28-08-2023, 01:21 PM
५ मिनट के बाद उर्मिला पायल के कमरे में आती है. उसके हाथ में एक किताब है. वो आ कर पायल के पास बैठ जाती है.
पायल : ये क्या है भाभी?
उर्मिला : (किताब पायल के हाथ में देते हुए) "मेरी सहेली"... इसके बारें में सुना तो होगा ना तुने?
पायल : (किताब हाथ में लेती है) हाँ भाभी...ये तो बहुत से लडकियाँ और औरतें पढ़ती है. मेरी बहुत सी फ्रेंड्स के घरों में ये किताब है. लेकिन इस किताब का आपकी बात से क्या लेना देना?
उर्मिला : लेना देना नहीं होता तो मैं ले कर ही क्यूँ आती? अच्छा... अब तू ये तो मानती है ना की ये किताब बहुत प्रचलित है और सभी इसे पसंद करते है?
पायल : हाँ....मानती हूँ..
उर्मिला : (मुस्कुराते हुए किताब के पन्नों को पलटने लगती है. एक पन्ने पर आ कर वो रुक जाती है और उसके चेहरे पर कुटिल मुस्कान छा जाती है) जरा पढ़ तो क्या लिखा है? ऊपर से पढ़.
पायल : (पायल पढ़ती है) "आपके सवाल, डॉ. अंजलि गुप्ता के जवाब" (वो उर्मिला की तरफ देखने लगती है)
उर्मिला : ऐसे क्या देख रही है? (उर्मिला उस पन्ने में एक जगह पर ऊँगली रखती है और कहती है) अब ये पढ़. और जरा जोर से पढ़ना.
पायल : (उरिला के दिखाए गए स्थान से पढ़ना शुरू करती है) "मेरा नाम रश्मि है, उम्र २३ साल. मैं कानपुर की रहने वाली हूँ. जब मैं २० साल की थी तब से मेरे शारीरिक संबंध पापा......"
इतना कहते ही पायल रुक जाती है. उसकी आँखे बड़ी और साँसे तेज़ हो जाती है. वो मुड़ के उर्मिला की और बड़ी बड़ी आँखों से देखने लगती है.
उर्मिला : (मुस्कुराते हुए) क्या हुआ पायल रानी? आगे तो पढ़िये.....
पायल कुछ पल भाभी को वैसे हे देखती रहती है फिर धीरे धीरे अपनी नज़रें फिर से उस पन्ने पर ले जाती है.
पायल : (आगे पढ़ने लगती है) ... "मेरे शारीरिक संबंध पापा के साथ है. मेरी मम्मी एक हॉस्पिटल में नर्स है और वो नाईट शिफ्ट में काम करती है. मम्मी रोज रात ९ बजे हॉस्पिटल चली जाती है. उसके बाद मैं और पापा घर में अकेले ही.....
पायल फिर से रुक जाती है. वो अपने गले के थूक को किसी तरह से गुटकती है और उर्मिला को देखने लगती है. उर्मिला नज़रों के इशारे से उसे आगे पढ़ने कहती है. वो एक बार फिर नज़रे पन्ने में डाले पढ़ने लगती है.
पायल : (आगे पढ़ते हुए) "मैं और पापा घर में अकेले ही रह जाते है. रात भर मैं और पापा दिल खोल के संभोग करते है. कई बार तो संभोग करते हुए सुबह हो जाती है". (पायल एक गहरी सांस ले कर छोड़ती है फिर आगे पढ़ने लगती है). "यूँ तो पहले भी मेरा संबंध कुछ लड़कों के साथ रहा है लेकिन पापा के साथ जो आनंद और संतुष्टी मिलती है वो किसी और के साथ कभी नहीं मिली. अब तो लगता है की मैं पापा के बिना नहीं रह पाऊँगी. मेरा सवाल आपसे ये है की मेरे पापा के साथ इस नए रिश्ते का भविष्य क्या होगा?"
इतना पढ़ कर पायल उर्मिला को बड़ी बड़ी आँखों से देखने लगती है. भाभी ने जो कहा था वो उसे सच होता साफ़ दिख रहा था.
