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Adultery जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी
ब्रा और पैंटी

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गुड्डी सिर्फ ब्रा और पैंटी में ,



गुड्डी की छोटी छोटी लेसी कसी कसी टीनेजर ब्रा,मुश्किल से उसके गोरे गदराये जोबन को ढँक पा रही थी। जिन उभारों को देख के ,जब से वो हाईस्कूल में आयी थी ,उसके शहर के सारे लौंडे मुठिया रहे थे, अब मेरी मुट्ठी में थे।

मैं कभी उसे हलके हलके सहलाती कभी बस छु लेती तो कभी कस के रगड़ देती।

मेरा पूरा ध्यान उन टेनिस बाल साइज के बूब्स पे थी की मेरी ननद ने ,


[Image: bra-20.jpg]


आखिर थी तो वो मेरी ही ननदिया न ,

मुझे क्यों छोड़ती, और मेरे शलवार का नाडा खोल के नीचे सरका दिया।मैंने पैंटी भी नहीं पहन रखी थी।



" और ऐसे मेरे भैय्या आपकी शलवार उतार देते हैं ,है ना। "


हँसते हुए वो शोख बोली।


[Image: bra-half-cup-8b3d94d2bee25be04cf3944ffddbe0ff.jpg]



उस दुष्ट की आवाज बंद कराने का एक ही तरीका मुझे आता था।

मेरे एक हाथ ने उस सोन चिरैया के दोनों गाल कस के दबोच लिए और उस ने चिड़िया की चोंच की तरह अपने होंठ चियार दिए।



बस मेरी जीभ उसके खुले मुंह में और मेरे दोनों होंठों ने कस के गुड्डी के गुलाबी रसीले होंठ सील कर दिए। मेरी जीभ जैसे किसी इंटर में पढ़ने वाली किशोरी के मुंह में हचक के लंड ठेले बस उसी तरह घुसी जैसे कोई मस्त लंड ठेले। मेरी जीभ गुड्डी की जीभ से खिलवाड़ कर रही थी और मेरे होंठ उसके गुलाबी होंठों का रस चूसने में जुटे थे।


[Image: lez-kiss-13993528.gif]


हाथ क्यों पीछे रहते वो छोटी छोटी ब्रा से छलकते जोबन का रस लूट रहे थे। सच में इत्ते रसीले जोबन इस उमर की लौंडिया में , ... खूब कड़े कड़े ,मांसल।

गुड्डी भी अब हलके हलके रिस्पांस कर रही थी। गुड्डी की जीभ मेरे मुंह में घुसी जीभ के साथ खिलवाड़ कर रही थी ,जैसे मेरे हाथ ब्रा के ऊपर से उसके उभार रगड़ मसल रहे थे अब गुड्डी के भी किशोर हाथ मेरे उभारों को हल्के हलके सहला रहे थे और हलके हलके कमर हिला के वो मेरी ड्राई हंपिंग में वो साथ दे रही थी।

यही तो मैं चाहती थी ,इस नयी बछेड़ी को कन्या रस की पक्की खिलाड़न बना देना ,आखिर जब उसके भैया अपने काम से जायेंगे तो उसका रस तो मैं ही भोगूंगी।
और एक बार फिर कस कस के मेरी उँगलियाँ ब्रा से झांकते ,झलकते उसके निप्स को मसल रहे थे पिंच कर रहे थे।


[Image: boobs-masssage-tumblr-695105875103a96f02...9-500.webp]


पांच छह मिनट की मस्ती के बाद मैंने उस शोख किशोरी के होंठों को आजाद किया , हलके से उसके मुस्कराते डिम्पल्स को किस किया , और उसकी बड़ी बड़ी आँखों में झांक के बोली



" मेरी बन्नो , याद है अभी कल का उधार बचा है ,दो घंटे की गुलामी। "



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बड़े भोलेपन से उसने ना ना में अपना सर हिलाया। उसकी शोख आँखे उसकी बदमाशी की चुगली कर रही थी।

फिर खिलखिलाते हुए वो शरारत से बोली ,

" भाभी आपकी फिगर तो बहुत सेक्सी है लेकिन आप फिगर जोड़ने में कमजोर हो। "



