Thread Rating:
  • 6 Vote(s) - 2.5 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Misc. Erotica भोली भाली शीला और पंडित जी
#31
Update 20




पंडित & शीला पार्ट--20

***********
गतांक से आगे ......................

***********

वो कुछ बोल पाते इससे पहले ही संगीता बोल पड़ी : "पंडित जी ...प्लीस ...प्लीस प्लीस ...मुझे भी दिखाओ ना ..जब से इस बिच ने मुझे आपके बारे में बताया है मुझसे तो रहा नहीं जा रहा ..आप बुरा मत मानना पर हमारे लिए ये सब देखना और महसूस करना बहुत बड़ी बात है ..इन्फेक्ट हर लड़की यही चाहती है ..पर सड़क पर खड़ी होकर तो ये बोल नहीं सकती न की मेरे बॉय फ्रेंड बन जाओ ..मुझे अपना पेनिस दिखाओ ...आप मानो या ना मानो, लड़कियों में लड़कों से ज्यादा सेक्स के प्रति लगाव होता है ..बस उनका शर्मीला स्वभाव ही उन्हें मार जाता है, पर रितु ने जब से मुझे आपके और शीला आंटी के बारे में बताया है वो सब सोच सोचकर मेरी पेंटी कई बार गीली हो चुकी है ..आपको विशवास नहीं होता तो ये देखो ...''


और उसने एक ही झटके से अपनी स्कर्ट को ऊपर उठा कर अपनी गीली पेंटी पंडित जी की भूखी आँखों के सामने परोस दी ..


ब्लेक कलर की पेंटी पर उसकी चूत से निकले पानी के धब्बे साफ़ चमक रहे थे ..


उसकी कच्छी और मोटी टांगो को देखकर पंडित का घोड़ा अपने अस्तबल से बाहर निकलने को हिनहिनाने लगा ..


और अपनी कच्छी दिखाते हुए संगीता के चेहरे पर कोई शिकन या शर्म के भाव भी नहीं थे ..वो बिलकुल नार्मल थी ..पंडित समझ गया की जवानी की दहलीज पर कदम रख चुकी इस कुंवारी चूत का उद्धार भी उपरवाला उसके हाथों से करवाना चाहता है ..


पंडित बस मंत्रमुग्ध सा होकर उसकी कुंवारी चूत को परदे के पीछे से देखता रहा ..इसी बीच रितु आगे आई और पंडित जी की धोती को साईड में करके उनके लंड महाराज को बाहर निकालने की एक और कोशिश की ..इस बार पंडित ने कोई ऐतराज नहीं जताया ..वो भी पहली बार किसी का लंड अपने हाथों में लेने जा रही थी ..इसलिए वो कांप रही थी .पंडित जी की धोती की गाँठ खोलकर उसने उसे नीचे गिरा दिया ..और अब पंडित जी सिर्फ एक धारियों वाले कच्छे में उन दोनों के सामने खड़े हुए थे ..और उनका लंड किसी तोप की तरह सामने की तरफ तना हुआ खड़ा था ..


''ओह्ह्ह्ह्ह वाव .....रितु देखो जरा ...कितना लम्बा दिख रहा है पंडित जी का पेनिस ...उम्म्म उतारो न इसको भी ...मुझे साफ़ -२ देखना है ..''


संगीता तो पंडित जी का नंगा लंड देखने को मचल सी उठी ..


पंडित जी ने भी अपने आप को उन दोनों के प्रयोग में आने वाली चीज की तरह अपने आपको उनके हाथों सपुर्द कर दिया .....और रितु की तरफ देखने लगे ..जिसकी कांपती हुई उँगलियों ने जैसे ही पंडित जी के कच्छे के नाड़े को पकड़कर खींचा, उसके हाथ की ठंडक से पंडित का पूरा शरीर झनझना उठा ..और इसी झनझनाहट में उनका कच्छा उनका साथ छोड़कर नीचे जमीन पर जा गिरा ..


अब वो बिलकुल नंगे खड़े थे ..रितु तो कल भी उनको नंगा देख चुकी थी ..


