11-06-2019, 08:32 AM
(This post was last modified: 23-05-2021, 11:01 AM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
***** *****इकतीसवीं फुहार
मेरी नींद जब खुली तो बाहर अभी भी पूरा अँधेरा था। मैं करवट लिए लेटी थी, सामने की ओर कामिनी भाभी और पीछे उनके पति, भैया।
सोते समय भी उन्होंने पीछे से मुझे कस के दबोच रखा था, एक हाथ उनका मेरे एक उभार पे था।
दूसरा उभार भौजी के हाथ में था।
![[Image: nips-2.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/12/30/nips-2.jpg)
रात अभी बाकी थी। मैंने फिर सोने की कोशिश की तो लगा मेरे उठने के चक्कर में कामिनी भाभी की नींद भी टूट गई थी। कामिनी भाभी की उंगलियां अब मेरे जोबन पे हल्के-हल्के रेंगने लगी थीं।
मै डर गई।
कहीं भैय्या भी जाग गए, और वो दोनों लोग मिल के चालू हो गए तो?
![[Image: creampie-17997094.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/12/30/creampie-17997094.jpg)
अभी भी नीचे बहुत दर्द हो रहा था। मैंने झट से आँखें बंद कर ली और फिर से सोने की ऐक्टिंग करने लगी।
लेकिन बचत नहीं थी। लगता है मेरे हिलने डुलने से कामिनी भाभी के पति की भी नींद खुल गई और मेरे उभार पे जो उन्होंने हाथ सोये में रखा था, वो हल्के-हल्के उसे दबाने सहलाने लगा।
![[Image: sixteen-boobshot.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/12/30/sixteen-boobshot.jpg)
मैंने खर्राटे की एक्टिंग की और ऐसे की जैसे मुझे पता न चल रहा हो की वो दोनों जग गए हैं।
लेकिन कामिनी भाभी भी न… उनसे कौन ननद बच पाई है जो मैं बच पाती? झट से दूसरे हाथ से गुदगुदी लगानी शुरू कर दी और बोलीं-
“मेरी बिन्नो, आई छिनारपना कहीं और करना, मुझे सब मालूम है कि अच्छी तरह जग गई हो, अब नौटंकी मत करो…”
खिलखिलाते हुए मैंने आँखें खोल दी और करवट से अब सीधे पीठ के बल लेट गई।
बस मुझे दोनों ने बाँट लिया, एक उभार भैया के हाथ में तो दूसरा भौजी ने दबोच रखा था। और सिर्फ चूचियां ही नहीं गाल भी, एक पे कामिनी भौजी हल्के-हल्के किस कर रही थी
![[Image: Lez-nip-suck-19626778.gif]](https://picsbees.com/images/2018/12/30/Lez-nip-suck-19626778.gif)
तो दूसरे पे लिक करते-करते उन्होंने कचकचा के गाल काट लिया।
“उईई… आह्ह्ह… लगता है…”
मैं जोर से चीखी। नींद अच्छी तरह भाग गई।
“सब कुछ तो ले लिहला, गाल जिन काटा, भैय्या बहुते खराब तू त बाटा…”
भौजी ने मुझे चिढ़ाया लेकिन भैय्या को और उकसाया-
“अरे अस मालपुआ जस गाल है, खूब मजे ले कचकचा के काटा, दो चार दिन तक तो निशान रहना चाहिए। अरे पूरे गाँव को पता तो चलना चाहिए न की छुटकी ननदिया केहसे गाल कटवा के आय रही हैं…”
भैय्या कभी भौजी की बात टालते नहीं थे, तो उन्होंने एक फिर उसी जगह पे दुहरी ताकत से… और अबकी जो गाल पे निशान पड़ा तो सचमुच में तीन चार दिन से पहले नहीं मिटने वाला था। वो खूब मस्ता रहे थे।
![[Image: boobs-massage-10839394.gif]](https://picsbees.com/images/2018/12/30/boobs-massage-10839394.gif)
उन्होंने अपने हाथ से मेरी चूची अब जोर-जोर से पकड़ ली थी और खूब कस-कस के मीज रहे थे।
भौजी दोनों ओर से आग लगा रही थीं, वैसे उन्होंने मुझे खुद अपनी असली ननद बनाया था तो कुछ मेरा हक तो बनता ही था न। उन्होंने अब मेरी साइड ली और कान में फुसफुसाया-
“सिर्फ वही थोड़ी पकड़ सकते हैं, तू भी तो पकड़ा पकड़ी कर सकती है। उनके पास भी तो है पकड़ने के लिए?”
