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मां बेटा बेटी
#5
तब उसने मुँह खोला और सुपाडे को अंदर लिया. फिर उसने केवल सुपाडे को तीन

चार बाद अंदर बाहर किया और शायद उसे अच्छा लगा था क्योंकि उसके बाद उसने

अपनी ज़बान बाहर निकाली और पुर लंड को चारो ओर से ज़बान लगा लगा चाटने

लगी.मे मस्त हो गया और आहह हाई करने लगा. कुच्छ देर तक उसने लंड को

ज़बान से ही चाटा.

फिर उसने लंड को अपने मुँह मे लिया और कसकर चूसने लगी. अब तो मे समझ

गया कि अब घर मे जन्नत हो गयी है. वह अपना मुँह तेज़ी से लंड पर ऊपर

नीचे चलाती चाट रही थी. मेने उसके सर को पकड़ा और अपनी गांद उच्छाल

उच्छाल उसके मुँह को ही चोद्ने लगा. वह भी तेज़ी से चाट रही थी.

10 मिनट बाद मे हांफता सा बोला, "हाहह बॅस बस्कर शुमैला अब निकाल दे

अपने मुँह से बाहर अब झडने वाला है. आहह हाई मे गया."

फिर उसने लंड को मुँह से बाहर किया और देखने लगी. मेरे लंड ने दो चार

झटके लिए और फ़च से झड़ने लगा. वह बहुत गौर से देख रही थी. मे

लेटा था इसलिए सारा पानी मेरे ऊपर ही गिर गया. दो मिनट बाद लंड एकदम

लूज हो गया और वह भी नॉर्मल हुई. तब मेने उसकी पैंटी से अपना लंड और

पानी को पोच्छा और पैंटी को अपने बेड के नीचे डाल दिया. मे मम्मी की बात सोच

रहा था कि शुमैला का कोई कपड़ा अपने रूम मे मम्मी को मिले तो वह उसे

फँसाए.

फिर शुमैला को अपनी बाँहों मे भर लिया और अपने ऊपर लिटा लिया. वह मेरे

ऊपर थी और उसकी चूचियाँ मेरे सीने से दब रही थी और चूत लंड के ज़रा

ऊपर पेट पर थी. मे उसके दोनो गुदाज़ चूतर पर हाथ लगा सहलाता हुआ उससे

बातें कर रहा था.

"शुमैला मेरी बहन कैसा लगा लंड चाटने?"

"भाई जान...."

"आए शर्मा मत बता ना अपने भाई जान का लंड कैसा लगा? अगर अच्छा नही लगा

तो फिर नही कहूँगा चाटने को."

"नही नही भाई जान."

"क्या नही नही?"

"व्व वो मेरा मतलब है भाई जान बहुत अच्छा लगा चाटने मे. भाई जान प्लीज़

अब मे रोज़ रात को आपके साथ ही लेटुंगी. आप प्लीज़ रोज़ मेरी चूत को

चाटियेगा और मे आपका लंड."

"ठीक है जान तुम्हारा हर तरह से मे ख्याल रखूँगा. अब बताओ क्या इरादा

है?"

"भाई जान जो आप चाहें."

"मैं तो तुमको अभी खूब मज़ा देना चाहता हूँ. बोलो लोगि मज़ा?"

"जी भाई जान बिल्कुल बोलिए क्या करेंगे?"

"अब तुम्हारी चूत को अपनी उंगली से चोद्कर तुमको मज़ा दूँगा."

"हाई भाई जान उंगली से कैसा लगता है?"

"उंगली से भी मज़ा आता है. तुमको लगेगा कि कोई तुम्हारी चूत को चोद रहा

है."

"हाई भाई जान कोई कौन, मेरे भाई जान क्यों नही?"

"हाई तुम मेरा लंड अपने अंदर लो तो ऐसा ही कहता."

"मुझे डर लगता है भाई जान प्लीज़ आप उंगली से करिए."

