02-11-2023, 10:01 PM
चुम्मा चाटी
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उययीईइ वो सिसक भी रही थी चीख भी रही थी ,और मेरी तर्जनी उसकी गांड की दरार के बीच।
उफ्फ्फ क्या छेद था ,स्साली का एकदम टाइट ,बहुत मजा आएगा जो इसकी गांड मारेगा।
और सोच सोच के मेरी बुर की भी हालत खराब हो रही थी ,और उसका एक इलाज था मेरे पास ,मेरी छोटी ननद।
किसी इंटर में पढ़ने वाली से बुर चटवाने का मजा ही कुछ और है ,बस मैं सीधे अपनी ननद के ऊपर।
बहुत ही क्विक लर्नर थी वो ,बिना मेरे कुछ कहे उसके गुलाबी होंठ मेरे निचले होंठों पर , पहले हलके हलके किस
कल पहली बार मैंने जबरदस्ती गुड्डी से अपनी चूत चटवायी थी और आज एकदम ,
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साथ साथ मेरी ननद के छोटे छोटे किशोर हाथ ,मेरे बड़े बड़े उभारों पर , जिस तरह से वो सहला रही थी ,हलके हलके छू रही थी ,
और मेरे भी हाथ एक गुड्डी के नए नए आये जुबना पे और दूसरी इनकी ममेरी बहन की पैंटी में ढकी छुपी अनचुदी चूत पे
कभी मैं हलके से सहलाती तो कभी जोर से दबोच लेती और मेरी निगाह गुड्डी की छोटी छोटी पैंटी पर गयी ,
हल्का सा पैच , यानी ,
वो गीली हो रही थी।
बस यही तो मैं चाहती थी और फिर मारे मस्ती के जोर जोर से गुड्डी के टीनेजर होंठो पे अपनी बुर रगड़ते हुए मैं बोलने लगी
" चाट साली छिनाल चाट जोर जोर से ,मेरे मरद की चोदी ,तेरे सारे खानदान वालियों की बुर मरवाउं अपने मरद के लंड से ,रंडी ,हरामन , हाँ हाँ हाँ चाट मेरी रानी हाँ है ऐसे ही और कस के, ओह ओह्ह उफ्फ्फ मस्त चाटती है तू ,"
![[Image: lez-pussy-lick-G.gif]](https://i.ibb.co/N2sr9cz/lez-pussy-lick-G.gif)
जैसे उसके भाई उसके कुंवारे किशोर मुंह में डाल कर , हचक हचक कर उसका मुंह चोदना चाहते थे बस उसी तरह मैं भी गुड्डी के किशोर होंठों पर कस कस के अपनी बुर रगड़ रही थी ,साथ में मेरा एक हाथ अब उसकी ब्रा में घुस के उसके छोटे छोटे निपल पिंच कर रहे थे मरोड़ रहे थे।
![[Image: sixteen-nips-3.jpg]](https://i.ibb.co/SJYR032/sixteen-nips-3.jpg)
एक बार फिर मेरी निगाह गुड्डी की पैंटी की तरफ गयी ,वो गीला पैच अब बड़ा हो गया था।
यानी स्साली को रगड़ावाने में ,गाली सुनने में मजा मिलता है।
फिर तो , मम्मी ने तो मंजू बाई और गीता को प्रॉमिस ही कर दिया था की अगर मैं उनकी बहन को ले आ पायी तो बस चौबीस घंटे के लिए मुझे गुड्डी को उन दोनों कमीनियों के हवाले करना होगा , चौबीस घंटा तो बहुत है बारह घंटे में वो दोनों इसे सिखा पढ़ा कर ,खिला पिला कर एकदम पक्की ,...
