Thread Rating:
  • 6 Vote(s) - 2.5 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Misc. Erotica भोली भाली शीला और पंडित जी
#43
Update 24



पंडित & शीला पार्ट--24

***********
गतांक से आगे ......................

***********

उसने सड़प -२ कर उनके लंड की हालत ऐसे कर दी मानो गन्ने की मशीन में डला हुआ कोई गन्ना हो वो ...उसके जूस को अन्दर से बाहर निकालने के लिए नूरी ने अपनी पूरी जान लगा दी ..


इसी बीच पंडित जी के हाथ उसकी गांड को सहला रहे थे ..जींस में कैद उसका पिछवाड़ा काफी मोहक और गुदाज लग रहा था ..पंडित अपने हाथों से उसके कूल्हों को मसल कर उनका लुत्फ़ उठा रहे थे .


और फिर उन्होंने उसकी जींस के बटन खोल दिए ..और पीछे से हाथ अन्दर डाल कर उसकी गरमा गरम गांड को अपने नंगे हाथों में समेट लिया ..और अपनी उँगलियों को अन्दर धंसा कर उसके गुदाजपन का जाएजा लेने लगे ..


ऐसी हालत में किसी भी लड़की या औरत की गांड की मालिश की जाए तो वो पूर्ण रूप से उत्तेजित हो जाती है ...ये पंडित को अच्छी तरह से मालुम था ...और इसी के परिणाम स्वरुप नूरी की लंड चूसने की स्पीड और भी तेज हो गयी ..और वो हुंकारते हुए पंडित की गोद में पड़ी हुई किसी पागल कुतिया की तरह उनका लंड चूस रही थी .


अँधेरा काफी गहरा हो चुका था ..इसलिए पार्क में खेल रहे बच्चे और उनके साथ आये हुए उनके पेरेंट्स भी अब घर जाने लगे थे ..कुछ ही लोग रह गए थे वहां अब ..वैसे भी आई पी एल के मैच का टाईम हो चुका था ..इसलिए पार्क अब लगभग पूरा सुनसान हो गया था ..

पंडित ने पहले सोच रखा था की सिर्फ ऊपर -२ का ही मजा ले पायेगा यहाँ तो ..पर नूरी ने उसके जज्बातों को इस कदर भड़का दिया था की वो अब वहां पर चुदाई के विकल्प पर भी विचार करने लगा था ..


उसकी नजरें फिर से दूर बैठे हुए जोड़े की तरफ गयी ..वो अब उठकर उनकी तरफ ही आ रहे थे ...पंडित ये देखकर एक दम से घबरा गया और नूरी के मुंह से बड़ी मुश्किल से अपने लंड को निकाल कर उसे वापिस अपनी धोती में छुपा दिया और उसे भी सीधा होकर कपडे सही करके बैठने को कहा ..


वो जोड़ा उनसे थोड़ी दूर पहले ही रुक गया ..वहां पर एक घनी सी दो फुट ऊँची झाडी थी और उसके ठीक पीछे एक घांस का टीला था ..जिसपर घनी और मुलायम घांस की चादर बिछी हुई थी . वो दोनों वहां जाकर बैठ गए ..इस तरह से वो बाहर दिख रही दुनिया से तो छुप गए पर पंडित और नूरी के और करीब आकर उन्हें पूर्ण रूप से दर्शन देने लगे ..पर उनकी हालत देखकर पंडित को पता चल गया की उन्हें भी अब चुदाई का भूत चढ़ चूका है ..जो उनकी बर्दाश्त की सीमा से परे है ..


और उस टीले पर बैठने के साथ ही उन्होंने पंडित और नूरी की परवाह किये बिना अपनी जींस उतारनी शुरू कर दी ..


और दोनों नीचे से नंगे होकर एक दुसरे से बुरी तरह से लिपट गए ..


पंडित और नूरी अवाक से होकर अपने से सिर्फ दस गज के फांसले पर हो रही गुथम गुत्था को देख रहे थे ..लड़के ने अपना मुंह नीचे लेजाकर लड़की की चूत पर रख दिया और लड़की ने भी अपनी टांगो से उसकी गर्दन को बुरी तरह से जकड लिया ..और जोर से सिसकारी मार कर अपने प्रेमी को पुकारा ..

''अह्ह्ह्ह्ह .....बद्री.....मेरे राजा ....अह्ह्ह ........खा जा मुझे ...मेरे राजा ...खा जा मुझे ...''


वो लड़की अपनी मिठाई की दूकान खोलकर अपने प्रेमी बद्री को अपने मिष्ठान खिला रही थी .