तब उसे एक कुर्सी पर बिठाया और उसके सामने बैठ उसकी चूत को खोल ज़ुबान लगा

चाटने लगा. वह अपने पैरों को मेरे कंधों पर रखे थी. मेने कुच्छ देर तक

चूत को चाटा फिर एक उंगली को उसकी चूत मे कच से पेल दिया. उसके मुँह से

हाई निकला. फिर उंगली को अंदर बाहर कर शुमैला की चूत को फिंगर फक करने

लगा. उसे मज़ा मिला और वह चूत को उचका उंगली से चुद्वाती रही. मे एक हाथ

से उसकी चूचियों को दबा दबा उसे फिंगर फक कर रहा था.

इस बार वह पहले से भी ज़्यादा झड़ी. जब वह झाड़ रही थी तो उसने मेरी उंगली

को अपनी चूत मे ही दबा लिया और होंठो को कसे झड़ती रही. उसने टाँगो को

मेरी गर्देन पर कस रखा था और मे उसकी रानो को चाट रहा था. उसकी गांद

बहुत तेज़ी से झटके ले रही थी.

जब वह झाड़ कर नॉर्मल हुई तो उसने आँखे खोल मुझे देखा. मे भी उसे ही

देख रहा था. उसने मुस्कराते हुए अपने पैर मेरे कंधे से हटाए और रानो को

चौड़ा किया तो मेने अपनी उंगली उसकी चूत से बाहर निकाली. वह उसकी चूत के

रस से सराबोर थी. मेने उंगली उसे दिखाई फिर अपने मुँह मे ले अपनी उंगली

चाट ली और बोला, "हम्म क्या मज़ेदार रस है मेरी बहन का."

वह यह देख मुस्काराई और बोली, "भाई जान मुझे भी चाटाओ रस."

तब मेने उसकी चूत मे उंगली डाल घुमाया और फिर उंगली निकाल उसके मुँह के

पास कि तो उसने मेरी उंगली मुँह मे ले चूसी और बोली, "हां भाई जान बहुत

प्यारा टेस्ट है."

फिर मेने उसे गोद मे उठाया और बाथरूम मे गया. फिर उसकी चूत और अपना

लंड धोकर सॉफ किया और वापस आया. मे बेड पर लेटा तो वह मेरी बगल मे

लेट मुझसे चिपकती मेरे होंठो को चूम बोली, "भाई जान आप बहुत अच्छे हैं."

"तू भी बहुत अच्छी है मेरी जान."

"भाई जान अब मे अपने रूम मे जाती हूँ."

"हाई अभी तो 2 बजे है अभी और रूको ना."

"भाई जान आज नही. कल फिर आउन्गि."

"कल दिन मे तो तुम कॉलेज जाओगी ना?"

"जी तभी तो अभी जा रही हूँ. भाई जान कल पूरी रात अपने भाई जान के पास

रहूंगी."

"सच?"

"और क्या मे अपने भाई जान से झूठ बोलूँगी? भाई जान कल आपकी बहन रातभर

आपके बेड पर आपकी बाँहों मे रहेगी."

"रातभर बिना कड़ों के पूरी नंगी अपने नंगे भाई जान की बाँहों मे रहना

होगा और लंड को चाटकार चूत चटवानी होगी?"

"जी भाई जान जो जी मे आए करिएगा पर अब आज नही, कल."

"ओके."

फिर उसे अपने से अलग किया तो उसने अपना कुर्ता पहना और ब्रा लेकर पैंटी उठाने

लगी तो मे बोला, "इसे छ्चोड़ दो यही हाई रात भर यह तुम्हारी याद दिलाएगी."

वह मुस्काराई फिर बिना पैंटी पहने नीचे से नंगी अपनी गांद मुझे दिखाती

दरवाज़े तक गयी और पलट कर मुझे देखा और मुस्काराकार मुझे देखा और

दरवाज़ा खोला और फिर बाहर देखा फिर चुपके से निकल गयी.

अगले दिन सुबह मे देर से उठा. शुमैला कॉलेज जा चुकी थी. मेने फ्रेश होकर

नाश्ता किया. कुच्छ देर बाद मम्मी आई और मुस्काराकर बोली, "क्यों बेटा खूब

मज़ा लिया रात भर नये माल का?"

