13-10-2023, 09:43 AM
शुमैला तो मेरी बात सुन शर्मा कर घबराने सी लगी पर मम्मी ने कहा, "और
क्या क्या किया है तुमने मेरी बेटी के साथ?"
"माँ मेने अपनी प्यारी बहन को अपना लंड पिलाया है और इसकी चूचियों का रस
पिया है और इसकी चूत को खूब चाटा है."
"अरे तुम दोनो इतना सब कर चुके हो. क्यों बेटी तुमने अपने भाई का लंड मुँह से
चूसा है और अपनी चूचियाँ पिलाई हैं?"
"ज्जज्ज..." शुमैला हिचकिचई.
"हान्न मामी यह लंड को खूब कसकर चूस्ति है और सारा पानी मुँह मे ही लेती
है और मम्मी अपनी चूचियों को खूब दबा दबाकर पिलाती है सारा रस मेरे
मुँह मे निचोड़ देती है."
मम्मी शुमैला के चेहरे को पकड़ बोली, "मे तो कह रही थी कि थोड़ा बहुत
भाई को दिखा दिया करो पर तुमने तो खूब मज़े लिए अपने भाई जान से, चलो कोई
बात नही बेटी आज तुम लोग और मज़ा लो."
"मम्मी प्लीज़ आज मे इसकी चोदुन्गा."
"अरे तो चोदो ना कोई मना करता है क्या? बेटी अपने भाई का लंड चूत मे लो
बहुत मज़ा आएगा."
यह बात सुन शुमैला खुल कर बोली, "मामी मे भाईजान का लंड मुँह मे तो
रोज़ ही लेती हूँ पर चूत मे आज पहली बार लूँगी इसलिए प्लीज़ आप भी साथ
रहिएगा."
"ठीक है बेटी आमिर बेटा चलो आज पहले मुझे चोद्कर अपनी बहन को दिखाओ फिर
इसको चोद्ना."
"अब उपेर आओ ना बेड पर यूँही खड़े रहो गे क्या? यहाँ आओ बेटा." मम्मी ने मेरा
हाथ पकड़ मुझे बिठा लिया.
"यहाँ नही हमारे दरमियाँ आओ, आज यहाँ ही केरते हैं जो केरना है. शुमैला
वैसे भी घबरा रही है, मुझे ही कुछ करना पड़ेगा." मम्मी ने नकली गुस्सा
देखते हुए मुस्कुरा कर कहा और मुझे अपने और शुमैला के बीच बिठा
लिया.
"अच्छा अब जो कहती जाऊं वैसे केरते जाओ तुम दोनो! ओके!"
हम दोनो ने खामोशी से सिर हिला दिया.
"पहले तो तुम दोनो रेलेक्ष हो जाओ कुछ नही हो गा किसी को ओके! और ये तो उतारो."
मम्मी मेरी शर्ट उतारने लगी उस ने बाज़ू उप्पेर कर
के शर्ट उतरवा ली, फिर मम्मी ने मेरी चेस्ट पे हाथ फेर
"देखो शुमैला तेरे भाई के जिस्म पे कैसे प्यारे कट्स हैं." मम्मी ने शुमैला
का हाथ पकड़ के मेरे चेस्ट पे रख दिया. शुमैला का दिल ऐक बार ज़ोर से धड़का
लेकिन उस ने हिम्मत नही छोड़ी और हल्के हल्के अपना गर्म गर्म हाथ मेरे चेस्ट पे
फैरने लगी. मे अब रेलेक्ष था मेरा लंड आहिस्ता आहिस्ता फूलने लगा था. तभी
मम्मी ने मेरे पैट पे हाथ फेरते हुए मेरे सेमी एरेक्टेड कॉक को ट्राउज़र के
उप्पेर से ही पकड़ लिया और बोली, "आरएे क्या केरते हो!! जवान बनो, चलो ये भी
उतारो."
और मम्मी ने मेरा ट्राउज़र भी उतार दिया. मेने हल्का सा खुद को उठा कर ट्राउज़र
उतारने मे मम्मी की मदद की. अब मे दोनो के दरमियाँ बिल्कुल नंगा बैठा था.
शुमैला की नज़ारे मेरे सेमी एरेक्टेड लंड पर थीं जो कि मम्मी के हाथ मे
था. उस का दिल अब और भी ज़ोर से धरकने लगा था.
"आमिर बेटा इस को बड़ा करो." मम्मी ने कहा.
"मम्मी आप खुद ही कर लो ना, आप को तो आता है ना." मेने मम्मी की तरफ
देखते हुए जवाब दिया.
"बड़ा होशयार हो गया है मेरा बेटा. चल तू लेट जा हम खुद ही कर लेते हैं
इस को बड़ा." मम्मी ने मुझे कंधे से पकड़ कर लिटा दिया और खुद मेरी टाँगो की
तरफ आ गई और शुमैला का हाथ जो अभी तक मेरे सीने पे था पकड़ कर मेरे
लंड पे रख दिया.
"पाकड़ो इसे!!! आज से ये तुम्हारा है."
और शुमैला ने मेरा लंड हाथ मे ले कर मुट्ठी बंद कर ली. उसे लगा के जैसे
उस ने कोई गर्म गर्म रोड पकड़ लिया है वो काफ़ी सख़्त हो रहा था और झटके ले
रहा था. मे शुमैला के हाथ की नर्मी और गर्मी अपने रोड पे महसूस कर के और
भी हार्ड होने लगा.
"ऐसे करो जान." मम्मी ने शुमैला का हाथ पकड़ के मेरे लंड पे ऊपर नीचे
किया और शुमैला अपने हाथ को हल्के हल्के अप्पर नीचे केरने लगी और मेरे लंड
की रगो को अपने हथेली मे महसूस केरने लगी.
"मम्मी ये तो बोहत बड़ा है." शुमैला ने आहिस्ता से सेरगोशी की.
"हां, और मज़े का भी." मम्मी ने शुमैला की आँखो मे देखा और थोड़ा सा
झुक कर मेरे हार्ड राक लंड के हेड पे किस की और मेरे पूरे बदन मे करेंट
सा दौड़ गया.
