13-10-2023, 09:53 AM
आरएे बोधु! लड़कियो को हर महीने मे यहाँ से ब्लड आता है जोकि गंदा
होता है और इस दौरान चुदाई नही केरते ये और 6/7 दिन आता रहता है. समझे!"
मम्मी ने उसे समझाइया.
"क्या ब्लड! लेकिन इस से कुछ होता नही क्या हर लड़की को आता है?" मेने
परेशान होते हुए पूछा.
"हां हर लड़की को आता है, थोड़ा दर्द होता है कमर मे लेकिन और कुछ नही
होता ये क़ुद्रत का नियम है. आजकल मेरे आ रहा है. जब तक मेरे आए तू अपनी
बहन को चोद कुच्छ दिनो के बाद तेरी बहन को आएगा तब तू मेरी चोद्ना." मम्मी
ने जवाब दिया.
"सब लड़कियो को ऐक साथ नही आता है ये! सब के अपने हिसाब से दिन होते
हैं." मम्मी ने मेरे गाल पे हल्की सी चपत लगाते हुए कहा.
"तुम्हारे कब आएगा शुमैला?" विकी ने कुछ सोचते हुए शुमैला से पूछा.
"आएगा तो बता दूँगी! बेशरम कहीं के." शुमैला ने मुस्कुराते हुए जवाब
दिया और करवट ले कर मुँह हम दोनो की तरफ कर लिया.
"अछा चलो अब जाओ अपने अपने कमरे मे और मुझे सोने दो." मम्मी ने मुझसे
कहा. "हां अब तो तुम दोनो को चुदाई का पहला मज़ा मिल गया ना अब तो शुमैला
नही शरमाएगी तू अपने भाई का लंड लेने मे." मम्मी ने पूछा.
"मज़ा! मम्मी भाई जान ने तो मेरी फाड़ दी है." शुमैला ने मुस्कुराते हुए कहा.
"हे शुमैला क्या फाड़ दी है?" मेने शुमैला की तरफ झुकते हुए पूछा.
"वोही मेरी शरम और क्या बेशरम कहीं के" शुमैला ने प्यार से कहा.
"क्या कहते हैं इस को बताओ ना शुमैला?" मेने फिर कहा.
"चलो भाई जान तुम तो पक्के बेशरम हो गये हो." शुमैला ने कहा.
"अच्छा अभी तो खूब बोल रही थी जब चुद रही थी. अब शर्मा रही है. प्लीज़
ऐक बार."
"चल अब जाता है अपने कमरे मे या नही?" मम्मी ने नकली गुस्सा दिखाया.
"मम्मी आप जाओ ना अपने कमरे मे मे शुमैला के साथ ही सोउँगा." मेने
शुमैला की चूचियों को पकड़ते कहा.
"हां मम्मी अब मे रोज़ रात को भाई जान के साथ ही सोया करूँगी. भाई जान अब
आप रोज़ाना मेरे रूम मे ही सोया करिएगा."
"नही मे तुम्हारे रूम मे नही बल्कि तुम मेरे रूम मे सोओगी."
"क्यों भाई जान." शुमैला ने अपनी चूचियों को देखते कहा.
"क्योंकि जैसे शादी के बाद लड़की अपने शौहर के घर जाती है वैसे ही तू अब
मेरे कमरे मे आया करेगी.
"ठीक है बेटा तुम लोग जैसे चाहे रहो पर मुझे ना भूल जाना." मम्मी ने
कहा.
"ओह्ह नही मम्मी भाई जान पहले आपको चोदेन्गे फिर मेरी लेंगे. और जब चाहे आप
हमलोगो के साथ रात भर मज़ा लीजिएगा." शुमैला ने खुश होते कहा.
"ठीक है बेटा अब मे जा रही हूँ और तुम दोनो भी जल्दी सोना, एक दिन मे ही
सारा मज़ा ना ले लेना."
"ओह्ह मम्मी बस एक बार और चुद्वाउन्गि भाई जान से."
"ठीक है बेटी." और मम्मी चली गयी.
मम्मी के जाते ही शुमैला मेरे ऊपर गिरती बोली, "भाई जान हाय आज तो आपने
बहुत मज़ा दिया. सच चुद्वाने का मज़ा सबसे ज़्यादा हसीन है. भाई जान अब पहले
मेरी चूत को चाटो और अपना मस्त लंड भी पिलाओ और फिर खूब कसकर चोदो.
