09-09-2023, 02:33 PM
जावेद ने मिताली को खिंचा और ऊपर उठाके उसी रूम के अंदर के एक टेबल पर बिठा दिया। जावेद ने मिताली को फिर उस टेबल के ऊपर सुला दिया और खुद टेबल के बाजु में खड़े होकर सोयी हुई मिताली के नंगे बदन को निहारने लगा और मजे लेने लगा। उस पोसिशन में भी मिताली के मम्मे कड़क और निप्पल खड़े हुए दिख रहे थे। जावेद इस तरह खड़ा था जैसा कोई मसाज करनेवाला मसाज करने के लिए क्लायंट के पास खड़ा होता है।
जावेद मिताली के ऊपर झुका और उसने मिताली को किस करना शुरू किया। पहले माथे पर, फिर होठों पर उसके बाद गर्दन पर चूमते हुए जावेद निचे की तरफ जाने लगा। गर्दन के बाद चूचियों को चूमा उसके बाद मिताली के नाभि को और आखिर में मिताली के ट्रैक पैंट के ऊपर से मिताली की चूत चूमकर जावेद रुका। फिर जावेद के हाथों ने ट्रैक पैंट के ऊपर से ही मिताली की चूत को पकड़ा।
जावेद : जानू, क्या ये मेरे लिए तैयार है ?
मिताली : ह्म्म्म्.......... बहुत ज्यादा……
जावेद : दैट्स ग्रेट जानू।
ये कहते हुए जावेद ने मिताली के पैंट को निचे की तरफ सरकाना शुरू किया। ये देखकर में भी मन निचे निचे जाने लगा। मैं गिर रहा था। मै अपने खुद के सामने ही मेरी बीवी को किसी दूसरे मर्द के हाथों खो रहा था। धोखेबाजी की वजह से जो दर्द मेरे दिल में उभरा था अब वो और भी ज्यादा तीव्र होते जा रहा था। लेकिन इसी वजह से जो भाव मेरे बीवी के चेहरे पर उभरके आ रहा था वो बिलकुल ही अलग था। इस पूर्व समय में मेरी बीवी बस जावेद के लंड को अपने हाथों से मसले जा रही थी।
मिताली की आँखों में अब एक कामुक चमक थी। इतने समय में उसने एक बार भी अपनी नज़रे जावेद के उस हत्यार से नहीं हटाई थी। मेरी बीवी पूरी तरह जावेद के लंड से सम्मोहित हो चुकी थी। और वो जावेद के लंड की तुलना मेरे लैंड से कर रही थी। और कह रही थी की जावेद का लंड देखने के बाद अतुल के नुन्नी को लंड कहना भी योग्य नहीं है।
जावेद ने पूरी तरह मेरी बीवी की ट्रैक पैंट निकल कर फेंक दी। मिताली की कामुक जांघे और बेहतरीन टाँगे अब दिखाई देने लगी थी। वो हर रोज़ एपिलेटर का इस्तेमाल करती और हमेशा अपनी टांगो को वैक्स करती थी। इसलिए वो काफी आकर्षक दिखाई दे रही थी। जावेद उसकी खरदूरी उंगलिया मिताली के टांगो पे फेरने लगा। उसके स्पर्श से होनेवाली गुदगुदी की वजह से मिताली अपनी टांगे खिंच लेती और उसका शरीर हिलने लगता था। जावेद ने मिताली के जांघो पर चूमना शुरू किया साथ ही साथ वो उसकी जांघो को हाथों से मसल भी रहा था।
