05-09-2023, 04:43 PM
मुझे रविवार जिम के बारे में पता था। रविवार के दिन बस जावेद ही जिम में होता था, और कोई ट्रेनर रविवार को नहीं आता था। और जावेद शुक्रवार के दिन छुट्टी लेता था। इसलिए जिम के मालिक ने रविवार को उसको आना कम्पलसरी किया था। रविवार के दिन जिम में भीड़ भी काफी कम रहती थी। और ९ बजने के बाद तो कोई भी जिम में नहीं रहता था। मुझे उसके इरादे पर शक होने लगा। वो मेरी बीवी को पटाना चाहता था उस वक्त।
मई ऑप्शन ढूंढने लगा की कैसे उन्हें देखूं और रेंज हाथ पकड़ लू। सिर्फ ऑडियो मेरे लिए काफी नहीं था। मैंने उस मीटिंग रूम को कई बार देखा था। वो लकड़ी का पार्टीशन किया हुआ रूम था जिसे कोई खिड़की नहीं थी। लेकिन वहां रूम के एक साइड की तरफ शीशे का एक छोटासा पैनल था। लेकिन उसपर सन कंट्रोल फिल्म लगाई हुई थी। उस शीशे के पैनल की दूसरी साइड अगली रूम में थी। वो भी पहली रूम की ही तरह थी। लेकिन उसका दरवाजा इस तरफ नहीं था। उस रूम का दरवाजा रिसेप्शन काउंटर के पिछले हिस्से में था, ये मैंने पहले भी नोटिस किया था। वो दरवाजा कभी लॉक नहीं होता था। जिम के लोग उस रूम का इस्तेमाल बतौर फाइल स्टोरेज रूम करते थे।
मैंने कभी अंदर से वो रूम नहीं देखि थी, लेकिन मुझे अब वो रूम देखने की जरुरत महसूस होने लगी। मैंने वर्कऑउट एरिया की तरफ एक नजर घुमायी। वर्कऑउट एरिया में हर एक ट्रेनर मौजूद था और सिर्फ रिसेप्शन काउंटर की खाली था मैंने अपने वर्कऑउट पुरे किये और रिसेप्शन एरिया की तरफ चला गया। वहांपर वेटिंग लॉबी भी थी मै वहां जाकर वेटिंग लॉबी में बैठ गया और थोड़ी देर तक रिसेप्शन काउंटर की तरफ देखने लगा। वहांपर कोई भी नहीं आया।
मेरा दिल जोरो से धड़कने लगा। मै जल्दी से रिसेप्शन काउंटर के पीछे गया, और जल्दी से दरवाजा खोलकर उस रूम के अंदर चला गया। वहां पूरा अँधेरा था। लेकिन मै आसानी से वहां का सेटअप देख सकता था, चारो दीवारो की तरफ फ़ैल रैक थे। और वो शीशे का पार्टीशन भी फ़ैल रैक से ढका हुआ था। अगर मै कुछ फाइल हटा लेता तो शायद मै मीटिंग रूम पूरी तरह से देख सकता था।
वहां पर कोई आ रहा है या नहीं ये देखकर मै फिर फाइल रैक की तरफ आ गया मैंने वहां से कुछ फाइल्स हटा दिए। अब मै पूरी तरह से मीटिंग रूम देख रहा था। वहांपर अभी एक ट्रेनर और एक मोटा आदमी मौजूद थे। लेकिन फाइल रूम में अँधेरा रहने की वजह से वो मुझे नहीं देख सकते थे। भाई यही था सन ग्लास कंट्रोल का कमाल। ये देखकर मै खुश हुआ।
जब हम घर लौट रहे थे तब मेरी बीवी ने वह टॉपिक छेड़ दिया। उसने मुझसे कहा की, "जानू, वीकडेज के दौरान मुझे फ्लोर एक्सरसाइज करने में काफी मुश्किल हो रही है। क्यूंकि बहुत सारे मर्द वहां आजूबाजू घूमते है और मुझे घूरते है। वो एक्सरसाइज भी काफी इम्पोर्टेन्ट है। इसलिए मुझे लगता है की मुझे रविवार भी जिम जाना चाहिए। उस दिन जिम खाली भी होती है और वहांपर काफी शांति भी होती है। तुम क्या कहते हो इस बारे में ?"
