13-10-2023, 09:14 AM
गतान्क से आगे…………………
मे मम्मी की बात सुन वापस आ टीवी देखने लगा. थोड़ी देर बाद शुमैला आई तो
मेने कहा, "क्या हुआ शुमैला खाना रेडी है?"
"जी भाई जान खाना मम्मी बना रही हैं."
"अच्छा तो आ तू टीवी देख."
वह मेरे पास आ गयी तो मेने उसे अपनी बगल मे बिठा लिया. इस बार मे चुप
बैठा टीवी देखता रहा. 5 मिनट बाद वह बार बार पहलू बदलती और मुझे
देखती. मे समझ गया कि अब सही मौका है. तब मेने उसके गले मे हाथ
डाला और बोला, "बहुत अच्छी मूवी है."
"जी भाई जान."
फिर उसे अपनी गोद मे धीरे से झुकाया तो वह मेरी गोद की तरफ झुक गयी. तब
मेने उसे अपनी गोद पर ठीक से झुकाते कहा, "शुमैला आराम से देखो टीवी मम्मी
तो किचन मे होगी?"
"जी भाई जान ठीक से बैठी हूँ." शुमैला यह कहते हुए मेरी गोद मे सर
रख लेट गयी.
वह टीवी देख रही थी और मे उसकी चूचियाँ. तभी उसने मुझे देखा तो मे
ललचाई नज़रों से उसकी चूचियों को देखता रहा. वह मुस्काई और फिर टीवी की
तरफ देखने लगी. अब वह शर्मा नही रही थी. तब मेने उसकी कमीज़ को नीचे
से पकड़ा और नीचे की तरफ खींचा. वह कुच्छ ना बोली. मे थोड़ा सा और
खींचा तो उसकी चूचियाँ ऊपर से झाँकने लगी. अब मे उसकी गदराई कसी
चूचियों को देखता एक हाथ को उसके पेट पर रख चुका था. हमलोग 3-4 मिनट
तक इसी तरह रहे.
फिर वह मेरा हाथ अपने पेट से हटाती उठी तो मेने कहा, "क्या हुआ शुमैला?"
"कुच्छ नही भाई जान अभी आती हूँ."
"कहाँ जा रही हो?'
"भाई जान पेशाब लग आई है अभी आती हूँ करके."
वह चली गयी और मे उसकी पेशाब करती चूत के बारे मे सोचने लगा.
तबी वह वापस आई तो उसे देख मे खुश हो गया. उसने अपनी कमीज़ का ऊपर का
बटन खोल दिया था. मे समझ गया कि अब वह मेरी किसी हरकत का बुरा नही
मानेगी. वह आई और पहले की तरह मेरी गोद मे सर रख टीवी देखने लगी. मेने
फिर चुपके से हाथ से उसकी कमीज़ नीचे करी और फिर धीरे से उसके खुले
बटन के पास हाथ लगा कमीज़ को दोनो ओर फैला दिया. मे जानता था कि वह
सब समझ रही है पर वह अंजान बनी लेटी रही. जब कमीज़ को इधर उधर
किया तो उसकी आधी चूचियाँ दिखने लगी. वह अंदर बहुत छ्होटी सी ब्रा पहने
थी जिससे उसके निपल ढके थे.
मे समझ गया कि मैं अब कुच्छ भी कर सकता हूँ वह बुरा नही मानेगी. फिर भी
मेने पहली बार की वजह से एकदम से कुच्छ भी करने के बजाए धीरे धीरे ही
शुरुआत करना ठीक समझा. फिर एक हाथ को उसकी रान पर रखा और 4-5 बार
सहलाया. वह चुप रही तब मेने उसकी कमीज़ के दो बटन और खोल दिए और अब
उसकी ब्रा मे कसी पूरी चूचियाँ मेरी आँखों के सामने थी. अब मेरी गोद मे
मेरी 17 साल की बहन शुमैला लेटी थी और मे उसकी चूचियों को ब्रा मे
देख रहा था. ब्रा का हुक नीचे था जिसे अब मे खोलना चाह रहा था.
मेने दो तीन बार उसकी पीठ पर हाथ ले जाकर टटोला तो मेरे मंन की बात
समझ गयी और उसने करवट ले ली. तब मेने उसकी ब्रा का हुक अलग किया. फिर उसका
कंधा पकड़ हल्का सा दबाया तो वह फिर सीधी हो गयी और टीवी की तरफ देखती
रही. मे कुच्छ देर उसे देखता रहा फिर ब्रा को उसकी चूचियों से हटाया तो उसने
शर्मा कर अपनी आँखे बंद कर ली.
उसकी दोनो चूचियों को देखा तो देखता ही रह गया. एक गुलाबी रंग की बहुत
टाइट थी दोनो चूचियाँ और निपल एकदम लाल लाल बहुत प्यारा लग रहा था.
मे उसकी चूचियों को देख सोच रहा था कि सच इतनी प्यारी और खूबसूरत
चूचियाँ शायद कभी और नही देख पाउन्गा. वह आँखें बंद किए तेज़ी से
साँसे ले रही थी. मेने अभी उसकी चूचियों को च्छुआ नही था केवल उनका
ऊपर नीचे होना देख रहा था. चूचियों का साइज़ बहुत अच्छा था, आराम से
पूरे हाथ मे आ सकती थी. मम्मी की चुचियो के लिए तो दोनो हाथो को लगाना पड़ता था.
मेने उससे कहा, "शुमैला."
वह चुप रही तो फिर बोला, "शुमैला ए शुमैला क्या हुआ? तू टीवी नही देख रही.
देखो ना कितना प्यारा सीन है."
वह फिर भी चुप आँखें बंद किए रही तो मे फिर बोला, "शुमैला देखो ना."