उर्मिला : पढ़ लिया?
पायल : जी...जी भाभी...
उर्मिला : अब जरा निचे डॉ. अंजलि गुप्ता का जवाब भी पढ़ ले. ये दिल्ली की बहुत बड़ी डॉक्टर है. तू भले ही उस लड़की का विश्वास ना करें, लेकिन डॉ अंजलि गुप्ता की बात तो मानेगी ना?
पायल : (झट से पन्ने पर फिर से नज़र डालती है और अंजलि गुप्ता का जवाब पढ़ने लगती है) "प्रिय रश्मि, इस उम्र में एक लड़की का उसके पिता, भाई या घर के अन्य पुरष की ओर आकर्षित होना आम बात है"....
उर्मिला बीच में कह देती है....
उर्मिला : देखा ....?? ये आम बात है. अब आगे पढ़...
पायल एक बार भाभी की ओर देखती है फिर आगे पढ़ने लगती है.
पायल : (आगे पढ़ते हुए) "बहुत सी लड़कियां घर में ही अपने पिता या भाई के साथ शारीरिक संबंध बना के उसका लुफ्त उठाती है और इसमें किसी भी प्रकार की शर्म या हया की कोई बात नहीं है. इसे मनुष्य के शरीर की आवश्यकता समझ कर इसका भरपूर आनंद उठाना चाहिए.
उर्मिला : (बीच में फिर से कह देती है) "इसे मनुष्य के शरीर की आवश्यकता समझ कर इसका भरपूर आनंद उठाना चाहिए...."...अब आगे पढ़...
पायल : (आगे पढ़ते हुए) "जहाँ तक बात इस संबंध के भविष्य की है, तो लड़कियों को ये समझना जरुरी है की कानूनी तौर पर इसका कोई भविष्य नहीं है. अगर आप अपने पिता के साथ शादी कर के घर बसाने का सोच रहीं है तो ये विचार आप त्याग दें. मैं आपको येही सलाह दूंगी की जब तक हो सके इसका आनंद लेती रहें. शादी के बाद भी आपका ये संबंध जारी रह सकता है. अगर आप अपने पिता से संतान चाहती....."
ये पढ़कर पायल रुक जाती है और तेज़ साँसों से भाभी की ओर देखने लगती है. उर्मिला अपनी भौहें ऊपर निचे करती है और इशारे से आगे पढ़ने कहती है.
पायल : (आगे पढ़ते हुए) "पिता से संतान चाहती है तो शादी के बाद ही इस बारें में सोचें. आशा करती हूँ की मेरी सलाह से आपको कोई दिशा जरुर मिली होगी. मेरी ओर से आपको और आपके पिता को ढेर सारी शुभकामनायें. डॉ अंजलि गुप्ता"...
पायल तेज़ साँसों से एक टक किताब में आँखे डाले देखे जा रही है. वो कुछ भी बोल नहीं पा रही, मानो उसकी जबान कट गई हो. उर्मिला मुस्कुराते हुए उसे देख रही है. कमरें में २ मिनट तक ख़ामोशी छाई रहती है. फिर उर्मिला पायल से कहती है.
उर्मिला : कहाँ खो गई मेरी लाड़ली ननद रानी? अब तो तुझे मेरी बात का यकीन हो गया ना?
पायल : (धीरे से नज़रें उठा के भाभी को देखती है) हाँ..हाँ भाभी...हो गया.
उर्मिला : लेकिन मैं तुझसे एक बात पर गुस्सा हूँ...
पायल : (भाभी की जांघो पर हाथ रखते हुए) किस बात पर भाभी ? मेरी कोई बात आपको बुरी लगी क्या?
उर्मिला : हाँ..लगी..तुमने मेरी बात पर विश्वास जो नहीं किया था. मुझे झूठी समझ रही थी ना? मैं क्या तुझसे कभी कोई झूठी बात कहूँगी?
पायल : (भाभी के गले लग जाती है और मानाने लगती है) आई एम रियली सॉरी भाभी...गलती हो गई. प्लीज मुझे माफ़ कर दीजिये. अब से मैं प्रॉमिस करती हूँ की आप जो भी कहेंगी मैं सच मान लुंगी, कोई सवाल जवाब नहीं करुँगी...मान जाइये ना भाभी...प्लीज..
