09-06-2019, 09:30 PM
अध्याय 20
जब वासना का तूफान थम जाए तब ही आसपास की कुछ सुध आती है, गौरव और पूर्वी को भी अभी अभी सुध आया था ,पूर्वी बिजली की फुर्ती से खड़ी हुई और पास पड़े कपड़ो को उठाते हुए सीधे अपने कमरे में भागी,गौरव की भी नजर उसपर थी,वो भी अपने अंगों को छुपाने की असफल प्रयास करता रहा और जल्दी से नीचे पड़े कपड़ो को उठता हुआ अंदर भागा,उसके अंदर जाते तक पूर्वी जैसे तैसे अपने कपड़ो को पहन कर तुरंत ही बाहर आयी थी,
वो दौड़ते हुए दरवाजे के पास पहुची ..
“अरे मेडम रुकिए ना”
मालती में गेट तक जा चुकी थी,वो मुस्कुराते हुए पलटी
“मुझे माफ करना शायद मैं गलत समय में आ गई “
“नही नही ,हम ही बेरखबर हो गए थे,माफी तो हमे मांगनी चाहिए,आइए ना अंदर “
पूर्वी के आग्रह पर मालती फिर से पलट कर उसके ओर आने लगी तब तक गौरव भी अपने कपड़े पहन कर बाहर आ चुका था,असल में जब मालती आयी थी तो ये दोनों अपने प्रेम लीला में व्यस्त थे,और मालती की आंखे इन दोनों पर ही जम गई लेकिन जैसे ही उनका तूफान शांत हुआ और पूर्वी और मालती की नजर मिली पूर्वी के साथ साथ मालती भी हड़बड़ा गई ,वो तुरंत वंहा से जाने लगी लेकिन पूवी ने वापस आकर उस फिर से रोक लिया …
“कम से कम गेट तो बंद कर लिया करो “
मालती ने पूवी को छेड़ा जिसका जवाब पूर्वी ने केवल मुस्कुराते हुए शर्मा कर रह गई ..
मालती कमरे में आ चुकी थी और सोफे में बैठ गई थी ,पूर्वी उसके लिए पानी लेने गई थी तभी गौरव भी प्रगट हुए…
ना ही गौरव ने कुछ कहा ना ही मालती ने..बस मालती की आंखों में गौरव ने अपने लिए एक गुस्सा देखा
पूर्वी पानी लेकर आ चुकी थी और सभी शांत थे ,
“असल में गौरव तुम्हे ये फाइल देनी थी ,आज नही दे पाई सोचा की कल ऑफिस में दूंगी लेकिन फिर सोचा की घर ही चलु पूर्वी से मिले भी बहुत दिन हो चुके है …
मालती की बात से पूर्वी बहुत ही खुश हो गई लेकिन गौरव के चहरे में कोई भी एक्सप्रेसन नही आया
“अच्छा किया मेडम आप आ गई इसी बहाने हमारी मुलाकात तो हो गई …”पूर्वी ने आभार भरे शब्दो में कहा
“हा लेकिन समय गलत हो गया अगले बार काल करके आऊंगी “
मालती की बात से पूर्वी का चहरा लाल हो गया था वो अपना सर झुककर बैठ गई ,वही मालती ने फिर से गौरव को देखा,अभी अभी कुछ देर पहले आया हुआ मुस्कान अचानक से मालती के चहरे से हट चुका था और उसकी आंखों में एक नाराजगी और गुस्सा देखकर गौरव सहम गया ……….