"ज्ज्ज्ज्ज ज्ज जी भाई जान देख तो रही हूँ."
"कहाँ देख रही हो. देखो कितनी अच्छी फिल्म है."
तब उसने धीरे से ज़रा सी आँखे खोली और टीवी की तरफ देखने लगी. कुच्छ देर
मे उसने फिर आँखे बंद कर ली तो मेने उसके गालों को पकड़ उसके चेहरे को
अपनी ओर करते कहा, "क्या हुआ शुमैला तुम टीवी नही देखोगी क्या?"
वह चुप रही तो उसके गालों को दो तीन बार सहला कर बोला, "कोई बात नही अगर तुम
नही देखना चाहती तो जाओ किचन मे मम्मी की हेल्प करो जाकर."
उसने मेरी बात सुन अपनी आँखे खोल मुझे देखा फिर टीवी की ओर देखते बोली, "देख
तो रही हूँ भाई जान."
इस बार उसने आँखें बंद नही की और टीवी देखती रही. थोड़ी देर बाद मेने एक
हाथ को धीरे से उसकी एक चूची पर रखा तो वह सिमट सी गयी पर टीवी की ओर
ही देखती रही. हाथ को उसकी चूची पर रखे थोड़ी देर उसके चेहरे को देखता
रहा फिर दूसरे हाथ को दूसरी चूची पर रख हल्का सा दबाया तो उसने फिर
आँखे बंद कर ली.
मेने दो तीन बार दोनो चूचियों को धीरे से दबाया और फिर उसके निपल को
पकड़ मसाला तो वह मज़े से सिसक गयी. दोनो निपल को चुटकी से मसल बोला,
"शुमैला, लगता है तुमको फिल्म अच्छी नही लग रही, जाओ तुम किचन मे मैं
अकेला देखता हूँ."
इतना कह उसकी चूचियों को छ्चोड़ दिया और उसे अपनी गोद से हटाने की कोशिश की
तो वह जल्दी आँखे खोल मुझे देखती घबराती सी बोली, "हाई न्न्न नही तो
भाई जान बहुत अच्छी फिल्म है, हाई भाई जान देख तो रही हूँ. आप भी देखिए
ना मे भी देखूँगी."
वह फिर लेट गयी और सर मोड़ कर टीवी देखने लगी. मेने उसका चेहरा अपनी ओर करते
कहा, "शुमैला."
"जी भाई जान देखूँगी फिल्म मुझे भी अच्छी लग रही है."
"हाई शुमैला तू कितनी खूबसूरत है. हाई तेरी यह कितनी प्यारी हैं."
"क्या भाई जान?"
"तेरी चूचियाँ?"
वह अपनी चूचियों को देखती बोली, "हाई भाई जान आपने इनको नंगी कर दिया
हाई मुझे शरम आ रही है."
"कोई नही आएगा. तुझे बहुत मज़ा आएगा." और दोनो चूचियों को पकड़ लिया और
दबा दबा उसे मस्त करने लगा.
वह मेरे हाथो पर अपने हाथ रख बोली, "भाई जान मम्मी हैं."
"वह तो किचन मे है. तू डर मत उनको अभी बहुत देर लगेगी खाना बनाने
मे."
फिर उसकी दोनो चूचियों को मसलता रहा और वह टीवी की ओर देखती रही. वह
बहुत खुश लग रही थी. 10 मिनट तक उसकी चूचियों को मसल्ने के बाद
झुककर दोनो चूचियों को बारी बारी से चूमा तो उसके मुँह से एक सिसकारी
निकल गयी.
"क्या हुआ शुमैला?'
"कुच्छ नही भाई जान हााआहह भाई जान."
"क्या है शुमैला?"
"भाई जान."
"क्या है बता ना?"
"भाई जान मम्मी तो नही आएँगी?"
"अभी नही आएँगी, अभी उनको आधा घंटा और लगेगा खाना बनाने मे."
"भाई जान इनको.."
"क्या बताओ ना तुम तो शर्मा रही हो." और मैने झुककर उसके होंठो को चूमा.
Me Mammi ki baat sun wapas aa TV dekhne laga. Thodi der baad Shumaila aayi tu
mene kaha, "Kya hua Shumaila khana ready hai?"
"Ji Bhai jaan khana Mammi bana rahi hain."
"Achha tu aa tu TV dekh."
Wah mere paas aa gayi tu mene use apni bagal me bitha liya. Is baar me chup
baitha TV dekhta raha. 5 minat baad wah baar baar pahlu badalti aur muje
dekhti. Me samajh gaya ki ab sahi mauka hai. Tab mene useke gale me haath
daala aur bola, "Bahut achhi movie hai."
"Ji Bhai jaan."
Fir use apni god me dhire se jhukaya tu wah meri god ki taraf jhuk gayi. Tab
mene use apni god par theek se jhukate kaha, "Shumaila aaram se dekho TV Mammi
tu kitchen me hogi?"
"Ji Bhai jaan theek se baithi hoon." Shumaila yah kahte hue meri god me sar
rakh let gayi.
Wah TV dekh rahi thi aur me uski choochiyan. Tabhi usne mujhe dekha tu me
lalchaii nazron se uski choochiyon ko dekhta raha. Wah muskayi aur fir TV ki
taraf dekhne lagi. Ab wah sharma nahi rahi thi. Tab mene uski kamenez ko neeche
se pakda aur neeche ki taraf khincha. Wah kuchh na boli. Me thoda sa aur
khincha tu uski choochiyan oopar se jhaankne lagi. Ab me uski gadrayi kasi
choochiyon ko dekhta ek haath ko uske pet par rakh chuka tha. Hamlog 3-4 minat
tak isi tarah rahe.