उर्मिला : (चेहरे पर मुस्कान लाते हुए) अच्छा अच्छा ठीक है. नहीं हूँ मैं अब गुस्सा.
पायल भाभी के गाल पे एक किस कर देती है.
पायल : मेरी अच्छी भाभी...
उर्मिला : अच्छा पायल अब मैं चलती हूँ. थोड़ा अराम कर लूँ.
उर्मिला वो किताब ले कर जाने लगती है. पायल की नज़रे उस किताब पर ही है. उसका दिल कर रहा था की वो "आपके सवाल, डॉ . अंजलि गुप्ता के जवाब" के वो सारे सवाल और जवाब पढ़े लेकिन वो अन्दर ही अन्दर डर रही थी की अगर वो भाभी से किताब मांगती है तो वो क्या सोचेंगी. कुछ क्षण वो सोचती है और अचानक से चिल्ला देती है....
पायल : भाभी....!!!!
उर्मिला : (पायल की आवाज़ सुन के पीछे घुमती है) हाँ पायल. क्या हुआ?
पायल : भाभी वो...वो ..अगर आपको इस किताब का काम ना हो तो यहीं रहने दीजिये. वैसे भी मैं बोर हो रही हूँ.
उर्मिला : (मुस्कुराते हुए पायल के पास आती है) थोड़ी देर पहले तो खुश थी, अब बोर होने लगी? अच्छा चल कोई बात नहीं. (उर्मिला किताब पायल के पास रख देती है) अभी तू पढ़ ले, मुझे जरुरत होगी तो मैं ले जाउंगी...
पायल : जी भाभी... थैंक्यू...
उर्मिला : कोई बात नहीं पायल ... (भाभी मुड़ के कमरे से बाहर चली जाती है)
उर्मिला के जाते ही पायल झट से उठ के दरवाज़े को अन्दर से लॉक करती है और किताब ले कर बिस्तर पर लेट जाती है. उसके हाथ तेज़ी से उस पन्ने को तलाशने लगते है जहाँ डॉ. अंजलि के साथ सवाल जवाब है. कुछ पन्नो को पलटने के बाद उसके हाथ रुक जाते है और नज़रे एक पन्ने पर जम जाती है. पन्ने का शीर्षक था, "आपके सवाल, डॉ . अंजलि गुप्ता के जवाब". पायल की नज़रें धीरे धीरे निचे होने लगती है और एक सवाल पर आ कर रुक जाती है. सवाल फिर से एक लड़की और उसके पिता के संभोग की कहानी बयां कर रहा था. पायल पहले बड़े ध्यान से उस सवाल को पढ़ती है और फिर जवाब को. एक के बाद एक पायल वो सारे सवाल और जवाबो को पढ़ती है जिसमे लड़कियों के पिता या भाई के साथ शारीरिक संबंध थे. कुछ ही मिनटों में उन ४ पन्नो को खत्म करने के बाद पायल किताब अपने सिरहान रखती है और सीधी हो कर बिस्तर पर लेट जाती है. उसकी साँसे तेज़ हैं और नज़रे ऊपर पंखे को देख रहीं है. तेज़ साँसों से पायल की बड़ी बड़ी चूचियां तेज़ी से ऊपर निचे हो रहीं है. उसके मन में जो सवाल पहले आये थे, 'कोई लड़की अपने ही पापा और भाई के साथ....?' , 'क्या सच में कोई लड़की अपने पापा और भाई का लंड ले सकती है', वो अब हवा हो चुके थे. नए सवालों ने उसके मन में जगह बना ली थी.
"जब रश्मि ने पहली बार अपने पापा का लंड बूर में लिया होगा तो उसे कैसा लगा होगा?", "क्या सच में लड़कियों को अपने पापा और भाई का लंड इतना अच्छा लगता है की वो किसी और के लंड के बारें में सोचती भी नहीं?". ऐसे कई नए सवालों के भवंडर में फंसी पायल की कब आँख लग जाती है उससे पता ही नहीं चलता.