हाई आज रात भर मज़ा लूँगी भाई जान."
"हां यार मे भी तेरी चाटना चाहता था. सच तेरी चूत का टेस्ट बहुत
जायकेदार है. चल आ बैठ मेरे मुँह पर."
फिर वह मेरे ऊपर अपनी चूत रख बैठ गयी. तो दोस्तो ये कहानी यही ख़तम होती है फिर मिलेंगे एक ओर नई कहानी के साथ।।
Me to jhada hi saath hi Shumaila ki choot ne bhi mera lund bahar aate hi bahu
sa pani chod dia. Wah bhi aik bar phir jhadne lagi aur us ne apni taangain jo
kafi der se hawa me theen bed pe rakh leen aur me jhadne ke baad uske upar
hi let gaya. Shumaila mere honthoon ko choomne lagi.
"Aaahh bhai jaan bahut shukriya." Wah mujhse boli.
"Shumaila tumhara bhi shukriya." Mene aankhe band kerte hue kahaa aur dono
apni saanse halki karne lage.
Kafi der yun hi lete rehne ke baad mene kerwat li aur phir dono ke dermian let
gaya tu Mammi ne mera chehra apni or karte kaha "Ab khush hai mera raja beta?"
Mene Mammi ke hontho ko josh se choom lia to Mammi mujhse boli, "Ye tha tumhare
itne dinoon ka inaam. Apni Mammi ki chudi purani choot aur gaand maarne ke badle
tumko apni bahan ki tazi kasi anchudi choot mili hai." Fir haath badha Shumaila
ki ek choochi ko pakad halke se sahlaate kaha, "Hai Shumaila tum thik to ho na?"
"Haan! Mammi bhai jaan ne tu meri phar hi dali." Shumaila ne haste huye kaha tu
ham teeno hasne lage.
"Lekin Mammi maza bahut aaya." Shumaila ne chhat ki taraf dekhte huye kaha aur
us ne haath badha kar mera lund pakad liya.
Mera lund phir se semi erecet ho chuka tha. Lund pakadte hi uske munh se nikla,
"Haai maan! Ye to phir se khada ho raha hai." Aur phir teeno ki hansi nikal gai.
"Beti isiliye tu kah rahi thi ki bahar ke ladke se khatra tu rahta hi hai maza
bhi pora nahi aata. Ghar par jab tak chaho chudwati raho. Bahar waqt nahi milta
jaldi aur ghar par bhai ke saath hi raat bhar leto. Ab ye tumhara hai ab is se
khoob maze karo kiyun beta?" Mammi ne meri taraf dekhte huye kaha.
"Haan Mammi ab yah jab chahe mera lund apni choot me le sakti hai." Kahte hue
kerwat le ker Mammi ki choochiyon ko chooma aur dono choochiyon ko dono haatho
me pakad liya.
"Mammi ab aap ko chodunga." Mene Mammi ki taraf dekhte huye kaha.
"Haan baba karain ge lekin abhi mere yahaan ka derwaza band hai." Mammi ne
shalwar ke upper se apni choot pe haath lagate huye kaha.
"Kia matlab? Me samjha nahi yahaan derwaza bhi hota hai kya?" Mene hairan
hote huye poocha aur dono log hasne lageen.
"Arye bodhu! Ladkiyo ko her mahine me yahaan se blood aata hai joki ganda
hota hai aur is dauran chudai nahi kerte ye aur 6/7 din aata rehta hai. Samjhe!"
Mammi ne use samjhaia.
"Kia blood! Lekin is se kuch hota nahi kia her larki ko aata hai?" Mene
pereshan hote huye poochha.
"Haan har larki ko aata hai, thora dard hota hai kamar me lekin aur kuch nahi
hota ye qudrat ka nizam hai. Aajkal mere aa raha hai. Jab tak mere aaye tu apni
bahan ko chod kuchh dino ke baad teri bahan ko aayega tab tu meri chodna." Mammi
ne jawab dia.