फिर जावेद अपने हाथ मिताली की चूत के आसपास फेरने लगा लेकिन जानबूझकर उसने मिताली की चूत को टच भी नहीं किया। मिताली अब पूरी तरह गर्म हो चुकी थी उसने जावेद का ये खेल कुछ देर सहन किया लेकिन अब और नहीं। उसने जावेद का हाथ खिंचा और जावेद की हथेली पैंटी के ऊपर से ही अपनी चूत पर रखी और उसने वहां और से दबाया। मिताली ने जावेद का हाथ तब तक दबाकर पकड़ा जब तक उसे पूरी तरह शांति न मिली हो।
जावेद ने भी अब मिताली को चिढ़ाना छोड़ दिया। और उसका चेहरा मिताली की पैंटी के ऊपर ले गया। वहांपर उसने जोर की की सांस ली और वो मिताली के चूत की खुशबु सूंघने लगा। फिर वो उसके होठों से वहांपर चूमने लगा। जिससे मेरी बीवी का जिस्म बड़ी जोरो से धक्के खाने लगा। उसे फिर से उसका ओर्गास्म प्राप्त हो चूका था।
मिताली ने जावेद के बाल पकड़कर उसे खिंचा था और वो अब जावेद का चेहरा चूत पर दबाकर जोरदार सिस्कारियां भर रही थी। अब जावेद के उँगलियों ने धीरे धीरे पैंटी को और खींचना शुरू किया। जिसकी वजह से शर्म और हवस के मारे मिताली का चेहरा गुलाबी हो चूका था।
वैसे तो मिताली हमेशा उसकी चूत क्लीन शेव्ड रखती थी। लेकिन उसे ये पता नहीं था की आज ये मामला शायद यहाँ तक पहुंचेगा इसलिए उस दिन उसने चूत शेव नहीं की थी। उसकी चूत पर छोटे छोटे कटे हुए हलके से बाल नजर आ रहे थे। लेकिन ये देखकर जावेद और गर्म हो गया। जावेद ने कुछ देर हथेली पूरी चूत पर घुमायी। जिससे अब मिताली अपने आप पे का नियंत्रण खो चुकी थी उसका शरीर हिलने लगा था। जावेद की उंगलिया अब मिताली के चूत के दाने को रगड़ रही थी। मिताली ने अब उसकी पीठ थोडीसी उठाई और जावेद के हाथ को जोर से थामा ताकि जावेद को रोक जा सके. लेकिन जावेद फिर भी चालू रहा।
मिताली : प्लिज्....... प्लिज…… रुक जाओ न। मुझे चक्कर सा आने लगा है।
जावेद : तुम्हे चक्कर नहीं आ रहा है जानू। वास्तव में तुम आनंद के परमोच्च शिखर पर पहुँच चुकी हो। पीछे हटो और बस एन्जॉय करो छिनाल रंडी।
जावेद ने अब अपने हाथ मिताली की चूत से हटा दिए लेकिन अब वहां पर खुद के होंठ टेक दिए। मिताली उसे रोकने के लिए जोर से गांड को आगे पीछे करने लगी। मिताली को लग रहा था की वो अब नहीं सहन कर पायेगी और आखरी बार चूत का पानी छोड़ देगी। लेकिन जावेद ने मिताली को धकेला और अपने होंठ मिताली की चूत पर रख दिए। वो मिताली के चूत को चूसने लगा। उसके चूसने की आवाज़े सुनकर शायद किसीका जगह पर ही पानी निकल जाये। जावेद ने मिताली के चूत के दाने को दांतो के बीच पकड़ा और हलके से खींचा जिससे मिताली अब हिलने लगी थी। और इस तरह तड़पने लगी जैसे मछली को पानी से बाहर निकल दिया हो।