भौजी का इशारा काफी था। वैसे भी ‘वो’ थोड़ा सोया थोड़ा जागा बहुत देर से मेरे पिछवाड़े पड़ा था। और जब वो जग जाता तो इतना मोटा हो जाता की मेरी मुट्ठी में समाता ही नहीं। बस मैंने पकड़ लिया। अभी भी थोड़ा थोड़ा सोया ही था।
सिर्फ पकड़ने से थोड़े ही होता है, मैंने हल्के-हल्के मुठियाना भी शुरू कर दिया।
![[Image: Joru-K-holdingcock11.gif]](https://picsbees.com/images/2018/12/30/Joru-K-holdingcock11.gif)
डरती तो थी लेकिन इतना भी नहीं, अभी थोड़ी देर पहले ही पूरा घोंट चुकी थी। फिर अजय सुनील ने पकड़वाके और चन्दा मेरी सहेली, चम्पा भाभी, बसंती की संगत में मुठियाना, रगड़ना सीख भी गई थी। फिर जब हम तीनों अच्छी तरह जग गए थे तो उसके सोने का क्या मतलब?
भैया जोर-जोर से मेरी चूचियां मसल रहे थे, मजे ले ले के मेरे मुलायम मुलायम गाल काट रहे थे। कामिनी भाभी भी दूसरे उभार को अपनी मुट्ठी में ले के मजे ले रही थी। और मैं भी इन दोनों के साथ, और ‘उसे’ ले के जोर-जोर से मुठिया रही थी।
नतीजा वही हुआ जो होना था, शेर अंगड़ाई ले के जाग गया।
पर बसंती, गुलबिया का सिखाया पढ़ाया, मैंने एक झटके से खींचा तो सुपाड़ा खुल गया।
![[Image: holding-cutcock2.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/12/30/holding-cutcock2.jpg)
खूब मोटा, एकदम कड़ा, लेकिन था तो मेरी मुट्ठी में, मुझे एक और शरारत सूझी। मैंने अंगूठे से सुपाड़े पे रगड़ दिया, और वो मस्ती से गिनगिना उठे।
भौजी ने मस्ती से, कुछ तारीफ से मेरी ओर देखा।
मेरी शैतानी और बढ़ गई, और मैंने अंगूठे को सीधे ‘पी-होल’ (पेशाब के छेद) पे लगाकर हल्के से दबा दिया।
![[Image: holding-cock-213.gif]](https://picsbees.com/images/2018/12/30/holding-cock-213.gif)
अब भैय्या के पास जवाब देने के अलावा और कोई रास्ता नहीं था। उनका अपना एक हाथ मेरी दोनों जाँघों के बीच पहुँच गया और उंगलियां प्रेम गली की ओर बढ़ने लगीं।
बुर मेरी अभी भी किसी ताजी चोट की तरह दुःख रही थी। जांघें भी दर्द से फटी पड़ रही थीं। मुझे डर लगा की कहीं भैया दुबारा मेरी बुर तो नहीं… बुरी हालत थी बुर की। मैंने उसी अदालत में गुहार लगाई-
“भौजी, भैय्या से बोलिए वहां नहीं, प्लीज वहां नहीं…”
“अरे वहां नहीं, मतलब कहाँ नहीं? नाम डुबो देगी मेरा, बोल साफ-साफ?” उलटे कामिनी भाभी की डांट पड़ गई।
“भौजी, भैय्या से बोल दीजिये, उन्हें मना कर दीजिये, बहुत दुःख रहा है, भईया से कहिये दीजिये मेरी… मेरी चूत मत चोदें। चूत बहुत दुःख रही है…”
भैय्या ने दूसरा रास्ता निकाला, उन्होंने अपनी उंगली मेरी चूत के मुहाने पे लगा दी और अभी कुछ देर पहले लण्ड के जो धक्के उसने खाए थे, जो चोटें लगी थी, दर्द से मैं दुहरी हो गई। जोर से चीख उठी- “भौजी नहींईऽऽऽ उंगली भी नहीं, चूत में कुछ मत डालें, मना करिये न उन्हें…”
और अब डांट भैय्या को पड़ी-
“सुन नहीं रहे हो क्या बोल रही है बिचारी? इसकी चूत को हाथ भी मत लगाओ, न चोदना, न उंगली करना…”
भौजी को देखकर मैंने जोर-जोर से हामी में सर हिलाया।
भइया ने तुरंत हाथ हटा दिया। प्यार से मेरे बाल सहलाते बोले-
“न बुर चोदना है न बुर में उंगली करना है, क्यों बिन्नो?”