मेरे बुर के धक्के गुड्डी के होंठों पर बढ़ गए थे। एक हाथ उस की टीन ब्रा के अंदर और दूसरा उसकी पैंटी के ऊपर और मेरी गालियां भी साथ साथ
" मेरे मर्द की रखैल , चाट , भैय्या चोदी ,चाट चाट साली बुर में जीभ डाल ,हाँ हाँ ऐसे ही तुझे तो पक्की चूत चटोरी बनवाऊंगी। चल मेरे साथ देखे तुझे क्या चटवाउंगी ,मेरी गांड ,गांड के अंदर का , गांड का ,... बोल चाटेगी न छिनार ,ले ले ,... "
![[Image: pussy-licking-lesb.jpg]](https://i.ibb.co/vxbJNpf/pussy-licking-lesb.jpg)
और गांड की बात ने एकदम से मेरा मन ,...
दोनों हाथों से कस के मैनें गुड्डी के सर को जोर से पकड़ा ,जरा सा उठी ,और अब बजाय अगवाड़े के पिछवाड़े का छेद मेरी बांकी ननद के होंठों पर ,उसने होंठ बंद करने की कोशिश की तो बस मैंने एक हाथ से उसके दोनों नथुने भींच दिए।
दस सेकेण्ड
बीस सेकेण्ड और
उसने गौरेया की तरह चोंच चियार दी,बस एक पल मैंने अपने चूतड़ उठाये हलके से अपनी गांड फैला के सीधे उसके खुले होंठों पर सेट कर दिया।
" बस चाटती रह गंडचट्टो , हाँ हाँ यार तू बस ऐसे ऐसी ही ,... "
वो जोर जोर से अपनी जीभ मेरे गांड के छेद पर फ्लिक कर रही थी ,एकदम अपने भैय्या की तरह। .
![[Image: ass-licking-428-jpg-extra.jpg]](https://i.ibb.co/fpmny7k/ass-licking-428-jpg-extra.jpg)
मुझे भी तो कुछ करना बनता था , मैंने जो हाथ पैंटी के ऊपर था वो गुड्डी की पैंटी के ऊपर से सीधे पैंटी की ऊपर क्या मुलायम संतरे की फांको की तरह रसीली , गुलाब की मुलायम पंखुडियो की तरह उस कली की चूत की पुत्तियाँ थीं।
थोड़ी देर दोनों प्रेमगली के दरवाजों के बीच मैं सहलाती रही ,फिर
गच्चाक ,कुहनी की पूरी ताकत से मैंने पेल दिया।
चूत उस किशोरी की एकदम गीली ,भीगी लेकिन तब भी इत्ती कसी ,
पूरी ताकत से पेलने पर भी मुश्किल से एक पोर घुसा।
मैं हलके हलके गोल गोल घुमाती रही साथ साथ अपनी गांड अपनी ननद के होंठो ,
"चाट साली ,चाट गांड ,और जोर से ,जीभ अंदर हाँ , अरे अभी गांड चटवा रही हूँ , चलेगी न मेरे साथ दो तीन दिन में तो गांड के अंदर का भी , एकदम बहुत मजा आएगा , तुझे स्साली।
![[Image: ass-licking-f-19736912.gif]](https://i.ibb.co/Pw6XmHW/ass-licking-f-19736912.gif)
और तभी सीढ़ियों पर से पैरों की आवाज आती सुनाई दी ,और किसकी ,अपने उनकी
मैंने गुड्डी की कच्ची कली में से रस में भीगी अपनी ऊँगली निकाल ली , और पैंटी भी उसकी ठीक कर दी ,लेकिन गुड्डी के मुंह पर से अपना पिछवाड़ा मैंने नहीं हटाया।
उनकी आँखे अपनी प्यारी ममेरी बहन की खुली खुली चिकनी जाँघों पर अटकी थीं , और उस छोटी सी पैंटी पे जो मुश्किल से उनकी बहन की कुंवारी अनचुदी चुनमुनिया को छिपा पा रही थी। गुड्डी की पतली सी पैंटी पर गीला पैच और बड़ा हो गया था।