Fir wah mera haath apne pet se hatati uthi tu mene kaha, "Kya hua Shumaila?"
"Kuchh nahi Bhai jaan abhi aati hoon."
"Kahan ja rahi ho?'
"Bhai jaan peshab lag aayi hai abhi aati hoon karke."
Wah chali gayi aur me uski peshaab karti choot ke bare me sochne laga.
Tabi wah wapas aayi tu use dekh me khush ho gaya. Usne apni kamenez ka oopar ka
button khol diya tha. Me samajh gaya ki ab wah meri kisi harkat ka bura nahi
manegi. Wah aayi aur pahle ki tarah meri god me sar rakh TV dekhne lagi. Mene
fir chupke se haath se uski kamenez neeche kari aur fir dhire se uske khule
button ke paas haath laga kamenez ko dono oor phaila diya. Me jaanta tha ki wah
sab samajh rahi hai par wah anjaan bani leti rahi. Jab kamenez ko idhar udhar
kiya tu uski aadhi choochiyan dikhne lagi. Wah andar bahut chhoti si bra pahne
thi jisse uske niiple dhake the.
Me samajh gaya ki ab kuchh bhi kar sakta hoon wah bura nahi manegi. Fir bhi
mene pahli baar ki wajah se ekdam se kuchh bhi karne ke bajaye dhire dhire hi
shuruaat karma theek samjha. Fir ek haath ko uski raan par rakha aur 4-5 baar
sahlaya. Wah chup rahi tab mene uski kamenez ke do button aur khol diye aura b
uski bra me kasi poori choochiyan meri aankhon ke saamne the. Ab meri god me
meri 17 saal ki bahan Shumaila leti thi aur me uski choochiyon ko bram me
dekh raha tha. Bra ka hook niche tha jise ab me kholna chah raha tha.
Mene do teen baar uski peeth par haath le jakar tatola tu mere mann ki baat
samajh gayi aur usne karwat le li. Tab mene uski brak hook alag kiya. Fir uska
kandha pakad halka sa dabaya tu wah fir sedhi ho gayi aur TV ki taraf dekhti
rahi. Me kuchh der use dekhta raha fir bra ko uski choochiyon se hatay tu usne
sharmakar apni aankhe band kar li.
Uski dono choochiyon ko dekha tu dekhta hi rah gaya. Ek gulabi rang ki bahut
tight thi dono choochiyan aur niiple ekdam laal laal bahut pyaara lag raha tha.
Me uski choochiyon ko dekh soch raha tha ki sach itni pyaari aur khoobsurat
choochiyan shaiad kabhi aur nahi dekh paunga. Wah aankhen band kiye tezi se
saanse le rahi thi. Mene abhi uski choochiyon ko chhua nahi tha kewal unka
oopar niche hona dekh raha tha. Choochiyon ka size bahut achha tha, aaram se
poore haath me sakti thi. Mammi kit u dono haath lagana padta tha.
Mene usse kaha, "Shumaila."
Wah chup rahi tu fir bola, "Shumaila a Shumaila kya hua? Tu TV nahi dekh rahi.
Dekho na kitna pyaara scene hai."
Wah fir bhi chup aankhen band kiye rahi tu me fir bola, "Shumaila dekho na."
"jjjjj jj ji Bhai jaan dekh tu rahi hoon."
"Kahan dekh rahi ho. Dekho kitni achhi film hai."
Tab usne dhire se zara si aankhe kholi aur TV ki taraf dekhne lagi. Kuchh der
me usne fir aankhe band kar lit u mene uske gaalon ko pakad uske chehre ko
apni oor karte kaha, "Kya hua Shumaila tum TV nahi dekhogi kya?"
Wah chup rahi tu uske gaalon ko do teen baar sahla bola, "Koi baat nahi agar tum
nahi dekhna chahti tu jao kitchen me Mammi ki help karo jakar."
Usne meri baat sun apni aankhe khol mujhe dekha fir TV ki oor dekhte boli, "Dekh
tu rahi hoon Bhai jaan."
Is baar usne aankhen band nahi ki aur TV dekhti rahi. Thodi der baad me eek
haath ko dhire se uski ek choochi par rakha tu wah simat si gayi par TV ki oor
hi dekhti rahi. Haath ko uski choochi par rakhe thodi der uske chehre ko dekhta
raha fir doosre haath ko doosri choochi par rakh halka sa dabaya tu usne fir
annkhe band kar li.
Mene do teen baar dono choochiyon ko dhire se dabaya aur fir uske niiple ko
pakad masala tu wah maze se sisak gayi. Dono nipple ko chutki se masal bola,
"Shumaila, lagta hai tumko film achhi nahi lag rah, jao tum kitchen me me
akela dekhta hoon."
Itna kah uski choochiyon ko chhod diya aur use apni god se hatane ki koshish kit
u wah jaldi aankhe khol mujhe dekhti ghabrati si boli, "Haai nnn nahi tu
Bhai jaan bahut achhi film hai, haai Bhai jaan dekh tu rahi hoon. Aap bhi dekhiye
na me bhi dekhungi."
Wah fir let gayi aur sar modkar TV dekhne lagi. Mene uska chehra apni oor karte
kaha, "Shumaila."
"Ji Bhai jaan dekhungi film mujhe bhi achhi lag rahi hai."
"Haai Shumaila tu kitni khoobsurat hai. Haai teri yah kitni pyaari hain."
"Kya Bhai jaan?"
"Teri choochiyan?"
Wah apni choochiyon ko dekhti boli, "Haai Bhai jaan aapne inko nangi kar diya
haai mujhe sharam aa rahi hai."
"Koi nahi aayega. Tujhe bahut maza ayega." Aur dono choochiyon ko pakad liya aur
daba daba use mast karne laga.