बद्री के दोनों हाथ ऊपर जाकर उसकी टी शर्ट और ब्रा को ऊपर कर चुके थे और अन्दर बैठे हुए कबूतरों को मसल कर उनका मजा ले रहे थे .


उन्हें पास बैठे हुए पंडित और नूरी की जैसे कोई चिंता थी ही नहीं ..शायद उन्होंने भी दूर से उन्हें आपस में चूमा चाटी करते हुए देख लिया था इसलिए उन्हें भी अपनी ही केटागीरी का मान कर बेशर्मों की तरह उनके सामने ही शुरू हो गए थे .


उन्हें ऐसा करते हुए देखकर नूरी धीरे से फुसफुसाई : ''जब उन्हें कोई शर्म नहीं है तो हम क्यों करे ..''


और इतना कहकर वो फिर से पंडित की टांगो के बीच घुस गयी और खोद कर उनके लंड को फिर से बाहर निकाल लिया ..वो अब तक मुरझा चुका था ..पर मर्द के लंड को खडा करने में देर ही कितनी लगती है ..नूरी ने उनके मुरझाये हुए लंड को मुंह में लेकर जब चूसना शुरू किया तो वो फिर से अपनी रंगत में आने लगा और सिर्फ तीन मिनट में ही वो फिर से पुरी तरह खडा होकर पहले जैसा हष्ट पुष्ट हो गया ..


पंडित की नजरें अब उस लड़की पर थी ..जो जमीन पर पड़ी हुई अपने आशिक से चूत चुसवा रही थी ..

उसकी उम्र करीब बीस साल के आस पास थी ..और लड़का भी लगभग हम उम्र ही था ..


उसकी टी शर्ट ऊपर होने की वजह से वो लगभग पूरी नंगी थी पंडित की आँखों के सामने ..उसकी ब्रेस्ट और थाई दोनों ही गजब की थी ..एकदम सफ़ेद और चिकनी ..36 की ब्रेस्ट होगी उसकी ..उन्हें लड़का बुरी तरह से मसल रहा था ..पर उसके मसलने से उस ब्रेस्ट के करारेपन पर कोई असर नहीं हो रहा था ..वो चट्टान की तरह तन कर खड़ी थी ..


पीछे की तरफ से आ रही हलकी लाईट अब उन चारों पर पड़ रही थी जिसकी वजह से वो लोग एक दुसरे को और साफ़ तरीके से देख पा रहे थे ..


पंडित ने उन दोनों के चेहरों को गौर से देखा ..उन दोनों को उसने पहले कभी नहीं देखा था ..शायद कहीं दूर से आये थे दोनों ..इस बड़े से पार्क में चुदाई करने ..पर उन्हें इतनी इतने करीब नंगा सा देखकर उनकी उत्तेजना में चार चाँद लग गए थे .नूरी भी लगभग बूखी डायन की तरह उनके लंड के मांस को नोचने में लगी हुई थी ..


और पंडित के मुंह से भी अब अह्ह्ह उन्नह निकल रही थी ..


''अह्ह्ह्ह नूरी ....उम्म्म्म .....धीरे कर .....अह्ह्ह्ह ...उफ़्फ़्फ़्फ़… ''

पंडित जी उसके सर को अपने लंड पर दबा कर और कभी बाहर खींच कर उसे हिदायत दे रहे थे ..

उनकी सिस्कारियां सुनकर वो लड़की भी उस तरफ देख रही थी ..पंडित और उस लड़की की नजरें मिली तो उसने पंडित जी को एक स्माईल पास कर दी ..नूरी उनका लंड चूस रहीथी और वो लड़का उस लड़की की चूत ..इसलिए उन दोनों को एक दुसरे से आँखे लड़ाने का मौका मिल गया था ..


पंडित की नजरें उसकी ब्रेस्ट को घूर रही थी ..लड़की को इसका आभास हो गया ..उसने अपनी बेशर्मी का परिचय देते हुए अपनी टी शर्ट को सर से घुमा कर पूरा उतार दिया ..और पूरी नंगी हो गयी ..उसे ना तो किसी के आने का कोई डर था और ना ही पंडित के घूरने का ..सच में कितनी आगे निकल चुकी है ये दुनिया ..पंडित ने मन ही मन सोचा ..


और अब वो अपनी उँगलियों से अपने निप्पल पकड़ कर उन्हें मसल रही थी ..अपने आशिक से अपनी चूत चुसवा रही थी और पंडित की आँखों में देखकर उसे भी लाईन मार रही थी .


