17-09-2023, 11:23 AM
जावेद भी अब ख़त्म होनेवाला था। ये उसकी तेज सांसे और गुर्राहट की वजह से पता चल रहा था। मिताली की चूत का अब तक भोसड़ा बन चूका था। लेकिन मिताली फ़ौरन होश में आई और उसने जल्दी से जावेद का लंड चूत से बाहर निकला। और वहां से उठकर जावेद के बाजु में लेट गयी। जावेद फ़ौरन समझ गया की मिताली को क्या चाहिए। और वो अपने घुटनो के बल खड़ा हुआ और खुद को पोजीशन कर लिया। उसके बाद उसने चूत में जोर से धक्के लगाने शुरू किये। धक्के लगाते समय वो किसी जानवर की तरह गुर्रा रहा था।
जावेद : जान.… मै छूटनेवाला हूँ ……… आह्ह्ह्ह…………यह…… तुम्हारी चूत काफी टाइट है ……… छिनाल रंडी……… ये सब …… ये सब तुम्हारे लिए……… है……… आह्ह्ह्ह ………
एक आखरी जोरदार धक्के के साथ जावेद के लंड आने ढेर सारा वीर्य मिताली के चूत में छोड़ दिया। चूत से निकलते हुए उसने वो ज्यूस मिताली के बॉडी पर मम्मो पर, गले पर, उसकी कमर से उसके चेहरे पर हर तरफ फैला दिया। मेरे ज्यूस से कही ज्यादा चार गुना ज्यूस उसके लंड से निकल रहा था।
मिताली के चेहरे पर उसके होठों के पास गिरा हुआ पानी मिताली ने बड़े हवस के अंदाज़ में चाट कर निगल लिया। जितना पानी जावेद ने छोड़ा था उससे मिताली बहुत इम्प्रेस हुई थी। उस वक्त मै अपनी बीवी को पूरी तरह खो चूका था। मिताली अब जावेद की गुलाम बन चुकी थी।
उस जबरदस्त चुदाई के बाद दोनों संतुष्ट होकर थककर जमीं पर लेट गए। इस तरह की चुदाई के लिए वो दोनों के दूसरे के परफेक्ट मैच थे। दोनों का स्टैमिना एक दूसरे से मिलता जुलता था। ये सब देखकर मुझे पता चला की मै मिताली की प्यास बुझाने के लिए काबिल ही नहीं था।
जावेद : जान अब तुम कैसा महसूस कर रही हो ?
मिताली : आज.............आज पहली बार............ मैंने असली सेक्स किया है ............ इन सब दिनों में मैंने अपना पूरा टाइम अपने............ नामर्द पति के साथ बेकार गँवा दिए............
जावेद : क्या तुम ये सब हमेशा करना चाहोगी ?
मिताली : मै नहीं जानती। लेकिन मै तुम्हारा हथियार मिस नहीं कर सकती............. मुझे यही लंड चाहिए
जावेद : अगर ऐसी बात है तो, हम कोई प्लान बनाकर तुम्हारे घर चुदाई करते है। क्या कहती हो ?
मिताली : हाँ जरूर। मै ट्राय करुँगी।
जावेद : और तुम्हारे पति का क्या ?
मिताली : अब मै उसके बारे में नहीं सोचती। छोड़ दो उस नामर्द को। अगर उसे ये सब पता भी चल जाये तो मुझे उसकी पर्वा नहीं।
मै जब ये सब बाते सुन रहा था तब मै पूरी तरह यातना से पीड़ित हो गया। ये भगवान मेरे साथ क्या हो गया। मेरे अंदर गुस्से की एक आगा जल रही थी। मेरा अपमान हो गया था। ये सब होने के बाद वो खड़े हो गए और टिश्यू पेपर से एक दूसरे को साफ़ करने लगे। मेरे लिए यही सही वक्त था मई धीरे से बाहर निकल गया। जिम के बाहर आकर बाइक शुरू की और जड़ अंतकरण के साथ घर की तरफ निकल गया।
!! समाप्त !!
मित्रो आइ होप आपको ये कहानी पसंद आई होगी
जावेद : जान.… मै छूटनेवाला हूँ ……… आह्ह्ह्ह…………यह…… तुम्हारी चूत काफी टाइट है ……… छिनाल रंडी……… ये सब …… ये सब तुम्हारे लिए……… है……… आह्ह्ह्ह ………
एक आखरी जोरदार धक्के के साथ जावेद के लंड आने ढेर सारा वीर्य मिताली के चूत में छोड़ दिया। चूत से निकलते हुए उसने वो ज्यूस मिताली के बॉडी पर मम्मो पर, गले पर, उसकी कमर से उसके चेहरे पर हर तरफ फैला दिया। मेरे ज्यूस से कही ज्यादा चार गुना ज्यूस उसके लंड से निकल रहा था।
मिताली के चेहरे पर उसके होठों के पास गिरा हुआ पानी मिताली ने बड़े हवस के अंदाज़ में चाट कर निगल लिया। जितना पानी जावेद ने छोड़ा था उससे मिताली बहुत इम्प्रेस हुई थी। उस वक्त मै अपनी बीवी को पूरी तरह खो चूका था। मिताली अब जावेद की गुलाम बन चुकी थी।
उस जबरदस्त चुदाई के बाद दोनों संतुष्ट होकर थककर जमीं पर लेट गए। इस तरह की चुदाई के लिए वो दोनों के दूसरे के परफेक्ट मैच थे। दोनों का स्टैमिना एक दूसरे से मिलता जुलता था। ये सब देखकर मुझे पता चला की मै मिताली की प्यास बुझाने के लिए काबिल ही नहीं था।
जावेद : जान अब तुम कैसा महसूस कर रही हो ?
मिताली : आज.............आज पहली बार............ मैंने असली सेक्स किया है ............ इन सब दिनों में मैंने अपना पूरा टाइम अपने............ नामर्द पति के साथ बेकार गँवा दिए............
जावेद : क्या तुम ये सब हमेशा करना चाहोगी ?
मिताली : मै नहीं जानती। लेकिन मै तुम्हारा हथियार मिस नहीं कर सकती............. मुझे यही लंड चाहिए
जावेद : अगर ऐसी बात है तो, हम कोई प्लान बनाकर तुम्हारे घर चुदाई करते है। क्या कहती हो ?
मिताली : हाँ जरूर। मै ट्राय करुँगी।
जावेद : और तुम्हारे पति का क्या ?
मिताली : अब मै उसके बारे में नहीं सोचती। छोड़ दो उस नामर्द को। अगर उसे ये सब पता भी चल जाये तो मुझे उसकी पर्वा नहीं।
मै जब ये सब बाते सुन रहा था तब मै पूरी तरह यातना से पीड़ित हो गया। ये भगवान मेरे साथ क्या हो गया। मेरे अंदर गुस्से की एक आगा जल रही थी। मेरा अपमान हो गया था। ये सब होने के बाद वो खड़े हो गए और टिश्यू पेपर से एक दूसरे को साफ़ करने लगे। मेरे लिए यही सही वक्त था मई धीरे से बाहर निकल गया। जिम के बाहर आकर बाइक शुरू की और जड़ अंतकरण के साथ घर की तरफ निकल गया।
!! समाप्त !!
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