"मम्मी आप भी."

"मेने उसे तुम्हारे रूम मे जाते और वापस आते देखा था."

"जी मम्मी पर चोदा नही है."

"क्या क्या किया?"

"अभी चूचियों को चूस्कर चूत को चाटा और उंगली से चोदा है."

"अपना माल दिखाया या नही?"

"दिखाया अरे मम्मी अपना उसके मुँह मे दे दिया है."

"अरे तुम दोनो तो एक दिन मे ही बहुत आगे तक जा चुके हो."

"हां मम्मी अब आप उसे चुद्वा दीजिए. वह चुद जाएगी, कह रही थी कि उसे

शरम आती है. ओह्ह मम्मी उसकी चूत इतनी प्यारी है कि क्या बताऊ."

"अरे बेटा 17 साल का कसा माल है, अन्छुआ भी है. मज़ा तो आएगा ही. आज ही

कोशिश करूँगी तेरा काम बनाने की."

"मम्मी उसकी पैंटी मेरे रूम मे है."

"बस बन गया काम, तू पैंटी मेरे रूम मे रख दे."

मेने पैंटी मम्मी के रूम मे रख दी और यूनिवर्सिटी चला गया.

दिन मे जब शुमैला वापस आई तो मम्मी ने उसे बुलाया और उसे घूरने लगी.

वह डर गयी और चुप रही. मम्मी ने उसे घूरने के बाद कहा, "शुमैला."

"ज्जजई मम्मी."

"यह तुम्हारी है ना?" मम्मी ने उसकी ब्लॅक पैंटी उसे दिखाते कहा.

वह पैंटी देख घबरा गयी और हकलाने लगी. तब मम्मी ने उसका हाथ पकड़ा और

अपने रूम मे ला उसे बैठा खुद उसके पास बैठती बोली, "बेटी यह तेरे भाई के

रूम से मिली है."

"मम्मी मुझे नही पता वहाँ कैसे गयी."

"ऐसा तो नही तुम गयी हो भाई के रूम मे?"

"न्न्न नही मम्मी."

"ओह्ह मुझे लगता है तुम्हारा भाई ही इसे ले गया होगा अपने रूम मे. मुझे लगता

है वह च्छूप च्छूप कर तुमको देखता भी है."

"ज्ज्ज मम्मी."

"बेचारा वह भी क्या करे तू है ही इतनी खूबसूरत की कोई भी लड़का तुमको

देखना चाहेगा."

वह शरमाई तो मम्मी ने आगे कहा, "क्यों बेटी कॉलेज मे लड़के तुमको देखते

होंगे."

क्रमशः………

gataank se aage…………………
Fir do teen baar choomne ke baad jeebh nikali aur uski raano ko chaaTaa fir jeebh
ko uske dono phaanko par oopar niche tak chala chala 4-5 minat chaaTaa. Wah itne
me hi ekdam pagal si ho gayi thi. Dono phaankonko chaat chaaTkar thook se
bhigone ke baad usko dekhne laga. Choot se zuban hati tu usne aankhe khol mujhe
dekha fir muskarati boli, "Bhai jaan bahut achha laga."

"Abhi chatunga tu aur achha lagega."

"Haai Bhai jaan abhi chaaTaa nahi kya?"

"Kahan meri jaan abhi tu oopar se maza liya hai." Aur choot ki phaank me ungli
chalayi.

Wah apne pair kaskar phailati boli, "Haai aah aaj tu maze se pagal ho jaungi,
Bhai jaan isme tu choochiyan chuswane se zyada maza hai."

Fir mene uski phaanko me apni zuban oopar se niche chalayi aur uske clit ko
zubaan se chaaTaa. Clit ko zaban lagte hi wah ekdam behosh si ho gayi thi. Clit ko
chaaTane ke saath hi uske chhed me zuban daal daal pori choot ko chooskar
chaaTane laga. Ab wah maze se bhari chutar ko oopar ki or uchhaal sisakti huyi
haai haai kar rahi thi.