Wah mere haatho par apne haath rakh boli, "Bhai jaan Mammi hain."
"Wah tu kitchen me hai. Tu darr mat unko abhi bahut der lagegi khana banana
me."
Fir uski dono choochiyon ko masalta raha aur wah TV ki oor dekhti rahi. Wah
bahut khush lag rahi thi. 10 minat tak uski choochiyon ko masalne ke baad
jhukkar dono choochiyon ko baari baari se chooma tu uske munh se ek siskari
nikal gayi.
"Kya hua Shumaila?'
"Kuchh nahi Bhai jaan haaaaaahhhh Bhai jaan."
"Kya hai Shumaila?"
"Bhai jaan."
"Kya hai bata na?"
"Bhai jaan Mammi tu nahi ayengi?"
"Abhi nahi ayengi, abhi unko adha ghanta aur lagega khana banana me."
"Bhai jaan inko.."
"Kya batao na tum tu sharma rahi ho." Aur jhukkar uske hontho ko chooma.
माँ बेटा और बहन-4
गतान्क से आगे…………………
होंठो को चूमने पर वह और मस्त हुई तो मेने उसके होंठो को अपने मुँह मे
लेकर खूब कसकर चूसा. 3-4 मिनट होंठ चूसने के बाद अलग हुआ तो वह
हाँफती हुई बोली, "ऊऊहह आआहह स भाई जान आहह बहुत अच्छा लगा हाई
भाई जान इनको मुँह से करो."
"क्या करें?"
"भाई जान मेरी चूचियों को मुँह से चूस चूस कर पियो."
मे खुश होता बोला, "लाओ पिलाओ अपनी चूचियों को."
फिर मे उसको अलग कर लेट गया तो वह उठी और मेरे ऊपर झुक अपनी एक चूची
को अपने हाथ से पकड़ मेरे मुँह मे लगा बोली, "लो भाई जान पियो इनका रस्स."
मे उसकी चूची को होंठो से दबा दबा कसकर चूस रहा था. वह अपने हाथ
से दबा पूरी चूची को मेरे मुँह मे घुसाने की कोशिश कर रही थी. 3-4
मिनट बाद उसने इसी तरह दूसरी चूची भी मेरे मुँह मे दी. दोनो को करीब
दस मिनट तक चुसाती रही और मे उसकी गांद पर हाथ लगा उसके चुतर
सहलाता पीता रहा.
फिर वह मुझे उठा मेरी गोद मे पहले की तरह लेट गयी और फिर मेरे हाथ को
अपनी एक चूची पर लगा दबाने का इशारा किया. मे दबाने लगा तो उसने मेरे
चेहरे को पकड़ अपनी दूसरी चूची झुकाया. मे उसका मतलब समझ उसकी एक
चूची को मसलने लगा और दूसरी को पीने लगा. वह अब मुझे ही देख रही थी. वह
मेरे सर पर हाथ फेर रही थी.
वह मेरे कान मे फुसफुसा भी रही थी, "हहाअ आहह हाई भाई जान बहुत अच्छा
लग रहा है हाउ आप कितने अच्छे हैं."
"तू भी बहुत अच्छी है."
"भाई जान एक बात तो बताओ? अभी जब आपसे खाने को पूछा था तो आप किनका
रस पीने को कह रहे थे?"
"जिनका रस पी रहा हूँ, तेरी चूचियों का."
"हाई भाई जान आप कितने वो है."
तभी किचन से मम्मी की आवाज़ आई वह शुमैला को बुला रही थी.
शुमैला हड़बड़ाकर उठा बैठी और अपने कपड़े ठीक करती बोली, "जी मम्मी."
"बेटी क्या कर रही हो?"
"कुच्छ नही मम्मी आ रही हूँ." वह बहुत घबरा गयी थी और मुझसे बोली,
"हाई भाई जान दरवाज़ा खुला था कहीं मम्मी ने देख तो नही लिया?"
"नही यार वह तो किसी काम से बुला रही हैं?"
"बेटी अगर फ्री हो तो यहाँ आओ."
"आई मम्मी." और वह चली गयी तो मे भी साँसे दुरुस्त करने लगा.
अपनी बहन की चूचियों का रस पीकर तो मज़ा ही आ गया था. मे फिर जल्दी
से किचन के पास गया. मम्मी रोटी सेक रही थी. शुमैला उनके पास खड़ी हुई.
वह अभी भी तेज़ी से साँसे ले रही थी.
मम्मी उसे देखकर बोली, "क्या हुआ बेटी, तू थकि लग रही है?"
"नही तो मम्मी मे ठीक हूँ."
"क्या देख रहे थे तुम लोग?"
"फिल्म मम्मी, मम्मी बहुत अच्छी फिल्म थी."
"अच्छा अच्छा बेटी तुम्हारे भाई जान कहाँ हैं?"
"वह तो अभी टीवी ही देख रहे हैं. मम्मी कुच्छ काम है क्या?"
"नही बेटी क्यों?"
"मे जाउ टीवी देखने भाई जान अकेले बोर हो जाते हैं."
"बहुत ख्याल रखती है अपने भाई जान का. जा देख जाके भाई के साथ. मुझे अभी
10 मिनट और लगेगें."
वह खुश हो जल्दी से बाहर निकली तो मेने उसे पकड़ अपनी गोद मे उठाया और टीवी
रूम मे ले आया. वह मेरे गले मे बाँहें डाले मुझे ही देखे जा रही थी.
अंदर आ मे बैठा और उसे अपनी गोद मे बिठा उसके होंठो को चूम उसकी दोनो
चूचियों को दबाने लगा. दो मिनट बाद उसके बटन खोलना चाहा तो वह बोली,
"नही भाई जान बटन ना खोलो ऐसे ही करो . मम्मी आ सकती हैं."
