03-11-2023, 07:44 AM
दिया-छन्दा
" अच्छा चल सैंया न सही ,यार तो होंगे।" मैंने कोर्स करेक्शन किया कर दिया के उभारों को घूरती बोली ,
" अरे ये जोबन , ये रूप ,ये नमक ,मेरी ननदों का ,अब ये मत कहना की यार भी नहीं है। अरे स्वाद बदल जाएगा नीचे वाले मुंह का ,हैं न ,कभी लंबा कभी मोटा ,कर लो अदलाबदली। बोल मंजूर हो तो बुलाऊँ उन्हें। "
अब छन्दा रानी की चमकी ,,चमक के बोली वो ,
" अच्छा भाभी , हमारे ऊपर हमारे ही भैय्या को चढ़ाना चाहती हैं। माना आपके मायके का चलन है ये ,दिन में भइया रात में सैयां वाला ,हमारे यहाँ नहीं ,... "
लेकिन उसकी बात दिया ने काट दी और मेरे बगल में आके खड़ी होके बोली ,
" तू भी छन्दा ,न यार हर लड़का तो किसी न किसी का भइया होगा ही। ऐसे बारिश के मौसम में ऐसा ऑफर , एकदम मंजूर है भाभी हमें हो जाय अदला बदली"
( गुड्डी ने मुझे बताया था की दिया तो अपने एकलौते सगे भाई से कब से फंसी है ,रोज रात बिना कबड्डी खेलती है और अगले दिन कॉलेज में सहेलियों को अनसेंसर्ड वर्ज़न, छन्दा का कोई सगा भाई था नहीं तो वो पिछले साल ही अपने एक फूफेरे भाई से और अबतक तो मौसेरे ,चचेरे , कोई कजिन नहीं बचे हैं )
गुड्डी हम लोगो की छेड़छाड़ से अब तक सूखी बची थी ,उसे क्यों मैं छोड़ती। उससे बोली ,
" अरे गुड्डी कुछ सीख अपनी सहेलियों से , देखो मेरा एक स्पेशल ऑफर है सिर्फ तुम जैसे छिनार ननदों के लिए , एडवांस में अदलाबदली। चलो अभी तुम मेरे वाले से मजा ले लो ,और फिर जिस तुम पटाओगी ,उसके साथ मैं। अब ऐसे मौसम में भाभी दिन रात मजे ले और बिचारि ननदें सावन में प्यासी रहें , तो बोलो है न मंजूर। "
गुड्डी शरमा गयी ,वो मेरी बात साफ़ साफ़ समझ रही थी , पर दिया उन सबों की लीडर , सब की ओर से बोली।
"एकदम भाभी मंजूर। लेकिन ये बताइये आप हम ननदों के लिए लायी क्या हैं। "
" तेरे भैय्या को लाइ हूँ न ,सावन के मौसम में इससे बढ़िया गिफ्ट क्या हो सकती है , " हँसते हुए मैंने चिढ़ाया। फिर गुड्डी को देखते हुए बोला ,
" आगे से पीछे से ,ऊपर से नीचे ,.. हर मुंह में ,...चाहे दबवाओ ,चाहे डलवाओ। चाहे चूसो चाहे चुसवाओ। "मैंने छेड़ा।
"नहीं नहीं भाभी " दिया और छन्दा एक साथ चीखीं।
और मैंने दराज से दो मोटी लम्बी हैंड कार्व्ड कैंडल्स निकालीं।
"चलो तुम्हारी बात मान ली , भैया भी तुम्हारे चार दिन की चांदनी ,.. कुछ दिन बाद तो मैं ले के फुर्र हो जाउंगी , फिर बिचारि तुम ननदें ,तब के लिए है न मस्त देखो। "
और मोटी कैंडल अपनी मुट्ठी में मैं उन दोनों को दिखाते, चिढ़ाते ऐसे मुठिया रही थी जैसे कोई मस्त मोटा लंड हो.
