28-06-2023, 08:08 PM
पार्ट ३५ : मौसाजी ने बनाया मेरे पति को कुक !
धर्मेश अंकल जैसे हमारे कमरे से बहार गए वैसे अनीश अंदर आ गया.. मेरे पास बैठ गया . मैं पसीने से लथपथ थी.. मेरे शरीर पर धर्मेश अंकल के पसीने की सुगंध आ रही थी. अनीश ने मुझे अपनी बाँहों में ले लिया और मेरे ओंठों पर ओंठ रख दिए.. और जीभ अंदर डाल कर चूमने लगा. अजीब लग रहा था..मेरे मुँह में कुछ देर पहले धर्मेश अंकल का बड़ा लण्ड था और उनका वीर्य...
अनीश - कैसी हो मेरी जान..अब ठीक लग रहा.. ?
मैंने कहा - हाँ ठीक हूँ... थोड़ी थकान हैं.. नहाना चाहती हूँ ..पर पहले पैर की मालिश कर लू..
अनीश ने कहा - ठीक है रानी . मैं यासीन को बुलाता हूँ..फिर खुद तुम्हे पूरा नंगा कर के नहला दूंगा
तभी धर्मेश अंकल कमरे में आये .उनके हात में एक बड़ा सा पैकेट था... अरे अनीश बेटे कैसे हो..? संध्या तुमने शायद यह ऑनलाइन मंगाया है.. अभी डेलिवेरी वाला देकर गया.
धर्मेश अंकल चले गए..जाते जाते उन्होंने मुझे आँख मारी और मोबाइल फ़ोन दिखा कर इशारा किया.. मैंने देखा मेरे फ़ोन पर उनका मैसेज था.. संध्या डार्लिंग..तुम्हारा गाउन फाड़ा था..या मैंने २ गाउन ख़रीदे है..अभी पहन लो..
अनीश - संध्या क्या ख़रीदा..?
मैं - अनीश कुछ नहीं कुछ गाउन है...अभी पहन कर दिखाती हूँ...
मैंने पैकेट खोला... उसमे दो गाउन थे..मॉडर्न किस्म के..एक लाल और दूसरी नीली पर वह बहुत शार्ट गाउन थे..मुश्किल से जांघों तक और घुटने के ऊपर आते थे.
अनीश - अरे वाह ! बेगम यह तो बहुत सेक्सी है..तुम ऐसे सेक्सी गाउन कभी नहीं पहनी..
मैंने कहा - हाँ तुम्हे दिखाने को ख़रीदे..अब तुम ही मुझे पहना दो..
अनीश बहुत खुश हुआ..उसने मेरा गाउन निकाल कर मुझे नंगा कर दिया.. मेरी नंगी चूत देखकर अनीश को रहा नहीं गया..उसने वहा हात रख दिया..पर मेरी चूत में धर्मेश का वीर्य था..मैं नहायी नहीं थी..मैंने अनीश का हात हटा दिया..अभी नहीं..जब मैं कहूँगी तब..
अनीश ने मुझे लाल गाउन पहनने में मदत की..गाउन लो-नेक था..मेरे आधे बूब्स दिख रहे थे..मिश्किल से मेरी निप्पल को कवर कर रहा था ..और निचे सिर्फ जांघों तक था..मैं तो जैसे कोई होटल के कैबरेट डांसर लग रही थी..अनीश बहुत खुश हो गया..
अनीश बोलै - वाओ ! डार्लिंग मुझे तो तुझे इसी ड्रेस में चोदना है.. और उसने मेरे घुटने मोड़ कर ऊपर उठा दिए..ऐसे करने से मेरा गाउन जांघों पर से कमर तक चला गया और..मेरे नंगी चूत अनीश को दिख गयी...
अनीश - वाह रानी कितनी सुन्दर लग रही..जैसे कोई रंडी..
तभी दरवाजे पर दस्तक हुई.. यासीन था .. हात में तेल का कटोरा लेकर .. साब मालिश कर दू अभी ?