मस्त हो रही थी स्साली।
" हे तू बोल रहा था न तुझे अपनी बहन की चूत देखनी है , बोल न दिखाऊं "
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उययीईइ वो सिसक भी रही थी चीख भी रही थी ,और मेरी तर्जनी उसकी गांड की दरार के बीच।
उफ्फ्फ क्या छेद था ,स्साली का एकदम टाइट ,बहुत मजा आएगा जो इसकी गांड मारेगा।
और सोच सोच के मेरी बुर की भी हालत खराब हो रही थी ,और उसका एक इलाज था मेरे पास ,मेरी छोटी ननद।
किसी इंटर में पढ़ने वाली से बुर चटवाने का मजा ही कुछ और है ,बस मैं सीधे अपनी ननद के ऊपर।
बहुत ही क्विक लर्नर थी वो ,बिना मेरे कुछ कहे उसके गुलाबी होंठ मेरे निचले होंठों पर , पहले हलके हलके किस
कल पहली बार मैंने जबरदस्ती गुड्डी से अपनी चूत चटवायी थी और आज एकदम ,
![[Image: guddi-lez-lick-tumblr-n20dxtd0jr1tsyj9jo1-500.gif]](https://i.ibb.co/23KBpdF/guddi-lez-lick-tumblr-n20dxtd0jr1tsyj9jo1-500.gif)
साथ साथ मेरी ननद के छोटे छोटे किशोर हाथ ,मेरे बड़े बड़े उभारों पर , जिस तरह से वो सहला रही थी ,हलके हलके छू रही थी ,
और मेरे भी हाथ एक गुड्डी के नए नए आये जुबना पे और दूसरी इनकी ममेरी बहन की पैंटी में ढकी छुपी अनचुदी चूत पे
कभी मैं हलके से सहलाती तो कभी जोर से दबोच लेती और मेरी निगाह गुड्डी की छोटी छोटी पैंटी पर गयी ,
हल्का सा पैच , यानी ,
वो गीली हो रही थी।
बस यही तो मैं चाहती थी और फिर मारे मस्ती के जोर जोर से गुड्डी के टीनेजर होंठो पे अपनी बुर रगड़ते हुए मैं बोलने लगी
" चाट साली छिनाल चाट जोर जोर से ,मेरे मरद की चोदी ,तेरे सारे खानदान वालियों की बुर मरवाउं अपने मरद के लंड से ,रंडी ,हरामन , हाँ हाँ हाँ चाट मेरी रानी हाँ है ऐसे ही और कस के, ओह ओह्ह उफ्फ्फ मस्त चाटती है तू ,"
![[Image: lez-pussy-lick-G.gif]](https://i.ibb.co/N2sr9cz/lez-pussy-lick-G.gif)
जैसे उसके भाई उसके कुंवारे किशोर मुंह में डाल कर , हचक हचक कर उसका मुंह चोदना चाहते थे बस उसी तरह मैं भी गुड्डी के किशोर होंठों पर कस कस के अपनी बुर रगड़ रही थी ,साथ में मेरा एक हाथ अब उसकी ब्रा में घुस के उसके छोटे छोटे निपल पिंच कर रहे थे मरोड़ रहे थे।
![[Image: sixteen-nips-3.jpg]](https://i.ibb.co/SJYR032/sixteen-nips-3.jpg)
एक बार फिर मेरी निगाह गुड्डी की पैंटी की तरफ गयी ,वो गीला पैच अब बड़ा हो गया था।
यानी स्साली को रगड़ावाने में ,गाली सुनने में मजा मिलता है।
फिर तो , मम्मी ने तो मंजू बाई और गीता को प्रॉमिस ही कर दिया था की अगर मैं उनकी बहन को ले आ पायी तो बस चौबीस घंटे के लिए मुझे गुड्डी को उन दोनों कमीनियों के हवाले करना होगा , चौबीस घंटा तो बहुत है बारह घंटे में वो दोनों इसे सिखा पढ़ा कर ,खिला पिला कर एकदम पक्की ,...
