथ न ,तो बस रोज मिल बाँट के इसके भैया के चॉकलेट का ,... "
गुड्डी के गाल लाज से गुलाल हो गए।
पर उधर वो पंजाबी कुड़ी ,शोख पटाखा मैदान में आ गयी थी।
इन्होने अच्छे घर दावत दे दी थी। वो खेली खायी ,उसको चॉकलेट दिखा के मेरे सैंया ने अपने मुंह में ,पर दिया भी ,
उसने झपट के इन्हे दबोच लिया ,दोनों हाथों से इनके सर को पकड़ के अपने पलाश से दहकते किशोर होंठ सीधे , इनके होंठों पर और कुछ देर में ही दिया की जीभ इनके मुंह में , जब तक वो सम्हलें सम्हले ,डीप फ्रेंच किस , टंग फाइट चालू हो गयी थी। यही नहीं उस गुड्डी की सहेली इंटरवाली पंजाबी कुड़ी ने अपने बड़े बड़े नए आये कड़े जोबन की बरछी भी इनके सीने में गड़ानी शुरू कर दी।
इनका भी खूंटा तना और मम्मी की ट्रेनिंग मेरा उकसाना ,एक हाथ सीधे इन्होने दिया के उभार पे और दूसरा नितम्बों में ,खड़ा खूंटा दिया की खुली जांघों के बीच , हलके हलके रगड़ता।
आखिर दिया की जीभ उस चॉकलेट के साथ दिया के मुंह में वापस आयी , जिस के बहाने इत्ती मौज मस्ती चालू हो गयी थी।
यही तो मैं चाहती थी और गुड्डी की सहेलियां भी ,
झड़ी बाहर फिर शुरू हो गयी थी ,मैंने पूछा सबसे ,
" यार ये मौसम पकौड़ी खाने का हो रहा हैं न "
" एकदम भाभी , नेकी और पूछ पूछ " दिया छन्दा एक साथ बोली।
दोनों चॉकलेट चुभलाते बोली।
ये चॉकलेट तो ५-१० मिनट में असर दिखलाती। वोडका लिकर चॉकलेट ४० % से भी ज्यादा अल्कोहल , और सबसे बड़ी बात ये थी की
इसमें लाइनिंग अल्कोहल प्रूफ कैंडी की होती है तो जब वो चॉकलेट मुंह में मेल्ट करती है तो सीधे वोडका का शाट ,दो चॉकलेट से सीधे एक पेग का नशा और वो भी ४० % वाली वोदका का।
और चलने के पहले मैंने दिया को एक और चॉकलेट ,
एकदम भाभी हूँ उसकी इसलिए सीधे अपने होंठों से ,और इनकी तरह सीधी थोड़ी हूँ इसलिए अपने ननद के जोबन का रस सिर्फ टॉप के ऊपर से ही नहीं बल्कि टॉप के अंदर से ,
एकदम मस्त कड़ी कड़ी चूँचिया थी उस पंजाबी कुड़ी की।
" हे ये बटन अब बंद नहीं होने चाहिए "
मैंने उसके कान में वार्न किया , और खिलखलाते हुए उसने हामी भी भर दी।
ये क्यों पीछे रहते ये छन्दा के साथ ये भी लस लिए और अब की उन के भी हाथ अंदर का मजा ले रहे थे।
गुड्डी को भी मैं अपने साथ खींच के ले गयी।
अब गुड्डी की दूसरी सहेली छन्दा का भी मन मचलने लगा ,वो दिया से बोली ,
" हट न तू ,क्या तू अकेले अकेले ही भइया से गले मिलेगी। "
" अरे तू पीछे से लग जा ना " मैंने छन्दा को उकसाया।
" भाभी ,पीछे से इस बिचारी का क्या भला होगा। " गुड्डी बोली। वो भी अब एकदम मूड में थी।
" क्यों ,आगे वाला पकड़ तो सकती ही है ,पीछे से। " अपनी ननद को छेड़ते मैं ,खिलखिलाते बोली।
एक बार और दिया के उभार मसल के उन्होंने दिया को छोड़ दिया और छन्दा खुद उनकी बाहों में जा के समा गयी।और अब छन्दा तो दिया से भी ज्यादा खुल के ,...