(कहानी जारी है. अब तक कैसी लगी कृपया कर के बतायें )
पायल : ये क्या है भाभी?
उर्मिला : (किताब पायल के हाथ में देते हुए) "मेरी सहेली"... इसके बारें में सुना तो होगा ना तुने?
पायल : (किताब हाथ में लेती है) हाँ भाभी...ये तो बहुत से लडकियाँ और औरतें पढ़ती है. मेरी बहुत सी फ्रेंड्स के घरों में ये किताब है. लेकिन इस किताब का आपकी बात से क्या लेना देना?
उर्मिला : लेना देना नहीं होता तो मैं ले कर ही क्यूँ आती? अच्छा... अब तू ये तो मानती है ना की ये किताब बहुत प्रचलित है और सभी इसे पसंद करते है?
पायल : हाँ....मानती हूँ..
उर्मिला : (मुस्कुराते हुए किताब के पन्नों को पलटने लगती है. एक पन्ने पर आ कर वो रुक जाती है और उसके चेहरे पर कुटिल मुस्कान छा जाती है) जरा पढ़ तो क्या लिखा है? ऊपर से पढ़.
पायल : (पायल पढ़ती है) "आपके सवाल, डॉ. अंजलि गुप्ता के जवाब" (वो उर्मिला की तरफ देखने लगती है)
उर्मिला : ऐसे क्या देख रही है? (उर्मिला उस पन्ने में एक जगह पर ऊँगली रखती है और कहती है) अब ये पढ़. और जरा जोर से पढ़ना.
पायल : (उरिला के दिखाए गए स्थान से पढ़ना शुरू करती है) "मेरा नाम रश्मि है, उम्र २३ साल. मैं कानपुर की रहने वाली हूँ. जब मैं २० साल की थी तब से मेरे शारीरिक संबंध पापा......"
इतना कहते ही पायल रुक जाती है. उसकी आँखे बड़ी और साँसे तेज़ हो जाती है. वो मुड़ के उर्मिला की और बड़ी बड़ी आँखों से देखने लगती है.
उर्मिला : (मुस्कुराते हुए) क्या हुआ पायल रानी? आगे तो पढ़िये.....
पायल कुछ पल भाभी को वैसे हे देखती रहती है फिर धीरे धीरे अपनी नज़रें फिर से उस पन्ने पर ले जाती है.
पायल : (आगे पढ़ने लगती है) ... "मेरे शारीरिक संबंध पापा के साथ है. मेरी मम्मी एक हॉस्पिटल में नर्स है और वो नाईट शिफ्ट में काम करती है. मम्मी रोज रात ९ बजे हॉस्पिटल चली जाती है. उसके बाद मैं और पापा घर में अकेले ही.....
पायल फिर से रुक जाती है. वो अपने गले के थूक को किसी तरह से गुटकती है और उर्मिला को देखने लगती है. उर्मिला नज़रों के इशारे से उसे आगे पढ़ने कहती है. वो एक बार फिर नज़रे पन्ने में डाले पढ़ने लगती है.
पायल : (आगे पढ़ते हुए) "मैं और पापा घर में अकेले ही रह जाते है. रात भर मैं और पापा दिल खोल के संभोग करते है. कई बार तो संभोग करते हुए सुबह हो जाती है". (पायल एक गहरी सांस ले कर छोड़ती है फिर आगे पढ़ने लगती है). "यूँ तो पहले भी मेरा संबंध कुछ लड़कों के साथ रहा है लेकिन पापा के साथ जो आनंद और संतुष्टी मिलती है वो किसी और के साथ कभी नहीं मिली. अब तो लगता है की मैं पापा के बिना नहीं रह पाऊँगी. मेरा सवाल आपसे ये है की मेरे पापा के साथ इस नए रिश्ते का भविष्य क्या होगा?"
इतना पढ़ कर पायल उर्मिला को बड़ी बड़ी आँखों से देखने लगती है. भाभी ने जो कहा था वो उसे सच होता साफ़ दिख रहा था.
उर्मिला : पढ़ लिया?
पायल : जी...जी भाभी...