*********
उसी रात
पूर्वी के पिता के घर रोहन ,पूर्वी के पिता कपूर साहब और सपना बैठे हुए ड्रिंक कर रहे थे,कपूर साहब अब नशे में थे…
“उस मादरचोद को मैं नही छोडूंगा …”
कपूर साहब ने कहा ,फिर अचानक से उसे सपना का ख्याल आया
“ओह सॉरी बेटा वो मुह से निकल गया “
“कोई बात नही अंकल ,लेकिन आखिर गौरव पर इतना गुस्सा क्यो ,माना की वो गरीब है लेकिन टैलेंटेड है ,पूर्वी को खुश रखेगा और आपकी इतनी प्रोपर्टी है उसे सम्हालने बोलिये …”
कपूर साहब का चहरा और भी उतर गया
“बेटा सोचा था की पूर्वी की शादी धूमधाम से करवाऊंगा,रोहन से उसकी शादी करवाऊंगा,तेरे बाप को जलाऊंगा ,लेकिन ...लेकिन तेरा बाप अब मुझपर हंसता होगा की मेरा दामाद फटीचर है “
उन्होंने एक और घुट जल्दी से पी लिया
“नही अंकल असल में उन्हें भी बेहद दुख है इस बात का की पूर्वी इस हालत में है ,जैसे अपने कभी मुझमें और पूर्वी में कोई भेद नही किया वैसे ही मेरे पिता भी उसे मेरे जैसा ही प्यार करते है,शायद मुझसे भी ज्यादा,आखिर वो उनके सबसे बड़े दुशमन की बेटी जो है “
सपना की बात पर कपूर साहब खिलखिलाकर हँस पड़े,
“सही कहा बेटी ये तो मैं भी मानता हु की लखानी भी पूर्वी को बहुत प्यार करता है ..”
लेकिन थोड़े देर बाद उनका चहरा फिर से दुख से घिर गया,और उनका रुख रोहन की ओर गया
“इस साले के कारण आज मेरी बेटी उस फटीचर से बंधी हुई है ,तूने ओबराय का नाम डूबा दिया ,एक तेरा बाप था जिस लड़की पर हाथ रख देता वो उसकी जिंदगी भर गुलाम बन जाती और एक तू है साले ..एक लड़की को सम्हाल नही पाया “
कपूर की बात सुनकर रोहन हल्के से मुस्कुराया
“अब छोड़िए भी अंकल जो हो गया वो हो गया लेकिन गौरव को अब आपका बिजनेस सम्हालने के लिए बोलिये ,कब तक उस फटीचर से जॉब में सड़ता रहेगा ,हमारी पूर्वी बेचारी को उस घर में इस हालत में देखा नही जाता ..”
कपूर भी उसकी बात में सर हिलाता है
“ये पता नही क्या आत्मसम्मान की बात करती है पूर्वी मुझे तो कुछ भी समझ नही आता ,उस साले को अपनी वो जॉब प्यारी है पता नही क्या कर लेगा इतने पैसों में ..”
कपूर साहब का मूड फिर से बिगड़ गया ,सपना उठकर उसके पास गई और उसके कंधे में अपना हाथ रखा
“अंकल फिक्र मत कीजिये मैं और रोहन पूर्वी को फिर से आपके पास लाएंगे इस घर में लाएंगे ,हम उसी काम में लगे हुए है “
सपना की बात सुनकर कपूर खुसी से मानो झूम गया..
“तुम दोनों पूर्वी के सच्चे दोस्त हो ,तुम्हे जो अच्छा लगता है वो करो बेटा,और अगर किसी चीज की जरूरत पड़े तो मुझसे बोलने में कोई भी हिचक नही रखना “
कपूर की आंखों में जैसे अभी अभी आशा के कुछ दिए जले थे
“हम्म अंकल एक बात पूछनी थी “
“हा बोलो “
“आप मालती को जानते हो ,वो जो केमेस्ट्री डिपार्टमेंट की HOD है ..”
सपना की बात सुनकर कपूर बहुत देर तक सोच में डूब गया …
“नही बेटा शायद एक बार मिला था उससे तुम लोगो ने जो फंक्सन किया था ना कालेज में वंहा तुमने उससे मिलवाया था,लेकिन क्यो??”
“कुछ नही बस ऐसे ही ,मुझे लगा की आप उसे जानते होंगे “
कपूर की आंखे थोड़ी बड़ी हो गई लेकिन रोहन को पता था की सपना ऐसा क्यो बोल रही है
“नही तो बेटा क्या बात है ..”
“असल में मैंने पापा और ओबेरॉय अंकल(रोहन के पापा) को भी पूछा लेकिन उन्हें कोई नही जानता सभी बस उसी दिन मालती से मिले थे लेकिन ….”