मिताली : प्लिज्.......... प्लिज्.......... प्लिज……… प्लीज नहीं।
जावेद ने इस सबकी परवा नहीं की उसने उसका काम जारी रखा। जावेद ने अब खुदका सर वहां से हटाया और मिताली की बायीं जांघ को अंदर से चूमने लगा। थोडासा घुटने के ऊपर। मिताली की जांघ की मखमली नरम कोमल चमड़ी को जावेद अब जबान से चाटने लगा। मिताली के घुटने से उसकी चूत तक जावेद चाटते हुए जाने लगा।
जावेद को मुंह चूत के प्रवेशद्वार पर लगते ही मिताली एक बार फिर छटपटाई। मैंने मिताली के साथ कभी ऐसा नहीं किया था। जावेद का एहसास मिताली को पागल बना दे रहा था मिताली ऐसे थी जैसे मानो ये उसका सपना था जो पूरा हो रहा था। जावेद अभी तक मिताली के चूत के छेद तक नहीं पहुंचा था। लेकिन फिर अब तक मिताली जितनी गर्म हो चुकी थी उतनी इसके पहले जिंदगी में कभी नहीं हुई थी। और मैंने या मिताली ने कभी सोचा भी नहीं था उतना जिंदगी में पहली बार उसकी चूत गीली हो गई थी।
अब जावेद ने मिताली के बाये जांघ को चाटना शुरू किया। और ऊपर सरकने लगा। पूरी जांघ पर जावेद अपने जबान की लौ फिराए जा रहा था। जैसे ही वो चूत के छेद की नजदीक पहुंचा वैसे ही उसने चाटने की गति काम कर दी। और फिर एक दम से ही दबाव बढ़ाके पुरे दात मिताली के जांघ में घुसाकर चाटने की गति बढाई। इसकी वजह से मिताली अब उसकी गांड ऊपर की तरफ हवा में उछलने लगी।
जावेद ने अपनी जबान को थोड़ा फैलाया और वो उसके चूत के दाने पर जम के बरसाने लगा। जैसे दाने को फटकार लगा रहा हो। जावेद मिताली के चूत का रस पी रहा था उसकी आवाज़े ऐसी आ रही थी जैसा कोई कुत्ता पानी पी रहा हो। वैसे भी वो हरामी किसी कुत्ते से कम नहीं था। लेकिन इसका नतीजा ये हुआ की फिर से मिताली के चूत में पानी की बाढ़ आ गयी। मिताली ने फिर से परमोच्च ओर्गास्म को प्राप्त किया था।
मिताली : ओह्ह्ह्ह ह…… आह्ह्ह्ह्ह………नहि…नहि… ओह्ह्ह्ह……मै………मै छूट रही हूँ.……… ओह्ह्ह्....... आह्ह्ह्ह्ह्....... आआआआअ……… आह्ह्ह्ह्ह्ह………
जावेद मिताली के ऊपर झुका और उसने मिताली को किस करना शुरू किया। पहले माथे पर, फिर होठों पर उसके बाद गर्दन पर चूमते हुए जावेद निचे की तरफ जाने लगा। गर्दन के बाद चूचियों को चूमा उसके बाद मिताली के नाभि को और आखिर में मिताली के ट्रैक पैंट के ऊपर से मिताली की चूत चूमकर जावेद रुका। फिर जावेद के हाथों ने ट्रैक पैंट के ऊपर से ही मिताली की चूत को पकड़ा।
जावेद : जानू, क्या ये मेरे लिए तैयार है ?