पर संगीता, जिसे उन्होंने अपनी जिन्दगी में आज पहली बार देखा था ..वो भी उन्हें नंगा देख रही थी ..

पंडित बेचारा तो उनके कोतुहल को शांत करने की वस्तु बनकर रह गया था ..पर ऐसी वस्तु बनना किसे पसन्द नहीं होगा ..


रितु ने अपने हाथ आगे किये और पंडित जी के खड़े हुए घोड़े पर अपनी उँगलियों की नकेल कस दी .


और उसे पकड़ते ही रितु की आँखे मूंदती चली गयी ...उसके होंठ सूख कर सख्त हो गए ...उसकी साँसे तेज चलने लगी ...उसके सीने पर रखे हुए छोटे - २ स्तन ऊपर नीचे होने लगे ..पंडित का मन किया की आगे बढकर उसे अपनी बाहों में दबोच ले और उसे पी जाए ..


पर तभी सामने खड़ी हुई संगीता आगे बड़ी और अपने हाथ आगे करके उसने पंडित के लंड को रितु के हाथों से खींच कर अपने कब्जे में ले लिया ..


''ओह्ह्ह माय गॉड .....मुझे तो विशवास ही नहीं हो रहा है की मैंने अपने हाथ में एक जीता जागता पेनिस पकड़ा हुआ है ...वाव ....आई एम् सो लक्की टुडे ....''


वो तो उनके लंड को अपने हाथो में पकड़ कर ऐसे उलट पलट कर देख रही थी मानो कोई एलियन का बच्चा देख लिया हो उसने ...

और दूसरी तरफ रितु उसको गुस्से से भरी हुई नजरों से देख रही थी ..उसने भी तो अपनी जिन्दगी में पहली बार किसी के लंड को पकड कर देखा था ..पर शायद उसने अपनी सहेली को कुछ ज्यादा ही उत्साहित कर दिया था इसलिए वो अब उसके सामने मजे ले रही थी और वो खुद खड़ी होकर उसे वो सब करते हुए देख रही थी ...आखर लायी भी तो वही थी उसे अपने साथ ..


पंडित ने देखा की रितु ललचाई हुई नजरों से संगीता को उनके लंड से खिलवाड़ करते हुए देख रही है ...वो कभी उनके सुपाड़े की स्किन को आगे करती और कभी पीछे ..कभी नीचे लटक रही गोटियों को पकडती और कभी बीच में से उनके लंड को ...

पंडित का मन किया की संगीता को बोले की पहले रितु को उनके लंड को छूने और देखने दे ..पर वो कुछ बोल पाते इससे पहले ही संगीता ने उन्हें और रितु को चोंकाते हुए उनके लंड को अपने मुंह में भर लिया ..


''उम्म्म्म्म .......पुच्च्च्छ्ह्ह ....उम्म्म्माअ ह्ह्ह्ह ....''


वो उनके लंड को अपने मुंह में ठूसकर बस निगले जा रही थी ..उसका करना क्या है उसे पता ही नहीं था ...


पंडित ने ना चाहते हुए भी अपनी आँखे बंद कर ली ..संगीता के सर को उन्होंने दबोचा और उसके शरीर को नीचे धक्का देकर घुटनों के बल बिठा दिया ..और खुद खड़े होकर उसका मुख चोदन करने लगे .


संगीता के मुंह के अन्दर अब पंडित जी का पूरा लंड आ जा रहा था ..और अन्दर जाते हुए उसके रसीले होंठों से रगड़ खाता हुआ जब उनका लंड अन्दर जाता तो अपनी जीभ से निकल रही लार से वो उसे नेहला देती और वापिस जाते हुए उसे सुखा कर बाहर भेजती ..

लंड चूसना कितना आसान है ..संगीता ने मन ही मन सोचा ..और कितना मजेदार भी ..