"चलो बेटी अब तुम्हारी बारी." मम्मी ने शुमैला को कहा और शुमैला ने ऐक
नज़र मेरी तरफ देखा. मे सिर उठा कर उस की तरफ ही देख रहा था.
शुमैला बहुत अच्छी आक्टिंग कर रही थी शरमाने की. साली कई दिन से मेरा लंड
चूस रही थी पर आज मम्मी के सामने बेचारी शर्मा भी रही थी इसलिए लग
रहा था जैसे सबकुच्छ आज पहली बार हो रहा है. शुमैला ने शेरमाते हुए
जल्दी से मेरे तने हुए लंड के सिर पे किस कर दी.
"शाबाश." मम्मी ने कहा. "अब तो तुम दोनो की शरम उतर गई ना."
"मम्मी मे अकेला ही नंगा रहूं गा क्या?" मेने मम्मी से पूछा.
"नही हम भी उतरने लगे हैं कपड़े तुम परेशान कियूं होते हो, ये लो बाबा."
और मम्मी ने अपनी कमीज़ ऐक झटके से उतार दी और उनकी बड़ी बड़ी चूचियाँ
उछल कर बाहर आ गयी.
"चलो बेटी उतारो इसे." मम्मी ने शुमैला की कमीज़ पकड़ कर कहा.
"मुझे शर्म आती है आप ही उतारो." शुमैला ने नज़रे झुकाते हुए कहा.
"ओह! हो अभी भी शर्म, लाओ इधर आओ ज़रा." और मम्मी ने शुमैला की कमीज़ भी
उतार दी. शुमैला ने बाज़ू उपर कर के मम्मी की हेल्प की.
"गुड!" मम्मी ने कहा और उस की कमर पे हाथ लेजा कर उस की ब्रा भी खोल दी.
अब शुमैला की गोल गोल पर्फेक्ट तनी हुई 32 साइज़ की चूचियाँ बाहर आ गईं.
मम्मी ने दोनो पे हाथ फेरा और कहा, "लो ज़रा मेरी ब्रा तो खोलना." मम्मी ने
अपनी कमर शुमैला की तरफ की.
और उस ने मम्मी की ब्रा खोल दी. अब दोनो के जिस्मो पे सिर्फ़ शलवार थीं.
मे कमरे की ब्लू रोशनी मे दोनो की चमकती हुई चूचियाँ देख रहा था.
"लो मेरे राजा तुम इन से खेलो हम इस से खैलते हैं." मम्मी ने शुमैला की ऐक
चूची को पकड़ कर मेरे सामने कर दिया और मेने हाथ बढ़ा कर शुमैला की
चूची को पकड़ लिया और दबाने लगा.
Fir mene kuchh der uski choochiyon ko munh me lekar choosa aur fir jab wah
ekdam mast ho gayi tu apni pant khol lund ko nikal use diya. usne mere lund ko
pakda aur fauran munh me le liya. Wah mere lund ko hontho se daba daba kaskar
choos rahi thi. 30-35 baar choosa tha ki mene lund bahar nikal.
"Kya hua bhai jaan?"
"Ab chudwao apni."
"Nahi nahi bhai jaan please.."
"Are yaar darti kyon hai."
"Nahi nahi mujhe nahi chudwana. Chuswakar jhadwalo par chudwaungi nahi."
"Tab mene uske munh ko hi chodkar apna jhada."
Fir me gussa dikhate apne room me chala gaya.
Agle din subah naashte par Mammi ne poochha, "Beti raat me bhai ne tumko pyaar
kiya tha?"
Wah sharmayi tu Mammi ne mujhse kaha, "Kyon beta raat me apni bahan ko pyaar
kiya tha?"
"Haan Mammi thoda sa kiya tha."
"Thoda sa kya matlab?"
"Yah kuchh karne hi nahi deti."
"Kyon beti are mene kaha tha jo bhai kare karne dena, chalo koi baat nahi
naashta ho gaya chalo ab mere room me dono log dekhte hain tum log kya karte
ho."
Fir Mammi hamdono ko apne room me la khud bed par baithi aur mujhe ek or
bitha Shumaila ka haath pakad use apne paas bitha uske gaalo ko sahlati pyaar se
boli, "Beti kya hua bolo bhai tumko pareshan karta hai kya?"
Wah chup rahi tu Mammi ne fir kaha, "Beti kal raat mene dekha tha ki tum apne
bhai ki god me baithi ho."
"Jjjji..."
"Haan haan bolo, tum apne bhai ki god me baithti ho ki nahi?"
Wah sharmayi tu Mammi ne kaha, "Are beti sharmao nahi apne bhai ki hi god me
baithi thi na koi bahar wale ki god me tu nahi, koi baat nahi tum log jo man
kare kiya karo."
Fir Mammi mujhse boli, "Kyon beta tum apni bahan ko apni god me bithate ho."
"Ji Mammi mujhe bahut achha lagta hai jab yah meri god me baithti hai. Aur..."
"Aur kya beta?"
"Aur me ise apni god me bithakar iski dono pakadkar..."
"Kya tum tu na sharmao apni bahan ki tarah."
"Aur me iski dono choochiyon ko pakad kar daba daba isko choomta hoon."
Shumaila tu meri baat sun sharma kar ghabrane si lagi par Mammi ne kaha, "Aur
kya kya kiya hai tumne meri beti ke saath?"
"Maan mene apni pyari bahan ko apna lund pilaya hai aur iski choochiyon ka rass
piya hai aur iski choot ko khoob chaaTaa hai."
"Are tum dono itna sab kar chuke ho. Kyon beti tumne apne bhai ka lund munh se
choosa hai aur apni chochiyan pilayi hain?"
"Jjjj..." Shumaila hichkichaii.
"Hann Maami yah lund ko khoob kaskar choosti hai aur sara pani munh me hi leti
hai aur Mammi apni choochiyon ko khoob daba dabakar pilati hai saara ras mere
munh me nichod deti hai."
Mammi shumaila ke chehre ko pakad boli, "Me tu kah rahi thi ki thoda bahut
bhai ko dikha diya karo par tumne tu khoob maze liye apne bhai jaan se, chalo koi
baat nahi beti aaj tum log aur maza lo."