Fir haath oopar kar uski dono choochiyon ko pakad daba daba chaaTane laga. 8-10
minat isi tara chaaTaa ki wah ek tez siskari le haai Bhai jaan bolti jhaDane lagi.
Munh par uski choot ka namkeen pani laga tu munh choot se hata uski choot ko
dekhne laga. Choot se dhire dhire namken pan iris raha tha. Jhadti choot bahut
pyaari lag rahi thi. Me abhi bhi uski choochiyon ko pakaDe tha aur uski choot
ko bhi hontho se kabhi kabhi masal deta tha.

Kuchh der baad wah jab normal huyi tu mujhe dekh muskarayi aur mere chehre ko
pakad oopar ki or kiya. Me uske paas gaya to wah mere hontho ko choom kar boli,
"Bhai jaan yah kaisa maza diya aapne, me to aasman par ud rahi hoon."

"Maza aaya na chaTwaane me?"

"Haan Bhai jaan yah tu sabse haseen maza tha. Choochiyon se zyada maza choot me
hai."

"Haan Shumaila isiliye to kah raha tha, mujhe bhi bahut maza aaya, dekho mera
lund kaisa kadak ho raha hai, haai ab iska pani bhi nikaalna padega warna yah
mujhe saari rat sone nahi dega."

Wah yah sun mujhe dekhne lagi. Fir dhire se muskaraayi aur boli, "Bhai jaan jaise
din me aapka pani nikla tha waise hi mera bhi pani nikla tha abhi."

"Haan jab maza aata hai tu pani nikalta hai aur yahi paani nikalne par hi asli
maza aata hai, mene tumhara pani chaat kar nikala hai ab apna pani nikalunga tu
mujhe bhi maza aayega."

"Aap apna pani kaise nikalenge?"

"Kai tarike hote hai. Jaise me apne haath se apna pani nikalun ya tum apne
haath se nikal do ya tum apne munh me lekar chaatkar bhi nakal sakti ho aur
sabse pyaara tareeka hai ki tumhari choot me ise daalkar nikalu. Sabse zyada
maza isi me aata hai."

"Haai Bhai jaan kaise?"

"Isme tumhara pani bhi nikal jayega aur mera pani tumhari choot me niklega tu
tumko bahut maza aayega. Bolo nikalen is tarah se?"

"Haai nahi Bhai jaan mujhe darr lagta ha."

"Ohh tu koi baat nahi me apna pani khud nikalunga."

Fir apna underwear utaar uski bagal me leta aur use dekhte hue muth maarne
laga. Wah kuchh der baad boli, "Bhai jaan me kar doon?"

"Haai karo na bahut maza aayega tumhare haath se."

Tab wah uthi aur mere lund ko pakad liya fir dhire dhire haath oopar niche karne
lagi. Uske haath me lund jate hi maza badha. 5-6 baar sahlaya tu me bola,
"Haai Shumaila agar tum ise apne munh me lekar dekho tu maza aa jayega tumko.
Lund chaaTane me ladkiyon ko bahut maza aata hai."

Meri baat sun usne mujhe dekha. Wah hichkicha rahi thi. Fir usne muskarakar apne
chehre ko mere lund par jhukaya aur hontho ko supade ke paas layi. Kuchh der tak
ruki fir apni garam zaban nikal supade par lagaya aur fir mujhe dekha. Wah kuchh
sharmane si lagi tu me uski himmat badhata bola, "Kyah hua Shumaila lo na
munh me. Lo bahut maza aata hai chaaTane me. Agar achha na lage tu mat
chaatna. Are koi zabardasti nahi hai me tu tumhara bhai hi hoon koi bahar wala
ya tumhara shauhar nahi jo bura manun."

Tab usne munh khola aur supare ko andar liya. Fir usne kewal supare ko teen
chaar baad andar bahar kiya aur shaiad use achha laga tha kyonki uske baad usne
apni zaban bahar nikali aur pore lund ko charo or se zaban laga laga chaaTane
lagi.me mast ho gaya aur aahh haai karne laga. Kuchh der tak usne lund ko
zaban se hi chaaTaa.

