09-06-2019, 09:35 PM
अध्याय 21
सुबह जिम में
“तो कैसी रही कल की रात “
रोहन पूर्वी को मुस्कुराते हुए देख रहा था,
पूर्वी के चहरे में हल्की सी शर्म और होठो में हल्की सी मुस्कान खिल गई .
“थैंक्स यार सच में उन्होंने भी मुझे सॉरी कहा”
“मैंने कहा था ना मेरा बात मानेगी तो फायदे में रहेगी “
रोहन की बात से दोनों ही मुस्कुरा उठे…
****
“तो कैसी रही कल रात “
सपना ने गौरव को मुस्कुराते हुए कहा ..
सपना की बात सुनकर गौरव के होठो में मुस्कान आ गई,
“ओहो आप मुझे देखकर मुस्कुरा रहे हो ,मतलब मेरी बात सच हो गई “
सपना ने चहकते हुए कहा ,गौरव की मुस्कान और भी बड़ी हो गई थी ..
“हा उसने भी मुझे सॉरी कहा,शायद मेरी ही गलती थी,anyway थैंक्स ...तुम्हारे सलाह के लिए “
गौरव आज सपना से इतने प्यार से बात कर रहा था की सपना को जैसे यकीन ही नही हुआ ,उसने ऐसे ही मुह बनाया..
“वाओ अचानक से आपकी जुबान कितनी मीठी कैसे हो गई मेरे लिए ,क्या चूस लिया था कल रात …”
सपना खिलखिला कर हँस पड़ी,वही गौरव को जैसे ही उसकी बात का मतलब समझ आया उसकी मुस्कान फिर से गायब हो गई …
“तुम नही सुधार सकती ..आज क्या करना है “
वो इधर उधर देखने लगा …..
***********
“सारा जोर यही लगा दोगे तो पूर्वी के ऊपर क्या लगाओगे”
गौरव को बेंचप्रेस करते देखकर सपना ने एक कुटिल मुस्कान के साथ कहा ...गौरव ज्यादा वजन के साथ बेंचप्रेस करने की कोशिश कर रहा था…
“तुम कभी सीधी बात क्यो नही कर सकती “
गौरव उसपर झल्लाया
“अरे सीधी बात करने के लिए तो बीवी है ना,गर्लफ्रैंड से तो ऐसी ही बाते करते है “
सपना हँसने लगी
“तुम मेरी gf नही हो “
गौरव लेटा हुआ बेंचप्रेस कर रहा था और अब भी लेट हुआ था,सपना सीधे उसके जांघो में बैठ गई ..
“तो बना लो ना “
गौरव को सपना के कूल्हों का अहसास अपने जांघो पर हो रहा था,वो उसके ऊपर झुक गई थी जिससे उसके स्पोर्ट इनर से उसके मम्मे साफ साफ बाहर झलकने लगे थे,गौरव की आंखे एक बार के लिए उसके उरोजों पर ही टिक गई ,फिर उसे आभास हुआ की वो कैसी स्तिथि में है ,उसने तुरंत ही आसपास देखा,पूर्वी दूर थी और नजरो से बाहर थी और बाकियों को उनके बर्ताव से कोई फर्क नही पड़ रहा था,
“ये क्या कर रही हो हटो यंहा से “
गौरव उठने को हुआ लेकिन सपना अभी भी उसके जांघो पर ही बैठी थी,उसके उठने का नतीजा ये था की दोनों के चहरे एक दूसरे के करीब आ चुके थे,गौरव का सीना सपना के उरोजों से सट गया था,उसके पसीने में भीगी हुई परफ्यूम की खुशबू से गौरव के नथुने भर गए..
अब सपना गौरव की गोदी में था और इस मादक माहौल से उत्तेजित हुआ उसका लिंग सपना के जांघो के बीच टकरा गया,गौरव के अंदर दहसत की एक लहर दौड़ गई ,क्योकि वो नही चाहता था की सपना को उसकी उत्तेजना की कोई भी भनक लगे,और दूसरा डर उसे पूर्वी का था अगर वो उसे इस हालत में देख लेती तो क्या होता…
“हटो यंहा से “
गौरव ने जोरो से कहने की कोशिश तो की थी लेकिन लोक लाज के कारण उसकी आवाज धीरे ही आयी,उसकी आवाज आदेशात्मक कम और प्रार्थनात्मक ज्यादा थी…
“मैं नही हटने वाली कर लो जो करना है “
सपना के इठलाते हुए कहा,उसकी सांस तक गौरव के चहरे से टकरा रही थी वही आसपास के लोगो का ध्यान भी अनायास ही उनकी तरफ जाने लगा था..