"Mammi please aaj me iski chodunga."
"Are tu chodo na koi mana karta hai kya? Beti apne bhai ka lund choot me lo
bahut maza aayega."
Yah baat sun Shumaila khultkar boli, "Maami me bhaijan ka lund munh me tu
roz hi leti hoon par choot me aaj pahli baar lungi isliye please aap bhi saath
rahiyega."
"Theek hai beti Amir beta chalo aaj pahle mujhe chodkar apni bahan ko dikhao fir
isko chodna."
"Ab uper aao na bed par yunhi khare raho ge kia? Yahan aao beta." Mammi ne mera
haath pakad mujhe bitha liya.
"Yahaan nahi hamare dermian aao, aaj yahaan hi kerte hain jo kerna hai. Shumaila
waise bhi gabra rahi hai, mujhe hi kuch kerna padega." Mammi ne nakli ghussa
dekhate huye muskura kar kaha aur mujhe apne aur Shumaila ke rmian bitha
liya.
"Acha ab jo kehti jaoon waise kerte jao tum dono! Ok!"
Ham Dono ne khamoshi se sir hila dia.
"Pehle to tum dono relex ho jao kuch nahi ho ga kisi ko ok! Aur ye to utaro."
Mammi meri shirt utarne lagi us ne bazoo upper ker
ke shirt utrwa li, fir mammi ne meri chest pe haath phera.
"Dekho shumaila tere bhai ke jism pe kaise pyare cuts hain." Mammi ne shumaila
ka haath pakad ke mere chest pe rakh dia. Shumaila ka dil aik bar zor se dharka
lekin us ne himat nahi chori aur halke halke apna garm garm haath mere chest pe
phairne lagi. Me ab relex tha mera lund ahista ahista pholone laga tha. Tabhi
Mammi ne meri pait pe haath phairte huye mere semi erected cock ko trouser k
upper se hi pakad lia aur boli, "Arye kia kerte ho!! Jawan bano, chalo ye bhi
utaro."
Aur mammi ne meri trouser bhi utar dia. Mene halka sa khud ko utha ker trouser
utarne me mammi ki madad ki. Ab me dono ke dermian bilkul nanga betha tha.
Shumaila ki nazrain mere semi erected lund per theen jo ke Mammi ke haath me
tha. Us ka dil ab aur bhi zor se dharkne laga tha.
"Amir beta is ko bara karo." Mammi ne kaha.
"Mammi aap khud hi ker lo na, aap ko to aata hai na." Mene Mammi ki taraf
dekhte huye jawab dia.
"Bara hoshyar ho gaya hai mera beta. Chal tu let ja ham khud hi ker lete hain
is ko bara." Mammi ne mujhe kandhe se pakad kar lita dia aur khud meri taango ki
taraf aa gai aur Shumaila ka haath jo abhi tak mere seene pe tha pakad ker mere
lund pe rakh dia.
"Pakro ise!!! Aaj se ye tumhara hai."
Aur shumaila ne mera lund haath me le ker muthi band ker li. Use laga ke jaise
us ne koi garm garm Rod pakad liya hai wo kafi sakht ho raha tha aur jhatke le
raha tha. Me Shumaila k haath ki narmi aur garmi apne rod pe mehsoos ker k aur
bhi hard hone laga.
"Aise karo jaan." Mammi ne Shumaila ka haath pakad ke mere lund pe opar niche
kia aur Shumaila apne haath ko halke halka upper niche kerne lagi aur mere lund
ki ki ragoon ko apne hatheli me mehsoos kerne lagi.
"Mammi ye to bohat bara hai." Shumaila ne ahista se sergoshi ki.
"Haan, aur maze ka bhi." Mammi ne Shumaila ki aankhoon me dekha aur thora sa
jhuk ker mere hard rock lund ke head pe kiss ki aur mere pure badan me current
sa daor gaya.
"Chalo beti ab tumhari bari." Mammi ne Shumaila ko kaha aur Shumaila ne aik
nazar meri taraf dekha. Me sir utha ker us ki taraf hi dekh raha tha.
Shumaila bahut achhi acting kar rahi thi sharmane ki. Saali kai din se mera lund
choos rahi thi par aaj Mammi ke saamne bechari Sharma bhi rahi thi isliye lag
raha tha jaise sabkuchh aaj pahli baar ho raha hai. Shumailan ne shermate huye
jaldi se mere tane huye lund ke sir pe kis ker di.
"Shabash." Mammi ne kahaa. "Ab to tum dono ki sharam utar gai na."
"Mammi me akaila hi nanga rahoon ga kia?" Mene Mammi se poocha.
"Nahi ham bhi utarne lage hain kapade tum pereshan kiyun hotye ho, ye lo Baba."
Aur mammi ne apni kamenez aik jhatke se uttar di aur unki bari bari choociyan
uchal kar bahar aa gayi.
"Chalo beti utaro ise." Mammi ne shumaila ki kamenez pakad kar kahaa.
"Mujhe sharm aati hai aap hi utaro." Shumaila ne nazrain jhukate huye kahaa.
"Oh! Ho abhi bhi sharm, lao idhar aao zara." Aur Mammi ne Shumaila ki kamenez bhi
utar di. Shumaila ne bazoo upper ker ke Mammi ki help ki.
"Good!" Mammi ne kahaa aur us ki kamar pe haath leja ker us ki bra bhi khol di.
Ab Shumaila ki gol gol perfect tani hui 32 size ki choochiyan bahar aa gaeen.
Mammi ne dono pe haath phaira aur kaha, "Lo zara meri bra to kholna." Mammi ne
apni kamar Shumaila ki taraf ki.
Aur us ne mammi ki bra khol de. Ab dono ke jismoon pe sirf Shalwarain theen.
Me kamre ki blue roshni me dono ki chamakti huyi choochiyan dekh raha tha.