Fir usne lund ko apne munh me liya aur kaskar choosne lagi. Ab tu me samajh
gaya ki ab ghar me jannat ho gayi hai. Wah apna munh tezi se lund par oopar
niche chalati chaat rahi thi. Mene uske sar ko pakra aur apni gaand uchhaal
uchhaal uske munh ko hi chodne laga. Wah bhi tezi se chaat rahi thi.

10 minat baad me haanfta sa bola, "Haahh bass baskar Shumaila ab nikal de
apne munh se bahar ab jhaDane wala hai. Aahh haai me gaya."

Fir usne lund ko munh se bahar kiya aur dekhne lagi. Mere lund ne do chaar
jhatke liye aur phach se jhadne laga. Wah bahut ghaur se dekh rahi thi. Me
leta tha isliye sara pani mere oopar hi gir gaya. Do minat baad lund ekdam
loose ho gaya aur wah bhi normal huyi. Tab mene uski painty se apna lund aur
pani ko pochha aur painty ko apne bed ke niche daal diya. Me Mammi ki baat soch
raha tha ki Shumaila ka koi kapra apne room me Mammi ko mile tu wah use
fansaye.

Fir Shumaila ko apni baanhon me bhar liya aur apne oopar lita liya. Wah mere
oopar thi aur uski choochiyan mere sine se dab rahi thi aur choot lund ke zara
oopar pet par thi. Me uske dono gudaz chutar par haath laga sahlata hua usse
baaten kar raha tha.

"Shumaila meri bahan kaisa laga lund chaaTane?"

"Bhai jaan...."

"Aye sharma mat bata na apne Bhai jaan ka lund kaisa laga? Agar achha nahi laga
tu fir nahi kahunga chaaTane ko."

"Nahi nahi Bhai jaan."

"Kya nahi nahi?"

"Ww Wo mera matlab hai Bhai jaan bahut achha laga chaaTane me. Bhai jaan please
ab me roz raat ko aapke saath hi letungi. Aap please roz meri choot ko
chatiyega aur me aapka lund."

"Theek hai jaan tumhara har tarah se me khyal rakhunga. Ab batao kya irada
hai?"

"Bhai jaan jo aap chahen."

"mMe tu tumko abhi khoob maza dena chahta hoon. Bolo logi maza?"

"Ji Bhai jaan bilkul boliye kya karenge?"

"Ab tumhari choot ko apni ungli se chodkar tumko maza doonga."

"Haai Bhai jaan ungli se kaisa lagta hai?"

"Ungli se bhi maza aata hai. Tumko lagega ki koi tumhari choot ko chod raha
hai."

"Haai Bhai jaan koi kaun, mere Bhai jaan kyon nahi?"

"Haai tum mera lund apne andar lo tu aisa hi kahta."

"Mujhe darr lagta hai Bhai jaan please aap ungli se kariye."

Tab use ek chair par bithaia aur uske saamne baith uski choot ko khol zuban laga
chaaTane laga. Wah apne pairon ko mere kandhon par rakhe thi. Mene kuchh der tak
choot ko chaata fir ek ungli ko uski choot me kach se pel diya. Uske munh se
haai nikla. Fir ungli ko andar bahar kar Shumaila ki choot ko finger fuck karne
laga. Use maza mila aur wah choot ko uchka ungli se chudwati rahi. Me ek haath
se uski choochiyon ko daba daba use finger fuck kar raha tha.

Is baar wah pahle se bhi zyada jhadi. Jab wah jhad rahi thi tu usne meri ungli
ko apni choot me hi daba liya aur hontho ko kase jhadti rahi. Usne tango ke
meri garden par kas rakhi thi aur me uski raano ko chaat raha tha. Uski gaand
bahut tezi se jhatke le rahi thi.

Jab wah jhad kar normal huyi tu usne aankhe khol mujhe dekha. Me bhi use hi
dekh raha tha. Usne muskarate hue apne pair mere kandhe se hataye aur raano ko
chauda kiya tu mene apni ungli uski choot se bahar nikali. Wah uski choot k
eras se sarabor thi. Mene ungli use dikhaii fir apne munh me le apni ungli
chaatli aur bola, "hhhmm kya mazedar rass hai meri bahan ka."