मे मम्मी की बात सुन वापस आ टीवी देखने लगा. थोड़ी देर बाद शुमैला आई तो
मेने कहा, "क्या हुआ शुमैला खाना रेडी है?"
"जी भाई जान खाना मम्मी बना रही हैं."
"अच्छा तो आ तू टीवी देख."
वह मेरे पास आ गयी तो मेने उसे अपनी बगल मे बिठा लिया. इस बार मे चुप
बैठा टीवी देखता रहा. 5 मिनट बाद वह बार बार पहलू बदलती और मुझे
देखती. मे समझ गया कि अब सही मौका है. तब मेने उसके गले मे हाथ
डाला और बोला, "बहुत अच्छी मूवी है."
"जी भाई जान."
फिर उसे अपनी गोद मे धीरे से झुकाया तो वह मेरी गोद की तरफ झुक गयी. तब
मेने उसे अपनी गोद पर ठीक से झुकाते कहा, "शुमैला आराम से देखो टीवी मम्मी
तो किचन मे होगी?"
"जी भाई जान ठीक से बैठी हूँ." शुमैला यह कहते हुए मेरी गोद मे सर
रख लेट गयी.
वह टीवी देख रही थी और मे उसकी चूचियाँ. तभी उसने मुझे देखा तो मे
ललचाई नज़रों से उसकी चूचियों को देखता रहा. वह मुस्काई और फिर टीवी की
तरफ देखने लगी. अब वह शर्मा नही रही थी. तब मेने उसकी कमीज़ को नीचे
से पकड़ा और नीचे की तरफ खींचा. वह कुच्छ ना बोली. मे थोड़ा सा और
खींचा तो उसकी चूचियाँ ऊपर से झाँकने लगी. अब मे उसकी गदराई कसी
चूचियों को देखता एक हाथ को उसके पेट पर रख चुका था. हमलोग 3-4 मिनट
तक इसी तरह रहे.
फिर वह मेरा हाथ अपने पेट से हटाती उठी तो मेने कहा, "क्या हुआ शुमैला?"
"कुच्छ नही भाई जान अभी आती हूँ."
"कहाँ जा रही हो?'
"भाई जान पेशाब लग आई है अभी आती हूँ करके."
वह चली गयी और मे उसकी पेशाब करती चूत के बारे मे सोचने लगा.
तबी वह वापस आई तो उसे देख मे खुश हो गया. उसने अपनी कमीज़ का ऊपर का
बटन खोल दिया था. मे समझ गया कि अब वह मेरी किसी हरकत का बुरा नही
मानेगी. वह आई और पहले की तरह मेरी गोद मे सर रख टीवी देखने लगी. मेने
फिर चुपके से हाथ से उसकी कमीज़ नीचे करी और फिर धीरे से उसके खुले
बटन के पास हाथ लगा कमीज़ को दोनो ओर फैला दिया. मे जानता था कि वह
सब समझ रही है पर वह अंजान बनी लेटी रही. जब कमीज़ को इधर उधर
किया तो उसकी आधी चूचियाँ दिखने लगी. वह अंदर बहुत छ्होटी सी ब्रा पहने
थी जिससे उसके निपल ढके थे.
मे समझ गया कि मैं अब कुच्छ भी कर सकता हूँ वह बुरा नही मानेगी. फिर भी
मेने पहली बार की वजह से एकदम से कुच्छ भी करने के बजाए धीरे धीरे ही
शुरुआत करना ठीक समझा. फिर एक हाथ को उसकी रान पर रखा और 4-5 बार
सहलाया. वह चुप रही तब मेने उसकी कमीज़ के दो बटन और खोल दिए और अब
उसकी ब्रा मे कसी पूरी चूचियाँ मेरी आँखों के सामने थी. अब मेरी गोद मे
मेरी 17 साल की बहन शुमैला लेटी थी और मे उसकी चूचियों को ब्रा मे
देख रहा था. ब्रा का हुक नीचे था जिसे अब मे खोलना चाह रहा था.
मेने दो तीन बार उसकी पीठ पर हाथ ले जाकर टटोला तो मेरे मंन की बात
समझ गयी और उसने करवट ले ली. तब मेने उसकी ब्रा का हुक अलग किया. फिर उसका
कंधा पकड़ हल्का सा दबाया तो वह फिर सीधी हो गयी और टीवी की तरफ देखती
रही. मे कुच्छ देर उसे देखता रहा फिर ब्रा को उसकी चूचियों से हटाया तो उसने
शर्मा कर अपनी आँखे बंद कर ली.
उसकी दोनो चूचियों को देखा तो देखता ही रह गया. एक गुलाबी रंग की बहुत
टाइट थी दोनो चूचियाँ और निपल एकदम लाल लाल बहुत प्यारा लग रहा था.
मे उसकी चूचियों को देख सोच रहा था कि सच इतनी प्यारी और खूबसूरत
चूचियाँ शायद कभी और नही देख पाउन्गा. वह आँखें बंद किए तेज़ी से
साँसे ले रही थी. मेने अभी उसकी चूचियों को च्छुआ नही था केवल उनका
ऊपर नीचे होना देख रहा था. चूचियों का साइज़ बहुत अच्छा था, आराम से
पूरे हाथ मे आ सकती थी. मम्मी की चुचियो के लिए तो दोनो हाथो को लगाना पड़ता था.
मेने उससे कहा, "शुमैला."
वह चुप रही तो फिर बोला, "शुमैला ए शुमैला क्या हुआ? तू टीवी नही देख रही.
देखो ना कितना प्यारा सीन है."
वह फिर भी चुप आँखें बंद किए रही तो मे फिर बोला, "शुमैला देखो ना."