"Lo mere raja tum in se khailo ham is se khailte hain." Mammi ne Shumaila ki aik
choochi ko pakad ker mere samne ker dia aur mene haath badha ker Shumaila ki
choochi ko pakad liya aur dabane laga.
kramashah…
शुमैला को मे आज मम्मी के सामने छू रहा था. उसे बेहद मज़ा आने लगा और
मम्मी ने मेरे हार्ड लंड को अपने हाथो मे ले लिया और फिर थोड़ा सा झुक कर
लंड पे किस्सिंग करनी शुरू कर दी. मुझे मम्मी की गर्म गर्म साँसे पागल कर
रही थीं और मेरी आँखे बंद हो गईं. उधेर शुमैला मेरे और नज़दीक हो
कर मेरे दोनो हाथो से अपनी चूचियों को मसलवा रही थी और आँखे बंद
कर के लंबी लंबी साँसे ले रही थी. उस का दिल ज़ोर ज़ोर से धड़क रहा था.
तभी मम्मी ने मुँह खोल कर मेरा आधे से ज़ियादा लंड अपने अंदर ले लिया और
चूसने लगी. मेरा बदन अकड़ने लगा. मम्मी ने दो तीन बार ही चूसा कि फॉरन
ही मेरा फोव्वारा मम्मी के मुँह मे ही छूट गया. मम्मी को मेरा नमकीन पानी
अपने मुँह मे आते महसूस हुआ लेकिन मम्मी ने मेरा लंड बाहर नही निकाला. वो
वैसे ही उसे चूस्ति रही, अंदर बाहर करती रही और मेरे कम का फुल लोड मम्मी
मुँह मे भर गया.
"आह्ह्ह्ह! गंदे! इतनी जल्दी." मम्मी ने अपने दुपट्टे से अपना मुँह सॉफ करते हुए
कहा तो शुमैला ने भी आँखे खोल कर मम्मी की तरफ देखा. उसे नही पता
चल सका कि ये क्या हुआ है.
"मम्मी आज पता नही क्या हुआ." मैने धीरे से कहा.
"हां मुझे पता है. आज तेरे हाथों मे बहन की चूचियाँ जो हैं. कैसा
लगा?" मम्मी ने कहा.
"बोहुत ही अच्छा मम्मी बड़ा मज़ा आया." मेने मस्ती से भरी आवाज़ मे कहा और
ज़ोर शुमैला की चूचियाँ को दबा दिया.
शुमैला ने बड़ी मुश्किल से अपनी चीख रोकी और बोली, "क्या केरते हो भाईजान
दर्द होता है यहाँ, आहिस्ता पकडो ना." शुमैला ने
मेरे चेहरे पे हाथ फेरते हुए कहा.
"ओह! सॉरी शुमैला मे दरअसल झाड़ गया था ना पता ही नही चला."
"चलो अब तुम ज़रा शुमैला को भी वो मज़ा दो मे तुम्हे दोबारा हार्ड केरती
हूँ." मम्मी ने कहा तो मेने शुमैला को बेड पे सीधा लिटा दिया और उस की
टाँगे ज़रा सी खोल कर करवट के बल उस के उप्पेर आ गया और शुमैला के
होंठो पे किस्सिंग केरने लगा तो मम्मी मेरे सेमी एरेक्टेड लंड के पास लेट गई
और मेरे लंड पे ज़ुबान फैरने लगी जिस से लंड फिर से हार्ड होने लगा.
शुमैला ने पहले तो अपने होंठ कस के बंद किए हुए थे लेकिन उसे जब मज़ा
आने लगा मेरे चूमने का तो वो भी रेस्पॉन्स देने लगी उस ने अपने होंठ खोल
दिए. अब मेरे और शुमैला की ज़ुबाने ऐक दूसरे से खैलने लगीं. ऐसी
किस्सिंग का शुमैला को बोहत मज़ा आता था. मम्मी ने चूम के चाट के चूस के
मेरा लंड फिर से हार्ड कर दिया था और वो मुसलसल मेरा लंड उपर
से नीचे तक चाट रही थी और फिर वो मेरे लंड के नीचे थैली मे बंद बॉल्स
को ज़ुबान से चाटने लगी. मेरे साथ ये पहली बार
हो रहा था. मेरे बदन मे लहरे सी उठने लगीं और ऐक नया सा सरूर
आने लगा और मेरी किस्सिंग मे जोश सा आ गया और मेने शुमैला के पूरे
चहरे को चूमना शुरू कर दिया. फिर उस के कानो पे आया और गर्दन पे और फिर
दोनो हाथ मे शुमैला की चूचियाँ पकड़ लीं और उस के लेफ्ट निपल को मुँह
मे ले कर चूसने लगा और ज़ुबान उस पे फैरने लगा. शुमैला के दोनो निपल्स
हार्ड हो कर खड़े हो गये थे. मेरी ज़ुबान उस के निपल के गिर्द गोल गोल घूम
रही थी और वो मज़े की दुनियाँ मे आँखे बंद किए उड़ रही थी. मे
दीवानो की तरह अब उस की चूचियों को चूस रहा था, काट रहा था और दोनो
हाथो से ज़ोर ज़ोर से सहला भी रहा था.
तभी शुमैला को महसूस हुआ कि उस की टाँगो के दरमियाँ फँसी हुई छ्होटी सी
चूत से पानी का सैलाब आ गया है. और वो झडने लगी. उस ने अपनी टाँगे और
भी फैला लीं और अपने कुल्हो को ज़रा सा उठा कर अपनी चूत को अपने अप्पर
लेते हुए अपने भाई की पसलियो से लगाया और अच्छी तरह ज़ोर से रगड़ा. मेने
ये हरकत महसूस की और शुमैला की चूचियों से हाथ हटाया और उस की
शलवार उतारने लगा. शुमैला ने गांद को उठा कर मुझे अपनी शलवार उतरने दी.
इस हरकत से मेरा लंड मम्मी क मुँह से निकल गया और वो उठ कर बैठ गई और
देखने लगी क़ि मे शुमैला की शलवार उतार रहा हूँ.
"गुड! अब आए हो ना दोनो तुम पूरे मज़े मे! शाबाश बेटा आज इस को वो मज़ा
देना कि सारी ज़िंदगी याद रखे." मम्मी ने जोश से भरी आवाज़ मे कहा और
मुझे भी जोश आ गया और मेने शुमैला की शलवार उतार कर उस की टांगे
ज़रा सी और फैला दीं और झुक गया शुमैला की छ्होटी सी चूत पर मुँह
रखा.