Wah yah dekh muskarayi aur boli, "Bhai jaan mujhe bhi chaaTaao rass."

Tab mene uski choot me ungli dal ghumaya aur fir ungli nikal uske munh ke
paas kit u usne meri ungli munh me le choosi aur boli, "Haan Bhai jaan bahut
pyaara taste hai."

Fir mene use god me uthaia aur bathroom me gaya. Fir uski choot aur apna
lund dhokar saaf kiya aur wapas aaya. Me bed par leta tu wah meri bagal me
let mujhse chipakti mere hontho ko choom boli, "Bhai jaan aap bahut ache hain."

"Tub hi bahut achhi hai meri jaan."

"Bhai jaan ab me apne room me jati hoon."

"Haai abhi tu 2 baje hai abhi aur ruko na."

"Bhai jaan aaj nahi. Kal fir aungi."

"Kal din me tu tum college jaugi na?"

"Ji tabhi tu abhi ja rahi hoon. Bhai jaan kal pori raat apne Bhai jaan ke paas
rahungi."

"Sach?"

"Aur kya me apne Bhai jaan se jhooth bolungi? Bhai jaan kal aapki bahan raatbhar
aapke bed par aapki baanhon me rahegi."

"Raatbhar bina kadon ke pori nangi apne nange Bhai jaan ki baanhon me rahna
hoga aur lund ko chaatkar choot chatwani hogi?"

"Ji Bhai jaan jo ji me aye kariyega par ab aaj nahi, kal."

"OK."

Fir use apne se alag kiya tu usne apna kurta pahna aur bra lekar painty uthane
lagi tu me bola, "Ise chhod do yahi haai raat bhar yah tumhari yaad dilayegi."

Wah muskarayi fir bina painty pahne niche se nangi apni gaand mujhe dikhati
darwaze tak gayi aur palat kar mujhe dekha aur muskarakar mujhe dekha aur
darwaza khola aur fir bahar dekha fir chupke se nikal gayi.

Agle din subah me der se utha. Shumaila college ja chuki thi. Me fresh hokar
naashta kiya. Kuchh der baad Mammi aayi aur muskarakar boli, "Kyon beta khoob
maza liya raat bhar naye maal ka?"

"Mammi aap bhi."

"Mene use tumhare room me jaate aur wapas aate dekha tha."

"Ji Mammi par choda nahi hai."

"Kya kya kiya?"

"Abhi choochiyon ko chooskar choot ko chaata aur ungli se choda hai."

"Apna maal dikhaia ya nahi?"

"Dikhaia are Mammi apna uske munh me de diya hai."

"Are tum dono tu ek din me hi bahut aage tak ja chuke ho."

"Haan Mammi ab aap use chudwa dijiye. Wah chud jayegi, kah rahi thi ki use
sharam aati hai. Ohh Mammi uski choot itni pyaari hai ki kya bataun."

"Are beta 17 saal ka kasa maal hai, anchhua bhi hai. Maza tu ayega hi. Aaj hi
koshish karungi tera kaam banana ka."

"Mammi uski painty mere room me hai."

"Bas ban gaya kaam, tu painty mere room me rakh de."

Mene painty Mammi ke room me rakh di aur university chala gaya.

Din me jab Shumaila wapas aayi tu Mammi ne use bulaya aur use ghorne lagi.
Wah darr gayi aur chup rahi. Mammi ne use ghorne ke baad kaha, "Shumaila."

"Jjji Mammi."

"Yah tumhari hai na?" Mammi ne uski black painty use dikhate kaha.

Wah painty dekh ghabra gayi aur haklane lagi. Tab Mammi ne uska haath pakra aur
apne room me la use baitha khud uske paas baithti boli, "Beti yah tere bhai ke
room se mili hai."

"Mammi mujhe nahi pata wahan kaise gayi."

"Aisa tu nahi tum gayi ho bhai ke room me?"

"Nnn nahi Mammi."

"Ohh mujhe lagta hai tumhara bhai hi ise le gaya hoga apn room me. Mujhe lagta
hai wah chhup chhup kar tumko dekhta bhi hai."