"Sab ladkiyo ko aik saath nahi aata hai ye! Sab ke apne hisab se din hote
hain." Mammi ne mere gal pe halki si chapat lagate huye kaha
The End
होता है और इस दौरान चुदाई नही केरते ये और 6/7 दिन आता रहता है. समझे!"
मम्मी ने उसे समझाइया.
"क्या ब्लड! लेकिन इस से कुछ होता नही क्या हर लड़की को आता है?" मेने
परेशान होते हुए पूछा.
"हां हर लड़की को आता है, थोड़ा दर्द होता है कमर मे लेकिन और कुछ नही
होता ये क़ुद्रत का नियम है. आजकल मेरे आ रहा है. जब तक मेरे आए तू अपनी
बहन को चोद कुच्छ दिनो के बाद तेरी बहन को आएगा तब तू मेरी चोद्ना." मम्मी
ने जवाब दिया.
"सब लड़कियो को ऐक साथ नही आता है ये! सब के अपने हिसाब से दिन होते
हैं." मम्मी ने मेरे गाल पे हल्की सी चपत लगाते हुए कहा.
"तुम्हारे कब आएगा शुमैला?" विकी ने कुछ सोचते हुए शुमैला से पूछा.
"आएगा तो बता दूँगी! बेशरम कहीं के." शुमैला ने मुस्कुराते हुए जवाब
दिया और करवट ले कर मुँह हम दोनो की तरफ कर लिया.
"अछा चलो अब जाओ अपने अपने कमरे मे और मुझे सोने दो." मम्मी ने मुझसे
कहा. "हां अब तो तुम दोनो को चुदाई का पहला मज़ा मिल गया ना अब तो शुमैला
नही शरमाएगी तू अपने भाई का लंड लेने मे." मम्मी ने पूछा.
"मज़ा! मम्मी भाई जान ने तो मेरी फाड़ दी है." शुमैला ने मुस्कुराते हुए कहा.
"हे शुमैला क्या फाड़ दी है?" मेने शुमैला की तरफ झुकते हुए पूछा.
"वोही मेरी शरम और क्या बेशरम कहीं के" शुमैला ने प्यार से कहा.
"क्या कहते हैं इस को बताओ ना शुमैला?" मेने फिर कहा.
"चलो भाई जान तुम तो पक्के बेशरम हो गये हो." शुमैला ने कहा.
"अच्छा अभी तो खूब बोल रही थी जब चुद रही थी. अब शर्मा रही है. प्लीज़
ऐक बार."
"चल अब जाता है अपने कमरे मे या नही?" मम्मी ने नकली गुस्सा दिखाया.
"मम्मी आप जाओ ना अपने कमरे मे मे शुमैला के साथ ही सोउँगा." मेने
शुमैला की चूचियों को पकड़ते कहा.
"हां मम्मी अब मे रोज़ रात को भाई जान के साथ ही सोया करूँगी. भाई जान अब
आप रोज़ाना मेरे रूम मे ही सोया करिएगा."
"नही मे तुम्हारे रूम मे नही बल्कि तुम मेरे रूम मे सोओगी."
"क्यों भाई जान." शुमैला ने अपनी चूचियों को देखते कहा.
"क्योंकि जैसे शादी के बाद लड़की अपने शौहर के घर जाती है वैसे ही तू अब
मेरे कमरे मे आया करेगी.
"ठीक है बेटा तुम लोग जैसे चाहे रहो पर मुझे ना भूल जाना." मम्मी ने
कहा.
"ओह्ह नही मम्मी भाई जान पहले आपको चोदेन्गे फिर मेरी लेंगे. और जब चाहे आप
हमलोगो के साथ रात भर मज़ा लीजिएगा." शुमैला ने खुश होते कहा.
"ठीक है बेटा अब मे जा रही हूँ और तुम दोनो भी जल्दी सोना, एक दिन मे ही
सारा मज़ा ना ले लेना."
"ओह्ह मम्मी बस एक बार और चुद्वाउन्गि भाई जान से."
"ठीक है बेटी." और मम्मी चली गयी.
मम्मी के जाते ही शुमैला मेरे ऊपर गिरती बोली, "भाई जान हाय आज तो आपने
बहुत मज़ा दिया. सच चुद्वाने का मज़ा सबसे ज़्यादा हसीन है. भाई जान अब पहले
मेरी चूत को चाटो और अपना मस्त लंड भी पिलाओ और फिर खूब कसकर चोदो.
