09-06-2019, 03:29 AM
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प्रियम का लंड अच्छे से तना हुआ था जिसे रीमा अपने हाथ में लेकर मुस्कुराने लगी और तेजी से उसकी गांड मारने लगी यह सब देख कर जग्गू बहुत ही ज्यादा जोश में आ गया था उसका लंड बुरी तरह अकड़ा हुआ था | रीमा कनखियों से राजू के लंड को भी अच्छे से देख रही थी राजू अपने लंड को अपने हाथ से पकड़ कर मसलने लगा था |जग्गू को बुरी तरह से लंड मसलता देखा रीमा समझ गयी की जग्गू पूरी तरह से उत्तेजित हो गया है और उसके दिमाग में क्या चल रहा है इसका भी अनुमान लगाने की कोशिश करने लगी थी रीमा को अंदाजा था उसकी बातों को सुन सुनकर जग्गू उत्तेजित हो गया है और उसकी चूत को चोदने के सपने पालने लगा है | इसी बात ने उसके अन्दर का गुस्सा और ज्यादा बढ़ा दिया उसने प्रियम को करारे झटके देने शुरू कर दिए थे और उसके लंड को बहुत तेजी से मुठीयाने लगी थी | प्रियम लंड और गांड पर हो रहे इस दोहरे हमले से कराहने लगा | रीमा ने भी दनादन चौकड़ी भर कर प्रियम की गांड पर धक्के दे धक्के की गांड के चीथड़े उड़ा दिए | प्रियम की अब बर्दाश्त से बाहर था |
उसने दोनों हाथ जोड़ लिये - चाची चाची अब मैं आपसे बहुत दूर रहूंगा आपके साथ कोई गलत काम नहीं करूंगा आपके बारे में कुछ भी गलत नहीं सोच लूंगा प्लीज मुझे माफ कर दो और इससे ज्यादा मैं और नहीं सह सकता |
रीमा को भी लगा कि अब इस लड़के के लिए इतनी सजा ठीक है | रीमा को अब प्रियम पर तरस आ रहा था |
रीमा ने उसे अपने सीने से चिपका लिया - आजा मेरे बच्चे मेरे पास आ जा अभी तेरी गांड मारनी तो नहीं बंद करूंगी लेकिन तू मेरी खूबसूरत चुचियों को चूस सकता है रीमा ने प्रियम को अपने आंचल में भर लिया और प्रियम बच्चों की तरह उसके खूबसूरत बड़े-बड़े तने हुए उरोजो के चुचियों को अपने मुंह में भरकर उन्हें चूसने लगा उसके बाद रीमा ने उसकी गांड में धक्के लगाने फिर से शुरू कर दिए |प्रियम लगातार उसकी चूचियों को अपने मुंह में भरकर चूसता रहा और रीमा उसी गांड में धक्के लगाती है | रीमा का एक हाथ प्रियम के लंड को मसलता रहा | चाची और भतीजे की यह कामुक हरकतें देख कर के जग्गू की उत्तेजना और ज्यादा बढ़ गई उसे लगा रीमा चाची प्रियम को चाहती हैं रीमा भी प्रियम के बालों को सहलाने लगी लेकिन उसने धक्के मारने कम नहीं किए और उसकी नाजुक गांड को फैलाकर के सुरंग बना दिया रीमा ने प्रियम को बहुत ही करारे झटके मारे थे इससे वह भी हांफने लगी थी रीमा को लगा इतना प्रियम के लिए पर्याप्त उसने प्रियम के बाल को सख्ती से पकड़कर कहा - सुन लड़के तू मेरा रिश्ते में कुछ भी लगता हो लेकिन आज के बाद मेरी चूत पर मेरे जिस्म के बाद में अगर कोई गन्दा ख्याल आया ना इससे बुरी तरह से तेरी गांड मारूंगी और मेरे पास इससे भी मोटे मोटे प्लास्टिक के बड़े बड़े लंड है जिनसे तेरी गांड फाड़ के सुरंग बना दूंगी इसलिए आगे से इस मामले में तू मुझसे दूर ही रहना | इतना कहकर प्रियम के लंड को तेजी से मुठीयाने लगी | पप्रियम भी उत्तेजना के भंवर में गोते लगाता अपने आखिरी पड़ाव पर पंहुच गया था | रीमा - यह आखरी चेतावनी है इसके बाद में कोई हरकत के लिए तू ही जिम्मेदार होगा | प्रियम के लंड को रीमा तेजी से मुठीयाने लगी , प्रियम की कराहे बढ़ने लगी, रीमा ने प्रियम की गांड में चार पांच करारे करारे झटके मारे और प्रियम की गोलियां का सफ़ेद रस उसके लंड के मुहाने की तरफ बह चला | प्रियम की पिचकारी छुटने लगी, प्रियम मस्ती और उत्तेजन से कराहने लगा | सात आठ पिचकारियो में ही प्रियम का काम तमाम हो गया | प्रियम अपनी लम्बी लम्बी उखड़ी सांसे काबू करने लगा | रीमा ने प्रियम की गांड से प्लास्टिक का काला लंड निकाल लिया, उसका हाथ प्रियम के लंड रस से सान गया था | वो बड़ी अदा से अपने हाथ को चटाने लगी और जग्गू को देखने लगी | उसके मन में हल्की सी शंका थी लेकिन प्रियंका लंड रस चूसते हुए वो आत्मविश्वास से भरी हुई थी और उसे पटा था वो जग्गू को अच्छे से काबू कर सकती है | प्रियम तो किसी मुर्दे की तरह वहीं बिस्तर पर निढाल हो गया | रीमा जग्गू के पास आ गई और उसके सख्त करारे लंड को पकड़कर के हिलाने लगी जग्गू की आंखों में आंखें डाल रीमा बोली- अभी तुम मेरी चूत मारने के लिए तैयार नहीं दीखते |
जग्गू बिस्तर पर उछलता हुआ बोला - मै पूरी तरह से तैयार हूँ रीमा मैडम |
रीमा - ये तो तुम कह रहे हो, तुमारी बॉडी और लंड तो ऐसा नहीं कह रहे |
जग्गू - मै कुछ समझा नहीं |
रीमा - अभी समझ जावोगे | थोडा आगे को खिसको |
रीमा ने जग्गू का लंड हाथ से थम लिया | उसके नरम हाथो का स्पर्श जग्गू के अन्दर आनद की एक नयो तरंग भर गया | जग्गू पीठ के बल लेता हुआ था , वैसे ही थोडा सा आगे खिसक गया |
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रीमा ने उसके तने हुए सूखे लंड को हाथों से जकड़ लिया और अपने प्लास्टिक के काले मोटे लंड को उसकी गांड पर सटा दिया | जैसे ही रीमा ने उसकी गांड पर अपने रबर के काले लंड को सताया जग्गू चौक गया |
उसने धीमा से रीमा से पूछा - यह क्या है रीमा मैडम |
रीमा - अगर मेरी चूत रंडियों की तरह चोद चोदनी है तो एक बार अपनी गांड में मेरा यह मोटा लंड लेना होगा |
जग्गू हैरान था - लेकिन ऐसा तो कुछ आपने कहा नहीं था कि पहले कि मुझे अपनी गांड मरवाने पड़ेगी | इससे पहले जग्गू कुछ रियेक्ट करता , रीमा ने प्रियम और राजू को इशारा किया, दोनों आकर जागु के ऊपर लद गए और अच्छे से उसके हाथ को पकड़ लिया | जग्गू अपनी जगह से हिलाने की स्थिति में नहीं था |
रीमा भावहीन होकर बोली - अच्छी तरह से सोच ले जग्गू मुझे कोई शौक नहीं तेरी गांड मारने से मुझे कुछ नहीं मिलने वाला है लेकिन अगर तुझे मेरी चूत मारनी है तो तुझे मुझसे गांड मरवानी ही पड़ेगी | तभी हिसाब बराबर होगा | सोच ले नहीं तो कल तो तू दुनिया भर में गाता फिरेगा मैंने रीमा की चूत मारी जो कि आज तक किसी ने नहीं किया है| तू मुझे चोदने के लिए बाद गली गली में इसके नारे न लगाये इसीलिए मुझे यह करना पड़ रहा है.................... मुझे कोई शौक नहीं है तेरी गंदी सी गांड मारने का | अब चुपचाप अपनी गांड के छेद को आराम दे और मुझे अपना लंड घुसाने दे उसकी गांड पूरी तरह से सूखी हुई थी लेकिन रीमा का लंड प्रियम की गांड में जाने से थोड़ा सा गीला था | जग्गू के प्रतिरोध न करते देख रीमा बोली - राजू तो अपने काम पर लग जा | राजू जग्गू के ऊपर से हटकर कैमरा उठकर फिर से फोटो खीचने लगा |