लेकिन क्या बेटा
“हमे उसके घर से ये तस्वीर मिली है “
सपना ने वो तस्वीर कपूर को दिखाई जो उसने उस दिन मालती के घर से खिंची थी …
कपूर की भी आंखे चौड़ी हो गई
“ये तो हमारी फैमली फ़ोटो है ,इसमें सभी है मैं लखानी और ओबेरॉय और तुम लोग और तुम्हारी मम्मी लोग भी है ...ये तो बहुत पुरानी फ़ोटो है बेटा जब ओबेरॉय ने गोवा में नया फॉर्महाउस खरीदा था,याद है हम सब वंहा गए थे ,”
“हा अंकल याद है इतनी पुरानी फ़ोटो मालती के पास क्या कर रही है वही मेरा पहला प्रश्न है जबकि कोई उसे पहले से नही जानता..”
“और वो फार्मूला”
अचानक से रोहन बोल उठा,जिससे कपूर चौक कर सपना को देखने लगा
“कौन सा फार्मूला बेटी “
“कुछ नही अंकल वो बस गौरव के रिसर्च की कुछ कॉपी थी ,वो मेरे टेंशन की वजह नही है लेकिन ये फोटो...मुझे समझ नही आ रहा है”
“मुझे भी कुछ समझ नही आ रहा है बेटी फिर भी मैं लखानी और ओबराय से एक बार इस बारे में बात जरूर करूंगा ,लेकिन तुम लोग ऐसा वैसा कुछ मत कर जाना जिससे कोई लफड़ा हो जाए,तुम इस लफड़े में मत पड़ो,तुम गौरव और पूर्वी पर ध्यान दो ओके “
“ओके अंकल अब हम चलते है “
सपना ने मुस्कुराते हुए कहा……..
****
कपूर के घर से निकल कर सपना और रोहन कार में बैठे ही थे की सपना बोल पड़ी
“जब तुझसे कहा गया था की अपना मुह मत खोलना तो फार्मूले की बात अंकल के सामने करने की क्या जरूरत थी”
रोहन को अपनी गलती का अहसास हुआ
“बस यार मुह से निकल गया ऐसे है क्या उनमें “
“वो जो भी है वो तेरे दिमाग के बाहर है ,अब तू अपना दिमाग मत लगाया कर,बस अब इन तीनो दोस्तो के ऊपर नजर रखना है उसका कुछ इंतजाम कर,पता नही मुझे ये जरूर लगता है की तीनो कुछ तो जानते है जो वो हमसे छुपा रहे है ,पहले तो कोई भी मालती को नही जानता लेकिन जैसे ही उनके सामने ये फ़ोटो आता है वो ऐसे चौक जाते है जैसे कोई बड़ी बात हो गई हो ,और फिर हमसे कहते है की कोई लफड़े में मत पड़ो पूर्वी और गौरव पर ध्यान दो ...आखिर क्यो..”
सपना सब कुछ एक ही सांस में बोल गई जैसे खुद से बात कर रही हो
“इसमें क्यो वाली क्या बात है यार “रोहन ने बेफिक्री से कहा
“अबे साले तीनो ने एक ही चीज कही …”
रोहन आश्चर्य से सपना को देखने लगा
“क्या ऐसा कह दिया की तू पैनिक हो रही है “
“तीनो ने कहा की इस लफड़े में मत पड़ो और ये भी कहा की वो एक दूसरे से बात करेंगे “
“तो इसमें क्या “रोहन को कुछ भी समझ नही आ रहा था..
सपना ने गुस्से से रोहन को घुरा
“अबे चूतिये यही की ये फ़ोटो एक लफड़ा है ...और ये तीनो को पता है ,हमारी फैमली फ़ोटो किसी के पास से मिलती है और तीनो हमे ये बोलते है की इसमें मत पड़ो ये एक लफड़ा है मतलब ये की कुछ तो लफड़ा है ,इस फ़ोटो से जुड़ा हुआ जो ये लोग नही बता रहे है..”
इस बार रोहन को कुछ समझ आया
“क्या करना चाहिए”
“ये फोन में तो बात नही करेंगे शायद कही मिलेंगे,एक आदमी इनके पीछे लगा पता कर की तीनो कहा मिलने वाले है ,और जंहा ये मिलने वाले है वंहा कोई रिकॉर्डर जैसी चीज लगवा ताकि हमे भी पता चले की आखिर इन तीनो दोस्तो ने जवानी में क्या ऐसा गुल खिला दिया की अब भी उससे डरे हुए है “
रोहन बस सहमति में सर हिलाता है ……….