"यार अपनी बहनों का सिर्फ रगडोगे मसलोगे , दबाओगे मिजोगे या कुछ खिलाओ पिलाओगे भी " मैंने उन्हें उकसाया।
" एकदम " वो बोले।
उन्हें बिना छोड़े छन्दा बोली ,क्या।
और वो स्पेशल चॉकलेट का पैकेट निकाल के ले आये। लायी भी मैं थी उसे अपनी ननदों के लिए ही मैं लायी थी।
चॉकलेट्स ,, लेडीज़ ड्रीम ,डार्क ऐज सिन ,सेंसुअस।
, उन्होंने एक चॉकलेट खोल के छन्दा की ओर बढ़ाया पर वो गुड्डी की सहेली कम नहीं थी।
अपने डार्क रेड लिपस्टिक लगे होंठ खोल के इनके हाथ से उसने खुद गड़प आकर लिया।
" तू है मेरी पक्की ननद , घोंटने में नंबर वन ,खासतौर से अपने भैय्या का ,है न ,मजा आ रहा है चूसने में ?"
मस्ती से चॉकलेट चूसते चुभलाते छन्दा मेरे ही अंदाज में बोली ,
" एकदम भाभी ,भैय्या का चूसने में तो मजा ही अलग है। फिर भाभियाँ तो रोज ही भैय्या की चॉकलेट का मजा लेती हैं ,कभी कभी ननदे भी शामिल हो जाएँ तो क्या बुरा है। "
" एकदम , कभी कभी क्यों रोज , अपनी इस सहेली से पूछना , "
गुड्डी की ओर इशारा करके मैं बोली ," अब इसे ले जा रही हूँ अपने साथ न ,तो बस रोज मिल बाँट के इसके भैया के चॉकलेट का ,... "
गुड्डी के गाल लाज से गुलाल हो गए।
पर उधर वो पंजाबी कुड़ी ,शोख पटाखा मैदान में आ गयी थी।
इन्होने अच्छे घर दावत दे दी थी। वो खेली खायी ,उसको चॉकलेट दिखा के मेरे सैंया ने अपने मुंह में ,पर दिया भी ,
उसने झपट के इन्हे दबोच लिया ,दोनों हाथों से इनके सर को पकड़ के अपने पलाश से दहकते किशोर होंठ सीधे , इनके होंठों पर और कुछ देर में ही दिया की जीभ इनके मुंह में , जब तक वो सम्हलें सम्हले ,डीप फ्रेंच किस , टंग फाइट चालू हो गयी थी। यही नहीं उस गुड्डी की सहेली इंटरवाली पंजाबी कुड़ी ने अपने बड़े बड़े नए आये कड़े जोबन की बरछी भी इनके सीने में गड़ानी शुरू कर दी।
इनका भी खूंटा तना और मम्मी की ट्रेनिंग मेरा उकसाना ,एक हाथ सीधे इन्होने दिया के उभार पे और दूसरा नितम्बों में ,खड़ा खूंटा दिया की खुली जांघों के बीच , हलके हलके रगड़ता।
आखिर दिया की जीभ उस चॉकलेट के साथ दिया के मुंह में वापस आयी , जिस के बहाने इत्ती मौज मस्ती चालू हो गयी थी।
यही तो मैं चाहती थी और गुड्डी की सहेलियां भी ,
झड़ी बाहर फिर शुरू हो गयी थी ,मैंने पूछा सबसे ,
" यार ये मौसम पकौड़ी खाने का हो रहा हैं न "
" एकदम भाभी , नेकी और पूछ पूछ " दिया छन्दा एक साथ बोली।
दोनों चॉकलेट चुभलाते बोली।
ये चॉकलेट तो ५-१० मिनट में असर दिखलाती। वोडका लिकर चॉकलेट ४० % से भी ज्यादा अल्कोहल , और सबसे बड़ी बात ये थी की
इसमें लाइनिंग अल्कोहल प्रूफ कैंडी की होती है तो जब वो चॉकलेट मुंह में मेल्ट करती है तो सीधे वोडका का शाट ,दो चॉकलेट से सीधे एक पेग का नशा और वो भी ४० % वाली वोदका का।
और चलने के पहले मैंने दिया को एक और चॉकलेट ,
एकदम भाभी हूँ उसकी इसलिए सीधे अपने होंठों से ,और इनकी तरह सीधी थोड़ी हूँ इसलिए अपने ननद के जोबन का रस सिर्फ टॉप के ऊपर से ही नहीं बल्कि टॉप के अंदर से ,
एकदम मस्त कड़ी कड़ी चूँचिया थी उस पंजाबी कुड़ी की।
" हे ये बटन अब बंद नहीं होने चाहिए "
मैंने उसके कान में वार्न किया , और खिलखलाते हुए उसने हामी भी भर दी।
ये क्यों पीछे रहते ये छन्दा के साथ ये भी लस लिए और अब की उन के भी हाथ अंदर का मजा ले रहे थे।
गुड्डी को भी मैं अपने साथ खींच के ले गयी।