"Jjj Mammi."

"Bechara wah bhi kya kare tu hai hi itni khoobsurat ki koi bhi ladka tumko
dekhna chahega."

Wah sharmayi tu Mammi ne aage kaha, "Kyon beti college me ladke tumko dekhte
honge."
kramashah……

वह फिर शरमाई तो मम्मी ने उसका चेहरा पकड़ कहा, "अरे बेटी शर्मा नही, मे

तुम्हारी सहेली भी हूँ, मे ही तुमको सब कुच्छ समझाउंगी बताओ?"

"ज्जई मम्मी लड़के देखते तो है."

"कुच्छ कहते या करते तो नही?"

"नही मम्मी मे किसी से बात नही करती और ना ही देखती हूँ पर.."

"पर क्या?"

"वह लड़के उल्टा सीधा बोलते रहते हैं."

"क्या कहते हैं?"

"जी यही कि कितनी खोबसूरत है और इसका माल कितना कसा है."

"बहुत बुरे होते हैं वह लड़के, बेटी तुम कभी उनके चक्कर मे मत आना,

जानती हो ऐसे लड़के लड़कियों को अपने जाल मे फँसाकर उनकी इज़्ज़त से खेलते

हैं."

"जी मम्मी."

"बेटी तुम जवान हो और जवानी मे हर लड़की चाहती है कि कोई उसे खूब प्यार

करे. अगर तुम्हारा मन करे तो तुम मुझे बताना."

"ज्जजई."

"हां बेटी, इस उमर मे ऐसा होता है यह कोई ग़लत बात नही. लेकिन बाहर के

लड़के लड़कियों को बर्बाद कर देते है. बेटा तुम्हारा भाई तुमको बहुत प्यार करता

है. वह तुमको च्छुपकर देखता भी है. तुम उसे ही दिखाओ ना अपना कसा माल."

"मम्मी."

"हां बेटी मे सही कह रही हूँ, इस उमर मे अगर कोई लड़का लड़की को प्यार

करता है तो उसे बहुत मज़ा आता है. अगर इस वक़्त कोई लड़का तुमको प्यार करे तो

तुमको लगेगा कि तुम जन्नत मे हो. तुम रात मे अकेले सोती हो अगर कोई लड़का

तुम्हारे साथ सोए तो तुम बहुत खुश होगी. इसीलिए कह रही हूँ कि बाहर के

लड़को के साथ कभी मत मिलना जुलना."

"जी मम्मी नही मिलूंगी."

"तुम्हारा मन करता हो कि कोई लड़का तुम्हारे साथ सोए तो तुम अपने भाई को

अपना कसा माल दिखाओ और अगर वह तुमको प्यार करेगा तो कोई डर नही होगा.

इसमे बदनामी भी नही होती और कोई जान भी नही पाता."

शुमैला मन मे बहुत खुश थी. मम्मी तो उसके मन की बात कर रही थी. वह

शरमाने की आक्टिंग करती बोली, "मम्मी हाई नही."

"जा अपनी कोई पुरानी छोटी कुरती पहन आ जिससे तुम्हारी दोनो कम से कम आधी

बाहर निकल आए और अंदर ब्रा नही पहनना और नीचे मियानी फटी रखना जिससे

तुम्हारे भाई को सब कुच्छ दिखे."

"मम्मी! हाई नही भाई क्या सोचेगा?"

"पगली देख तू अगर घर से बाहर किसी के चक्कर मे पड़ी तो तेरे भाई की

कितनी बदनामी होगी, इसीलिए कह रही हूँ. कोई बात नही देखो बेटी मुझसे मत

शरमाओ. अगर तुम्हारा मन करता है कि कोई लड़का तुमको प्यार करे तुमको चाहे

तो मुझे बताओ मे घर पर ही तुम्हारे लिए लड़के का इंतज़ाम कर दूँगी.

बोलो?"
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Messages In This Thread
मां बेटा बेटी - by Veer9039 - 11-10-2023, 09:49 AM
RE: मां बेटा बेटी - by Veer9039 - 13-10-2023, 09:32 AM



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