थी भी वो दोनों कैंडले ,साढ़े साथ इंच से थोड़ी ज्यादा ही लम्बी ,तीन इंच मोटी देखने में छूने में पकड़ने में एकदम मस्त मोटे लंड को मात करती। आगे का हिस्सा खूब मोटे फूले हुए कड़क सुपाड़े की तरह ,यहाँ तक की जैसे खड़े लंड में जैसे फूली फूली हलकी वेन्स दिखती हैं ,उस तरह की वेन्स भी , हाँ बेस पे एक बहुत बड़ा सा चौड़ा , इस तरह से डिजाइन किया था की चाहे टेबल पर रखना हो या पकड़ना हो।
" है न एकदम मस्त ,एकदम तेरे भैय्या की शेप और साइज का है , उसी पे मॉडल किया है देख एकदम सटासट जायेगा , हैं न
चिकना "
उन दोनों को ललचाती मैं बोलीं।
दिया की आँखे तो एकदम मोटी कैंडल पर चिपकी ,अविश्वास में ,लेकिन छन्दा के मुंह से निकल गया ,
"क्या सच में भाभी ,... "
" और क्या तभी तो मैं इतना मस्त मानसून ऑफर तुम ननदों को दे रही थी ,चाहे तो नाप के ,चाहे पकड़ के ,चाहे घोंट के ,चाहे चूस के ,... देख लेना। हाँ बदले में जब तुम यार पटाओगी तो मैं भी बिना चखे नहीं छोडूंगी। आखिर सलहज का तो ननदोई पर ननद से पहले हक़ होता है। "
अपनी ननदों को, गुड्डी की सहेलियों को , छेड़ते मैं बोली। फिर गुड्डी से कहा ,
" यार तुझे तो मालूम है तेरे भैय्या कंडोम कहाँ रखते हैं ,ज़रा निकाल न। "
गुड्डी ने सुपर डॉटेड फ्लेवर्ड कंडोम का पैकट दराज से निकाल लिया तो मैं उससे बोली ,
अरे मेरी प्यारी ननद ज़रा इस पे चढ़ा भी दे। "
जो कैंडल मैंने छन्दा को गिफ्ट की थी गुड्डी ने पहले उसपर कंडोम चढ़ाया और फिर दिया के हाथ से कैंडल लेके ,तब तक मैं भाभी ज्ञान देने में चालू हो गयी
" तुम सब माना की गवरमेंट गर्ल्स इंटर कालेज की ,सिर्फ अपनी क्लास की ही नहीं बल्कि पूरे कालेज की कैंडलिंग क्वीन हो ,लेकिन एक एक बात समझ लो ,कंडोम चढ़ा के कैंडलिंग करने के तीन फायदे।
पहला , कोई बैक्टीरया , कोई इंफेक्शन नहीं ,सबसे प्रोटेक्शन।
दूसरा ,कैंडलिंग में सबसे बड़ा खतरा ,हरदम मन में डर बना रहता है कहीं मोमबत्ती टूट न जाय ,कहीं बुर की गरमी से पिघल न जाए ,कंडोम के अंदर होने से वैसा न कोई डर न ख़तरा। बस जम के अपने भइया के बारे में सोच सोच के करो कैंडलिंग।
और तीसरा सबसे बड़ा ,एकदम असली सा मजा। अरे आधे टाइम आजकल लड़के भी तो रेनकोट पहन के , तो बस उसी तरह लगेगा। और साइज शेप मैंने पहलेही बता दिया तेरे भैय्या का ,बस सोचना तेरे भैय्या ही चोद रहे हैं हचक हचक के। "
और उसी समय
फटा पोस्टर निकला हीरो।
" अच्छा चल सैंया न सही ,यार तो होंगे।" मैंने कोर्स करेक्शन किया कर दिया के उभारों को घूरती बोली ,
" अरे ये जोबन , ये रूप ,ये नमक ,मेरी ननदों का ,अब ये मत कहना की यार भी नहीं है। अरे स्वाद बदल जाएगा नीचे वाले मुंह का ,हैं न ,कभी लंबा कभी मोटा ,कर लो अदलाबदली। बोल मंजूर हो तो बुलाऊँ उन्हें। "
अब छन्दा रानी की चमकी ,,चमक के बोली वो ,
" अच्छा भाभी , हमारे ऊपर हमारे ही भैय्या को चढ़ाना चाहती हैं। माना आपके मायके का चलन है ये ,दिन में भइया रात में सैयां वाला ,हमारे यहाँ नहीं ,... "
लेकिन उसकी बात दिया ने काट दी और मेरे बगल में आके खड़ी होके बोली ,
" तू भी छन्दा ,न यार हर लड़का तो किसी न किसी का भइया होगा ही। ऐसे बारिश के मौसम में ऐसा ऑफर , एकदम मंजूर है भाभी हमें हो जाय अदला बदली"
( गुड्डी ने मुझे बताया था की दिया तो अपने एकलौते सगे भाई से कब से फंसी है ,रोज रात बिना कबड्डी खेलती है और अगले दिन कॉलेज में सहेलियों को अनसेंसर्ड वर्ज़न, छन्दा का कोई सगा भाई था नहीं तो वो पिछले साल ही अपने एक फूफेरे भाई से और अबतक तो मौसेरे ,चचेरे , कोई कजिन नहीं बचे हैं )
गुड्डी हम लोगो की छेड़छाड़ से अब तक सूखी बची थी ,उसे क्यों मैं छोड़ती। उससे बोली ,
" अरे गुड्डी कुछ सीख अपनी सहेलियों से , देखो मेरा एक स्पेशल ऑफर है सिर्फ तुम जैसे छिनार ननदों के लिए , एडवांस में अदलाबदली। चलो अभी तुम मेरे वाले से मजा ले लो ,और फिर जिस तुम पटाओगी ,उसके साथ मैं। अब ऐसे मौसम में भाभी दिन रात मजे ले और बिचारि ननदें सावन में प्यासी रहें , तो बोलो है न मंजूर। "
गुड्डी शरमा गयी ,वो मेरी बात साफ़ साफ़ समझ रही थी , पर दिया उन सबों की लीडर , सब की ओर से बोली।
"एकदम भाभी मंजूर। लेकिन ये बताइये आप हम ननदों के लिए लायी क्या हैं। "
" तेरे भैय्या को लाइ हूँ न ,सावन के मौसम में इससे बढ़िया गिफ्ट क्या हो सकती है , " हँसते हुए मैंने चिढ़ाया। फिर गुड्डी को देखते हुए बोला ,
" आगे से पीछे से ,ऊपर से नीचे ,.. हर मुंह में ,...चाहे दबवाओ ,चाहे डलवाओ। चाहे चूसो चाहे चुसवाओ। "मैंने छेड़ा।
"नहीं नहीं भाभी " दिया और छन्दा एक साथ चीखीं।
और मैंने दराज से दो मोटी लम्बी हैंड कार्व्ड कैंडल्स निकालीं।
"चलो तुम्हारी बात मान ली , भैया भी तुम्हारे चार दिन की चांदनी ,.. कुछ दिन बाद तो मैं ले के फुर्र हो जाउंगी , फिर बिचारि तुम ननदें ,तब के लिए है न मस्त देखो। "
और मोटी कैंडल अपनी मुट्ठी में मैं उन दोनों को दिखाते, चिढ़ाते ऐसे मुठिया रही थी जैसे कोई मस्त मोटा लंड हो.