हाई आज रात भर मज़ा लूँगी भाई जान."
"हां यार मे भी तेरी चाटना चाहता था. सच तेरी चूत का टेस्ट बहुत
जायकेदार है. चल आ बैठ मेरे मुँह पर."
फिर वह मेरे ऊपर अपनी चूत रख बैठ गयी. तो दोस्तो ये कहानी यही ख़तम होती है फिर मिलेंगे एक ओर नई कहानी के साथ।।
Me to jhada hi saath hi Shumaila ki choot ne bhi mera lund bahar aate hi bahu
sa pani chod dia. Wah bhi aik bar phir jhadne lagi aur us ne apni taangain jo
kafi der se hawa me theen bed pe rakh leen aur me jhadne ke baad uske upar
hi let gaya. Shumaila mere honthoon ko choomne lagi.
"Aaahh bhai jaan bahut shukriya." Wah mujhse boli.
"Shumaila tumhara bhi shukriya." Mene aankhe band kerte hue kahaa aur dono
apni saanse halki karne lage.
Kafi der yun hi lete rehne ke baad mene kerwat li aur phir dono ke dermian let
gaya tu Mammi ne mera chehra apni or karte kaha "Ab khush hai mera raja beta?"
Mene Mammi ke hontho ko josh se choom lia to Mammi mujhse boli, "Ye tha tumhare
itne dinoon ka inaam. Apni Mammi ki chudi purani choot aur gaand maarne ke badle
tumko apni bahan ki tazi kasi anchudi choot mili hai." Fir haath badha Shumaila
ki ek choochi ko pakad halke se sahlaate kaha, "Hai Shumaila tum thik to ho na?"
"Haan! Mammi bhai jaan ne tu meri phar hi dali." Shumaila ne haste huye kaha tu
ham teeno hasne lage.
"Lekin Mammi maza bahut aaya." Shumaila ne chhat ki taraf dekhte huye kaha aur
us ne haath badha kar mera lund pakad liya.
Mera lund phir se semi erecet ho chuka tha. Lund pakadte hi uske munh se nikla,
"Haai maan! Ye to phir se khada ho raha hai." Aur phir teeno ki hansi nikal gai.
"Beti isiliye tu kah rahi thi ki bahar ke ladke se khatra tu rahta hi hai maza
bhi pora nahi aata. Ghar par jab tak chaho chudwati raho. Bahar waqt nahi milta
jaldi aur ghar par bhai ke saath hi raat bhar leto. Ab ye tumhara hai ab is se
khoob maze karo kiyun beta?" Mammi ne meri taraf dekhte huye kaha.
"Haan Mammi ab yah jab chahe mera lund apni choot me le sakti hai." Kahte hue
kerwat le ker Mammi ki choochiyon ko chooma aur dono choochiyon ko dono haatho
me pakad liya.
"Mammi ab aap ko chodunga." Mene Mammi ki taraf dekhte huye kaha.
"Haan baba karain ge lekin abhi mere yahaan ka derwaza band hai." Mammi ne
shalwar ke upper se apni choot pe haath lagate huye kaha.
"Kia matlab? Me samjha nahi yahaan derwaza bhi hota hai kya?" Mene hairan
hote huye poocha aur dono log hasne lageen.
"Arye bodhu! Ladkiyo ko her mahine me yahaan se blood aata hai joki ganda
hota hai aur is dauran chudai nahi kerte ye aur 6/7 din aata rehta hai. Samjhe!"
Mammi ne use samjhaia.
"Kia blood! Lekin is se kuch hota nahi kia her larki ko aata hai?" Mene
pereshan hote huye poochha.
"Haan har larki ko aata hai, thora dard hota hai kamar me lekin aur kuch nahi
hota ye qudrat ka nizam hai. Aajkal mere aa raha hai. Jab tak mere aaye tu apni
bahan ko chod kuchh dino ke baad teri bahan ko aayega tab tu meri chodna." Mammi
ne jawab dia.
"Sab ladkiyo ko aik saath nahi aata hai ye! Sab ke apne hisab se din hote
hain." Mammi ne mere gal pe halki si chapat lagate huye kaha
The End