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रीमा ने पूरा जोर लगा कर के काले लंड का मोटा सुपारा जग्गू की गांड में घुसा दिया , रीमा को बहुत ज्यादा ताकत लगनी पड़ी | जग्गू की गांड फैलने लगी जग्गू को बहुत ही तेज दर्द होने लगा लेकिन जग्गू ने दोनों मुठ्ठिया बीच करके उस दर्द को बर्दाश्त करने लगा हालांकि वह अभी भी हैरान था कि यह गांड मारने वाली बात कब हुई लेकिन अभी उसके दिलो-दिमाग पर रीमा की गुलाबी चूत छाई हुई थी और उसको चोदने का ख्वाब .....................इसलिए जग्गू ने भी रीमा से बहुत ज्यादा बहस नहीं करी | रीमा ने रबर के लंड को अच्छे से जड़ से सख्ती से पकड़ा हुआ था | जग्गू की गांड बहुत ही ज्यादा टाइट थी और रीमा पूरी ताकत से जोर लगाये हुए थी | उसका तना लंड रीमा के एक हथेली की मालिश का लुफ्त उठा रहा था | जागु को समझ ही नहीं आ रहा था की उसके साथ हो क्या रहा है | उसे बहुत ही ज्यादा दर्द हो रहा था लेकिन फिर भी उसकी गांड में रीमा के रबर के लंड ने अपनी जगह बना ली थी | रीमा ने पूरा का पूरा जोर लगा दिया था लेकिन जग्गू की गांड के छेद को खोल पाने में नाकाम रही उसने पूरा का पूरा जोर लगाने के बाद भी उसका काला मोटा लंड सिर्फ 2 इंच तक जग्गू की गांड में गया था | जग्गू की गांड वैसे भी बुरी तरह फैल गई थी और जग्गू को बहुत ही भीषण दर्द हो रहा था लेकिन जग्गू को यह सब बर्दाश्त ही करना था क्योंकि उसके जिंदगी का सबसे लंबा सपना पूरा होने जा रहा था और जल्दी ही वो रीमा की चूत में अपने लंड को पेल देगा इसी के साथ जग्गू ने तय किया था कि रीमा की चूत को फाड़ के रख देगा और इस समय होने वाले हर दर्द का बदला रीमा से उसको करारे करारे झटके मार मार कर के उसकी चूत फाड़ फाड़ करके देगा ताकि रीमा को एहसास हो कि गांड मारने के बाद उसे कितना दर्द हुआ था इसी सब चक्कर में जग्गू चुप था | रीमा उसकी गांड में लंड पेलने की कोशिश कर रही थी लेकिन जग्गू की गांड बहुत टाइट थी इसलिए जोर लगाने के बाद भी रीमा को कोई फायदा नहीं हो रहा था | उसने अपनी काले मोटे लंड को बाहर निकाल लिया और जग्गू के बालों को पकड़ कर उसे उठा लिया और अपने लंड पर उसे जोर देकर झुकाने लगी |
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जग्गू ने जब यह देखा तो वो हैरानी से भर गया उसे यकीन नहीं था कि रीमा कुछ ऐसा करने वाली है उसने रीमा की आंखों की तरफ देखा रीमा बोली - चूस ले एक बार चूसने में क्या जाता है तेरी ही घर का रास्ता है |
जग्गू बोला - अब तो बर्दाश्त से बाहर हो रहा रीमा मैडम, आप अपनी चूत तो चोदने दे नहीं रही हो ऊपर से पता नहीं किसकी किसकी गांड का माल मुझसे चटवा रही हो | मुझे आपकी चूत चोदनी है इसलिए सब बर्दाश्त कर रहा हूं लेकिन यह क्या है यह तो नहीं हो पाएगा मुझे तो सोचकर ही घिन आ रही है |
रीमा - अरे बेवकूफ इसमें कौन सी बड़ी बात है रोज सुबह सुबह तेरी गांड से जो रस निकलता है उसी रस की थोड़ी सी गंध है इसमें | चूत चाटने में तो कोई हिचक नहीं होती, वहां क्या फूल बरसते है | चुपचाप गीला कर दे इसे नहीं तो सुखी गांड मारूंगी इससे तेरी |