अनीश ने कहा - हाँ जल्दी कर दे..और अनीश मेरी तरफ देखकर मुस्कुरा रहा था ..वह यासीन को देख रहा था ..यासीन के आंखें मुझ पर टिकी थी..अपने नज़रों से वह मेरे लाल गाउन में आधे नंगे बदन को चोद रहा था..मैं फिर से बिस्तर के साइड पर बैठ गयी..और पैर निचे रख दिए..यासीन सुबह जैसे ही मेरे पैरों के पास बैठ गया..और अनीश खुद के कपडे चेंज करने लगा..तभी मुझे फ़ोन पर मैसेज का अलर्ट आया..मैंने पढ़ा.. धर्मेश अंकल का मैसेज था..संध्या , आज यासीन को मैंने कुछ समझाया है..अनीश के सामने वो जो करे तुम करने देना..मैं भांप गयी..पता नहीं यासीन क्या करेगा..एक तो ऐसे ही मेरी चूत धर्मेश अंकल के वीर्य से गीली थी..और उसपर यह छोटा सा कमर तक गाउन पहना था..मैंने अपनी आंखें बंद कर ली..
यासीन ने मेरा लचका हुआ पैर उसकी जांघों पर रख दी...उसने आज कुरता पाजामा नहीं पहना था. आज वो टी शर्ट और लुंगी मैं था..निचे बैठने की वजह से उसकी लुंगी थोड़ी आगे से खुल गयी..और मेरा पैर उसकी नंगी जांघों पर था..मेरे पैर के तलवों को उसकी मांसल भरी बालों वाली जांघें से गुदगुदी हो रही थी. उसने मेरे पैर पर तेल लगाना चालू किया...सुबह की तरह..निचे से पूरा ऊपर कमर तक..उसने मेरा दूसरा लटका हुआ पैर अपने कंधे पर रख दिया..
अनीश - कैसे लग रहा है संध्या..? आंखें क्यों बंद की
मैं: अच्छा लग रहा है अनीश..यासीन मुझे बहुत अच्छी मालिश देता है..मुझे आपके सामने शर्म आ रही है..इसलिए आंखें बंद कर ली..
अनीश - अरे पगली..मुज़से क्या शर्माना .. और यासीन भी घर का आदमी है..आंखें खोलो और मेरी तरफ देखो
मैंने आंखें खोली..अनीश मेरे सामने सोफे पर बैठा था..और देख रहा था..वह सिर्फ एक छोटी सी शार्ट पहना था...कितना सुन्दर और हैंडसम था अनीश..कोई मॉडल जैसे .. मुझे बहुत फक्र महसूस हुआ..मैं उनके आँखों मैं खो गयी..और प्यार से नजरे मिलाने लगी. तभी मुझे महसूस हुआ की मेरा पैर यासीन की नंगी जांघों पर रगड़ रहा है..मैंने निचे देखा..मेरा गाउन पूरा कमर तक आ गया था..और मैं यासीन के आँखों के सामने बिलकुल नंगी बैठी थी..मैंने झट से गाउन संभाला..निचे किया . यासीन मुस्करा रहा था..अनीश की आँखों मैं अजीब शरारत थी..
अनीश.. यासीन अच्छी से मालिश करो..पूरा निचे से लेकर ऊपर तक..और ज्यादा तेल लगाओ..
यासीन - हां साब.. बहुत तेल लगाऊंगा..और फिर से कमिनी स्माइल दी
यासीन अब बिंदास हो गया..दोनों हातों से कमर के ऊपर तक मॉलिश करने लगा..मेरी गाउन फिर से पूरी कमर के ऊपर हो गयी..और मैं उसके सामने अब पूरी नंगी थी..यासीन के हात अब हलके हलके मेरी जांघों के बीच जा रहे थे..हर बार उसका हात ऊपर आता और मेरी चुत के पास आकर रुकता..तभी मेरे पैर को कुछ सख्त और गरम चीज महसूस हुआ..मैंने निचे देखा..यासीन की लुंगी और खुल गयी थी..और उसका गोरा गुलाबी मोटा लण्ड सख्त हो गया था..और मेरा पाँव..उसके लण्ड पर रगड़ रहा था..मैं गुस्सा हो गयी .. पर मुझे धर्मेश अंकल ने चुप रहने को कहा था..