उसने आज तक इन्टरनेट और मोबाइल पर कई सीन देखे थे जिसमे लड़की लंड चूसते हुए अपनी चूत और मुम्मों को मसलती है ...ये सोचते हुए उसने अपनी शर्ट के बटन खोलने शुरू कर दिए ...और अन्दर हाथ डाल कर अपना एक मोटा ताजा मुम्मा बाहर निकाल लिया ..और उसे दबाने लगी ..


पंडित अपनी फटी हुई आँखों से अपना चेहरा नीचे किये हुए उसके तरबूज को देखे जा रहा था ..इतना बड़ा ..इतना सख्त और कसावट वाला स्तन तो उसने आज तक नहीं देखा था ..उत्तेजना से मिलने वाली ख़ुशी के मारे उसके लंड से प्रीकम निकल कर संगीता के मुंह में चला गया ..
उसने उम् आअम्म्म ...करते हुए वो प्रीकम पी लिया ..और उनके लंड को बाहर निकाल दिया ...


''वाव ....पंडित जी ...ये क्या था ...इतना मीठा ...इतना टेस्टी ....क्या यही 'कम' होता है ''


वो कुछ बोलते इससे पहले ही किसी मेघावी छात्र की तरह रितु बीच में बोल पड़ी ...''अरे नहीं पगली ...ये तो सिर्फ ट्रेलर है ...पूरी पिक्चर तो लास्ट में दिखाई देगी ...ही ही ...है न पंडित जी ...''


पंडित बेचारा सर हिला कर रह गया ..


रितु : "और वो पिक्चर देखने के लिए तुझे काफी मेहनत करनी पड़ेगी ...ऐसे कपड़ों में बैठे रहने से कुछ नहीं होने वाला .."


संगीता उसकी बात समझ गयी ...कपडे उतारने का समय आ चुका था ..वो बड़े ही मादक तरीके से उठी और पंडित के लंड को अपनी गिरफ्त से निकाल कर उनके सामने खड़ी हो गयी ..


संगीता का भी ये पहला टाइम था किसी के सामने नंगा होने का ..पर फिर भी काफी हिम्मत करते हुए उसने अपनी शर्ट के बचे हुए बटन खोलने शुरू किये और सारे बटन खुलने के बाद उसने अपनी शर्ट को अपने जिस्म से जुदा कर दिया ...उसने मेचिंग ब्लेक ब्रा पहनी हुई थी ..जिसमे से एक मुम्मा पहले से ही बाहर निकल कर पंडित जी को दर्शन दे रहा था ..उसने अपने हाथ पीछे किये और एक ही पल में अपनी ब्रा भी खोल कर नीचे गिरा दी ..

अब संगीता टोपलेस होकर सिर्फ स्कर्ट में पंडित और रितु के सामने खड़ी थी ..उसके दोनों जग्स को देखकर पंडित जी की आँखे उबल कर बाहर आ रही थी ...इतने बड़े ...इतने अल्हड ..इतने सख्त ..इतने मादक स्तन उन्होंने आज तक नहीं देखे थे ...उनके हाथ में खुजली सी होने लगी उन्हें दबोचने के लिए ...


रितु भी संगीता की ब्रेस्ट की बनावट देखकर दंग रह गयी ...


रितु : "पंडित जी ..आपको पता है ..हमारे पुरे कॉलेज में संगीता की ब्रेस्ट सबसे बड़ी और परफेक्ट है ...सभी लड़कियां इसकी ब्रेस्ट की तारीफ करती है ..."


"और सारे ठरकी टीचर्स भी ...हा हा हा ..." संगीता ने उसकी बात पूरी की और दोनों जोरदार हंसी के साथ एक दुसरे के हाथ पर हाथ मारकर हंसने लगे ..



इसके जैसी ब्रेस्ट देखकर तो हर किसी को लालच आएगा ही ..


और बातें करते-२ अचानक संगीता ने अपनी स्कर्ट भी खोलकर नीचे गिरा दी ..पंडित के लंड ने उसके बदन की बनावट को देखकर एक जोरदार सलाम ठोंका ..


और फिर मचलते हुए ..धीरे-२ डांस करते हुए ..उसने अपनी कमर से वो पेंटी भी निकाल कर नीचे फेंक दी ..