“प्लीज् “गौरव ने कांपते हुए स्वर में कहा
सपना खिलखिलाते हुए उसके ऊपर से उठ गई और गौरव ने चैन की सांस ली ,ना जाने उसे इतना डर क्यो लग रहा था जबकि गलती तो सपना की थी……..
क्या सच में ,उसने खुद से पूछा..
तेरे जांघो के बीच जो खड़ा हुआ था क्या वो भी सपना की गलती थी…
बस इसका जवाब गौरव के पास नही था और वही उसके डर का कारण भी था,उसे वो दिन याद आया जब वो सपना से सबसे ज्यादा डरा था,जब सपना ने अपने कपड़े उसके सामने खोल दिए थे….क्या सच में वो सपना से डरा था..??
नही ये डर था उसके अंदर उबलते हुए उत्तेजना का और वो डर था की कही वो सामने ना आ जाए,कही वो अपना आपा आ खो दे ..
गौरव की मनोदशा को मानो सपना समझ चुकी थी क्योकि उसे देखकर वो मुस्कुरा रही थी ,जिससे गौरव के शरीर में एक कंपन सी हो गई….
“इसीलिए मैं तुमसे नफरत करता हु,मैंने तो सोचा था की तुम मेरे और पूर्वी के रिश्ते के मजबूत करने में मेरी मदद कर रही हो लेकिन …..लेकिन नही तुम आज भी वही सपना हो जो मुझे मेरी पूर्वी से दूर करना चाहती हो …”
गौरव ने नफरत से उसे देखा लेकिन सपना पर मानो इसका कोई प्रभाव नही पड़ा हो…
“सर आप ना तो कल मुझे समझे थे ना ही आज समझ पाए हो,मैं आपको पूर्वी से अलग नही करना चाहती मैं तो बस आपको अपने पास लाना चाहती हु ...कैसे मर्द हो घरवाली प्यार करने वाली मिल चुकी है ,बाहर वाली भी सबकुछ करने को तैयार है लेकिन फिर भी डरते हो …”
वो फिर से हँसी लेकिन उसकी हंसी से गौरव के चहरे में बस नफरत का भाव आकर रह गया और वो उठाकर दूसरी ओर जाने लगा….
**********
इधर
“बला की खूबसूरत है यार,यार रोहन हमे भी तो मिला इस बला से “
पूर्वी का ध्यान अनायास ही उस ओर खिंच गया जिस ओर से ये आवाज आयी थी,रोहन के साथ खड़ा एक शख्स पूर्वी को ही घूरे जा रहा था,पूर्वी की नजर अचानक ही उससे मिल गई,वो कोई
6 फुट 5 इंच की हाइट वाला बिल्कुल बॉडी बिल्डर जैसा शख्स था, रोहन से भी लंबा था, रोहन उसके सामने बच्चा लग रहा था,वो जैसे कोई दानव हो पूर्वी तो उसे देखकर ही सहम सी गई ,फिर अचानक उसकी नजर उसके बाजू में बैठे शख्स पर गई जिसकी ओर रोहन देख रहा था,एक 6 फुट का लेकिन सामान्य शरीर का बेहद ही हेंडसम सा लड़का ,उम्र लगभग रोहन के उम्र जितनी थी थी,और ऐसा लग रहा था जैसे रोहन का अच्छा दोस्त है …
दिखने में जैसे रणवीर कपूर,चहरे से ही मासूमियत टपक रही थी,लेकिन एक शरारत भी ...पूर्वी अब कन्फ्यूज थी की आखिर ये आवाज थी किसी उस दनाव जैसे इंसान की या इस स्मार्ट छोकरे की …
तभी रोहन ने मुस्कुराते हुए उस स्मार्ट लड़के से कहा
“ये कोई बला नही है रफीक ये मेरी पुरानी दोस्त है पूर्वी “
“रफीक नही रफीक भाई “
एक गरजती हुई आवाज आयी और रोहन उस दानव को देखने लगा..