मिताली : ह्म्म्म्.......... बहुत ज्यादा……
जावेद : दैट्स ग्रेट जानू।
ये कहते हुए जावेद ने मिताली के पैंट को निचे की तरफ सरकाना शुरू किया। ये देखकर में भी मन निचे निचे जाने लगा। मैं गिर रहा था। मै अपने खुद के सामने ही मेरी बीवी को किसी दूसरे मर्द के हाथों खो रहा था। धोखेबाजी की वजह से जो दर्द मेरे दिल में उभरा था अब वो और भी ज्यादा तीव्र होते जा रहा था। लेकिन इसी वजह से जो भाव मेरे बीवी के चेहरे पर उभरके आ रहा था वो बिलकुल ही अलग था। इस पूर्व समय में मेरी बीवी बस जावेद के लंड को अपने हाथों से मसले जा रही थी।
मिताली की आँखों में अब एक कामुक चमक थी। इतने समय में उसने एक बार भी अपनी नज़रे जावेद के उस हत्यार से नहीं हटाई थी। मेरी बीवी पूरी तरह जावेद के लंड से सम्मोहित हो चुकी थी। और वो जावेद के लंड की तुलना मेरे लैंड से कर रही थी। और कह रही थी की जावेद का लंड देखने के बाद अतुल के नुन्नी को लंड कहना भी योग्य नहीं है।
जावेद ने पूरी तरह मेरी बीवी की ट्रैक पैंट निकल कर फेंक दी। मिताली की कामुक जांघे और बेहतरीन टाँगे अब दिखाई देने लगी थी। वो हर रोज़ एपिलेटर का इस्तेमाल करती और हमेशा अपनी टांगो को वैक्स करती थी। इसलिए वो काफी आकर्षक दिखाई दे रही थी। जावेद उसकी खरदूरी उंगलिया मिताली के टांगो पे फेरने लगा। उसके स्पर्श से होनेवाली गुदगुदी की वजह से मिताली अपनी टांगे खिंच लेती और उसका शरीर हिलने लगता था। जावेद ने मिताली के जांघो पर चूमना शुरू किया साथ ही साथ वो उसकी जांघो को हाथों से मसल भी रहा था।
फिर जावेद अपने हाथ मिताली की चूत के आसपास फेरने लगा लेकिन जानबूझकर उसने मिताली की चूत को टच भी नहीं किया। मिताली अब पूरी तरह गर्म हो चुकी थी उसने जावेद का ये खेल कुछ देर सहन किया लेकिन अब और नहीं। उसने जावेद का हाथ खिंचा और जावेद की हथेली पैंटी के ऊपर से ही अपनी चूत पर रखी और उसने वहां और से दबाया। मिताली ने जावेद का हाथ तब तक दबाकर पकड़ा जब तक उसे पूरी तरह शांति न मिली हो।
जावेद ने भी अब मिताली को चिढ़ाना छोड़ दिया। और उसका चेहरा मिताली की पैंटी के ऊपर ले गया। वहांपर उसने जोर की की सांस ली और वो मिताली के चूत की खुशबु सूंघने लगा। फिर वो उसके होठों से वहांपर चूमने लगा। जिससे मेरी बीवी का जिस्म बड़ी जोरो से धक्के खाने लगा। उसे फिर से उसका ओर्गास्म प्राप्त हो चूका था।
मिताली ने जावेद के बाल पकड़कर उसे खिंचा था और वो अब जावेद का चेहरा चूत पर दबाकर जोरदार सिस्कारियां भर रही थी। अब जावेद के उँगलियों ने धीरे धीरे पैंटी को और खींचना शुरू किया। जिसकी वजह से शर्म और हवस के मारे मिताली का चेहरा गुलाबी हो चूका था।
वैसे तो मिताली हमेशा उसकी चूत क्लीन शेव्ड रखती थी। लेकिन उसे ये पता नहीं था की आज ये मामला शायद यहाँ तक पहुंचेगा इसलिए उस दिन उसने चूत शेव नहीं की थी। उसकी चूत पर छोटे छोटे कटे हुए हलके से बाल नजर आ रहे थे। लेकिन ये देखकर जावेद और गर्म हो गया। जावेद ने कुछ देर हथेली पूरी चूत पर घुमायी। जिससे अब मिताली अपने आप पे का नियंत्रण खो चुकी थी उसका शरीर हिलने लगा था। जावेद की उंगलिया अब मिताली के चूत के दाने को रगड़ रही थी। मिताली ने अब उसकी पीठ थोडीसी उठाई और जावेद के हाथ को जोर से थामा ताकि जावेद को रोक जा सके. लेकिन जावेद फिर भी चालू रहा।