क्या क्या किया है तुमने मेरी बेटी के साथ?"
"माँ मेने अपनी प्यारी बहन को अपना लंड पिलाया है और इसकी चूचियों का रस
पिया है और इसकी चूत को खूब चाटा है."
"अरे तुम दोनो इतना सब कर चुके हो. क्यों बेटी तुमने अपने भाई का लंड मुँह से
चूसा है और अपनी चूचियाँ पिलाई हैं?"
"ज्जज्ज..." शुमैला हिचकिचई.
"हान्न मामी यह लंड को खूब कसकर चूस्ति है और सारा पानी मुँह मे ही लेती
है और मम्मी अपनी चूचियों को खूब दबा दबाकर पिलाती है सारा रस मेरे
मुँह मे निचोड़ देती है."
मम्मी शुमैला के चेहरे को पकड़ बोली, "मे तो कह रही थी कि थोड़ा बहुत
भाई को दिखा दिया करो पर तुमने तो खूब मज़े लिए अपने भाई जान से, चलो कोई
बात नही बेटी आज तुम लोग और मज़ा लो."
"मम्मी प्लीज़ आज मे इसकी चोदुन्गा."
"अरे तो चोदो ना कोई मना करता है क्या? बेटी अपने भाई का लंड चूत मे लो
बहुत मज़ा आएगा."
यह बात सुन शुमैला खुल कर बोली, "मामी मे भाईजान का लंड मुँह मे तो
रोज़ ही लेती हूँ पर चूत मे आज पहली बार लूँगी इसलिए प्लीज़ आप भी साथ
रहिएगा."
"ठीक है बेटी आमिर बेटा चलो आज पहले मुझे चोद्कर अपनी बहन को दिखाओ फिर
इसको चोद्ना."
"अब उपेर आओ ना बेड पर यूँही खड़े रहो गे क्या? यहाँ आओ बेटा." मम्मी ने मेरा
हाथ पकड़ मुझे बिठा लिया.
"यहाँ नही हमारे दरमियाँ आओ, आज यहाँ ही केरते हैं जो केरना है. शुमैला
वैसे भी घबरा रही है, मुझे ही कुछ करना पड़ेगा." मम्मी ने नकली गुस्सा
देखते हुए मुस्कुरा कर कहा और मुझे अपने और शुमैला के बीच बिठा
लिया.
"अच्छा अब जो कहती जाऊं वैसे केरते जाओ तुम दोनो! ओके!"
हम दोनो ने खामोशी से सिर हिला दिया.
"पहले तो तुम दोनो रेलेक्ष हो जाओ कुछ नही हो गा किसी को ओके! और ये तो उतारो."
मम्मी मेरी शर्ट उतारने लगी उस ने बाज़ू उप्पेर कर
के शर्ट उतरवा ली, फिर मम्मी ने मेरी चेस्ट पे हाथ फेर
"देखो शुमैला तेरे भाई के जिस्म पे कैसे प्यारे कट्स हैं." मम्मी ने शुमैला
का हाथ पकड़ के मेरे चेस्ट पे रख दिया. शुमैला का दिल ऐक बार ज़ोर से धड़का
लेकिन उस ने हिम्मत नही छोड़ी और हल्के हल्के अपना गर्म गर्म हाथ मेरे चेस्ट पे
फैरने लगी. मे अब रेलेक्ष था मेरा लंड आहिस्ता आहिस्ता फूलने लगा था. तभी
मम्मी ने मेरे पैट पे हाथ फेरते हुए मेरे सेमी एरेक्टेड कॉक को ट्राउज़र के
उप्पेर से ही पकड़ लिया और बोली, "आरएे क्या केरते हो!! जवान बनो, चलो ये भी
उतारो."
और मम्मी ने मेरा ट्राउज़र भी उतार दिया. मेने हल्का सा खुद को उठा कर ट्राउज़र
उतारने मे मम्मी की मदद की. अब मे दोनो के दरमियाँ बिल्कुल नंगा बैठा था.
शुमैला की नज़ारे मेरे सेमी एरेक्टेड लंड पर थीं जो कि मम्मी के हाथ मे
था. उस का दिल अब और भी ज़ोर से धरकने लगा था.
"आमिर बेटा इस को बड़ा करो." मम्मी ने कहा.
"मम्मी आप खुद ही कर लो ना, आप को तो आता है ना." मेने मम्मी की तरफ
देखते हुए जवाब दिया.
"बड़ा होशयार हो गया है मेरा बेटा. चल तू लेट जा हम खुद ही कर लेते हैं
इस को बड़ा." मम्मी ने मुझे कंधे से पकड़ कर लिटा दिया और खुद मेरी टाँगो की
तरफ आ गई और शुमैला का हाथ जो अभी तक मेरे सीने पे था पकड़ कर मेरे
लंड पे रख दिया.
"पाकड़ो इसे!!! आज से ये तुम्हारा है."
और शुमैला ने मेरा लंड हाथ मे ले कर मुट्ठी बंद कर ली. उसे लगा के जैसे
उस ने कोई गर्म गर्म रोड पकड़ लिया है वो काफ़ी सख़्त हो रहा था और झटके ले
रहा था. मे शुमैला के हाथ की नर्मी और गर्मी अपने रोड पे महसूस कर के और
भी हार्ड होने लगा.
"ऐसे करो जान." मम्मी ने शुमैला का हाथ पकड़ के मेरे लंड पे ऊपर नीचे
किया और शुमैला अपने हाथ को हल्के हल्के अप्पर नीचे केरने लगी और मेरे लंड
की रगो को अपने हथेली मे महसूस केरने लगी.
"मम्मी ये तो बोहत बड़ा है." शुमैला ने आहिस्ता से सेरगोशी की.
"हां, और मज़े का भी." मम्मी ने शुमैला की आँखो मे देखा और थोड़ा सा
झुक कर मेरे हार्ड राक लंड के हेड पे किस की और मेरे पूरे बदन मे करेंट
सा दौड़ गया.
