03-11-2023, 07:41 AM
गुड्डी की सहेलियां
तभी नीचे से कुछ कलियों के खिलखिलाने की आवाज सुनाई दी ,
फिर मेरी जेठानी से बतियाने की।
गुड्डी उन्हें हटाते हुए खुद बैठ गयी ,
"स्साली ,कमीनीयां , आ ही गयीं सूंघते सूंघते। "
मैं समझ गयी , गुड्डी की सहेलियां ,लेकिन गनीमत थी नीचे जेठानी जी के पल्ले पड़ गयीं थी , बिना कुछ देर उलझाए वो थोड़े ही छोड़तीं उन्हें।
…………………………..
शलवार कुर्ता उतारने में लड़कियों को बहुत टाइम लगता है , लेकिन पहनने में कुछ भी नहीं।
झटपट ,हम दोनों ,ननद भौजाई ,शलवार सूट के अंदर।
हाँ गुड्डी की ब्रा जरूर मैंने जब्त कर ली।
देर से आने की कुछ फाइन तो लगनी थी न , और फिर ननद के नए आ रहे टेनिस बाल साइज के बूब्स , कैद में रहें ,सख्त नाइंसाफी है।
उन्होंने भी पेंट चढ़ा लिया , पर उनका खूंटा तो वैसे का वैसे ही खड़ा पेंट फाड़ता।
" सुन यार ,तेरे भैय्या ने तेरा देखा भी ,छुआ भी ,और चूसा भी। देख बिचारे का कित्ती जोर से खड़ा है ,अब कम से कम तू ऊपर से तो उसे एक चुम्मी ,... "
मैंने अपनी ननद को चढ़ाया , पर उसे अब चढ़ाने की जरूरत नहीं थी , खिलखिलाते हुए उन्हें चिढ़ाती निगाहों से देखती बोली ,
" मैं अपनी प्यारी भौजी की बात कभी नहीं टालती। "और जैसे कोई प्रपोज करे वो शरारती लड़की ,तुरंत घुटने के बल बैठकर ,
पहले तो उसने अपने गुलाबी होंठों से सीधे मेरे सैयां के बल्ज पे एक जबरदस्त चुम्मी ली।
खूंटा और तन गया।और गुड्डी की कुँवारी उंगलिया , दोनों हाथों से उस छिनार ने , पेंट के ऊपर से उसे प्यार से पकड़ लिया ,दबाया मसला और लगी चूसने।
नीचे से खिलखलाती कलियों की पदचाप सीढ़ियों पर आनी शुरू हो गयी थी पर , गुड्डी नदीदी ,
उनके पेंट फाड़ते बल्ज को चूमने चूसने में लगी हुयी थी।
जब आवाजें एकदम पास आ गयीं तो उस शोख ने अपने होंठ हटाए और बड़ी अदा से ,बोली ,
" क्यों भैय्या ,कैसा लगा। "
वो बिचारे शर्मा भी रहे थे और मस्त भी हो रहे थे , पर गुड्डी की सहेलियों की आवाज आयी और वो बगल के कमरे में चले गए।
तभी नीचे से कुछ कलियों के खिलखिलाने की आवाज सुनाई दी ,
फिर मेरी जेठानी से बतियाने की।
गुड्डी उन्हें हटाते हुए खुद बैठ गयी ,
"स्साली ,कमीनीयां , आ ही गयीं सूंघते सूंघते। "
मैं समझ गयी , गुड्डी की सहेलियां ,लेकिन गनीमत थी नीचे जेठानी जी के पल्ले पड़ गयीं थी , बिना कुछ देर उलझाए वो थोड़े ही छोड़तीं उन्हें।
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शलवार कुर्ता उतारने में लड़कियों को बहुत टाइम लगता है , लेकिन पहनने में कुछ भी नहीं।
झटपट ,हम दोनों ,ननद भौजाई ,शलवार सूट के अंदर।
हाँ गुड्डी की ब्रा जरूर मैंने जब्त कर ली।
देर से आने की कुछ फाइन तो लगनी थी न , और फिर ननद के नए आ रहे टेनिस बाल साइज के बूब्स , कैद में रहें ,सख्त नाइंसाफी है।
उन्होंने भी पेंट चढ़ा लिया , पर उनका खूंटा तो वैसे का वैसे ही खड़ा पेंट फाड़ता।
" सुन यार ,तेरे भैय्या ने तेरा देखा भी ,छुआ भी ,और चूसा भी। देख बिचारे का कित्ती जोर से खड़ा है ,अब कम से कम तू ऊपर से तो उसे एक चुम्मी ,... "
मैंने अपनी ननद को चढ़ाया , पर उसे अब चढ़ाने की जरूरत नहीं थी , खिलखिलाते हुए उन्हें चिढ़ाती निगाहों से देखती बोली ,
" मैं अपनी प्यारी भौजी की बात कभी नहीं टालती। "और जैसे कोई प्रपोज करे वो शरारती लड़की ,तुरंत घुटने के बल बैठकर ,
पहले तो उसने अपने गुलाबी होंठों से सीधे मेरे सैयां के बल्ज पे एक जबरदस्त चुम्मी ली।
खूंटा और तन गया।और गुड्डी की कुँवारी उंगलिया , दोनों हाथों से उस छिनार ने , पेंट के ऊपर से उसे प्यार से पकड़ लिया ,दबाया मसला और लगी चूसने।
नीचे से खिलखलाती कलियों की पदचाप सीढ़ियों पर आनी शुरू हो गयी थी पर , गुड्डी नदीदी ,
उनके पेंट फाड़ते बल्ज को चूमने चूसने में लगी हुयी थी।
जब आवाजें एकदम पास आ गयीं तो उस शोख ने अपने होंठ हटाए और बड़ी अदा से ,बोली ,
" क्यों भैय्या ,कैसा लगा। "
वो बिचारे शर्मा भी रहे थे और मस्त भी हो रहे थे , पर गुड्डी की सहेलियों की आवाज आयी और वो बगल के कमरे में चले गए।