मैंने खुशी में मुश्कुराते हुए हामी में सर हिलाया। लेकिन भैया को भी तो थैंक्स देना था, उनके सामने से रसमलाई हटा ली थी मैंने, कहीं गुस्सा न हो जाएं। तो मुड़ के मैंने उन्हें देखकर भी एक किस सीधे उनके लिप्स पे दिया और फिर एक बार जोर से मुठियाने लगी।
भैय्या की जीभ मेरे मुँह में थी और मैं उसे प्यार से चूस रही थी। भैया मेरे दोनों उभार अब जोर-जोर से मसल रहे थे और मैं उनके भी दूने जोर से उनका लण्ड दबा रही थी, मसल रही थी, मुठिया रही थी।
![[Image: holding-cock-tumblr_o050lrrZdH1uk76xgo1_400.gif]](https://picsbees.com/images/2018/12/30/holding-cock-tumblr_o050lrrZdH1uk76xgo1_400.gif)
भाभी मुझे हल्के-हल्के चूम रही थीं, फिर मेरे कान में बोली-
“तूने उसे तो एकदम खड़ा कर दिया और फिर चुदवाने से भी मना कर दिया। कम से कम एकाध चुम्मी तो दे दे उसे…”
उसमें मुझे कोई ऐतराज नहीं था। अजय ने खूब चुसवाया था मुझे। तो भैय्या के लण्ड को चूसने में कौन ऐतराज हो सकता था।
मेरी नींद जब खुली तो बाहर अभी भी पूरा अँधेरा था। मैं करवट लिए लेटी थी, सामने की ओर कामिनी भाभी और पीछे उनके पति, भैया।
सोते समय भी उन्होंने पीछे से मुझे कस के दबोच रखा था, एक हाथ उनका मेरे एक उभार पे था।
दूसरा उभार भौजी के हाथ में था।
![[Image: nips-2.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/12/30/nips-2.jpg)
रात अभी बाकी थी। मैंने फिर सोने की कोशिश की तो लगा मेरे उठने के चक्कर में कामिनी भाभी की नींद भी टूट गई थी। कामिनी भाभी की उंगलियां अब मेरे जोबन पे हल्के-हल्के रेंगने लगी थीं।
मै डर गई।
कहीं भैय्या भी जाग गए, और वो दोनों लोग मिल के चालू हो गए तो?