"चलो बेटी अब तुम्हारी बारी." मम्मी ने शुमैला को कहा और शुमैला ने ऐक
नज़र मेरी तरफ देखा. मे सिर उठा कर उस की तरफ ही देख रहा था.
शुमैला बहुत अच्छी आक्टिंग कर रही थी शरमाने की. साली कई दिन से मेरा लंड
चूस रही थी पर आज मम्मी के सामने बेचारी शर्मा भी रही थी इसलिए लग
रहा था जैसे सबकुच्छ आज पहली बार हो रहा है. शुमैला ने शेरमाते हुए
जल्दी से मेरे तने हुए लंड के सिर पे किस कर दी.
"शाबाश." मम्मी ने कहा. "अब तो तुम दोनो की शरम उतर गई ना."
"मम्मी मे अकेला ही नंगा रहूं गा क्या?" मेने मम्मी से पूछा.
"नही हम भी उतरने लगे हैं कपड़े तुम परेशान कियूं होते हो, ये लो बाबा."
और मम्मी ने अपनी कमीज़ ऐक झटके से उतार दी और उनकी बड़ी बड़ी चूचियाँ
उछल कर बाहर आ गयी.
"चलो बेटी उतारो इसे." मम्मी ने शुमैला की कमीज़ पकड़ कर कहा.
"मुझे शर्म आती है आप ही उतारो." शुमैला ने नज़रे झुकाते हुए कहा.
"ओह! हो अभी भी शर्म, लाओ इधर आओ ज़रा." और मम्मी ने शुमैला की कमीज़ भी
उतार दी. शुमैला ने बाज़ू उपर कर के मम्मी की हेल्प की.
"गुड!" मम्मी ने कहा और उस की कमर पे हाथ लेजा कर उस की ब्रा भी खोल दी.
अब शुमैला की गोल गोल पर्फेक्ट तनी हुई 32 साइज़ की चूचियाँ बाहर आ गईं.
मम्मी ने दोनो पे हाथ फेरा और कहा, "लो ज़रा मेरी ब्रा तो खोलना." मम्मी ने
अपनी कमर शुमैला की तरफ की.
और उस ने मम्मी की ब्रा खोल दी. अब दोनो के जिस्मो पे सिर्फ़ शलवार थीं.
मे कमरे की ब्लू रोशनी मे दोनो की चमकती हुई चूचियाँ देख रहा था.
"लो मेरे राजा तुम इन से खेलो हम इस से खैलते हैं." मम्मी ने शुमैला की ऐक
चूची को पकड़ कर मेरे सामने कर दिया और मेने हाथ बढ़ा कर शुमैला की
चूची को पकड़ लिया और दबाने लगा.
Fir mene kuchh der uski choochiyon ko munh me lekar choosa aur fir jab wah
ekdam mast ho gayi tu apni pant khol lund ko nikal use diya. usne mere lund ko
pakda aur fauran munh me le liya. Wah mere lund ko hontho se daba daba kaskar
choos rahi thi. 30-35 baar choosa tha ki mene lund bahar nikal.
"Kya hua bhai jaan?"
"Ab chudwao apni."
"Nahi nahi bhai jaan please.."
"Are yaar darti kyon hai."
"Nahi nahi mujhe nahi chudwana. Chuswakar jhadwalo par chudwaungi nahi."
"Tab mene uske munh ko hi chodkar apna jhada."
Fir me gussa dikhate apne room me chala gaya.
Agle din subah naashte par Mammi ne poochha, "Beti raat me bhai ne tumko pyaar
kiya tha?"
Wah sharmayi tu Mammi ne mujhse kaha, "Kyon beta raat me apni bahan ko pyaar
kiya tha?"
"Haan Mammi thoda sa kiya tha."
"Thoda sa kya matlab?"
"Yah kuchh karne hi nahi deti."
"Kyon beti are mene kaha tha jo bhai kare karne dena, chalo koi baat nahi
naashta ho gaya chalo ab mere room me dono log dekhte hain tum log kya karte
ho."
Fir Mammi hamdono ko apne room me la khud bed par baithi aur mujhe ek or
bitha Shumaila ka haath pakad use apne paas bitha uske gaalo ko sahlati pyaar se
boli, "Beti kya hua bolo bhai tumko pareshan karta hai kya?"
Wah chup rahi tu Mammi ne fir kaha, "Beti kal raat mene dekha tha ki tum apne
bhai ki god me baithi ho."
"Jjjji..."
"Haan haan bolo, tum apne bhai ki god me baithti ho ki nahi?"
Wah sharmayi tu Mammi ne kaha, "Are beti sharmao nahi apne bhai ki hi god me
baithi thi na koi bahar wale ki god me tu nahi, koi baat nahi tum log jo man
kare kiya karo."
Fir Mammi mujhse boli, "Kyon beta tum apni bahan ko apni god me bithate ho."
"Ji Mammi mujhe bahut achha lagta hai jab yah meri god me baithti hai. Aur..."
"Aur kya beta?"
"Aur me ise apni god me bithakar iski dono pakadkar..."
"Kya tum tu na sharmao apni bahan ki tarah."
"Aur me iski dono choochiyon ko pakad kar daba daba isko choomta hoon."
Shumaila tu meri baat sun sharma kar ghabrane si lagi par Mammi ne kaha, "Aur
kya kya kiya hai tumne meri beti ke saath?"
"Maan mene apni pyari bahan ko apna lund pilaya hai aur iski choochiyon ka rass
piya hai aur iski choot ko khoob chaaTaa hai."
"Are tum dono itna sab kar chuke ho. Kyon beti tumne apne bhai ka lund munh se
choosa hai aur apni chochiyan pilayi hain?"
"Jjjj..." Shumaila hichkichaii.
"Hann Maami yah lund ko khoob kaskar choosti hai aur sara pani munh me hi leti
hai aur Mammi apni choochiyon ko khoob daba dabakar pilati hai saara ras mere
munh me nichod deti hai."
Mammi shumaila ke chehre ko pakad boli, "Me tu kah rahi thi ki thoda bahut
bhai ko dikha diya karo par tumne tu khoob maze liye apne bhai jaan se, chalo koi
baat nahi beti aaj tum log aur maza lo."
"Mammi please aaj me iski chodunga."