"ज्ज्ज्ज्ज ज्ज जी भाई जान देख तो रही हूँ."
"कहाँ देख रही हो. देखो कितनी अच्छी फिल्म है."
तब उसने धीरे से ज़रा सी आँखे खोली और टीवी की तरफ देखने लगी. कुच्छ देर
मे उसने फिर आँखे बंद कर ली तो मेने उसके गालों को पकड़ उसके चेहरे को
अपनी ओर करते कहा, "क्या हुआ शुमैला तुम टीवी नही देखोगी क्या?"
वह चुप रही तो उसके गालों को दो तीन बार सहला कर बोला, "कोई बात नही अगर तुम
नही देखना चाहती तो जाओ किचन मे मम्मी की हेल्प करो जाकर."
उसने मेरी बात सुन अपनी आँखे खोल मुझे देखा फिर टीवी की ओर देखते बोली, "देख
तो रही हूँ भाई जान."
इस बार उसने आँखें बंद नही की और टीवी देखती रही. थोड़ी देर बाद मेने एक
हाथ को धीरे से उसकी एक चूची पर रखा तो वह सिमट सी गयी पर टीवी की ओर
ही देखती रही. हाथ को उसकी चूची पर रखे थोड़ी देर उसके चेहरे को देखता
रहा फिर दूसरे हाथ को दूसरी चूची पर रख हल्का सा दबाया तो उसने फिर
आँखे बंद कर ली.
मेने दो तीन बार दोनो चूचियों को धीरे से दबाया और फिर उसके निपल को
पकड़ मसाला तो वह मज़े से सिसक गयी. दोनो निपल को चुटकी से मसल बोला,
"शुमैला, लगता है तुमको फिल्म अच्छी नही लग रही, जाओ तुम किचन मे मैं
अकेला देखता हूँ."
इतना कह उसकी चूचियों को छ्चोड़ दिया और उसे अपनी गोद से हटाने की कोशिश की
तो वह जल्दी आँखे खोल मुझे देखती घबराती सी बोली, "हाई न्न्न नही तो
भाई जान बहुत अच्छी फिल्म है, हाई भाई जान देख तो रही हूँ. आप भी देखिए
ना मे भी देखूँगी."
वह फिर लेट गयी और सर मोड़ कर टीवी देखने लगी. मेने उसका चेहरा अपनी ओर करते
कहा, "शुमैला."
"जी भाई जान देखूँगी फिल्म मुझे भी अच्छी लग रही है."
"हाई शुमैला तू कितनी खूबसूरत है. हाई तेरी यह कितनी प्यारी हैं."
"क्या भाई जान?"
"तेरी चूचियाँ?"
वह अपनी चूचियों को देखती बोली, "हाई भाई जान आपने इनको नंगी कर दिया
हाई मुझे शरम आ रही है."
"कोई नही आएगा. तुझे बहुत मज़ा आएगा." और दोनो चूचियों को पकड़ लिया और
दबा दबा उसे मस्त करने लगा.
वह मेरे हाथो पर अपने हाथ रख बोली, "भाई जान मम्मी हैं."
"वह तो किचन मे है. तू डर मत उनको अभी बहुत देर लगेगी खाना बनाने
मे."
फिर उसकी दोनो चूचियों को मसलता रहा और वह टीवी की ओर देखती रही. वह
बहुत खुश लग रही थी. 10 मिनट तक उसकी चूचियों को मसल्ने के बाद
झुककर दोनो चूचियों को बारी बारी से चूमा तो उसके मुँह से एक सिसकारी
निकल गयी.
"क्या हुआ शुमैला?'
"कुच्छ नही भाई जान हााआहह भाई जान."
"क्या है शुमैला?"
"भाई जान."
"क्या है बता ना?"
"भाई जान मम्मी तो नही आएँगी?"
"अभी नही आएँगी, अभी उनको आधा घंटा और लगेगा खाना बनाने मे."
"भाई जान इनको.."
"क्या बताओ ना तुम तो शर्मा रही हो." और मैने झुककर उसके होंठो को चूमा.
Me Mammi ki baat sun wapas aa TV dekhne laga. Thodi der baad Shumaila aayi tu
mene kaha, "Kya hua Shumaila khana ready hai?"
"Ji Bhai jaan khana Mammi bana rahi hain."
"Achha tu aa tu TV dekh."
Wah mere paas aa gayi tu mene use apni bagal me bitha liya. Is baar me chup
baitha TV dekhta raha. 5 minat baad wah baar baar pahlu badalti aur muje
dekhti. Me samajh gaya ki ab sahi mauka hai. Tab mene useke gale me haath
daala aur bola, "Bahut achhi movie hai."
"Ji Bhai jaan."
Fir use apni god me dhire se jhukaya tu wah meri god ki taraf jhuk gayi. Tab
mene use apni god par theek se jhukate kaha, "Shumaila aaram se dekho TV Mammi
tu kitchen me hogi?"
"Ji Bhai jaan theek se baithi hoon." Shumaila yah kahte hue meri god me sar
rakh let gayi.
Wah TV dekh rahi thi aur me uski choochiyan. Tabhi usne mujhe dekha tu me
lalchaii nazron se uski choochiyon ko dekhta raha. Wah muskayi aur fir TV ki
taraf dekhne lagi. Ab wah sharma nahi rahi thi. Tab mene uski kamenez ko neeche
se pakda aur neeche ki taraf khincha. Wah kuchh na boli. Me thoda sa aur
khincha tu uski choochiyan oopar se jhaankne lagi. Ab me uski gadrayi kasi
choochiyon ko dekhta ek haath ko uske pet par rakh chuka tha. Hamlog 3-4 minat
tak isi tarah rahe.
Fir wah mera haath apne pet se hatati uthi tu mene kaha, "Kya hua Shumaila?"