जब वासना का तूफान थम जाए तब ही आसपास की कुछ सुध आती है, गौरव और पूर्वी को भी अभी अभी सुध आया था ,पूर्वी बिजली की फुर्ती से खड़ी हुई और पास पड़े कपड़ो को उठाते हुए सीधे अपने कमरे में भागी,गौरव की भी नजर उसपर थी,वो भी अपने अंगों को छुपाने की असफल प्रयास करता रहा और जल्दी से नीचे पड़े कपड़ो को उठता हुआ अंदर भागा,उसके अंदर जाते तक पूर्वी जैसे तैसे अपने कपड़ो को पहन कर तुरंत ही बाहर आयी थी,
वो दौड़ते हुए दरवाजे के पास पहुची ..
“अरे मेडम रुकिए ना”
मालती में गेट तक जा चुकी थी,वो मुस्कुराते हुए पलटी
“मुझे माफ करना शायद मैं गलत समय में आ गई “
“नही नही ,हम ही बेरखबर हो गए थे,माफी तो हमे मांगनी चाहिए,आइए ना अंदर “
पूर्वी के आग्रह पर मालती फिर से पलट कर उसके ओर आने लगी तब तक गौरव भी अपने कपड़े पहन कर बाहर आ चुका था,असल में जब मालती आयी थी तो ये दोनों अपने प्रेम लीला में व्यस्त थे,और मालती की आंखे इन दोनों पर ही जम गई लेकिन जैसे ही उनका तूफान शांत हुआ और पूर्वी और मालती की नजर मिली पूर्वी के साथ साथ मालती भी हड़बड़ा गई ,वो तुरंत वंहा से जाने लगी लेकिन पूवी ने वापस आकर उस फिर से रोक लिया …
“कम से कम गेट तो बंद कर लिया करो “
मालती ने पूवी को छेड़ा जिसका जवाब पूर्वी ने केवल मुस्कुराते हुए शर्मा कर रह गई ..
मालती कमरे में आ चुकी थी और सोफे में बैठ गई थी ,पूर्वी उसके लिए पानी लेने गई थी तभी गौरव भी प्रगट हुए…
ना ही गौरव ने कुछ कहा ना ही मालती ने..बस मालती की आंखों में गौरव ने अपने लिए एक गुस्सा देखा
पूर्वी पानी लेकर आ चुकी थी और सभी शांत थे ,
“असल में गौरव तुम्हे ये फाइल देनी थी ,आज नही दे पाई सोचा की कल ऑफिस में दूंगी लेकिन फिर सोचा की घर ही चलु पूर्वी से मिले भी बहुत दिन हो चुके है …
मालती की बात से पूर्वी बहुत ही खुश हो गई लेकिन गौरव के चहरे में कोई भी एक्सप्रेसन नही आया
“अच्छा किया मेडम आप आ गई इसी बहाने हमारी मुलाकात तो हो गई …”पूर्वी ने आभार भरे शब्दो में कहा
“हा लेकिन समय गलत हो गया अगले बार काल करके आऊंगी “
मालती की बात से पूर्वी का चहरा लाल हो गया था वो अपना सर झुककर बैठ गई ,वही मालती ने फिर से गौरव को देखा,अभी अभी कुछ देर पहले आया हुआ मुस्कान अचानक से मालती के चहरे से हट चुका था और उसकी आंखों में एक नाराजगी और गुस्सा देखकर गौरव सहम गया ……….