जग्गू को भी ताव आ गया - इतनी देर से मुझे लगा रहा है आ मेरा चुतिया काट रही है | इसको गीला करना है तो अपनी लार लगाइए न |
रीमा भी उसी टन में बोली - इसे चुपचाप अपने मुहँ में ले, मै तेरी बकवास सुनने को नहीं बैठी हूँ यहाँ | जल्दी कर ताकि मैं अपना आगे का काम कर सकूं और फिर तू मेरी कमसिन गुलाबी चिकनी चूत को चोद सके |
रीमा की चूत का नाम आते ही जग्गू का गुस्सा काफूर हो गया ..............उसकी आंखों में फिर से एक बार सपने तैर गए | ये देख प्रियम ने एक कुटिल मुस्की मारी | जग्गू ने अपने अंतरूनी प्रतिरोध को दबाते हुए रीमा के जोर से झुकता चला गया |
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उसने अपने गांड की गंध से बसाते रबर लंड के लिए अपने मुंह को हल्का सा खोल दिया | रीमा ने जोर से उसके बालो को पकड़ा और उसके मुंह में अपने लंड पर ठेल दिया | रीमा के अंदर जग्गू को लेकर कितनी नफरत भरी थी ये सिर्फ रीमा जानती थी आज जग्गू अपनी ही गांड के रस से सने हुए लंड उसी के मुहँ में घुसेड़ कर बहुत खुसी हो रही थी उसके दिमाग के लिए इससे ज्यादा सुकून वाला पल कोई नहीं था वह जग्गू को इस तरह से अपमानित कर रही थी जैसे जग्गू को पता भी नहीं चल रहा था और जब वह अपनी जिंदगी के सबसे नीच काम भी कर रहा था | जग्गू की नाक में उसकी गांड में गए लंड की गांड बहुत तेज आ रही थी और उसे बहुत बुरा लग रहा था लेकिन रीमा ने कसकर उसके सर को थाम रखा था जिससे कि ना चाहते हुए भी अपने मुंह से वो लंड लेना पड़ रहा था | जग्गू इस समय असहाय सा हो गया था रीमा उसकी इस असहाय असहाय पन को देखकर के अंदर ही अंदर बहुत ज्यादा खुस हो रही थी | आज उसने जग्गू को उस स्थान पर लाकर पटक दिया था जहां से उसके लिए अपनी आंखों में आंखें मिला कर के शीशे के सामने खड़े हो पाना भी नामुमकिन था रीमा जग्गू से ऐसा बदला ले रही था जिसकी भरपाई कर पाना लगभग नामुमकिन था | वो पहले ही प्रियम की गांड का लंड चूस चूका था और कब खुद उसकी गांड के रस से सने हुए लंड को उसके मुंह में रीमा ने घुसा दिया उसे पता ही नहीं चला | जग्गू तो जैसे रीमा के हुस्न के मोह पाश में बंधा हुआ मंत्रमुग्ध होकर के उसका गुलाम बन गया था वो वही कर रहा था जो रीमा कह रही थी उसमें किसी तरह से उस लंड को चुसना शुरू कर दिया और फिर ढेर सारी लार निकालकर उस काले मोटे लंड को गीला कर दिया | उसके बाद रीमा ने जग्गू के पीछे आ गई और उसकी गांड में लंड को पेल दिया और उसके सख्त हाथ को उसी के लंड पर रखकर उसे ही हिलाने का इशारा करने लगी |
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जग्गू तेजी से अपने लंड को हिलाने लगा और अपनी गांड में जा रहे हैं रीमा के मोटे काले लंड से होने वाले दर्द को बर्दाश्त करने लगा | अभी तक उनको यकीन ही नहीं हो रहा था रीमा ये सब क्या करवा रही है उससे | उसे समझ में ही नहीं आ रहा था आखिर उसके साथ ये सब हो क्या रहा है बस वह रीमा का गुलाम बना रीमा की आंखों में आंखें डाल वही कर रहा था जो भी वो जग्गू से करवाना चाह रही थी | रीमा ने जैसे-तैसे तेज झटके लगाने शुरू कर दिए लेकिन जग्गू की गांड पूरी तरह से खुली नहीं थी इसलिए रीमा को बहुत जोर लगाना पड़ा था इसके बाद रीमा ने जग्गू को कसकर पकड़ कर के अपने लंड को जग्गू की गांड में अंदर तक घुसाने का जतन करने लगी और आठ-दस बार जोर लगाने के बाद में उसका पूरा का पूरा प्लास्टिक का लंड जग्गू की गांड में पूरी तरह से समा गया इसके बाद रीमा ने उसकी गांड को फुल स्पीड में मारना शुरू कर दिया था | वो वह थकी हुई थी लेकिन बदले की आग उसकी थकान पर हावी थी ................ जग्गू को इस तरह से मारने अपमानित करने के आत्म संतोष के कारण उसका जोश हाई था उसने जग्गू को बहुत अच्छे से गांड मारना शुरू कर दिया उसने जग्गू को उल्टा लिटाया उसके यहां मोटर उसके खड़े हुए लंड को अपने हाथ से पकड़ कर के और बेदर्दी से अपने लंड को उसकी गांड में पेलने लगी | जग्गू की गांड का छेद भी पूरी तरह से खुल चुका था , लगातार लगते धक्को से उसकी गांड में बहुत तेज दर्द हो रहा था लेकिन रीमा को इन सब से कोई परवाह नहीं की | वो तेजी से अपनी कमर को पूरे पूरे लंबे-लंबे झटके देकर अपने मोटे प्लास्टिक के लंड को जग्गू की गांड में गहराई तक पेल रही थी इतनी गहराई तक कि उसकी गांड के अंतिम छोर पर जाकर टकरा रहा था | साथ ही साथ उसके खड़े लंड को बहुत तेजी से मुठिया रही थी | जग्गू भी हैरान परेशान थे एक तरफ तो उसक लंड मसला जा रहा था और दूसरी तरफ उसकी गांड मारी जा रही थी जिसमें दर्द हो रहा था उसे समझ में नहीं आ रहा था उसके साथ क्या हो रहा है कैसे हो रहा है |
![[Image: 301832_09big.jpg]](https://4.bp.blogspot.com/-of18FrYtSjs/XLLujHdAv-I/AAAAAAAAArM/KxBRaQ8xf9w0jZ8Bnos2mGT9sdk09yWhQCLcBGAs/s640/301832_09big.jpg)
जग्गू रीमा के आगे लेटा हुआ अपनी गांड मरवा रहा था उसके बाद रीमा ने उसकी पोजीशन बदल दी और उसको घुटनों के बल खड़ा करके उसके पीछे आ गई उसे पता था जग्गू की सूखी गांड मारने में उसे भी बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन बदले की आग उसकी अन्दर भरी हुई थी, वो बिना जग्गू की परवाह किये पूरा का पूरा उसके गांड में गुसा देती | जग्गू के मुंह से एक लंबी कराह निकल जाती | रीमा ने बेतहाशा धक्के मारने शुरू कर दिए | जग्गू की तो फट के हाथ में आ गयी | रीमा ने उसी पोजीशन में जग्गू की गांड मारने शुरू कर दी और दे दना दन तक को के धक्कों से जग्गू की गांड का पुर्जा पुर्जा हिला के रख दिया | रीमा बुरी तरह से हांफ रही लेकिन उसके झटके की स्पीड कम ही नहीं हो रही थी | जग्गू हैरान था आखिर रीमा मैडम थक क्यों नहीं |रीमा सटासट पूरी तरह से जग्गू की गांड में लंड पेल उसकी गांड थी उसका मोटा काला प्लास्टिक का लंड सटासट जग्गू की गांड में जा रहा था यह देखकर राजू और प्रियम दोनों बहुत ही खुश हो रहे थे क्योंकि कुछ देर पहले जग्गू ने ही रीमा को उनकी गांड मारने के लिए उकसाया था | दोनों बहुत खुश थे कि कम से कम अब जग्गू उनके सामने अपनी डींगे नहीं मार पाएगा | औरे रीमा ने तीनो की गांड मारकर सबका हिसाब बराबर कर दिया था | इसके बावजूद वो चाहते थे की रीमा बुरी तरह से उसकी गांड को कुचल कुचल कर उसका भरता बना दे ताकि जग्गू के अंदर की जो अकड़न है जो रौब वो दूसरो पर जमाता वह हमेशा के लिए खत्म हो जाए | वह इस तरह से जग्गू को लाचार और बेबस देखकर बहुत ही खुश हो रहे थे |