मैंने उससे कहा , "रविवार हमारे लिए कैसे परफेक्ट होगा। तुम्हे तो पता है न उस दिन मेरी क्लासेस होती है। "
उसने कहा, "तुम्हे आने की जरुरत नहीं है, जानू। बस तुम मुझे यहाँ लेकर छोड़ दो। मै वहां वर्कऑउट करुँगी तुम तुम्हारे क्लासेज के लिए चले जाना और वापस आते समय मुझे लेकर जाना "
मैंने भी यह मान लिया। क्यूंकि जावेद को पकड़ने का मौका मेरे हाथ में आ गया था। फिर मैंने उस वक्त फाइल रूम में छुपने का फैसला किया। क्लास को फोन करके स्टूडेंट्स को छुट्टी देने के लिए कह दिया। (मै कंप्यूटर इंजीनियरिंग के छात्रों का हर रविवार गेस्ट लेक्चर लेता था )
अब मै बड़ी बेसब्री से रविवार का इंतज़ार करने लगा।
मै बार बार अपनी बीवी से मोबाईल लेता इससे उसे थोडासा शक होने लगा था इसलिए मैंने उसके मोबाईल 'Google Drive' Synchronization ओन किया। इससे उसके मोबाईल के फाइल्स अपने आप गूगल ड्राइव्ह पर अपलोड हो जाते थे। उसका जीमेल आयडी और पासवर्ड मुझे पता था इसलिए अपने मोबाईल पर उसके ऑडियो फाइल्स को डाऊनलोड करके सुननेका मैंने फैसला किया।
आखिर रविवार की सुबह हो गयी। उस दिन मेरी बीवी हमेशा से थोड़ा जल्दी ही जाग गयी। वो रेज़र और ब्यूटी किट के साथ बाथरूम चली गयी। उसने बाथरूम का दरवाज़ा भी लॉक नहीं किया, क्यूंकि मै सोने का नाटक कर रहा था। और अगर मै जाग भी जाता तो उसे कुछ फर्क नहीं पड़नेवाला था आखिर में मै उसका पति था।
उसने सबसे पहले उसका नाइट गाउन उतार दिया। और आईने के सामने वाले स्टूल पर बैठ गयी। फिर उसने उसके हाथ ऊपर उठाये और बगल के बाल पूरी तरह से साफ़ कर दिए। उसने सब कुछ बहुत अच्छी तरह से मेंटेन किया हुआ था। फिर उसने थोडासा प्री-बाथ तेल उसके मम्मो पर लगाया और मम्मों की मालिश करना शुरू की। इससे पहले जब भी वो तेल लगाकर मम्मो की मालिश करती तो मै बहुत खुश हो जाता, क्यूंकि उसके बाद उसके मम्मो से खेलने में बड़ा मजा आता था। तेल लगाने के बाद मम्मे बहुत ही नरम और सिल्की हो जाते थे। लेकिन मै उस दिन लकी नहीं था। फिर उसने फेस पैक उठाया और नहाने लगी अब बाथरूम का दरवाज़ा भी उसने बंद कर दिया।
वो पूरी तरह से जावेद के लिए तैयार हो रही थी। इसलिए मै अपने आपको असहाय और कमजोर महसूस करने लगा। मुझे अब ऐसा लगने लगा था की मई इतनी गर्म बीवी को सँभालने लायक भी नहीं हु। और अब वो हरामी इस चीज का पूरा फायदा उठानेवाला है।
मिताली ने आज वही पुराना लॅवेंडर टी-शर्ट पहना था जो उसने उनके पहले मुलाकात के दौरान पहना था। मेरे लिए एक और झटका था की आज उसने अंदर से ब्रा भी नहीं पहनी थी। मुझे फिर जावेद की बात याद आ गयी जो उसने मेरी बीवी से कही थी। और मेरी बीवी उसी बात पर अमल कर रही थी।
निचे मेरी बीवी ने एक पतली सी ट्रैक पहनी। उसमे से उसके गोरे गोरे और वेल शेप्ड पैर दिखाई दे रहे थे। और साथ में उसकी गर्म गांड की भी शेप दिखाई दे रही थी। वो उस ड्रेस में क़यामत दिख रही थी।
