16-08-2023, 12:46 AM
अपडेट १:
उधर सोनू अंगडाई लेता हुआ अपने कमरे से जैसे ही बाहर निकला उसकी नज़र अपनी दीदी पायल पर पड़ी. पायल गले में तोवेल लिए हुए बाथरूम की तरफ जा रही थी. पायल ने टाइट पजामा पहना हुआ था जो पीछे से उसकी चौड़ी चूतडों पर अच्छी तरह से कसा हुआ था. पायल की बलखाती हुई चाल से उसके चुतड किसी घड़ी के पेंडुलम की तरह दायें - बाएँ हो रहे थे. सोनू ने एक नज़र रसोई में डाली तो मम्मी खाना बनाने में वैस्थ थी. सोनू ने अपनी गन्दी नज़र फिर से एक बार पायल दीदी के चूतड़ों पे गड़ा दी और एक हाथ चड्डी में दाल के अपने लंड को मसलने लगा. तभी पायल के हाथ से उसकी ब्रा छुट के निचे गिर गई और वो उसे उठाने के लिए झुकी. पायल के झुकते ही उसकी चौड़ी चुतड पजामे में उभर के दिखने लगी. ये नज़ारा सोनू के लंड की नसों में खून भरने के लये काफी था. अपनी बहन की उभरी हुई चुतड देख उसके लंड ने विराट रूप ले लिया और एक एक नस उभर के दिखने लगी. सोनू ने बिना वक़्त गवाएँ दोनों हाथो को आगे कर के इस अंदाज़ में रखा जैसे पायल दीदी की कमर पकड़ रखी हो. फिर अपनी कमर को पीछे ले जा कर जोर से झटका दे कर ऐसे आगे लाया मानो पायल के चूतड़ों के बीच के छोटे से छेद में अपना विशाल लंड एक ही बार में पूरा ठूँस दिया हो. फिर वैसे ही अपनी कमर को आगे किये सोनू १-२ कदम आगे की ओर गया जैसे वो पायल की गांड के छेद में अपना लंड जड़ तक घुसा देना चाहता हो. तब तक पायल अपनी ब्रा उठा चुकी थी और बाथरूम में घुसने लगी. सोनू झट से अपने कमरे में घुस गया.
कमरे का दरवाज़ा बंद कर सोनू ने बिस्तर पर छलांग लगा दी और तकिये के निचे से एक कहानी की किताब निकाल के पन्ने पलटने लगा. एक पन्ने पर आते हे उसकी नज़रे टिक गई. एक हाथ किताब को संभाले हुए था और दूसरा हाथ चड्डी उतारने लगा था. चड्डी घुटनों से उतरते ही सोनू के हाथ ने लंड को अपनी हिरासत में ले लिया और लंड को अपने अंजाम तक पहुँचाने में लग गया. उसकी आँखे उस पन्ने में लिखे हर शब्द को ध्यान से पढ़ रही थी और हाथ लंड पे तेज़ रफ़्तार में चल रहा था. कुछ ही पलो में सोनू की कमर अपने आप ही बिस्तर से ऊपर उठने लगी और उसके शरीर ने किसी कमान (bow) का रूप ले लिया. सोनू का शरीर ऐसी अवस्था में था की अगर उसकी कमर बिस्तर से उठने के पहले किसी लड़की को उसके लंड पे बिठा दिया जाता तो सोनू का लंड ना केवल उस लड़की की बूर में जड़ तक घुस जाता बल्कि वो लड़की भी २ फीट हवा में उठ जाती. सोनू तेज़ी से अपना हाथ लंड पे चलाये जा रहा था. अचानक उसका बदन अकड़ने लगा और उसके मुहँ से कुछ शब्द फूट पड़े, "आह..!! पायल दीदी...!!". उसके लंड से सफ़ेद गाढ़े पानी के फ़ौवारे छुटने लगे. हर एक फ़ौवारे पर सोनू की कमर झटके खाती और उसके मुहँ से "आह.. पायल दीदी" निकल जाता. ७-८ फ़ौवारे और हर फ़ौवारे पर पायल का नाम लेने के बाद सोनू बिस्तर पर जंग में हारे हुए सिपाही की तरह निढ़ाल हो कर लेट गया. उसकी आँखे कब लग गई पता ही नहीं चला.
इस घटना से पहले एक और घटना हो चुकी थी जिसका अंदाज़ा सोनू को नहीं था. जब सोनू पायल दीदी की चुतड को देख के वो सारी हरकतें कर रहा था तब उर्मिला सीढीयों के पास खड़ी हो के वो सब देख रही थी. लेकिन वहां से उर्मिला सिर्फ सोनू को देख पा रही थीं, पायल को नहीं. सोनू के जाने के बाद उर्मिला वहां आई और बाथरूम के पास वाली खिड़की से बहार देखने लगी. उसे लगा की सोनू खिड़की से बाहर किसी लड़की को देख के वो सब कर रहा था. लेकिन खिड़की से बाहर कोई भी नहीं था. उर्मिला का माथा ठनका. वो रसोई में उमा देवी के पास आती है.