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उसी रात
पूर्वी के पिता के घर रोहन ,पूर्वी के पिता कपूर साहब और सपना बैठे हुए ड्रिंक कर रहे थे,कपूर साहब अब नशे में थे…
“उस मादरचोद को मैं नही छोडूंगा …”
कपूर साहब ने कहा ,फिर अचानक से उसे सपना का ख्याल आया
“ओह सॉरी बेटा वो मुह से निकल गया “
“कोई बात नही अंकल ,लेकिन आखिर गौरव पर इतना गुस्सा क्यो ,माना की वो गरीब है लेकिन टैलेंटेड है ,पूर्वी को खुश रखेगा और आपकी इतनी प्रोपर्टी है उसे सम्हालने बोलिये …”
कपूर साहब का चहरा और भी उतर गया
“बेटा सोचा था की पूर्वी की शादी धूमधाम से करवाऊंगा,रोहन से उसकी शादी करवाऊंगा,तेरे बाप को जलाऊंगा ,लेकिन ...लेकिन तेरा बाप अब मुझपर हंसता होगा की मेरा दामाद फटीचर है “
उन्होंने एक और घुट जल्दी से पी लिया
“नही अंकल असल में उन्हें भी बेहद दुख है इस बात का की पूर्वी इस हालत में है ,जैसे अपने कभी मुझमें और पूर्वी में कोई भेद नही किया वैसे ही मेरे पिता भी उसे मेरे जैसा ही प्यार करते है,शायद मुझसे भी ज्यादा,आखिर वो उनके सबसे बड़े दुशमन की बेटी जो है “
सपना की बात पर कपूर साहब खिलखिलाकर हँस पड़े,
“सही कहा बेटी ये तो मैं भी मानता हु की लखानी भी पूर्वी को बहुत प्यार करता है ..”
लेकिन थोड़े देर बाद उनका चहरा फिर से दुख से घिर गया,और उनका रुख रोहन की ओर गया
“इस साले के कारण आज मेरी बेटी उस फटीचर से बंधी हुई है ,तूने ओबराय का नाम डूबा दिया ,एक तेरा बाप था जिस लड़की पर हाथ रख देता वो उसकी जिंदगी भर गुलाम बन जाती और एक तू है साले ..एक लड़की को सम्हाल नही पाया “
कपूर की बात सुनकर रोहन हल्के से मुस्कुराया
“अब छोड़िए भी अंकल जो हो गया वो हो गया लेकिन गौरव को अब आपका बिजनेस सम्हालने के लिए बोलिये ,कब तक उस फटीचर से जॉब में सड़ता रहेगा ,हमारी पूर्वी बेचारी को उस घर में इस हालत में देखा नही जाता ..”
कपूर भी उसकी बात में सर हिलाता है
“ये पता नही क्या आत्मसम्मान की बात करती है पूर्वी मुझे तो कुछ भी समझ नही आता ,उस साले को अपनी वो जॉब प्यारी है पता नही क्या कर लेगा इतने पैसों में ..”
कपूर साहब का मूड फिर से बिगड़ गया ,सपना उठकर उसके पास गई और उसके कंधे में अपना हाथ रखा
“अंकल फिक्र मत कीजिये मैं और रोहन पूर्वी को फिर से आपके पास लाएंगे इस घर में लाएंगे ,हम उसी काम में लगे हुए है “
सपना की बात सुनकर कपूर खुसी से मानो झूम गया..
“तुम दोनों पूर्वी के सच्चे दोस्त हो ,तुम्हे जो अच्छा लगता है वो करो बेटा,और अगर किसी चीज की जरूरत पड़े तो मुझसे बोलने में कोई भी हिचक नही रखना “
कपूर की आंखों में जैसे अभी अभी आशा के कुछ दिए जले थे
“हम्म अंकल एक बात पूछनी थी “
“हा बोलो “
“आप मालती को जानते हो ,वो जो केमेस्ट्री डिपार्टमेंट की HOD है ..”
सपना की बात सुनकर कपूर बहुत देर तक सोच में डूब गया …
“नही बेटा शायद एक बार मिला था उससे तुम लोगो ने जो फंक्सन किया था ना कालेज में वंहा तुमने उससे मिलवाया था,लेकिन क्यो??”
“कुछ नही बस ऐसे ही ,मुझे लगा की आप उसे जानते होंगे “
कपूर की आंखे थोड़ी बड़ी हो गई लेकिन रोहन को पता था की सपना ऐसा क्यो बोल रही है
“नही तो बेटा क्या बात है ..”
“असल में मैंने पापा और ओबेरॉय अंकल(रोहन के पापा) को भी पूछा लेकिन उन्हें कोई नही जानता सभी बस उसी दिन मालती से मिले थे लेकिन ….”