मैंने देखा अनीश मुझे बड़ी ध्यान से देख रहा था और मुस्करा रहा था..उसकी शॉर्ट्स में उसका लण्ड खड़ा हो गया था और वह ऊपर से अपने हात से खुद का लण्ड सहला रहा था..तभी दरवाजे पर दस्तक हुई..मैंने देखा धर्मेश अंकल थे..बोले - डॉक्टर ने बताई थी वो संध्या बेटी तेरी दवाई लेकर आया हूँ..
अनीश ने कहा - आह..आइये अंकल..बैठ जाइये ..बातें करते है..और अपने बाजु में बैठने का इशारा किया..धर्मेश अंकल भी अनीश के बाजु सोफे पर बैठ गए..सोफा छोटा था..इसलिए वह एक दूसरे के बहुत पास बैठे थे..मैंने देखा धर्मेश अंकल ने भी आज सिर्फ टी शर्ट और लुंगी पहनी थी..और वो बहुत सेक्सी और जवान लग रहे थे. वो भी मुझे देखने लगे.. यासीन..मुझे निचे से कमर तक मालिश करता और अब मेरी चूत पर भी बिच में हात लगा देता..मेरी चुत को उसके हातों के स्पर्श से सनसनी हो रही थी..तभी अपना हात मेरी जांघों पर फेरता एकदममे री चुत के करीब ले कर आया और हल्का से उसकी बिच की ऊँगली से मेरे चुत के ओंठों को छू लिया..
वैसे मैंने - आह !! उम् ...कर के कराह उठी..
धर्मेश अंकल - अरे क्या हुआ संध्या बेटी.. यासीन ठीक से मालिश करो..ऊपर तक..संध्या को दर्द हो रहा..
मैंने कहा..अरे धर्मेश अंकल ठीक है..बस नस थोड़ी दर्द कर रही थी..
तभी मैंने देखा .. अनीश की नजरे मेरी तरफ से हट गयी थी..वह बाजु बैठे धर्मेश अंकल को देख रहा था..और अपना लण्ड अपने शॉर्ट्स के ऊपर से सहला रहा था..
मैंने देखा - अनीश धर्मेश अंकल की लुंगी को देख रहा है..और अपने ओंठों पर से जीभ फेर रहा था.. उफ़ यह क्या..धर्मेश अंकल की लुंगी खुल गयी थी..और उनका लुंड ट्टण कर सख्त खड़ा हो कर फनफना रहा था..अनीश ने शायद कभी इतना सुन्दर लण्ड देखा नहीं था.. वह भी धर्मेश अंकल के खूबसूरत औजार से प्रभावित हो गया था..
तभी धर्मेश अंकल ने अनीश को देखा..ओह ! सॉरी अनीश ! खुद को कण्ट्रोल नहीं कर पाया !
और वह उठ कर चले गए.. अनीश का मुँह खुला का खुला था..वह ऐसे सम्मोहित हो गया..कुछ बोल नहीं पाया ..मैं भी अपने होश में आ गयी.
मैंने कहा - यासीन अब बस करो..अनीश मुझे नहाने ले चलो न प्लीज..
यासीन जाने के लिए उठ गया..और कहा..- साब ! में मैडम को बाथरूम लेकर जाता हूँ..
और बिना मेरे या अनीश के उत्तर का इंतजार किये.. मुझे गोदी में उठा लिया और बाथरूम लेकर जाने लगा.. उसके हातों ने मेरे चूचियां जकड ली थी..और दूसरे हातों ने मेरी गांड पकड़ ली थी..अनीश भी हमारे पीछे पीछे आने लगा..
शावर के निचे यासीन ने मुझे धीरे से उतार दिया . और एक हात मेरे चुत पर रगड़ दिया..में कुछ बोल नहीं पा रही थी..
अनीश ने यासीन से कहा - यासीन तुम बहार रुको.. मैं संध्या को नहला दूंगा..नहाने के बाद तुम वापस संध्या को बेडरूम में ले जाना..