![[Image: creampie-17997094.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/12/30/creampie-17997094.jpg)
अभी भी नीचे बहुत दर्द हो रहा था। मैंने झट से आँखें बंद कर ली और फिर से सोने की ऐक्टिंग करने लगी।
लेकिन बचत नहीं थी। लगता है मेरे हिलने डुलने से कामिनी भाभी के पति की भी नींद खुल गई और मेरे उभार पे जो उन्होंने हाथ सोये में रखा था, वो हल्के-हल्के उसे दबाने सहलाने लगा।
![[Image: sixteen-boobshot.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/12/30/sixteen-boobshot.jpg)
मैंने खर्राटे की एक्टिंग की और ऐसे की जैसे मुझे पता न चल रहा हो की वो दोनों जग गए हैं।
लेकिन कामिनी भाभी भी न… उनसे कौन ननद बच पाई है जो मैं बच पाती? झट से दूसरे हाथ से गुदगुदी लगानी शुरू कर दी और बोलीं-
“मेरी बिन्नो, आई छिनारपना कहीं और करना, मुझे सब मालूम है कि अच्छी तरह जग गई हो, अब नौटंकी मत करो…”
खिलखिलाते हुए मैंने आँखें खोल दी और करवट से अब सीधे पीठ के बल लेट गई।
बस मुझे दोनों ने बाँट लिया, एक उभार भैया के हाथ में तो दूसरा भौजी ने दबोच रखा था। और सिर्फ चूचियां ही नहीं गाल भी, एक पे कामिनी भौजी हल्के-हल्के किस कर रही थी
![[Image: Lez-nip-suck-19626778.gif]](https://picsbees.com/images/2018/12/30/Lez-nip-suck-19626778.gif)
तो दूसरे पे लिक करते-करते उन्होंने कचकचा के गाल काट लिया।
“उईई… आह्ह्ह… लगता है…”
मैं जोर से चीखी। नींद अच्छी तरह भाग गई।
“सब कुछ तो ले लिहला, गाल जिन काटा, भैय्या बहुते खराब तू त बाटा…”
भौजी ने मुझे चिढ़ाया लेकिन भैय्या को और उकसाया-
“अरे अस मालपुआ जस गाल है, खूब मजे ले कचकचा के काटा, दो चार दिन तक तो निशान रहना चाहिए। अरे पूरे गाँव को पता तो चलना चाहिए न की छुटकी ननदिया केहसे गाल कटवा के आय रही हैं…”
भैय्या कभी भौजी की बात टालते नहीं थे, तो उन्होंने एक फिर उसी जगह पे दुहरी ताकत से… और अबकी जो गाल पे निशान पड़ा तो सचमुच में तीन चार दिन से पहले नहीं मिटने वाला था। वो खूब मस्ता रहे थे।
![[Image: boobs-massage-10839394.gif]](https://picsbees.com/images/2018/12/30/boobs-massage-10839394.gif)
उन्होंने अपने हाथ से मेरी चूची अब जोर-जोर से पकड़ ली थी और खूब कस-कस के मीज रहे थे।
भौजी दोनों ओर से आग लगा रही थीं, वैसे उन्होंने मुझे खुद अपनी असली ननद बनाया था तो कुछ मेरा हक तो बनता ही था न। उन्होंने अब मेरी साइड ली और कान में फुसफुसाया-
“सिर्फ वही थोड़ी पकड़ सकते हैं, तू भी तो पकड़ा पकड़ी कर सकती है। उनके पास भी तो है पकड़ने के लिए?”
भौजी का इशारा काफी था। वैसे भी ‘वो’ थोड़ा सोया थोड़ा जागा बहुत देर से मेरे पिछवाड़े पड़ा था। और जब वो जग जाता तो इतना मोटा हो जाता की मेरी मुट्ठी में समाता ही नहीं। बस मैंने पकड़ लिया। अभी भी थोड़ा थोड़ा सोया ही था।
सिर्फ पकड़ने से थोड़े ही होता है, मैंने हल्के-हल्के मुठियाना भी शुरू कर दिया।
![[Image: Joru-K-holdingcock11.gif]](https://picsbees.com/images/2018/12/30/Joru-K-holdingcock11.gif)
डरती तो थी लेकिन इतना भी नहीं, अभी थोड़ी देर पहले ही पूरा घोंट चुकी थी। फिर अजय सुनील ने पकड़वाके और चन्दा मेरी सहेली, चम्पा भाभी, बसंती की संगत में मुठियाना, रगड़ना सीख भी गई थी। फिर जब हम तीनों अच्छी तरह जग गए थे तो उसके सोने का क्या मतलब?