अब पंडित से भी रुकना मुश्किल हो रहा था ..उसने नूरी की जींस घुटनों तक उतार दी ..और नीचे झुक कर उसकी चूत से निकल रही खुशबू को सूंघा ..और अगले ही पल वहां पर मुंह लगाकर जोरों से चूसने लगा ..


नूरी चिल्ला पड़ी ..''ओह्ह्ह्ह पंडित जी .....येस्स्स्स .....चुसो इसे ...अह्ह्ह्ह ...चुसो मेरी चूत को पंडित जी ...अह्ह्ह्ह ...''


पंडित ने एकदम से बाहर निकल कर उसका मुंह बंद किया ..आवेश में आकर उसने जिस तरह से पंडित जी कहा था उन्हें डर लगने लगा था की वो लड़की या लड़का कहीं वो सुन ना ले ..और उन्हें कोई पहचान ना ले ..पर शायद उन्होंने सूना नहीं था या फिर अपनी मस्ती में होने की वजह से उनका ध्यान नहीं गया था नूरी की बात पर ..

पंडित जी को अब लगने लगा था की वो झड़ने वाले हैं ..इसलिए उन्होंने अब सीधा चूत पर हमला करने की सोची ..


दूसरी तरफ वो लड़का भी ऊपर आ गया था और उसने अपनी जींस उतार कर अपना लंड बाहर निकाल लिया था ..


पंडित ने भी अपनी धोती गिरा दी और अपने लंड को सबके सामने उजागर कर दिया ..


पंडित और नूरी की नजरें उस लड़के के लंड को और उन दोनों लड़का लड़की की नजरें पंडित के लंड की लम्बाई को नाप रही थी ..


और दोनों तरफ की पार्टियों को मालुम था की किसका लंड बड़ा है .


पंडित जी के आठ इंच लम्बे और मोटे लंड के सामने भला उस चूजे जैसे लंड की क्या बिसात थी ..उस लड़के ने लड़की को घोड़ी बनाया और उसके पीछे से अपना 5 इंच का लंड डाल कर धक्के मारने लगा ..


और सिस्कारियां मारने लगा ..


''अह्ह्ह्ह्ह ......प्रियंका .....माय डार्लिंग ......यु आर सो टाईट .....ओह्ह्ह फक्क बेबी ....''


ओहो तो इसका नाम प्रियंका है ...पंडित ने मन ही मन सोचा


प्रियंका की नजरें भी अब मदहोशी में आकर मस्त होने लगी थी ..


पंडित ने भी प्रियंका की नजरों में देखते हुए नूरी को घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी चूत का दरवाजा अपनी उँगलियों से खोलकर उसमे अपना लंड पेल दिया ..और एक जोरदार झटका मारा ..


''अयीईई ...पंडित जी ....अह्ह्ह्ह ...धीरे ...आप तो जान ही निकाल देते हो ...''


और फिर शुरू हुआ एक उत्तेजना से भरा हुआ खेल ...धक्कों वाला ...मुम्मे हिलाने वाला ..सिस्कारियों से भरा हुआ ...

उम्मीद तो बिलकुल नहीं थी ..पंडित जी को उसने आज तक इस नजरिये से नहीं देखा था ..की ऐसे धरम करम करने वाले बन्दे का ऐसी चीजों से क्या लेना देना होगा ..मंदिर में भी उनके स्वभाव को देखकर आज तक उसे ऐसा कभी नहीं लगा था ..पर आज जो भी उसने देखा वो देखकर उसकी विचारधारा के साथ साथ चूत से भी अविरल धारा बह कर उसके हर विचार को नकार रही थी ..

उन्हें चुदाई करते देखकर ना जाने कितनी बार उसने अपनी मोटी चूत को मसला होगा और कितनी बार वो झड़ी होगी उसे भी पता नहीं चला ..


पर अब उसके धार्मिक विचारों को मानने वाले दिमाग में शेतानी विचार आने लगे थे ...उसने सोच लिया था की चाहे जो भी हो जाए वो पंडित के लंड से चुद कर ही रहेगी ..


शीला : "बंद कर दिया है मैंने दरवाजा अब ..पहले खुला था ..''


वो निश्चिन्त हो गया ..और शीला से बोला : "ऐसी बात नहीं है शीला ..मैं तुम्हे कैसे भूल सकता हु ..तुम्हारी वजह से ही तो मेरे भी नीरस जीवन में इतनी बहारें आई है ..''