पंडित तो अपनी आँखे झपकाना भी भूल गया ..

पंडित ने इतनी कमसिन और इतनी मादक जिस्म वाली लड़की आज तक नहीं देखि थी ...उनके लंड ने ना जाने कितनी बार झटके मार मारकर अपने ही पेट पर चोट पहुंचा डाली ..

संगीता धीरे -२ चेलते हुए पंडित के पास आई और अपनी बाहों को उसने पंडित के गले में डाल दिया ..और धीरे से बोली : "अब बोलिए पंडित जी ...मुझे भी वो सब ज्ञान ..वो सब शिक्षा मिलेगी ना जो आपने रितु को दी है ..''


पंडित के मुंह से तो कुछ निकला नहीं ..बस गर्दन हिला कर हाँ बोल दिया ..


उसने ख़ुशी में आकर पंडित जी को चूम लिया ...


दुसरे कोने में खड़ी हुई रितु जल भुन रही थी ..पर पंडित का पूरा ध्यान अब संगीता पर था ..


उन्होंने संगीता को अपने बेड पर लिटा दिया ..वो किसी जलपरी की तरह अपने शरीर को समेट कर पंडित के बेड पर जाकर लेट गयी ...उसकी आँखे बंद सी होने लगी ...ये सोचकर की पंडित अब उसके साथ क्या करेंगे ..

पंडित ने अपने लंड को मसलते हुए उसकी तरफ देखा ...और बेड के किनारे आकर वो नीचे बैठ गए ...उसके पैरों को पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और उसके दोनों पैरों को अपने कन्धों पर रखकर उसकी सुगन्धित और अनछुई चूत के ऊपर अपने होंठों को ले आये ...

आगे क्या होने वाला है ये संगीता अच्छी तरह से जानती थी ..पर फिर भी पंडित से उसने धीरे से पुछा : "प ....पंडित ...जी ...ये ...ये क्या करने वाले है ...आप ...''


पंडित (मुस्कुराते हुए ) : "तुम्हारी सेक्स शिक्षा शुरू करने से पहले तुम्हारे शरीर के सबसे गर्म भाग को शांत करना आवश्यक है ..और मुझे पता है ..वो येही है ..है ना ..."


और इतना कहते हुए पंडित ने अपने ठन्डे होंठ उसकी गर्म चूत के ऊपर रख दिए ..


संगीता भनभना उठी ..और उसने आगे बढकर पंडित के सर को पीछे की तरफ धकेलते हुए चीखना शुरू कर दिया ...


''अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह पंडित जी ......ये…ये क्या .....अह्ह्ह्ह ....गुदगुदी हो री है .....अह्ह्ह्ह्ह .....नाआअ करो प्लीस .......''


पर पंडित जानता था की वो क्या और क्यों कर रहा है ...


लड़की की चूत चाटने के बाद आदमी उससे कुछ भी करवा सकता है ..अपना लंड चुसवा सकता है, उसकी चूत मार सकता है और उसकी गांड भी ...पहले से ही उसे अपने बोझ के तले दबा दो ताकि वो किसी भी बात के लिए मना ही ना कर पाए ...इसलिए पंडित अपनी लम्बी और तजुर्बेदार जीभ से उसकी कुंवारी चूत को खंगालने में लगा हुआ था ...वो इतनी टाईट थी की पंडित को अपनी उँगलियों से उसकी परतें हटा कर अपनी जीभ अन्दर धकेलनी पड़ रही थी ...


अब संगीता को भी मजा आने लगा था ...उसने अभी तक मूवीज में ही ऐसा होते हुए देखा था ..पर अपने ऊपर करवाने में जो मजा है वो देखने में कहाँ ..


इसलिए संगीता अब बिना चिल्लाये हुए पंडित के होंठों और जीभ का मजा ले रही थी ..फर्क सिर्फ ये था की अब उसकी चीखें सिस्कारियों में बदल चुकी थी ..