लेकिन क्या बेटा
“हमे उसके घर से ये तस्वीर मिली है “
सपना ने वो तस्वीर कपूर को दिखाई जो उसने उस दिन मालती के घर से खिंची थी …
कपूर की भी आंखे चौड़ी हो गई
“ये तो हमारी फैमली फ़ोटो है ,इसमें सभी है मैं लखानी और ओबेरॉय और तुम लोग और तुम्हारी मम्मी लोग भी है ...ये तो बहुत पुरानी फ़ोटो है बेटा जब ओबेरॉय ने गोवा में नया फॉर्महाउस खरीदा था,याद है हम सब वंहा गए थे ,”
“हा अंकल याद है इतनी पुरानी फ़ोटो मालती के पास क्या कर रही है वही मेरा पहला प्रश्न है जबकि कोई उसे पहले से नही जानता..”
“और वो फार्मूला”
अचानक से रोहन बोल उठा,जिससे कपूर चौक कर सपना को देखने लगा
“कौन सा फार्मूला बेटी “
“कुछ नही अंकल वो बस गौरव के रिसर्च की कुछ कॉपी थी ,वो मेरे टेंशन की वजह नही है लेकिन ये फोटो...मुझे समझ नही आ रहा है”
“मुझे भी कुछ समझ नही आ रहा है बेटी फिर भी मैं लखानी और ओबराय से एक बार इस बारे में बात जरूर करूंगा ,लेकिन तुम लोग ऐसा वैसा कुछ मत कर जाना जिससे कोई लफड़ा हो जाए,तुम इस लफड़े में मत पड़ो,तुम गौरव और पूर्वी पर ध्यान दो ओके “
“ओके अंकल अब हम चलते है “
सपना ने मुस्कुराते हुए कहा……..
****
कपूर के घर से निकल कर सपना और रोहन कार में बैठे ही थे की सपना बोल पड़ी
“जब तुझसे कहा गया था की अपना मुह मत खोलना तो फार्मूले की बात अंकल के सामने करने की क्या जरूरत थी”
रोहन को अपनी गलती का अहसास हुआ
“बस यार मुह से निकल गया ऐसे है क्या उनमें “
“वो जो भी है वो तेरे दिमाग के बाहर है ,अब तू अपना दिमाग मत लगाया कर,बस अब इन तीनो दोस्तो के ऊपर नजर रखना है उसका कुछ इंतजाम कर,पता नही मुझे ये जरूर लगता है की तीनो कुछ तो जानते है जो वो हमसे छुपा रहे है ,पहले तो कोई भी मालती को नही जानता लेकिन जैसे ही उनके सामने ये फ़ोटो आता है वो ऐसे चौक जाते है जैसे कोई बड़ी बात हो गई हो ,और फिर हमसे कहते है की कोई लफड़े में मत पड़ो पूर्वी और गौरव पर ध्यान दो ...आखिर क्यो..”
सपना सब कुछ एक ही सांस में बोल गई जैसे खुद से बात कर रही हो
“इसमें क्यो वाली क्या बात है यार “रोहन ने बेफिक्री से कहा
“अबे साले तीनो ने एक ही चीज कही …”
रोहन आश्चर्य से सपना को देखने लगा
“क्या ऐसा कह दिया की तू पैनिक हो रही है “
“तीनो ने कहा की इस लफड़े में मत पड़ो और ये भी कहा की वो एक दूसरे से बात करेंगे “
“तो इसमें क्या “रोहन को कुछ भी समझ नही आ रहा था..
सपना ने गुस्से से रोहन को घुरा
“अबे चूतिये यही की ये फ़ोटो एक लफड़ा है ...और ये तीनो को पता है ,हमारी फैमली फ़ोटो किसी के पास से मिलती है और तीनो हमे ये बोलते है की इसमें मत पड़ो ये एक लफड़ा है मतलब ये की कुछ तो लफड़ा है ,इस फ़ोटो से जुड़ा हुआ जो ये लोग नही बता रहे है..”
इस बार रोहन को कुछ समझ आया
“क्या करना चाहिए”
“ये फोन में तो बात नही करेंगे शायद कही मिलेंगे,एक आदमी इनके पीछे लगा पता कर की तीनो कहा मिलने वाले है ,और जंहा ये मिलने वाले है वंहा कोई रिकॉर्डर जैसी चीज लगवा ताकि हमे भी पता चले की आखिर इन तीनो दोस्तो ने जवानी में क्या ऐसा गुल खिला दिया की अब भी उससे डरे हुए है “
रोहन बस सहमति में सर हिलाता है ……….
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