मै भी उठ गया और मैंने अपने आप को तैयार किया। उस समय मेरी बीवी में मुझसे आकर पूछा, "जानू, क्या क्लास को जाते समय तुम मुझे जिम छोड़ दोगे।" तब मैंने उससे कहा, "नहीं जानू, इस हफ्ते मेरे क्लास को छुट्टी है। मै भी तुम्हारे साथ जिम चलूँगा। "
मेरे इस जवाब से अचानक उसके चेहरे पे नाराज़ी दिखाई देने लगी। लेकिन उससे जल्दी उभरते हुए उसने कहा, "ओके जानू, हम दोनों साथ में चलेंगे। " हलाकि अब उसके आवाज में पहले जितना जोश नहीं था। और मै मन ही मन हंस रहा था।
मई ऑप्शन ढूंढने लगा की कैसे उन्हें देखूं और रेंज हाथ पकड़ लू। सिर्फ ऑडियो मेरे लिए काफी नहीं था। मैंने उस मीटिंग रूम को कई बार देखा था। वो लकड़ी का पार्टीशन किया हुआ रूम था जिसे कोई खिड़की नहीं थी। लेकिन वहां रूम के एक साइड की तरफ शीशे का एक छोटासा पैनल था। लेकिन उसपर सन कंट्रोल फिल्म लगाई हुई थी। उस शीशे के पैनल की दूसरी साइड अगली रूम में थी। वो भी पहली रूम की ही तरह थी। लेकिन उसका दरवाजा इस तरफ नहीं था। उस रूम का दरवाजा रिसेप्शन काउंटर के पिछले हिस्से में था, ये मैंने पहले भी नोटिस किया था। वो दरवाजा कभी लॉक नहीं होता था। जिम के लोग उस रूम का इस्तेमाल बतौर फाइल स्टोरेज रूम करते थे।
मैंने कभी अंदर से वो रूम नहीं देखि थी, लेकिन मुझे अब वो रूम देखने की जरुरत महसूस होने लगी। मैंने वर्कऑउट एरिया की तरफ एक नजर घुमायी। वर्कऑउट एरिया में हर एक ट्रेनर मौजूद था और सिर्फ रिसेप्शन काउंटर की खाली था मैंने अपने वर्कऑउट पुरे किये और रिसेप्शन एरिया की तरफ चला गया। वहांपर वेटिंग लॉबी भी थी मै वहां जाकर वेटिंग लॉबी में बैठ गया और थोड़ी देर तक रिसेप्शन काउंटर की तरफ देखने लगा। वहांपर कोई भी नहीं आया।
मेरा दिल जोरो से धड़कने लगा। मै जल्दी से रिसेप्शन काउंटर के पीछे गया, और जल्दी से दरवाजा खोलकर उस रूम के अंदर चला गया। वहां पूरा अँधेरा था। लेकिन मै आसानी से वहां का सेटअप देख सकता था, चारो दीवारो की तरफ फ़ैल रैक थे। और वो शीशे का पार्टीशन भी फ़ैल रैक से ढका हुआ था। अगर मै कुछ फाइल हटा लेता तो शायद मै मीटिंग रूम पूरी तरह से देख सकता था।
वहां पर कोई आ रहा है या नहीं ये देखकर मै फिर फाइल रैक की तरफ आ गया मैंने वहां से कुछ फाइल्स हटा दिए। अब मै पूरी तरह से मीटिंग रूम देख रहा था। वहांपर अभी एक ट्रेनर और एक मोटा आदमी मौजूद थे। लेकिन फाइल रूम में अँधेरा रहने की वजह से वो मुझे नहीं देख सकते थे। भाई यही था सन ग्लास कंट्रोल का कमाल। ये देखकर मै खुश हुआ।
जब हम घर लौट रहे थे तब मेरी बीवी ने वह टॉपिक छेड़ दिया। उसने मुझसे कहा की, "जानू, वीकडेज के दौरान मुझे फ्लोर एक्सरसाइज करने में काफी मुश्किल हो रही है। क्यूंकि बहुत सारे मर्द वहां आजूबाजू घूमते है और मुझे घूरते है। वो एक्सरसाइज भी काफी इम्पोर्टेन्ट है। इसलिए मुझे लगता है की मुझे रविवार भी जिम जाना चाहिए। उस दिन जिम खाली भी होती है और वहांपर काफी शांति भी होती है। तुम क्या कहते हो इस बारे में ?"