तभी रफीक बोल उठा
“अबे ये मेरे दोस्त है बे बल्ला तुझे कितनी बार समझाया है की दोस्तो के लिए मैं सिर्फ रफीक हु ,कम ऑन रोहन इसकी बातों का बुरा मत मानना”
रोहन भी रफीक की बात सुनकर मुस्करा उठा,
“इस मांस के टुकड़े में दिमाग होता तो शायद बुरा मानता..”रोहन की बात से दोनों ही हँस पड़े लेकिन बल्ला गुस्से से रोहन को देखा फिर भी चुप रहा ..
रोहन ,रफीक के साथ पूर्वी के पास पहुचा जो की उन्हें ही देख रही थी
“रफीक ये पूर्वी है मेरी बचपन की दोस्त और ये है …”
रोहन आगे कहता उससे पहले ही पूर्वी बोल पड़ी
“रफीक भाई ,अभी अभी सुना,क्यो अब तो ठीक है ना”
पूर्वी ने बल्ला को देखा जो की हल्क की तरह गुस्से से उनलोगों को देख रहा था..
रोहन और पूर्वी इस बात पे हँस पड़े
“अरे आप तो भाई मत बोलिये…”
“क्यो आखिर ??”पूर्वी ने इतराते हुए कहा
“फकत यू रिश्तों के बोझ में न उलझा दो हमे,रिश्ता नही हम दोस्ती करने आये है “
रफीक बड़े ही शायराना अंदाज में कहा
“ओह लेकिन दोस्ती भी तो एक रिश्ता ही है ,ऐसे आप शायर भी है “
“मुझे लगता है की दोस्ती में रिश्तों वाली कोई बंदिश नही होती,ऐसे ये शायरी हमारे अब्बू के एक बिजनेस पार्टनर ने अम्मी के लिए कही थी जब अम्मी ने उन्हें भाई कहा था”
पूर्वी और रोहन ने आश्चर्य से उसे देखा
“तो आपके अब्बू ने क्या जवाब दिया “पूर्वी ने उत्सुक होकर उससे पूछा…
“जवाब क्या देना बल्ला ने उसका गला काट दिया और क्या “
इस बार पूर्वी और रोहन दोनों के ही चाहे में अपार आश्चर्य था...दोनों कभी रफीक को देखते तो कभी बल्ला को तो कभी एक दूसरे को ..
“कोई शेख साहब के सामने अम्मी से बतमीजी करे तो अंजाम तो यही होना था..”
बल्ला बोल उठा
“शेख साहब ??”
पूर्वी ने फिर आश्चर्य से कहा
“जी हा हमारे अब्बू दुबई के शेख है ,और बल्ला हमारे परिवार का पुराना वफादार है …”
“लेकिन आप तो इतनी अच्छी हिंदी बोलते है “
रफीक का खिला हुआ चहरा थोड़ा मुरझा गया
“असल में मेरी अम्मी का परिवार मुम्बई से ताल्लुक रखता है ,मैं तब 18 साल का था जब मेरे अब्बू की मौत हुई,अम्मी ने अब्बा के पुराने दोस्त शेख साहब से निकाह कर लिया और मेरे और बल्ला के साथ दुबई में जा बसी,मेरी अम्मी शेख साहब की तीसरी बीवी है लेकिन उन्होंने हमे बहुत प्यार दिया,अब मैं भारत फिर से आया हु अपने बिजनेस को सम्हालने और शेख साहब के बिजनेस को यंहा फैलाने के लिए और ये मेरा बचपन का दोस्त कम बॉडीगार्ड कम भाई बल्ला है …”
पूर्वी को रफीक की आंखों में बल्ला के लिए अपार स्नेह दिखा,वही बल्ला की आंखे ही बता रही थी की वो रफीक के लिए जान दे भी सकता है और जान ले भी सकता है ……..
“अब छोड़िए इन बातों को मैं यंहा नया हु तो आपलोगो की जिम्मेदारी है मुझे शहर दिखाने की “
रफीक की आवज में एक गजब का अपनत्व था ,लेकिन उसकी इस बात पर पूर्वी ने एक बार रोहन को देखा..जैसे कह रही हो ये कहा फंसा दिया ..