"Kuchh nahi Bhai jaan abhi aati hoon."
"Kahan ja rahi ho?'
"Bhai jaan peshab lag aayi hai abhi aati hoon karke."
Wah chali gayi aur me uski peshaab karti choot ke bare me sochne laga.
Tabi wah wapas aayi tu use dekh me khush ho gaya. Usne apni kamenez ka oopar ka
button khol diya tha. Me samajh gaya ki ab wah meri kisi harkat ka bura nahi
manegi. Wah aayi aur pahle ki tarah meri god me sar rakh TV dekhne lagi. Mene
fir chupke se haath se uski kamenez neeche kari aur fir dhire se uske khule
button ke paas haath laga kamenez ko dono oor phaila diya. Me jaanta tha ki wah
sab samajh rahi hai par wah anjaan bani leti rahi. Jab kamenez ko idhar udhar
kiya tu uski aadhi choochiyan dikhne lagi. Wah andar bahut chhoti si bra pahne
thi jisse uske niiple dhake the.
Me samajh gaya ki ab kuchh bhi kar sakta hoon wah bura nahi manegi. Fir bhi
mene pahli baar ki wajah se ekdam se kuchh bhi karne ke bajaye dhire dhire hi
shuruaat karma theek samjha. Fir ek haath ko uski raan par rakha aur 4-5 baar
sahlaya. Wah chup rahi tab mene uski kamenez ke do button aur khol diye aura b
uski bra me kasi poori choochiyan meri aankhon ke saamne the. Ab meri god me
meri 17 saal ki bahan Shumaila leti thi aur me uski choochiyon ko bram me
dekh raha tha. Bra ka hook niche tha jise ab me kholna chah raha tha.
Mene do teen baar uski peeth par haath le jakar tatola tu mere mann ki baat
samajh gayi aur usne karwat le li. Tab mene uski brak hook alag kiya. Fir uska
kandha pakad halka sa dabaya tu wah fir sedhi ho gayi aur TV ki taraf dekhti
rahi. Me kuchh der use dekhta raha fir bra ko uski choochiyon se hatay tu usne
sharmakar apni aankhe band kar li.
Uski dono choochiyon ko dekha tu dekhta hi rah gaya. Ek gulabi rang ki bahut
tight thi dono choochiyan aur niiple ekdam laal laal bahut pyaara lag raha tha.
Me uski choochiyon ko dekh soch raha tha ki sach itni pyaari aur khoobsurat
choochiyan shaiad kabhi aur nahi dekh paunga. Wah aankhen band kiye tezi se
saanse le rahi thi. Mene abhi uski choochiyon ko chhua nahi tha kewal unka
oopar niche hona dekh raha tha. Choochiyon ka size bahut achha tha, aaram se
poore haath me sakti thi. Mammi kit u dono haath lagana padta tha.
Mene usse kaha, "Shumaila."
Wah chup rahi tu fir bola, "Shumaila a Shumaila kya hua? Tu TV nahi dekh rahi.
Dekho na kitna pyaara scene hai."
Wah fir bhi chup aankhen band kiye rahi tu me fir bola, "Shumaila dekho na."
"jjjjj jj ji Bhai jaan dekh tu rahi hoon."
"Kahan dekh rahi ho. Dekho kitni achhi film hai."
Tab usne dhire se zara si aankhe kholi aur TV ki taraf dekhne lagi. Kuchh der
me usne fir aankhe band kar lit u mene uske gaalon ko pakad uske chehre ko
apni oor karte kaha, "Kya hua Shumaila tum TV nahi dekhogi kya?"
Wah chup rahi tu uske gaalon ko do teen baar sahla bola, "Koi baat nahi agar tum
nahi dekhna chahti tu jao kitchen me Mammi ki help karo jakar."
Usne meri baat sun apni aankhe khol mujhe dekha fir TV ki oor dekhte boli, "Dekh
tu rahi hoon Bhai jaan."
Is baar usne aankhen band nahi ki aur TV dekhti rahi. Thodi der baad me eek
haath ko dhire se uski ek choochi par rakha tu wah simat si gayi par TV ki oor
hi dekhti rahi. Haath ko uski choochi par rakhe thodi der uske chehre ko dekhta
raha fir doosre haath ko doosri choochi par rakh halka sa dabaya tu usne fir
annkhe band kar li.
Mene do teen baar dono choochiyon ko dhire se dabaya aur fir uske niiple ko
pakad masala tu wah maze se sisak gayi. Dono nipple ko chutki se masal bola,
"Shumaila, lagta hai tumko film achhi nahi lag rah, jao tum kitchen me me
akela dekhta hoon."
Itna kah uski choochiyon ko chhod diya aur use apni god se hatane ki koshish kit
u wah jaldi aankhe khol mujhe dekhti ghabrati si boli, "Haai nnn nahi tu
Bhai jaan bahut achhi film hai, haai Bhai jaan dekh tu rahi hoon. Aap bhi dekhiye
na me bhi dekhungi."
Wah fir let gayi aur sar modkar TV dekhne lagi. Mene uska chehra apni oor karte
kaha, "Shumaila."
"Ji Bhai jaan dekhungi film mujhe bhi achhi lag rahi hai."
"Haai Shumaila tu kitni khoobsurat hai. Haai teri yah kitni pyaari hain."
"Kya Bhai jaan?"
"Teri choochiyan?"
Wah apni choochiyon ko dekhti boli, "Haai Bhai jaan aapne inko nangi kar diya
haai mujhe sharam aa rahi hai."
"Koi nahi aayega. Tujhe bahut maza ayega." Aur dono choochiyon ko pakad liya aur
daba daba use mast karne laga.
Wah mere haatho par apne haath rakh boli, "Bhai jaan Mammi hain."