थी भी वो दोनों कैंडले ,साढ़े साथ इंच से थोड़ी ज्यादा ही लम्बी ,तीन इंच मोटी देखने में छूने में पकड़ने में एकदम मस्त मोटे लंड को मात करती। आगे का हिस्सा खूब मोटे फूले हुए कड़क सुपाड़े की तरह ,यहाँ तक की जैसे खड़े लंड में जैसे फूली फूली हलकी वेन्स दिखती हैं ,उस तरह की वेन्स भी , हाँ बेस पे एक बहुत बड़ा सा चौड़ा , इस तरह से डिजाइन किया था की चाहे टेबल पर रखना हो या पकड़ना हो।
" है न एकदम मस्त ,एकदम तेरे भैय्या की शेप और साइज का है , उसी पे मॉडल किया है देख एकदम सटासट जायेगा , हैं न
चिकना "
उन दोनों को ललचाती मैं बोलीं।
दिया की आँखे तो एकदम मोटी कैंडल पर चिपकी ,अविश्वास में ,लेकिन छन्दा के मुंह से निकल गया ,
"क्या सच में भाभी ,... "
" और क्या तभी तो मैं इतना मस्त मानसून ऑफर तुम ननदों को दे रही थी ,चाहे तो नाप के ,चाहे पकड़ के ,चाहे घोंट के ,चाहे चूस के ,... देख लेना। हाँ बदले में जब तुम यार पटाओगी तो मैं भी बिना चखे नहीं छोडूंगी। आखिर सलहज का तो ननदोई पर ननद से पहले हक़ होता है। "
अपनी ननदों को, गुड्डी की सहेलियों को , छेड़ते मैं बोली। फिर गुड्डी से कहा ,
" यार तुझे तो मालूम है तेरे भैय्या कंडोम कहाँ रखते हैं ,ज़रा निकाल न। "
गुड्डी ने सुपर डॉटेड फ्लेवर्ड कंडोम का पैकट दराज से निकाल लिया तो मैं उससे बोली ,
अरे मेरी प्यारी ननद ज़रा इस पे चढ़ा भी दे। "
जो कैंडल मैंने छन्दा को गिफ्ट की थी गुड्डी ने पहले उसपर कंडोम चढ़ाया और फिर दिया के हाथ से कैंडल लेके ,तब तक मैं भाभी ज्ञान देने में चालू हो गयी
" तुम सब माना की गवरमेंट गर्ल्स इंटर कालेज की ,सिर्फ अपनी क्लास की ही नहीं बल्कि पूरे कालेज की कैंडलिंग क्वीन हो ,लेकिन एक एक बात समझ लो ,कंडोम चढ़ा के कैंडलिंग करने के तीन फायदे।
पहला , कोई बैक्टीरया , कोई इंफेक्शन नहीं ,सबसे प्रोटेक्शन।
दूसरा ,कैंडलिंग में सबसे बड़ा खतरा ,हरदम मन में डर बना रहता है कहीं मोमबत्ती टूट न जाय ,कहीं बुर की गरमी से पिघल न जाए ,कंडोम के अंदर होने से वैसा न कोई डर न ख़तरा। बस जम के अपने भइया के बारे में सोच सोच के करो कैंडलिंग।
और तीसरा सबसे बड़ा ,एकदम असली सा मजा। अरे आधे टाइम आजकल लड़के भी तो रेनकोट पहन के , तो बस उसी तरह लगेगा। और साइज शेप मैंने पहलेही बता दिया तेरे भैय्या का ,बस सोचना तेरे भैय्या ही चोद रहे हैं हचक हचक के। "
और उसी समय
फटा पोस्टर निकला हीरो।