"Are tu chodo na koi mana karta hai kya? Beti apne bhai ka lund choot me lo
bahut maza aayega."
Yah baat sun Shumaila khultkar boli, "Maami me bhaijan ka lund munh me tu
roz hi leti hoon par choot me aaj pahli baar lungi isliye please aap bhi saath
rahiyega."
"Theek hai beti Amir beta chalo aaj pahle mujhe chodkar apni bahan ko dikhao fir
isko chodna."
"Ab uper aao na bed par yunhi khare raho ge kia? Yahan aao beta." Mammi ne mera
haath pakad mujhe bitha liya.
"Yahaan nahi hamare dermian aao, aaj yahaan hi kerte hain jo kerna hai. Shumaila
waise bhi gabra rahi hai, mujhe hi kuch kerna padega." Mammi ne nakli ghussa
dekhate huye muskura kar kaha aur mujhe apne aur Shumaila ke rmian bitha
liya.
"Acha ab jo kehti jaoon waise kerte jao tum dono! Ok!"
Ham Dono ne khamoshi se sir hila dia.
"Pehle to tum dono relex ho jao kuch nahi ho ga kisi ko ok! Aur ye to utaro."
Mammi meri shirt utarne lagi us ne bazoo upper ker
ke shirt utrwa li, fir mammi ne meri chest pe haath phera.
"Dekho shumaila tere bhai ke jism pe kaise pyare cuts hain." Mammi ne shumaila
ka haath pakad ke mere chest pe rakh dia. Shumaila ka dil aik bar zor se dharka
lekin us ne himat nahi chori aur halke halke apna garm garm haath mere chest pe
phairne lagi. Me ab relex tha mera lund ahista ahista pholone laga tha. Tabhi
Mammi ne meri pait pe haath phairte huye mere semi erected cock ko trouser k
upper se hi pakad lia aur boli, "Arye kia kerte ho!! Jawan bano, chalo ye bhi
utaro."
Aur mammi ne meri trouser bhi utar dia. Mene halka sa khud ko utha ker trouser
utarne me mammi ki madad ki. Ab me dono ke dermian bilkul nanga betha tha.
Shumaila ki nazrain mere semi erected lund per theen jo ke Mammi ke haath me
tha. Us ka dil ab aur bhi zor se dharkne laga tha.
"Amir beta is ko bara karo." Mammi ne kaha.
"Mammi aap khud hi ker lo na, aap ko to aata hai na." Mene Mammi ki taraf
dekhte huye jawab dia.
"Bara hoshyar ho gaya hai mera beta. Chal tu let ja ham khud hi ker lete hain
is ko bara." Mammi ne mujhe kandhe se pakad kar lita dia aur khud meri taango ki
taraf aa gai aur Shumaila ka haath jo abhi tak mere seene pe tha pakad ker mere
lund pe rakh dia.
"Pakro ise!!! Aaj se ye tumhara hai."
Aur shumaila ne mera lund haath me le ker muthi band ker li. Use laga ke jaise
us ne koi garm garm Rod pakad liya hai wo kafi sakht ho raha tha aur jhatke le
raha tha. Me Shumaila k haath ki narmi aur garmi apne rod pe mehsoos ker k aur
bhi hard hone laga.
"Aise karo jaan." Mammi ne Shumaila ka haath pakad ke mere lund pe opar niche
kia aur Shumaila apne haath ko halke halka upper niche kerne lagi aur mere lund
ki ki ragoon ko apne hatheli me mehsoos kerne lagi.
"Mammi ye to bohat bara hai." Shumaila ne ahista se sergoshi ki.
"Haan, aur maze ka bhi." Mammi ne Shumaila ki aankhoon me dekha aur thora sa
jhuk ker mere hard rock lund ke head pe kiss ki aur mere pure badan me current
sa daor gaya.
"Chalo beti ab tumhari bari." Mammi ne Shumaila ko kaha aur Shumaila ne aik
nazar meri taraf dekha. Me sir utha ker us ki taraf hi dekh raha tha.
Shumaila bahut achhi acting kar rahi thi sharmane ki. Saali kai din se mera lund
choos rahi thi par aaj Mammi ke saamne bechari Sharma bhi rahi thi isliye lag
raha tha jaise sabkuchh aaj pahli baar ho raha hai. Shumailan ne shermate huye
jaldi se mere tane huye lund ke sir pe kis ker di.
"Shabash." Mammi ne kahaa. "Ab to tum dono ki sharam utar gai na."
"Mammi me akaila hi nanga rahoon ga kia?" Mene Mammi se poocha.
"Nahi ham bhi utarne lage hain kapade tum pereshan kiyun hotye ho, ye lo Baba."
Aur mammi ne apni kamenez aik jhatke se uttar di aur unki bari bari choociyan
uchal kar bahar aa gayi.
"Chalo beti utaro ise." Mammi ne shumaila ki kamenez pakad kar kahaa.
"Mujhe sharm aati hai aap hi utaro." Shumaila ne nazrain jhukate huye kahaa.
"Oh! Ho abhi bhi sharm, lao idhar aao zara." Aur Mammi ne Shumaila ki kamenez bhi
utar di. Shumaila ne bazoo upper ker ke Mammi ki help ki.
"Good!" Mammi ne kahaa aur us ki kamar pe haath leja ker us ki bra bhi khol di.
Ab Shumaila ki gol gol perfect tani hui 32 size ki choochiyan bahar aa gaeen.
Mammi ne dono pe haath phaira aur kaha, "Lo zara meri bra to kholna." Mammi ne
apni kamar Shumaila ki taraf ki.
Aur us ne mammi ki bra khol de. Ab dono ke jismoon pe sirf Shalwarain theen.
Me kamre ki blue roshni me dono ki chamakti huyi choochiyan dekh raha tha.