रोहन बस मुस्करा रहा था
“बिल्कुल रफीक ...भाई”
उसने बल्ला को देखते हुए कहा और तीनो फिर से हँस पड़े …
**************
“अरे ये कौन था ???”
रफीक को जाता हुआ देखकर गौरव ने पूर्वी से पूछा,वो अभी अभी सपना से चिढ़कर पूर्वी और रोहन की तरफ़ ही आया था..
“अभी अभी आया है दुबई से किसी बिजनेस के सिलसिले में ,रफीक नाम है इसका “
रोहन की बात से गौरव के चहरे में थोड़ी हैरानी आ गई
“क्या हुआ आप इतने हैरान क्यो लग रहे हो”पूर्वी गौरव के आये हुए भाव को समझ नही पा रही थी..
“कुछ नही ये आदमी मुझे कल केमेस्ट्री डिपार्टमेंट में दिखा था,सपना से बात करते हुए ..”
गौरव की बात सुनकर अब पूर्वी और रोहित दोनों ही चौके …
“सपना से ???”
पूर्वी के मुह से अनायास ही निकल गया
“क्या पता हो सकता है शेख साहब लखानी अंकल के दोस्त हो “
रोहन ने अपनी ओर से कहा
“शेख साहब ??अब ये कौन है “गौरव फिर से कन्फ्यूज था
“रफीक के अब्बू …”
रोहन की बात सुनकर अचानक ही गौरव का चहरा कुछ गंभीर हो गया..
“क्या हुआ आपको “पूर्वी भी उसकी ऐसी हालत देखकर थोड़ी सहम गई
“कुछ नही कुछ नही चलो घर चलते है “
गौरव जल्दी से वंहा से निकला,पूर्वी रोहन की तरफ घूमी और रोहन ने बस कंधा उचकया जैसे कह रहा हो की मुझे क्या पता…
लेकिन रोहन के दिमाग में अब भी कई सवाल चल रहे थे,आखिर रफीक को सपना कैसे जानती है और शेख का नाम सुनकर अचानक गौरव को क्या हो गया…??
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सुबह जिम में
“तो कैसी रही कल की रात “
रोहन पूर्वी को मुस्कुराते हुए देख रहा था,
पूर्वी के चहरे में हल्की सी शर्म और होठो में हल्की सी मुस्कान खिल गई .
“थैंक्स यार सच में उन्होंने भी मुझे सॉरी कहा”
“मैंने कहा था ना मेरा बात मानेगी तो फायदे में रहेगी “
रोहन की बात से दोनों ही मुस्कुरा उठे…
****
“तो कैसी रही कल रात “
सपना ने गौरव को मुस्कुराते हुए कहा ..
सपना की बात सुनकर गौरव के होठो में मुस्कान आ गई,
“ओहो आप मुझे देखकर मुस्कुरा रहे हो ,मतलब मेरी बात सच हो गई “
सपना ने चहकते हुए कहा ,गौरव की मुस्कान और भी बड़ी हो गई थी ..
“हा उसने भी मुझे सॉरी कहा,शायद मेरी ही गलती थी,anyway थैंक्स ...तुम्हारे सलाह के लिए “
गौरव आज सपना से इतने प्यार से बात कर रहा था की सपना को जैसे यकीन ही नही हुआ ,उसने ऐसे ही मुह बनाया..
“वाओ अचानक से आपकी जुबान कितनी मीठी कैसे हो गई मेरे लिए ,क्या चूस लिया था कल रात …”
सपना खिलखिला कर हँस पड़ी,वही गौरव को जैसे ही उसकी बात का मतलब समझ आया उसकी मुस्कान फिर से गायब हो गई …
“तुम नही सुधार सकती ..आज क्या करना है “
वो इधर उधर देखने लगा …..