उर्मिला : अब जरा निचे डॉ. अंजलि गुप्ता का जवाब भी पढ़ ले. ये दिल्ली की बहुत बड़ी डॉक्टर है. तू भले ही उस लड़की का विश्वास ना करें, लेकिन डॉ अंजलि गुप्ता की बात तो मानेगी ना?
पायल : (झट से पन्ने पर फिर से नज़र डालती है और अंजलि गुप्ता का जवाब पढ़ने लगती है) "प्रिय रश्मि, इस उम्र में एक लड़की का उसके पिता, भाई या घर के अन्य पुरष की ओर आकर्षित होना आम बात है"....
उर्मिला बीच में कह देती है....
उर्मिला : देखा ....?? ये आम बात है. अब आगे पढ़...
पायल एक बार भाभी की ओर देखती है फिर आगे पढ़ने लगती है.
पायल : (आगे पढ़ते हुए) "बहुत सी लड़कियां घर में ही अपने पिता या भाई के साथ शारीरिक संबंध बना के उसका लुफ्त उठाती है और इसमें किसी भी प्रकार की शर्म या हया की कोई बात नहीं है. इसे मनुष्य के शरीर की आवश्यकता समझ कर इसका भरपूर आनंद उठाना चाहिए.
उर्मिला : (बीच में फिर से कह देती है) "इसे मनुष्य के शरीर की आवश्यकता समझ कर इसका भरपूर आनंद उठाना चाहिए...."...अब आगे पढ़...
पायल : (आगे पढ़ते हुए) "जहाँ तक बात इस संबंध के भविष्य की है, तो लड़कियों को ये समझना जरुरी है की कानूनी तौर पर इसका कोई भविष्य नहीं है. अगर आप अपने पिता के साथ शादी कर के घर बसाने का सोच रहीं है तो ये विचार आप त्याग दें. मैं आपको येही सलाह दूंगी की जब तक हो सके इसका आनंद लेती रहें. शादी के बाद भी आपका ये संबंध जारी रह सकता है. अगर आप अपने पिता से संतान चाहती....."
ये पढ़कर पायल रुक जाती है और तेज़ साँसों से भाभी की ओर देखने लगती है. उर्मिला अपनी भौहें ऊपर निचे करती है और इशारे से आगे पढ़ने कहती है.
पायल : (आगे पढ़ते हुए) "पिता से संतान चाहती है तो शादी के बाद ही इस बारें में सोचें. आशा करती हूँ की मेरी सलाह से आपको कोई दिशा जरुर मिली होगी. मेरी ओर से आपको और आपके पिता को ढेर सारी शुभकामनायें. डॉ अंजलि गुप्ता"...
पायल तेज़ साँसों से एक टक किताब में आँखे डाले देखे जा रही है. वो कुछ भी बोल नहीं पा रही, मानो उसकी जबान कट गई हो. उर्मिला मुस्कुराते हुए उसे देख रही है. कमरें में २ मिनट तक ख़ामोशी छाई रहती है. फिर उर्मिला पायल से कहती है.
उर्मिला : कहाँ खो गई मेरी लाड़ली ननद रानी? अब तो तुझे मेरी बात का यकीन हो गया ना?
पायल : (धीरे से नज़रें उठा के भाभी को देखती है) हाँ..हाँ भाभी...हो गया.
उर्मिला : लेकिन मैं तुझसे एक बात पर गुस्सा हूँ...
पायल : (भाभी की जांघो पर हाथ रखते हुए) किस बात पर भाभी ? मेरी कोई बात आपको बुरी लगी क्या?
उर्मिला : हाँ..लगी..तुमने मेरी बात पर विश्वास जो नहीं किया था. मुझे झूठी समझ रही थी ना? मैं क्या तुझसे कभी कोई झूठी बात कहूँगी?
पायल : (भाभी के गले लग जाती है और मानाने लगती है) आई एम रियली सॉरी भाभी...गलती हो गई. प्लीज मुझे माफ़ कर दीजिये. अब से मैं प्रॉमिस करती हूँ की आप जो भी कहेंगी मैं सच मान लुंगी, कोई सवाल जवाब नहीं करुँगी...मान जाइये ना भाभी...प्लीज..
