12-08-2023, 04:37 PM
पार्ट-7:
राज यह सोचकर और भी ज्यादा उत्साहित हो गया कि उसकी पत्नी सुलेमान से मिलने और चुदने के लिए पहले से ही कितनी उत्सुक थी और मौज-मस्ती या शायद चुदाई करने के लिए भी तैयार होकर आई है। स्कर्ट के नीचे अपनी पत्नी को नंगा पाने पर उसकी बढ़ी हुई उत्तेजना प्रिया को भी साफ़ पता चल रही थी क्योंकि वह अपने हाथ में राज के लंड को और ज्यादा फूलते और सख्त होते हुए महसूस कर सकती थी। उसे राज को उत्तेजित करना अच्छा लगता था और इस ख़याल से वह रोमांचित हो जाती थी क्योंकि राज उसकी नंगी चूत को अच्छी तरह सहलाने में व्यस्त था और उसकी चूत के होंठों से खेल रहा था और प्रिया की टपकती हुई चूत में अब उंगली भी करने करने लगा था और प्रिया की मस्त चूत अब तक किसी रंडी की बाजारू चूत की तरह गीली हो चुकी थी।
हर गुजरते पल के साथ उन तीनों के जिस्म में आग बढ़ती जा रही थी। प्रिया का शरीर भी अब जैसे पिघलने लगा था, उसकी चूँचियाँ यौन उत्तेजना से फूलने लगी थी और उसकी मोटी चूँचियों के ऊपर काले अंगूरों जैसे मोटे और बड़े निपल्स सख्त होकर तन गये। प्रिया की जवान और रसीली चूत अब अपनी तरफ बढ़ने वाले किसी भी मुँह से चूसे जाने को या लौडों से जोर जोर से चुदने और ठुकने जाने के लिए पूरी तरह तैयार थी। अब प्रिया तुरंत यहीं सिनेमा हॉल में ही अपने सारे कपड़े उतार देना चाहती थी और नंगी होकर एक गरम कुतिया की तरह अपने साथ के दोनों मर्दों के बड़े, मोटे और सख्त लंडों को अपनी योनी की गहराई में घुसा लेना चाहती थी। वह लगभग छटपटा रही थी और बड़ी मुश्किल से खुद को नियंत्रित कर रही थी कि वह कराहे ना या सुलेमान के नीग्रो जैसे तगड़े लौड़े को अपने मुँह में चूसने के लिए सुलेमान की गोदी में झुक कर लेट ना जाए।
'हे भगवान!' प्रिया ने सोचा कि इस समय उसकी इच्छा थी कि थिएटर की पूरी भीड़ उसे सबके सामने पूरी नंगी होकर अपने जवान मस्त जिस्म के सभी छेदों में इन दो आदमियों के मोटे लौडों से अच्छी तरह से चुदवाते हुए देखे। एक पल के लिए प्रिया ने इन दो लौडों को, एक ही समय में, एक साथ अपनी चूत में घुसवाने की कल्पना की और सोचने लगी कि जब दोनों मोटे और तने हुए लौड़े, उसकी चूत को पूरी तरह फैला कर और खूब चौड़ी करके एक साथ घुसेंगे तो शायद उसकी चूत फट जायेगी और ये लौड़े तो उसकी चूत में से खून भी बहा देंगे, जैसा कि पहली बार चुदवाते हुए हुआ था जब उसने अपनी कुंवारी फुद्दी में अपना पहला लंड लिया था। लेकिन यहां थिएटर में ये संभव नहीं था. फिर भी उसने स्कर्ट के नीचे अपनी टाँगें चौड़ी कर ख़ोल दीं, अब वो किसी भी चीज़ के लिए तैयार थी। उसकी शर्म और लाज उसके शरीर की जवानी की आग में भाप बनकर उड़ गयी थी। राज अब अपनी मोटी लंबी उँगलियाँ उसकी चूत में अंदर तक डाल रहा था।
उसने राज के कान में चुदाई की गर्मी में जलते हुए और हांफते हुए कहा, "राज, आज मुझे यहीं पर चोद दो।" मेरी चूत में डाल दो अपना लौड़ा. बहुत गरम कर दिया है तुम लोगों ने। डालो प्लीज़।”