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पुरानी हिन्दी की मशहूर कहनियाँ
विजय- क्यों नहीं लाखन अब तो तेरे साथ बैठना ही पड़ेगा, तेरी बाते पूरा मूड फ्रेश कर देती है, लाखन- अगर ऐसी बात है भैया तो अगली बार जब हम साथ बैठेंगे तब मैं तुम्हें और भी मस्त बताऊंगा,

विजय- मुस्कुराते हुए किसके नंगे में अपनी अम्मा के नंगे में या मेरी माँ के नंगे में
लाखन- तुम जिसके बारे में सुनना चाहोगे भैया उसके बारे में मैं बता दूंगा, सुरक्षा अधिकारी हूं सबकी खबर रखता हूं, और हा भैया आपसे एक बात कहना भूल गया, बुरा मत मानना पर मेरी सलाह है अपनी बहन गुड़िया को अपने साथ शहर में रखो यहाँ गांव का माहौल बड़ा ख़राब रहता है, किसी दिन कुछ ऊंच नीच ना हो जाए,
विजय- तू कुछ छुपा रहा है लाखन, साफ-साफ बता क्या बात है ।
लाखन- भैया बुरा मत मानना पर एक दिन मैंने देखा कि मनोहर काका अपना लैंड निकाल कर मूत रहा था और गुड़िया,,,,,,,,,,,,
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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Messages In This Thread
Pahli bar bahan k sath picnic - by neerathemall - 14-02-2019, 03:18 AM
RE: Soni Didi Ke Sath Suhagraat - by neerathemall - 26-04-2019, 12:23 AM
didi in waterfall - by neerathemall - 04-06-2019, 01:34 PM
Meri Didi Ki Garam Jawani - by neerathemall - 29-01-2020, 11:22 AM
RE: पुरानी हिन्दी की मशहूर कहनियाँ - by neerathemall - 26-09-2023, 11:05 AM



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