"Wah tu kitchen me hai. Tu darr mat unko abhi bahut der lagegi khana banana
me."
Fir uski dono choochiyon ko masalta raha aur wah TV ki oor dekhti rahi. Wah
bahut khush lag rahi thi. 10 minat tak uski choochiyon ko masalne ke baad
jhukkar dono choochiyon ko baari baari se chooma tu uske munh se ek siskari
nikal gayi.
"Kya hua Shumaila?'
"Kuchh nahi Bhai jaan haaaaaahhhh Bhai jaan."
"Kya hai Shumaila?"
"Bhai jaan."
"Kya hai bata na?"
"Bhai jaan Mammi tu nahi ayengi?"
"Abhi nahi ayengi, abhi unko adha ghanta aur lagega khana banana me."
"Bhai jaan inko.."
"Kya batao na tum tu sharma rahi ho." Aur jhukkar uske hontho ko chooma.
माँ बेटा और बहन-4
गतान्क से आगे…………………
होंठो को चूमने पर वह और मस्त हुई तो मेने उसके होंठो को अपने मुँह मे
लेकर खूब कसकर चूसा. 3-4 मिनट होंठ चूसने के बाद अलग हुआ तो वह
हाँफती हुई बोली, "ऊऊहह आआहह स भाई जान आहह बहुत अच्छा लगा हाई
भाई जान इनको मुँह से करो."
"क्या करें?"
"भाई जान मेरी चूचियों को मुँह से चूस चूस कर पियो."
मे खुश होता बोला, "लाओ पिलाओ अपनी चूचियों को."
फिर मे उसको अलग कर लेट गया तो वह उठी और मेरे ऊपर झुक अपनी एक चूची
को अपने हाथ से पकड़ मेरे मुँह मे लगा बोली, "लो भाई जान पियो इनका रस्स."
मे उसकी चूची को होंठो से दबा दबा कसकर चूस रहा था. वह अपने हाथ
से दबा पूरी चूची को मेरे मुँह मे घुसाने की कोशिश कर रही थी. 3-4
मिनट बाद उसने इसी तरह दूसरी चूची भी मेरे मुँह मे दी. दोनो को करीब
दस मिनट तक चुसाती रही और मे उसकी गांद पर हाथ लगा उसके चुतर
सहलाता पीता रहा.
फिर वह मुझे उठा मेरी गोद मे पहले की तरह लेट गयी और फिर मेरे हाथ को
अपनी एक चूची पर लगा दबाने का इशारा किया. मे दबाने लगा तो उसने मेरे
चेहरे को पकड़ अपनी दूसरी चूची झुकाया. मे उसका मतलब समझ उसकी एक
चूची को मसलने लगा और दूसरी को पीने लगा. वह अब मुझे ही देख रही थी. वह
मेरे सर पर हाथ फेर रही थी.
वह मेरे कान मे फुसफुसा भी रही थी, "हहाअ आहह हाई भाई जान बहुत अच्छा
लग रहा है हाउ आप कितने अच्छे हैं."
"तू भी बहुत अच्छी है."
"भाई जान एक बात तो बताओ? अभी जब आपसे खाने को पूछा था तो आप किनका
रस पीने को कह रहे थे?"
"जिनका रस पी रहा हूँ, तेरी चूचियों का."
"हाई भाई जान आप कितने वो है."
तभी किचन से मम्मी की आवाज़ आई वह शुमैला को बुला रही थी.
शुमैला हड़बड़ाकर उठा बैठी और अपने कपड़े ठीक करती बोली, "जी मम्मी."
"बेटी क्या कर रही हो?"
"कुच्छ नही मम्मी आ रही हूँ." वह बहुत घबरा गयी थी और मुझसे बोली,
"हाई भाई जान दरवाज़ा खुला था कहीं मम्मी ने देख तो नही लिया?"
"नही यार वह तो किसी काम से बुला रही हैं?"
"बेटी अगर फ्री हो तो यहाँ आओ."
"आई मम्मी." और वह चली गयी तो मे भी साँसे दुरुस्त करने लगा.
अपनी बहन की चूचियों का रस पीकर तो मज़ा ही आ गया था. मे फिर जल्दी
से किचन के पास गया. मम्मी रोटी सेक रही थी. शुमैला उनके पास खड़ी हुई.
वह अभी भी तेज़ी से साँसे ले रही थी.
मम्मी उसे देखकर बोली, "क्या हुआ बेटी, तू थकि लग रही है?"
"नही तो मम्मी मे ठीक हूँ."
"क्या देख रहे थे तुम लोग?"
"फिल्म मम्मी, मम्मी बहुत अच्छी फिल्म थी."
"अच्छा अच्छा बेटी तुम्हारे भाई जान कहाँ हैं?"
"वह तो अभी टीवी ही देख रहे हैं. मम्मी कुच्छ काम है क्या?"
"नही बेटी क्यों?"
"मे जाउ टीवी देखने भाई जान अकेले बोर हो जाते हैं."
"बहुत ख्याल रखती है अपने भाई जान का. जा देख जाके भाई के साथ. मुझे अभी
10 मिनट और लगेगें."
वह खुश हो जल्दी से बाहर निकली तो मेने उसे पकड़ अपनी गोद मे उठाया और टीवी
रूम मे ले आया. वह मेरे गले मे बाँहें डाले मुझे ही देखे जा रही थी.
अंदर आ मे बैठा और उसे अपनी गोद मे बिठा उसके होंठो को चूम उसकी दोनो
चूचियों को दबाने लगा. दो मिनट बाद उसके बटन खोलना चाहा तो वह बोली,
"नही भाई जान बटन ना खोलो ऐसे ही करो . मम्मी आ सकती हैं."