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“सारा जोर यही लगा दोगे तो पूर्वी के ऊपर क्या लगाओगे”
गौरव को बेंचप्रेस करते देखकर सपना ने एक कुटिल मुस्कान के साथ कहा ...गौरव ज्यादा वजन के साथ बेंचप्रेस करने की कोशिश कर रहा था…
“तुम कभी सीधी बात क्यो नही कर सकती “
गौरव उसपर झल्लाया
“अरे सीधी बात करने के लिए तो बीवी है ना,गर्लफ्रैंड से तो ऐसी ही बाते करते है “
सपना हँसने लगी
“तुम मेरी gf नही हो “
गौरव लेटा हुआ बेंचप्रेस कर रहा था और अब भी लेट हुआ था,सपना सीधे उसके जांघो में बैठ गई ..
“तो बना लो ना “
गौरव को सपना के कूल्हों का अहसास अपने जांघो पर हो रहा था,वो उसके ऊपर झुक गई थी जिससे उसके स्पोर्ट इनर से उसके मम्मे साफ साफ बाहर झलकने लगे थे,गौरव की आंखे एक बार के लिए उसके उरोजों पर ही टिक गई ,फिर उसे आभास हुआ की वो कैसी स्तिथि में है ,उसने तुरंत ही आसपास देखा,पूर्वी दूर थी और नजरो से बाहर थी और बाकियों को उनके बर्ताव से कोई फर्क नही पड़ रहा था,
“ये क्या कर रही हो हटो यंहा से “
गौरव उठने को हुआ लेकिन सपना अभी भी उसके जांघो पर ही बैठी थी,उसके उठने का नतीजा ये था की दोनों के चहरे एक दूसरे के करीब आ चुके थे,गौरव का सीना सपना के उरोजों से सट गया था,उसके पसीने में भीगी हुई परफ्यूम की खुशबू से गौरव के नथुने भर गए..
अब सपना गौरव की गोदी में था और इस मादक माहौल से उत्तेजित हुआ उसका लिंग सपना के जांघो के बीच टकरा गया,गौरव के अंदर दहसत की एक लहर दौड़ गई ,क्योकि वो नही चाहता था की सपना को उसकी उत्तेजना की कोई भी भनक लगे,और दूसरा डर उसे पूर्वी का था अगर वो उसे इस हालत में देख लेती तो क्या होता…
“हटो यंहा से “
गौरव ने जोरो से कहने की कोशिश तो की थी लेकिन लोक लाज के कारण उसकी आवाज धीरे ही आयी,उसकी आवाज आदेशात्मक कम और प्रार्थनात्मक ज्यादा थी…
“मैं नही हटने वाली कर लो जो करना है “
सपना के इठलाते हुए कहा,उसकी सांस तक गौरव के चहरे से टकरा रही थी वही आसपास के लोगो का ध्यान भी अनायास ही उनकी तरफ जाने लगा था..
“प्लीज् “गौरव ने कांपते हुए स्वर में कहा
सपना खिलखिलाते हुए उसके ऊपर से उठ गई और गौरव ने चैन की सांस ली ,ना जाने उसे इतना डर क्यो लग रहा था जबकि गलती तो सपना की थी……..
क्या सच में ,उसने खुद से पूछा..
तेरे जांघो के बीच जो खड़ा हुआ था क्या वो भी सपना की गलती थी…
बस इसका जवाब गौरव के पास नही था और वही उसके डर का कारण भी था,उसे वो दिन याद आया जब वो सपना से सबसे ज्यादा डरा था,जब सपना ने अपने कपड़े उसके सामने खोल दिए थे….क्या सच में वो सपना से डरा था..??
नही ये डर था उसके अंदर उबलते हुए उत्तेजना का और वो डर था की कही वो सामने ना आ जाए,कही वो अपना आपा आ खो दे ..
गौरव की मनोदशा को मानो सपना समझ चुकी थी क्योकि उसे देखकर वो मुस्कुरा रही थी ,जिससे गौरव के शरीर में एक कंपन सी हो गई….
“इसीलिए मैं तुमसे नफरत करता हु,मैंने तो सोचा था की तुम मेरे और पूर्वी के रिश्ते के मजबूत करने में मेरी मदद कर रही हो लेकिन …..लेकिन नही तुम आज भी वही सपना हो जो मुझे मेरी पूर्वी से दूर करना चाहती हो …”
गौरव ने नफरत से उसे देखा लेकिन सपना पर मानो इसका कोई प्रभाव नही पड़ा हो…
“सर आप ना तो कल मुझे समझे थे ना ही आज समझ पाए हो,मैं आपको पूर्वी से अलग नही करना चाहती मैं तो बस आपको अपने पास लाना चाहती हु ...कैसे मर्द हो घरवाली प्यार करने वाली मिल चुकी है ,बाहर वाली भी सबकुछ करने को तैयार है लेकिन फिर भी डरते हो …”
वो फिर से हँसी लेकिन उसकी हंसी से गौरव के चहरे में बस नफरत का भाव आकर रह गया और वो उठाकर दूसरी ओर जाने लगा….