उर्मिला : (चेहरे पर मुस्कान लाते हुए) अच्छा अच्छा ठीक है. नहीं हूँ मैं अब गुस्सा.
पायल भाभी के गाल पे एक किस कर देती है.
पायल : मेरी अच्छी भाभी...
उर्मिला : अच्छा पायल अब मैं चलती हूँ. थोड़ा अराम कर लूँ.
उर्मिला वो किताब ले कर जाने लगती है. पायल की नज़रे उस किताब पर ही है. उसका दिल कर रहा था की वो "आपके सवाल, डॉ . अंजलि गुप्ता के जवाब" के वो सारे सवाल और जवाब पढ़े लेकिन वो अन्दर ही अन्दर डर रही थी की अगर वो भाभी से किताब मांगती है तो वो क्या सोचेंगी. कुछ क्षण वो सोचती है और अचानक से चिल्ला देती है....
पायल : भाभी....!!!!
उर्मिला : (पायल की आवाज़ सुन के पीछे घुमती है) हाँ पायल. क्या हुआ?
पायल : भाभी वो...वो ..अगर आपको इस किताब का काम ना हो तो यहीं रहने दीजिये. वैसे भी मैं बोर हो रही हूँ.
उर्मिला : (मुस्कुराते हुए पायल के पास आती है) थोड़ी देर पहले तो खुश थी, अब बोर होने लगी? अच्छा चल कोई बात नहीं. (उर्मिला किताब पायल के पास रख देती है) अभी तू पढ़ ले, मुझे जरुरत होगी तो मैं ले जाउंगी...
पायल : जी भाभी... थैंक्यू...
उर्मिला : कोई बात नहीं पायल ... (भाभी मुड़ के कमरे से बाहर चली जाती है)
उर्मिला के जाते ही पायल झट से उठ के दरवाज़े को अन्दर से लॉक करती है और किताब ले कर बिस्तर पर लेट जाती है. उसके हाथ तेज़ी से उस पन्ने को तलाशने लगते है जहाँ डॉ. अंजलि के साथ सवाल जवाब है. कुछ पन्नो को पलटने के बाद उसके हाथ रुक जाते है और नज़रे एक पन्ने पर जम जाती है. पन्ने का शीर्षक था, "आपके सवाल, डॉ . अंजलि गुप्ता के जवाब". पायल की नज़रें धीरे धीरे निचे होने लगती है और एक सवाल पर आ कर रुक जाती है. सवाल फिर से एक लड़की और उसके पिता के संभोग की कहानी बयां कर रहा था. पायल पहले बड़े ध्यान से उस सवाल को पढ़ती है और फिर जवाब को. एक के बाद एक पायल वो सारे सवाल और जवाबो को पढ़ती है जिसमे लड़कियों के पिता या भाई के साथ शारीरिक संबंध थे. कुछ ही मिनटों में उन ४ पन्नो को खत्म करने के बाद पायल किताब अपने सिरहान रखती है और सीधी हो कर बिस्तर पर लेट जाती है. उसकी साँसे तेज़ हैं और नज़रे ऊपर पंखे को देख रहीं है. तेज़ साँसों से पायल की बड़ी बड़ी चूचियां तेज़ी से ऊपर निचे हो रहीं है. उसके मन में जो सवाल पहले आये थे, 'कोई लड़की अपने ही पापा और भाई के साथ....?' , 'क्या सच में कोई लड़की अपने पापा और भाई का लंड ले सकती है', वो अब हवा हो चुके थे. नए सवालों ने उसके मन में जगह बना ली थी.
"जब रश्मि ने पहली बार अपने पापा का लंड बूर में लिया होगा तो उसे कैसा लगा होगा?", "क्या सच में लड़कियों को अपने पापा और भाई का लंड इतना अच्छा लगता है की वो किसी और के लंड के बारें में सोचती भी नहीं?". ऐसे कई नए सवालों के भवंडर में फंसी पायल की कब आँख लग जाती है उससे पता ही नहीं चलता.
(कहानी जारी है. अब तक कैसी लगी कृपया कर के बतायें )