जवाब खुद ही उस शरीर ने दिया ,


" अरे भाभी आप भी न ,मैं भूली नहीं। इसीलिए तो ठीक दस बजे आने वाली थी आपका उधार चुकता करने ,लेकिन गणित है गड़बड़ आपकी। अरे दो घंटे तो कल शाम का उधार था न ,तो कुछ सूद वूद भी तो लगेगा न ,चलिए आप की क्या याद करेंगी , मैं ही जोड़ देती हूँ , "

फिर कुछ उँगलियों पे जोड़ के बहुत ही इंटेलिजेंटली , वो बोली ,


" भाभी,३ घंटे अठाइस मिनट राउंड ऑफ कर लीजिये तो साढ़े तीन घंटे पूरे। एंड योर टाइम स्टार्टस नाऊ। "

[Image: bra-Japanese-Beauty-Back-Deep-U-Sexy-Bra...Up-Bra.jpg]



एक बात तो मैं समझ गयी ये स्साली भी एकदम अपने भैय्या की तरह जैसे डॉमिनेट करवाने के लिए तैयार ,इसे मजा आता है रगड़े जाने में ,जबरदस्ती कोई करे इसके साथ तो ,अच्छा है मेरे साथ चल रही है ,सब कुछ करवाउंगी इससे ,और फिर मंजू गीता भी तो हैं दोनोंनंबरी कमीनी माँ बेटियां।

मैंने कचकचा के ब्रा के अंदर से झांकते उसके निप्स काट लिए

" उईईईईई "
जोर से चीखी मेरी छुटकी ननदिया और यही चीख तो मेरे कान सुनने के लिए तड़प रहे थे और अगली बार दुगनेजोर और जोश से मेरे दांतों ने ब्रा के ऊपर से ही,



"उईईईईईई ,नही ,उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ आअह्हह्हह्ह"


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और जोर से चीखी वो लेकिन तबतक मेरे होंठों का साथ देने मेरी उँगलियाँ भी पहुँच गयीं थी और उन्होंने ब्रा में सेंध लगा दी ,अंदर घुस के उसके निपल को जोर से पिंच करदिया ,और एकबार फिर मेरे दांतों ने उसके निप्स को

नीचे मेरी शलवार उतार कर गुड्डी ने अपने लिए ही मुसीबत मोल ले ली थी। उसकी दो इंच की पैंटी में ढंकी छुपी सोन चिरैया को मेरी खेली खायी बुरिया जम के रगड़ रही थी। और साथ ही मेरा एक हाथ उसके गोल गोल चूतड़ों पर,

क्या मस्त चूतड़ थे , एकदम बबल बॉटम , लौंडो जैसे जिसकी गांड मारने के लिए लौण्डेबाज तरसते हैं। मैंने हलके से चूतड़ों को सहलाते हुए भींच दिया ,एकदम कड़क।


[Image: ass-hole-tumblr-p7qeet-Ocp31wfqhb9o5-540.jpg]


चटाक चटाक

दो हलके हलके चांटे मैंने अपनी ननदिया के चूतड़ पर जमाये।

वो सिसक उठी।

स्साली ,तो इसका मतलब इस छिनार बुरचोदि को स्पैंकिंग में मजा आता है , मैंने मन ही मन सोचा , और दो और अबकी जोर से

चटाक चटाक

उययीईइ वो सिसक भी रही थी चीख भी रही थी ,और मेरी तर्जनी उसकी गांड की दरार के बीच।

उफ्फ्फ क्या छेद था ,स्साली का एकदम टाइट ,बहुत मजा आएगा जो इसकी गांड मारेगा।



[Image: asshole-12921396.jpg]

और सोच सोच के मेरी बुर की भी हालत खराब हो रही थी ,और उसका एक इलाज था मेरे पास ,मेरी छोटी ननद।



किसी इंटर में पढ़ने वाली से बुर चटवाने का मजा ही कुछ और है ,बस मैं सीधे अपनी ननद के ऊपर।
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Messages In This Thread
ANUSHKA IS ASHWIN'S SWEET WIFE - by ashw - 05-04-2019, 06:02 AM
RE: जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी - by komaalrani - 02-11-2023, 09:59 PM



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