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इधर
“बला की खूबसूरत है यार,यार रोहन हमे भी तो मिला इस बला से “
पूर्वी का ध्यान अनायास ही उस ओर खिंच गया जिस ओर से ये आवाज आयी थी,रोहन के साथ खड़ा एक शख्स पूर्वी को ही घूरे जा रहा था,पूर्वी की नजर अचानक ही उससे मिल गई,वो कोई
6 फुट 5 इंच की हाइट वाला बिल्कुल बॉडी बिल्डर जैसा शख्स था, रोहन से भी लंबा था, रोहन उसके सामने बच्चा लग रहा था,वो जैसे कोई दानव हो पूर्वी तो उसे देखकर ही सहम सी गई ,फिर अचानक उसकी नजर उसके बाजू में बैठे शख्स पर गई जिसकी ओर रोहन देख रहा था,एक 6 फुट का लेकिन सामान्य शरीर का बेहद ही हेंडसम सा लड़का ,उम्र लगभग रोहन के उम्र जितनी थी थी,और ऐसा लग रहा था जैसे रोहन का अच्छा दोस्त है …
दिखने में जैसे रणवीर कपूर,चहरे से ही मासूमियत टपक रही थी,लेकिन एक शरारत भी ...पूर्वी अब कन्फ्यूज थी की आखिर ये आवाज थी किसी उस दनाव जैसे इंसान की या इस स्मार्ट छोकरे की …
तभी रोहन ने मुस्कुराते हुए उस स्मार्ट लड़के से कहा
“ये कोई बला नही है रफीक ये मेरी पुरानी दोस्त है पूर्वी “
“रफीक नही रफीक भाई “
एक गरजती हुई आवाज आयी और रोहन उस दानव को देखने लगा..
तभी रफीक बोल उठा
“अबे ये मेरे दोस्त है बे बल्ला तुझे कितनी बार समझाया है की दोस्तो के लिए मैं सिर्फ रफीक हु ,कम ऑन रोहन इसकी बातों का बुरा मत मानना”
रोहन भी रफीक की बात सुनकर मुस्करा उठा,
“इस मांस के टुकड़े में दिमाग होता तो शायद बुरा मानता..”रोहन की बात से दोनों ही हँस पड़े लेकिन बल्ला गुस्से से रोहन को देखा फिर भी चुप रहा ..
रोहन ,रफीक के साथ पूर्वी के पास पहुचा जो की उन्हें ही देख रही थी
“रफीक ये पूर्वी है मेरी बचपन की दोस्त और ये है …”
रोहन आगे कहता उससे पहले ही पूर्वी बोल पड़ी
“रफीक भाई ,अभी अभी सुना,क्यो अब तो ठीक है ना”
पूर्वी ने बल्ला को देखा जो की हल्क की तरह गुस्से से उनलोगों को देख रहा था..
रोहन और पूर्वी इस बात पे हँस पड़े
“अरे आप तो भाई मत बोलिये…”
“क्यो आखिर ??”पूर्वी ने इतराते हुए कहा
“फकत यू रिश्तों के बोझ में न उलझा दो हमे,रिश्ता नही हम दोस्ती करने आये है “
रफीक बड़े ही शायराना अंदाज में कहा
“ओह लेकिन दोस्ती भी तो एक रिश्ता ही है ,ऐसे आप शायर भी है “
“मुझे लगता है की दोस्ती में रिश्तों वाली कोई बंदिश नही होती,ऐसे ये शायरी हमारे अब्बू के एक बिजनेस पार्टनर ने अम्मी के लिए कही थी जब अम्मी ने उन्हें भाई कहा था”
पूर्वी और रोहन ने आश्चर्य से उसे देखा
“तो आपके अब्बू ने क्या जवाब दिया “पूर्वी ने उत्सुक होकर उससे पूछा…
“जवाब क्या देना बल्ला ने उसका गला काट दिया और क्या “
इस बार पूर्वी और रोहन दोनों के ही चाहे में अपार आश्चर्य था...दोनों कभी रफीक को देखते तो कभी बल्ला को तो कभी एक दूसरे को ..