पंडित के अचानक उसकी क्लिट को अपने होंठों के बीच फंसा लिया और वो किसी जाल में फंसी चिड़िया की तरह फडफडाते हुए पंडित के मुंह पर झड गयी ...


"अह्ह्ह्ह्ह्ह ......ओह्ह्ह्ह्ह ......पंडित जि ..... अह्ह्ह्ह्ह ...उम्म्म्म ......ये…ये क्या ....अह्ह्ह्ह ....आई थिंक ....आई .....एम् .....कमिंग .....अह्ह्ह्ह्ह्ह ....ओह्ह्ह्ह्ह गोश ......''


उसका पूरा शरीर ऎठ सा गया ...और उसे ऐसा लगा वो अन्तरिक्ष की सेर कर रही है ..


इसी बीच पंडित ने उसकी मिठाई की दूकान में बनी पहली मिठाई यानी रसमलाई पूरी तरह से चट कर डाली ...

और बुरी तरह से हांफती हुई संगीता का बेजान शरीर बिस्तर रूपी धरातल पर आ गिरा ...


''ओह्ह्ह पंडित जी .....ये क्या था ....आई एम् स्पीच्लेस ....तूने देखा ना रितु ...ओह्ह माय गॉड ...इट वास माय फर्स्ट ओर्गास्म ...एंड आई लव्ड इट ...''


वो तो पंडित का बखान करते हुए थक ही नहीं रही थी ..
पंडित उठ खड़ा हुआ और अपना खड़ा हुआ लंड उसके चेहरे के आगे लहरा दिया ...


अब टाईम था पे बेक का ...उसने ख़ुशी -२ उनके लंड को अपने मुंह में भरा और जोरों से चूसने लगी ..इस बार उसकी चूसने की स्पीड काफी तेज थी ..पंडित ने जिस तरह से उसकी चूत को चूसा था उसका बदला वो ऐसे ही उतार सकती थी ..


अचानक पंडित ने अपने लंड को उसके मुंह से वापिस खींच लिया ..क्योंकि वो झड़ने वाले थे ..और अपना रस ऐसे ही व्यर्थ करना तो उन्होंने कभी सीखा ही नहीं था ..


उन्होंने संगीता को वापिस बेड पर लेटने को कहा ..वो समझ गयी की चुदने की वो घडी आ गयी है जिसका हर लड़की इन्तजार करती है ..पर वो इतनी जल्दी ही आ जायेगी उसे ये अंदाजा नहीं था ..


पर वो कुछ ना बोली और पीठ के बल बेड पर लेट गयी ..अपनी टाँगे फेला दी ...और अपनी बाहें भी ..


रितु भी हेरान सी होकर उसे देखी जा रही थी ..की कितनी आसानी से वो पंडित के एक ही इशारे पर चुदवाने को तैयार हो गयी ...उन्होंने कई बार चुदाई के बारे में डिस्कस किया था ..और ये भी सोचा था की अपनी शादी की रात को अपने पति को ही वो अपनी कुंवारी चूत उपहार में देंगी ..पर पंडित के जादू के आगे रितु और संगीता का जैसे ब्रेन वाश हो गया था ..पंडित ने जिस तरह उन्हें मजे दिए थे उसके बदले में अपनी चूत उन्हें भेंट करने के सिवा उन्हें कुछ और सूझ ही नहीं रहा था ..


वैसे वो सब अगर रितु के साथ हुआ होता तो वो भी शायद आज पंडित से चुद रही होती ..पर इस समय संगीता थी पंडित जी के नीचे और रितु को सबसे ज्यादा जलन इसी बात की हो रही थी और अपने आप को कोस भी रही थी की क्यों वो आज संगीता को अपने साथ लेकर आई, उसके हिस्से की चुदाई कितनी आसानी से उसने हड़प ली ..


पर अब कुछ नहीं हो सकता था ..

क्रमशः........








Like Reply


Messages In This Thread
RE: भोली भाली शीला और पंडित जी - by RangilaRaaj - 31-08-2023, 04:03 PM



Users browsing this thread: 5 Guest(s)