पंडित का इशारा समझ कर शीला तुनक कर बोली : "हाँ ..हाँ ..पता है ..कौनसी बहारों के मजे लूट रहे हो आप ..मैं उसके लिए तो आपको मना नहीं कर रही पंडित जी ..आप तो मेरे लिए सब कुछ है. ..आप जो चाहे करें ..मुझे कोई आपत्ति नहीं है ...बस मैं यही चाहती हु की मेरा भी ध्यान रखा कीजिये ..''


पंडित ने प्यार से उसके गालों पर हाथ रखा और उसे अपनी तरफ खींच लिया ..और अपने ऊपर लिटा कर उसके चेहरे को अपनी हथेलियों से थाम लिया ..और बोले : "ठीक है ..शीला ..अब से ऐसा नहीं होगा ..मैं इस बात का ध्यान रखूंगा ...''


और इतना कहकर उन्होंने उसके होंठों को अपने होंठो से जोड़ कर एक दुसरे के मुंह में वाटर सप्लाई करनी शुरू कर दी ..

उसने साडी पहनी हुई थी ..


पंडित ने उसकी जाँघों पर हाथ रखकर उसकी साडी को ऊपर उठाना शुरू कर दिया ..और तब तक उठाता रहा जब तक उसकी नंगी गांड पर पंडित जी के हाथ नहीं फिसलने लगे ..


वो हमेशा की तरह आज भी पेंटी पहन कर नहीं आई थी ..


वैसे इस बात से याद आया ..अमेरिका में एक सर्वे हुआ था ..जिसमे ये पता चला था की जो महिलायें कभी कभार पेंटी पहने बिना ही अपने पति के साथ सोने चली आती है ..वो चुदने के लिए 99.9 परसेंट तेयार होती हैं ..यकीं नहीं होता तो कभी ट्राई करके देख लेना ..


खेर ..


पंडित जी को भी अपने ट्रांसफोर्मर को बाहर निकालने में ज्यादा टाईम नहीं लगा ..ट्रांसफोर्मर इसलिए की थोड़ी देर पहले वो मरे हुए चूहे की तरह पड़ा हुआ था ..पर शीला के गुदाज जिस्म को देखकर उसने ट्रांसफॉर्म होकर एक जानदार और शानदार खीरे का रूप धारण कर लिया ..जो उसकी चूत में जाकर कोहराम मचाने को तैयार था ..


पंडित जी का कुर्ता और शीला की साडी और ब्लाउस अभी तक अपनी जगह पर ही थे ..


पर शीला की चूत में आग इतनी भयंकर लगी हुई थी की उसकी अरजेंसी में चुदाई करना जरुरी था ..इसलिए उसने पंडित जी के लंड को अपनी चूत के ऊपर रखा और माखन से भीगी हुई चूत की चिकनाई का उपयोग करते हुए उसे पूरा निगल गयी ..


एक ही बार में ..


पूरा अन्दर ..


''अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ......पंडित जी ....उम्म्म्म ....तरस गयी थी मैं ...इसे अन्दर लेने के लिए ...अह्ह्ह्ह्ह ...मारो मेरी ...चूत ...आज ....जोरों से ...हिला डालो ...मुझे ...बुझा दो मेरी सारी प्यास ... अह्ह्ह्ह्ह ...''


पंडित तो अपनी जगह पर पडा रहा पर शीला ने अपने कुल्हे उठा कर पंडित के लंड के ऊपर मारने शुरू कर दिये ..


और लगभग दस मिनट की चूत मरवाई के बाद जैसे ही शीला को लगा की वो झड़ने वाली है ..उसने पंडित जी का लंड निकाल लिया ...और सीधा उसे अपने मुंह में लेकर चूसने लगी ..


इतना गीला लंड और वो भी उसकी चूत के रस में नहाया हुआ ..ऐसा लगा उसने कोई स्क्वेश पी लिया है ..पंडित को उसकी हरकत पर प्यार आ रहा था ..पर वो अपने हाथों को सर के नीछे रखकर बस तमाशा देखता रहा ..


शीला बेड पर खड़ी हो गयी ..और आनन फानन में उसने अपनी साडी निकाल कर नीचे फेंक दी ..और पंडित के शरीर के दोनों तरफ पैर रखकर खड़ी हो गयी ..और फिर अपना ब्लाउस और ब्रा भी निकाल कर नीचे फेंक दिया ..

क्रमशः.......





Like Reply


Messages In This Thread
RE: भोली भाली शीला और पंडित जी - by RangilaRaaj - 08-09-2023, 11:57 AM



Users browsing this thread: 1 Guest(s)