मेरे बुर के धक्के गुड्डी के होंठों पर बढ़ गए थे। एक हाथ उस की टीन ब्रा के अंदर और दूसरा उसकी पैंटी के ऊपर और मेरी गालियां भी साथ साथ
" मेरे मर्द की रखैल , चाट , भैय्या चोदी ,चाट चाट साली बुर में जीभ डाल ,हाँ हाँ ऐसे ही तुझे तो पक्की चूत चटोरी बनवाऊंगी। चल मेरे साथ देखे तुझे क्या चटवाउंगी ,मेरी गांड ,गांड के अंदर का , गांड का ,... बोल चाटेगी न छिनार ,ले ले ,... "
![[Image: pussy-licking-lesb.jpg]](https://i.ibb.co/vxbJNpf/pussy-licking-lesb.jpg)
और गांड की बात ने एकदम से मेरा मन ,...
दोनों हाथों से कस के मैनें गुड्डी के सर को जोर से पकड़ा ,जरा सा उठी ,और अब बजाय अगवाड़े के पिछवाड़े का छेद मेरी बांकी ननद के होंठों पर ,उसने होंठ बंद करने की कोशिश की तो बस मैंने एक हाथ से उसके दोनों नथुने भींच दिए।
दस सेकेण्ड
बीस सेकेण्ड और
उसने गौरेया की तरह चोंच चियार दी,बस एक पल मैंने अपने चूतड़ उठाये हलके से अपनी गांड फैला के सीधे उसके खुले होंठों पर सेट कर दिया।
" बस चाटती रह गंडचट्टो , हाँ हाँ यार तू बस ऐसे ऐसी ही ,... "
वो जोर जोर से अपनी जीभ मेरे गांड के छेद पर फ्लिक कर रही थी ,एकदम अपने भैय्या की तरह। .
![[Image: ass-licking-428-jpg-extra.jpg]](https://i.ibb.co/fpmny7k/ass-licking-428-jpg-extra.jpg)
मुझे भी तो कुछ करना बनता था , मैंने जो हाथ पैंटी के ऊपर था वो गुड्डी की पैंटी के ऊपर से सीधे पैंटी की ऊपर क्या मुलायम संतरे की फांको की तरह रसीली , गुलाब की मुलायम पंखुडियो की तरह उस कली की चूत की पुत्तियाँ थीं।
थोड़ी देर दोनों प्रेमगली के दरवाजों के बीच मैं सहलाती रही ,फिर
गच्चाक ,कुहनी की पूरी ताकत से मैंने पेल दिया।
चूत उस किशोरी की एकदम गीली ,भीगी लेकिन तब भी इत्ती कसी ,
पूरी ताकत से पेलने पर भी मुश्किल से एक पोर घुसा।
मैं हलके हलके गोल गोल घुमाती रही साथ साथ अपनी गांड अपनी ननद के होंठो ,
"चाट साली ,चाट गांड ,और जोर से ,जीभ अंदर हाँ , अरे अभी गांड चटवा रही हूँ , चलेगी न मेरे साथ दो तीन दिन में तो गांड के अंदर का भी , एकदम बहुत मजा आएगा , तुझे स्साली।
![[Image: ass-licking-f-19736912.gif]](https://i.ibb.co/Pw6XmHW/ass-licking-f-19736912.gif)
और तभी सीढ़ियों पर से पैरों की आवाज आती सुनाई दी ,और किसकी ,अपने उनकी
मैंने गुड्डी की कच्ची कली में से रस में भीगी अपनी ऊँगली निकाल ली , और पैंटी भी उसकी ठीक कर दी ,लेकिन गुड्डी के मुंह पर से अपना पिछवाड़ा मैंने नहीं हटाया।
उनकी आँखे अपनी प्यारी ममेरी बहन की खुली खुली चिकनी जाँघों पर अटकी थीं , और उस छोटी सी पैंटी पे जो मुश्किल से उनकी बहन की कुंवारी अनचुदी चुनमुनिया को छिपा पा रही थी। गुड्डी की पतली सी पैंटी पर गीला पैच और बड़ा हो गया था।
मस्त हो रही थी स्साली।
" हे तू बोल रहा था न तुझे अपनी बहन की चूत देखनी है , बोल न दिखाऊं "