"Lo mere raja tum in se khailo ham is se khailte hain." Mammi ne Shumaila ki aik
choochi ko pakad ker mere samne ker dia aur mene haath badha ker Shumaila ki
choochi ko pakad liya aur dabane laga.
kramashah…
शुमैला को मे आज मम्मी के सामने छू रहा था. उसे बेहद मज़ा आने लगा और
मम्मी ने मेरे हार्ड लंड को अपने हाथो मे ले लिया और फिर थोड़ा सा झुक कर
लंड पे किस्सिंग करनी शुरू कर दी. मुझे मम्मी की गर्म गर्म साँसे पागल कर
रही थीं और मेरी आँखे बंद हो गईं. उधेर शुमैला मेरे और नज़दीक हो
कर मेरे दोनो हाथो से अपनी चूचियों को मसलवा रही थी और आँखे बंद
कर के लंबी लंबी साँसे ले रही थी. उस का दिल ज़ोर ज़ोर से धड़क रहा था.
तभी मम्मी ने मुँह खोल कर मेरा आधे से ज़ियादा लंड अपने अंदर ले लिया और
चूसने लगी. मेरा बदन अकड़ने लगा. मम्मी ने दो तीन बार ही चूसा कि फॉरन
ही मेरा फोव्वारा मम्मी के मुँह मे ही छूट गया. मम्मी को मेरा नमकीन पानी
अपने मुँह मे आते महसूस हुआ लेकिन मम्मी ने मेरा लंड बाहर नही निकाला. वो
वैसे ही उसे चूस्ति रही, अंदर बाहर करती रही और मेरे कम का फुल लोड मम्मी
मुँह मे भर गया.
"आह्ह्ह्ह! गंदे! इतनी जल्दी." मम्मी ने अपने दुपट्टे से अपना मुँह सॉफ करते हुए
कहा तो शुमैला ने भी आँखे खोल कर मम्मी की तरफ देखा. उसे नही पता
चल सका कि ये क्या हुआ है.
"मम्मी आज पता नही क्या हुआ." मैने धीरे से कहा.
"हां मुझे पता है. आज तेरे हाथों मे बहन की चूचियाँ जो हैं. कैसा
लगा?" मम्मी ने कहा.
"बोहुत ही अच्छा मम्मी बड़ा मज़ा आया." मेने मस्ती से भरी आवाज़ मे कहा और
ज़ोर शुमैला की चूचियाँ को दबा दिया.
शुमैला ने बड़ी मुश्किल से अपनी चीख रोकी और बोली, "क्या केरते हो भाईजान
दर्द होता है यहाँ, आहिस्ता पकडो ना." शुमैला ने
मेरे चेहरे पे हाथ फेरते हुए कहा.
"ओह! सॉरी शुमैला मे दरअसल झाड़ गया था ना पता ही नही चला."
"चलो अब तुम ज़रा शुमैला को भी वो मज़ा दो मे तुम्हे दोबारा हार्ड केरती
हूँ." मम्मी ने कहा तो मेने शुमैला को बेड पे सीधा लिटा दिया और उस की
टाँगे ज़रा सी खोल कर करवट के बल उस के उप्पेर आ गया और शुमैला के
होंठो पे किस्सिंग केरने लगा तो मम्मी मेरे सेमी एरेक्टेड लंड के पास लेट गई
और मेरे लंड पे ज़ुबान फैरने लगी जिस से लंड फिर से हार्ड होने लगा.
शुमैला ने पहले तो अपने होंठ कस के बंद किए हुए थे लेकिन उसे जब मज़ा
आने लगा मेरे चूमने का तो वो भी रेस्पॉन्स देने लगी उस ने अपने होंठ खोल
दिए. अब मेरे और शुमैला की ज़ुबाने ऐक दूसरे से खैलने लगीं. ऐसी
किस्सिंग का शुमैला को बोहत मज़ा आता था. मम्मी ने चूम के चाट के चूस के
मेरा लंड फिर से हार्ड कर दिया था और वो मुसलसल मेरा लंड उपर
से नीचे तक चाट रही थी और फिर वो मेरे लंड के नीचे थैली मे बंद बॉल्स
को ज़ुबान से चाटने लगी. मेरे साथ ये पहली बार
हो रहा था. मेरे बदन मे लहरे सी उठने लगीं और ऐक नया सा सरूर
आने लगा और मेरी किस्सिंग मे जोश सा आ गया और मेने शुमैला के पूरे
चहरे को चूमना शुरू कर दिया. फिर उस के कानो पे आया और गर्दन पे और फिर
दोनो हाथ मे शुमैला की चूचियाँ पकड़ लीं और उस के लेफ्ट निपल को मुँह
मे ले कर चूसने लगा और ज़ुबान उस पे फैरने लगा. शुमैला के दोनो निपल्स
हार्ड हो कर खड़े हो गये थे. मेरी ज़ुबान उस के निपल के गिर्द गोल गोल घूम
रही थी और वो मज़े की दुनियाँ मे आँखे बंद किए उड़ रही थी. मे
दीवानो की तरह अब उस की चूचियों को चूस रहा था, काट रहा था और दोनो
हाथो से ज़ोर ज़ोर से सहला भी रहा था.
तभी शुमैला को महसूस हुआ कि उस की टाँगो के दरमियाँ फँसी हुई छ्होटी सी
चूत से पानी का सैलाब आ गया है. और वो झडने लगी. उस ने अपनी टाँगे और
भी फैला लीं और अपने कुल्हो को ज़रा सा उठा कर अपनी चूत को अपने अप्पर
लेते हुए अपने भाई की पसलियो से लगाया और अच्छी तरह ज़ोर से रगड़ा. मेने
ये हरकत महसूस की और शुमैला की चूचियों से हाथ हटाया और उस की
शलवार उतारने लगा. शुमैला ने गांद को उठा कर मुझे अपनी शलवार उतरने दी.
इस हरकत से मेरा लंड मम्मी क मुँह से निकल गया और वो उठ कर बैठ गई और
देखने लगी क़ि मे शुमैला की शलवार उतार रहा हूँ.
"गुड! अब आए हो ना दोनो तुम पूरे मज़े मे! शाबाश बेटा आज इस को वो मज़ा
देना कि सारी ज़िंदगी याद रखे." मम्मी ने जोश से भरी आवाज़ मे कहा और
मुझे भी जोश आ गया और मेने शुमैला की शलवार उतार कर उस की टांगे
ज़रा सी और फैला दीं और झुक गया शुमैला की छ्होटी सी चूत पर मुँह
रखा.