मैंने उससे कहा , "रविवार हमारे लिए कैसे परफेक्ट होगा। तुम्हे तो पता है न उस दिन मेरी क्लासेस होती है। "
उसने कहा, "तुम्हे आने की जरुरत नहीं है, जानू। बस तुम मुझे यहाँ लेकर छोड़ दो। मै वहां वर्कऑउट करुँगी तुम तुम्हारे क्लासेज के लिए चले जाना और वापस आते समय मुझे लेकर जाना "
मैंने भी यह मान लिया। क्यूंकि जावेद को पकड़ने का मौका मेरे हाथ में आ गया था। फिर मैंने उस वक्त फाइल रूम में छुपने का फैसला किया। क्लास को फोन करके स्टूडेंट्स को छुट्टी देने के लिए कह दिया। (मै कंप्यूटर इंजीनियरिंग के छात्रों का हर रविवार गेस्ट लेक्चर लेता था )
अब मै बड़ी बेसब्री से रविवार का इंतज़ार करने लगा।
मै बार बार अपनी बीवी से मोबाईल लेता इससे उसे थोडासा शक होने लगा था इसलिए मैंने उसके मोबाईल 'Google Drive' Synchronization ओन किया। इससे उसके मोबाईल के फाइल्स अपने आप गूगल ड्राइव्ह पर अपलोड हो जाते थे। उसका जीमेल आयडी और पासवर्ड मुझे पता था इसलिए अपने मोबाईल पर उसके ऑडियो फाइल्स को डाऊनलोड करके सुननेका मैंने फैसला किया।
आखिर रविवार की सुबह हो गयी। उस दिन मेरी बीवी हमेशा से थोड़ा जल्दी ही जाग गयी। वो रेज़र और ब्यूटी किट के साथ बाथरूम चली गयी। उसने बाथरूम का दरवाज़ा भी लॉक नहीं किया, क्यूंकि मै सोने का नाटक कर रहा था। और अगर मै जाग भी जाता तो उसे कुछ फर्क नहीं पड़नेवाला था आखिर में मै उसका पति था।
उसने सबसे पहले उसका नाइट गाउन उतार दिया। और आईने के सामने वाले स्टूल पर बैठ गयी। फिर उसने उसके हाथ ऊपर उठाये और बगल के बाल पूरी तरह से साफ़ कर दिए। उसने सब कुछ बहुत अच्छी तरह से मेंटेन किया हुआ था। फिर उसने थोडासा प्री-बाथ तेल उसके मम्मो पर लगाया और मम्मों की मालिश करना शुरू की। इससे पहले जब भी वो तेल लगाकर मम्मो की मालिश करती तो मै बहुत खुश हो जाता, क्यूंकि उसके बाद उसके मम्मो से खेलने में बड़ा मजा आता था। तेल लगाने के बाद मम्मे बहुत ही नरम और सिल्की हो जाते थे। लेकिन मै उस दिन लकी नहीं था। फिर उसने फेस पैक उठाया और नहाने लगी अब बाथरूम का दरवाज़ा भी उसने बंद कर दिया।
वो पूरी तरह से जावेद के लिए तैयार हो रही थी। इसलिए मै अपने आपको असहाय और कमजोर महसूस करने लगा। मुझे अब ऐसा लगने लगा था की मई इतनी गर्म बीवी को सँभालने लायक भी नहीं हु। और अब वो हरामी इस चीज का पूरा फायदा उठानेवाला है।
मिताली ने आज वही पुराना लॅवेंडर टी-शर्ट पहना था जो उसने उनके पहले मुलाकात के दौरान पहना था। मेरे लिए एक और झटका था की आज उसने अंदर से ब्रा भी नहीं पहनी थी। मुझे फिर जावेद की बात याद आ गयी जो उसने मेरी बीवी से कही थी। और मेरी बीवी उसी बात पर अमल कर रही थी।
निचे मेरी बीवी ने एक पतली सी ट्रैक पहनी। उसमे से उसके गोरे गोरे और वेल शेप्ड पैर दिखाई दे रहे थे। और साथ में उसकी गर्म गांड की भी शेप दिखाई दे रही थी। वो उस ड्रेस में क़यामत दिख रही थी।
मै भी उठ गया और मैंने अपने आप को तैयार किया। उस समय मेरी बीवी में मुझसे आकर पूछा, "जानू, क्या क्लास को जाते समय तुम मुझे जिम छोड़ दोगे।" तब मैंने उससे कहा, "नहीं जानू, इस हफ्ते मेरे क्लास को छुट्टी है। मै भी तुम्हारे साथ जिम चलूँगा। "
मेरे इस जवाब से अचानक उसके चेहरे पे नाराज़ी दिखाई देने लगी। लेकिन उससे जल्दी उभरते हुए उसने कहा, "ओके जानू, हम दोनों साथ में चलेंगे। " हलाकि अब उसके आवाज में पहले जितना जोश नहीं था। और मै मन ही मन हंस रहा था।