भैया जोर-जोर से मेरी चूचियां मसल रहे थे, मजे ले ले के मेरे मुलायम मुलायम गाल काट रहे थे। कामिनी भाभी भी दूसरे उभार को अपनी मुट्ठी में ले के मजे ले रही थी। और मैं भी इन दोनों के साथ, और ‘उसे’ ले के जोर-जोर से मुठिया रही थी।
नतीजा वही हुआ जो होना था, शेर अंगड़ाई ले के जाग गया।
पर बसंती, गुलबिया का सिखाया पढ़ाया, मैंने एक झटके से खींचा तो सुपाड़ा खुल गया।
![[Image: holding-cutcock2.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/12/30/holding-cutcock2.jpg)
खूब मोटा, एकदम कड़ा, लेकिन था तो मेरी मुट्ठी में, मुझे एक और शरारत सूझी। मैंने अंगूठे से सुपाड़े पे रगड़ दिया, और वो मस्ती से गिनगिना उठे।
भौजी ने मस्ती से, कुछ तारीफ से मेरी ओर देखा।
मेरी शैतानी और बढ़ गई, और मैंने अंगूठे को सीधे ‘पी-होल’ (पेशाब के छेद) पे लगाकर हल्के से दबा दिया।
![[Image: holding-cock-213.gif]](https://picsbees.com/images/2018/12/30/holding-cock-213.gif)
अब भैय्या के पास जवाब देने के अलावा और कोई रास्ता नहीं था। उनका अपना एक हाथ मेरी दोनों जाँघों के बीच पहुँच गया और उंगलियां प्रेम गली की ओर बढ़ने लगीं।
बुर मेरी अभी भी किसी ताजी चोट की तरह दुःख रही थी। जांघें भी दर्द से फटी पड़ रही थीं। मुझे डर लगा की कहीं भैया दुबारा मेरी बुर तो नहीं… बुरी हालत थी बुर की। मैंने उसी अदालत में गुहार लगाई-
“भौजी, भैय्या से बोलिए वहां नहीं, प्लीज वहां नहीं…”
“अरे वहां नहीं, मतलब कहाँ नहीं? नाम डुबो देगी मेरा, बोल साफ-साफ?” उलटे कामिनी भाभी की डांट पड़ गई।
“भौजी, भैय्या से बोल दीजिये, उन्हें मना कर दीजिये, बहुत दुःख रहा है, भईया से कहिये दीजिये मेरी… मेरी चूत मत चोदें। चूत बहुत दुःख रही है…”
भैय्या ने दूसरा रास्ता निकाला, उन्होंने अपनी उंगली मेरी चूत के मुहाने पे लगा दी और अभी कुछ देर पहले लण्ड के जो धक्के उसने खाए थे, जो चोटें लगी थी, दर्द से मैं दुहरी हो गई। जोर से चीख उठी- “भौजी नहींईऽऽऽ उंगली भी नहीं, चूत में कुछ मत डालें, मना करिये न उन्हें…”
और अब डांट भैय्या को पड़ी-
“सुन नहीं रहे हो क्या बोल रही है बिचारी? इसकी चूत को हाथ भी मत लगाओ, न चोदना, न उंगली करना…”
भौजी को देखकर मैंने जोर-जोर से हामी में सर हिलाया।
भइया ने तुरंत हाथ हटा दिया। प्यार से मेरे बाल सहलाते बोले-
“न बुर चोदना है न बुर में उंगली करना है, क्यों बिन्नो?”
मैंने खुशी में मुश्कुराते हुए हामी में सर हिलाया। लेकिन भैया को भी तो थैंक्स देना था, उनके सामने से रसमलाई हटा ली थी मैंने, कहीं गुस्सा न हो जाएं। तो मुड़ के मैंने उन्हें देखकर भी एक किस सीधे उनके लिप्स पे दिया और फिर एक बार जोर से मुठियाने लगी।
भैय्या की जीभ मेरे मुँह में थी और मैं उसे प्यार से चूस रही थी। भैया मेरे दोनों उभार अब जोर-जोर से मसल रहे थे और मैं उनके भी दूने जोर से उनका लण्ड दबा रही थी, मसल रही थी, मुठिया रही थी।
![[Image: holding-cock-tumblr_o050lrrZdH1uk76xgo1_400.gif]](https://picsbees.com/images/2018/12/30/holding-cock-tumblr_o050lrrZdH1uk76xgo1_400.gif)
भाभी मुझे हल्के-हल्के चूम रही थीं, फिर मेरे कान में बोली-
“तूने उसे तो एकदम खड़ा कर दिया और फिर चुदवाने से भी मना कर दिया। कम से कम एकाध चुम्मी तो दे दे उसे…”
उसमें मुझे कोई ऐतराज नहीं था। अजय ने खूब चुसवाया था मुझे। तो भैय्या के लण्ड को चूसने में कौन ऐतराज हो सकता था।
![[Image: bj-lick-2.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/12/30/bj-lick-2.jpg)