“कोई शेख साहब के सामने अम्मी से बतमीजी करे तो अंजाम तो यही होना था..”
बल्ला बोल उठा
“शेख साहब ??”
पूर्वी ने फिर आश्चर्य से कहा
“जी हा हमारे अब्बू दुबई के शेख है ,और बल्ला हमारे परिवार का पुराना वफादार है …”
“लेकिन आप तो इतनी अच्छी हिंदी बोलते है “
रफीक का खिला हुआ चहरा थोड़ा मुरझा गया
“असल में मेरी अम्मी का परिवार मुम्बई से ताल्लुक रखता है ,मैं तब 18 साल का था जब मेरे अब्बू की मौत हुई,अम्मी ने अब्बा के पुराने दोस्त शेख साहब से निकाह कर लिया और मेरे और बल्ला के साथ दुबई में जा बसी,मेरी अम्मी शेख साहब की तीसरी बीवी है लेकिन उन्होंने हमे बहुत प्यार दिया,अब मैं भारत फिर से आया हु अपने बिजनेस को सम्हालने और शेख साहब के बिजनेस को यंहा फैलाने के लिए और ये मेरा बचपन का दोस्त कम बॉडीगार्ड कम भाई बल्ला है …”
पूर्वी को रफीक की आंखों में बल्ला के लिए अपार स्नेह दिखा,वही बल्ला की आंखे ही बता रही थी की वो रफीक के लिए जान दे भी सकता है और जान ले भी सकता है ……..
“अब छोड़िए इन बातों को मैं यंहा नया हु तो आपलोगो की जिम्मेदारी है मुझे शहर दिखाने की “
रफीक की आवज में एक गजब का अपनत्व था ,लेकिन उसकी इस बात पर पूर्वी ने एक बार रोहन को देखा..जैसे कह रही हो ये कहा फंसा दिया ..
रोहन बस मुस्करा रहा था
“बिल्कुल रफीक ...भाई”
उसने बल्ला को देखते हुए कहा और तीनो फिर से हँस पड़े …
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“अरे ये कौन था ???”
रफीक को जाता हुआ देखकर गौरव ने पूर्वी से पूछा,वो अभी अभी सपना से चिढ़कर पूर्वी और रोहन की तरफ़ ही आया था..
“अभी अभी आया है दुबई से किसी बिजनेस के सिलसिले में ,रफीक नाम है इसका “
रोहन की बात से गौरव के चहरे में थोड़ी हैरानी आ गई
“क्या हुआ आप इतने हैरान क्यो लग रहे हो”पूर्वी गौरव के आये हुए भाव को समझ नही पा रही थी..
“कुछ नही ये आदमी मुझे कल केमेस्ट्री डिपार्टमेंट में दिखा था,सपना से बात करते हुए ..”
गौरव की बात सुनकर अब पूर्वी और रोहित दोनों ही चौके …
“सपना से ???”
पूर्वी के मुह से अनायास ही निकल गया
“क्या पता हो सकता है शेख साहब लखानी अंकल के दोस्त हो “
रोहन ने अपनी ओर से कहा
“शेख साहब ??अब ये कौन है “गौरव फिर से कन्फ्यूज था
“रफीक के अब्बू …”
रोहन की बात सुनकर अचानक ही गौरव का चहरा कुछ गंभीर हो गया..
“क्या हुआ आपको “पूर्वी भी उसकी ऐसी हालत देखकर थोड़ी सहम गई
“कुछ नही कुछ नही चलो घर चलते है “
गौरव जल्दी से वंहा से निकला,पूर्वी रोहन की तरफ घूमी और रोहन ने बस कंधा उचकया जैसे कह रहा हो की मुझे क्या पता…
लेकिन रोहन के दिमाग में अब भी कई सवाल चल रहे थे,आखिर रफीक को सपना कैसे जानती है और शेख का नाम सुनकर अचानक गौरव को क्या हो गया…??
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