उर्मिला : मम्मी जी...बाथरूम के साथ वाली खिड़की पर अभी कोई था क्या ?
उमा : पगली ... कौन आएगा ? गेट तो बंद है और ना ही मैंने गेट खुलने की आवाज़ सुनी थी. पर तू ये क्यूँ पूछ रही है ?
उर्मिला : कुछ नहीं मम्मी जी.. बस ऐसे ही... मुझे लगा की शायद कोई आया हो. लगता है मेरा वहम था... अच्छा मम्मी जी पायल कहाँ है ?
उमा : पायल नहाने गई है. बस अभी अभी गई है तो थोडा वक़्त लगेगा उसे निकलने में. क्यूँ तुझे कोई काम था क्या पायल से ?
उर्मिला : अरे नहीं मम्मी जी. बस वो कुछ कपडे लेने थे बाथरूम से... कोई बात नहीं. मैं उसके निकलने के बाद ले लुंगी.
उर्मिला वहां से सीधा अपने कमरे में आती है. बिस्तर पर लेटते ही उसके चेहरे पर मुस्कान आ जाती है. "तो मेरा नन्हा देवर अपनी ही दीदी के पीछे लगा हुआ हैं. "दीदी तेरा देवर दीवाना तो सुना था पर यहाँ तो देवर अपनी ही दीदी का दीवाना है". पायल के चहरे पर फिर से मुस्कान आ जाती है. "जो हरकत सोनू कर रहा था जरुर पायल की पीठ उसकी तरफ होगी. ऐसा उसके सामने थोड़ी ना करेगा. वो जरुर पायल की चुतड देख रहा होगा, और क्यूँ ना देखे. पायल की चुतड है ही ऐसी की किसी का भी लंड खड़ा कर दे. भाई-बहन का मिलन तो अब करवाना ही पड़ेगा. पायल और सोनू को बिस्तर पर एक साथ नंगा सोचते ही बदन में आग लग गई. सच में देखूंगी तो ना जाने क्या होगा ?". उर्मिला पायल और सोनू के बारें में सोचते हुए मुस्कुराये जा रही थी. उसका दिमाग वो सारे उपाए खोजने में लग गया जिस से सोनू और पायल के भाई बहन वाले पवित्र रिश्ते को लंड और बूर के गंदे रिश्ते में बदल दिया जाए.
उधर सोनू अंगडाई लेता हुआ अपने कमरे से जैसे ही बाहर निकला उसकी नज़र अपनी दीदी पायल पर पड़ी. पायल गले में तोवेल लिए हुए बाथरूम की तरफ जा रही थी. पायल ने टाइट पजामा पहना हुआ था जो पीछे से उसकी चौड़ी चूतडों पर अच्छी तरह से कसा हुआ था. पायल की बलखाती हुई चाल से उसके चुतड किसी घड़ी के पेंडुलम की तरह दायें - बाएँ हो रहे थे. सोनू ने एक नज़र रसोई में डाली तो मम्मी खाना बनाने में वैस्थ थी. सोनू ने अपनी गन्दी नज़र फिर से एक बार पायल दीदी के चूतड़ों पे गड़ा दी और एक हाथ चड्डी में दाल के अपने लंड को मसलने लगा. तभी पायल के हाथ से उसकी ब्रा छुट के निचे गिर गई और वो उसे उठाने के लिए झुकी. पायल के झुकते ही उसकी चौड़ी चुतड पजामे में उभर के दिखने लगी. ये नज़ारा सोनू के लंड की नसों में खून भरने के लये काफी था. अपनी बहन की उभरी हुई चुतड देख उसके लंड ने विराट रूप ले लिया और एक एक नस उभर के दिखने लगी. सोनू ने बिना वक़्त गवाएँ दोनों हाथो को आगे कर के इस अंदाज़ में रखा जैसे पायल दीदी की कमर पकड़ रखी हो. फिर अपनी कमर को पीछे ले जा कर जोर से झटका दे कर ऐसे आगे लाया मानो पायल के चूतड़ों के बीच के छोटे से छेद में अपना विशाल लंड एक ही बार में पूरा ठूँस दिया हो. फिर वैसे ही अपनी कमर को आगे किये सोनू १-२ कदम आगे की ओर गया जैसे वो पायल की गांड के छेद में अपना लंड जड़ तक घुसा देना चाहता हो. तब तक पायल अपनी ब्रा उठा चुकी थी और बाथरूम में घुसने लगी. सोनू झट से अपने कमरे में घुस गया.