मिताली : प्लिज्....... प्लिज…… रुक जाओ न। मुझे चक्कर सा आने लगा है।
जावेद : तुम्हे चक्कर नहीं आ रहा है जानू। वास्तव में तुम आनंद के परमोच्च शिखर पर पहुँच चुकी हो। पीछे हटो और बस एन्जॉय करो छिनाल रंडी।
जावेद ने अब अपने हाथ मिताली की चूत से हटा दिए लेकिन अब वहां पर खुद के होंठ टेक दिए। मिताली उसे रोकने के लिए जोर से गांड को आगे पीछे करने लगी। मिताली को लग रहा था की वो अब नहीं सहन कर पायेगी और आखरी बार चूत का पानी छोड़ देगी। लेकिन जावेद ने मिताली को धकेला और अपने होंठ मिताली की चूत पर रख दिए। वो मिताली के चूत को चूसने लगा। उसके चूसने की आवाज़े सुनकर शायद किसीका जगह पर ही पानी निकल जाये। जावेद ने मिताली के चूत के दाने को दांतो के बीच पकड़ा और हलके से खींचा जिससे मिताली अब हिलने लगी थी। और इस तरह तड़पने लगी जैसे मछली को पानी से बाहर निकल दिया हो।
मिताली : प्लिज्.......... प्लिज्.......... प्लिज……… प्लीज नहीं।
जावेद ने इस सबकी परवा नहीं की उसने उसका काम जारी रखा। जावेद ने अब खुदका सर वहां से हटाया और मिताली की बायीं जांघ को अंदर से चूमने लगा। थोडासा घुटने के ऊपर। मिताली की जांघ की मखमली नरम कोमल चमड़ी को जावेद अब जबान से चाटने लगा। मिताली के घुटने से उसकी चूत तक जावेद चाटते हुए जाने लगा।
जावेद को मुंह चूत के प्रवेशद्वार पर लगते ही मिताली एक बार फिर छटपटाई। मैंने मिताली के साथ कभी ऐसा नहीं किया था। जावेद का एहसास मिताली को पागल बना दे रहा था मिताली ऐसे थी जैसे मानो ये उसका सपना था जो पूरा हो रहा था। जावेद अभी तक मिताली के चूत के छेद तक नहीं पहुंचा था। लेकिन फिर अब तक मिताली जितनी गर्म हो चुकी थी उतनी इसके पहले जिंदगी में कभी नहीं हुई थी। और मैंने या मिताली ने कभी सोचा भी नहीं था उतना जिंदगी में पहली बार उसकी चूत गीली हो गई थी।
अब जावेद ने मिताली के बाये जांघ को चाटना शुरू किया। और ऊपर सरकने लगा। पूरी जांघ पर जावेद अपने जबान की लौ फिराए जा रहा था। जैसे ही वो चूत के छेद की नजदीक पहुंचा वैसे ही उसने चाटने की गति काम कर दी। और फिर एक दम से ही दबाव बढ़ाके पुरे दात मिताली के जांघ में घुसाकर चाटने की गति बढाई। इसकी वजह से मिताली अब उसकी गांड ऊपर की तरफ हवा में उछलने लगी।
जावेद ने अपनी जबान को थोड़ा फैलाया और वो उसके चूत के दाने पर जम के बरसाने लगा। जैसे दाने को फटकार लगा रहा हो। जावेद मिताली के चूत का रस पी रहा था उसकी आवाज़े ऐसी आ रही थी जैसा कोई कुत्ता पानी पी रहा हो। वैसे भी वो हरामी किसी कुत्ते से कम नहीं था। लेकिन इसका नतीजा ये हुआ की फिर से मिताली के चूत में पानी की बाढ़ आ गयी। मिताली ने फिर से परमोच्च ओर्गास्म को प्राप्त किया था।
मिताली : ओह्ह्ह्ह ह…… आह्ह्ह्ह्ह………नहि…नहि… ओह्ह्ह्ह……मै………मै छूट रही हूँ.……… ओह्ह्ह्....... आह्ह्ह्ह्ह्....... आआआआअ……… आह्ह्ह्ह्ह्ह………