कमरे का दरवाज़ा बंद कर सोनू ने बिस्तर पर छलांग लगा दी और तकिये के निचे से एक कहानी की किताब निकाल के पन्ने पलटने लगा. एक पन्ने पर आते हे उसकी नज़रे टिक गई. एक हाथ किताब को संभाले हुए था और दूसरा हाथ चड्डी उतारने लगा था. चड्डी घुटनों से उतरते ही सोनू के हाथ ने लंड को अपनी हिरासत में ले लिया और लंड को अपने अंजाम तक पहुँचाने में लग गया. उसकी आँखे उस पन्ने में लिखे हर शब्द को ध्यान से पढ़ रही थी और हाथ लंड पे तेज़ रफ़्तार में चल रहा था. कुछ ही पलो में सोनू की कमर अपने आप ही बिस्तर से ऊपर उठने लगी और उसके शरीर ने किसी कमान (bow) का रूप ले लिया. सोनू का शरीर ऐसी अवस्था में था की अगर उसकी कमर बिस्तर से उठने के पहले किसी लड़की को उसके लंड पे बिठा दिया जाता तो सोनू का लंड ना केवल उस लड़की की बूर में जड़ तक घुस जाता बल्कि वो लड़की भी २ फीट हवा में उठ जाती. सोनू तेज़ी से अपना हाथ लंड पे चलाये जा रहा था. अचानक उसका बदन अकड़ने लगा और उसके मुहँ से कुछ शब्द फूट पड़े, "आह..!! पायल दीदी...!!". उसके लंड से सफ़ेद गाढ़े पानी के फ़ौवारे छुटने लगे. हर एक फ़ौवारे पर सोनू की कमर झटके खाती और उसके मुहँ से "आह.. पायल दीदी" निकल जाता. ७-८ फ़ौवारे और हर फ़ौवारे पर पायल का नाम लेने के बाद सोनू बिस्तर पर जंग में हारे हुए सिपाही की तरह निढ़ाल हो कर लेट गया. उसकी आँखे कब लग गई पता ही नहीं चला.
इस घटना से पहले एक और घटना हो चुकी थी जिसका अंदाज़ा सोनू को नहीं था. जब सोनू पायल दीदी की चुतड को देख के वो सारी हरकतें कर रहा था तब उर्मिला सीढीयों के पास खड़ी हो के वो सब देख रही थी. लेकिन वहां से उर्मिला सिर्फ सोनू को देख पा रही थीं, पायल को नहीं. सोनू के जाने के बाद उर्मिला वहां आई और बाथरूम के पास वाली खिड़की से बहार देखने लगी. उसे लगा की सोनू खिड़की से बाहर किसी लड़की को देख के वो सब कर रहा था. लेकिन खिड़की से बाहर कोई भी नहीं था. उर्मिला का माथा ठनका. वो रसोई में उमा देवी के पास आती है.
उर्मिला : मम्मी जी...बाथरूम के साथ वाली खिड़की पर अभी कोई था क्या ?
उमा : पगली ... कौन आएगा ? गेट तो बंद है और ना ही मैंने गेट खुलने की आवाज़ सुनी थी. पर तू ये क्यूँ पूछ रही है ?
उर्मिला : कुछ नहीं मम्मी जी.. बस ऐसे ही... मुझे लगा की शायद कोई आया हो. लगता है मेरा वहम था... अच्छा मम्मी जी पायल कहाँ है ?
उमा : पायल नहाने गई है. बस अभी अभी गई है तो थोडा वक़्त लगेगा उसे निकलने में. क्यूँ तुझे कोई काम था क्या पायल से ?
उर्मिला : अरे नहीं मम्मी जी. बस वो कुछ कपडे लेने थे बाथरूम से... कोई बात नहीं. मैं उसके निकलने के बाद ले लुंगी.
उर्मिला वहां से सीधा अपने कमरे में आती है. बिस्तर पर लेटते ही उसके चेहरे पर मुस्कान आ जाती है. "तो मेरा नन्हा देवर अपनी ही दीदी के पीछे लगा हुआ हैं. "दीदी तेरा देवर दीवाना तो सुना था पर यहाँ तो देवर अपनी ही दीदी का दीवाना है". पायल के चहरे पर फिर से मुस्कान आ जाती है. "जो हरकत सोनू कर रहा था जरुर पायल की पीठ उसकी तरफ होगी. ऐसा उसके सामने थोड़ी ना करेगा. वो जरुर पायल की चुतड देख रहा होगा, और क्यूँ ना देखे. पायल की चुतड है ही ऐसी की किसी का भी लंड खड़ा कर दे. भाई-बहन का मिलन तो अब करवाना ही पड़ेगा. पायल और सोनू को बिस्तर पर एक साथ नंगा सोचते ही बदन में आग लग गई. सच में देखूंगी तो ना जाने क्या होगा ?". उर्मिला पायल और सोनू के बारें में सोचते हुए मुस्कुराये जा रही थी. उसका दिमाग वो सारे उपाए खोजने में लग गया जिस से सोनू और पायल के भाई बहन वाले पवित्र रिश्ते को लंड और बूर के गंदे रिश्ते में बदल दिया जाए.