यासीन जी साब..बोल कर ख़ुशी ख़ुशी चला गया..तब तक अनीश नंगा हो गया था..उसका ५ इंच का लण्ड छोटा था पर मोटा था और फुफकार रहा था..
मैंने अनीश से से कहा - यह क्या अनीश..यासीन को क्यों रोका..तुम भी मुझे बेडरूम उठाकर ले जा सकते हो ..
अनीश ने मेरा गाउन निकाल दिया और मुझे पूरा नंगा कर दिया और बोला - हाँ मेरी जान..पर मुझे मेरी नंगी बीवी दूसरे आदमी की गोदी में अच्छी लगती है.. तुमने देखा नहीं यासीन बेचारा कितना उत्तेजित हो गया था. उसको भी तुम्हारे सुंदरता से आंख सेकने दो.
मैंने झूठा गुस्सा दिखाया.. आप बड़े कमीने हो..और अनीश का सख्त लण्ड अपने हात में पकड़ लिया..अनीश हँसा और मुझे चूमने लगा..उसने अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी और दूसरे होतों से मेरे चूत में उंगली डाल दी..मैं जानती थी की अनीश बहुत गरम हो गया..
अनीश ने शावर चालू किया और मुझे साबुन लगाने लगा... उसने मुझे शावर के निचे थोड़ा झुका दिया.और निचे बैठ कर मेरी गांड और चुत दोनों चाटने लगा. उसने कुछ लीकविड सोप उसकी ऊँगली पर लिया और मेरी गांड में डाल कर ऊँगली घुमाने लगा..उसकी उंगलिया मेरी गांड में फिसल रही थी.. मुझे अच्छा लग रहा था.. बहुत दिन से किसी ने मेरी गांड नहीं मारी थी. अनीश ने उसके लण्ड पर भी बहुत सारा तरल सोप लगाया ...और मेरी गांड में अपने लण्ड का टोपा लगा दिया..उसने पीछे से मेरे मम्मे पकड़ लिए और मेरे निप्पल्स गोल गोल दबाकर मेरे ओंठ घूमने लगा.. मेरी चूत गिल्ली हो रही थी.. अनीश ने एक जोरदार धक्का दिया और उसका लण्ड मेरी गांड की दरार में चीरता हुआ मेरे छेद में चला गया.. वैसे में कराह उठी..आह अनीश..धीरे ..उम्...आह..
मेरी चुत लगातार पानी बहा रही थी अनीश बहुत प्यार से धीरे धीरे धक्के मरकर मेरी गांड चोद रहा था.. उसकी जांघें मेरी गांड पर - फट फट की आवाज कर के टकरा रही थी. मुझे बहुत कामुकता और उत्तेजना हो रही थी यह सोचकर की बाथरूम के बहार यासीन सब सुन रहा था. अनीश मुझे लगातार चोदता जा रहा था..उसने मेरा एक पैर पकड़कर अपने हातों से ऊपर उठा लिया और मेरी गांड अब और ज्यादा खुल गयी..वो उसका लण्ड पूरा अंदर बहार करके मेरी गांड की चुदाई करने लगा..और दूसरे हातों से उसने मेरा सर पकड़ लिया और उसकी तरफ खिंच के मेरे ओंठ चूमने लगा.. मुझे ज्यादा देर नहीं लगी झड़ने में..मुझे यासीन और धर्मेश अंकल ने मेरे पति अनीश के सामने नंगा देखा था. इसलिए मैं. पहले से बहुत उत्तेजित हो गयी थी और आह..उफ़ करके झड़ने लगी..जिसके कारन मेरी गांड सिकुड़ गयी..और अनीश के लण्ड को जोर से भींच लिया..इसके कारण अनीश भी..आह..मेरी रानी..संध्या..मेरी रंडी..करके मेरी गांड में झड़ने लगा ..अनीश बहुत देर तक मुझे चूमता रहा ..फिर उसने निचे झुक कर मेरी गांड चाट ली..और उसके वीर्य और मेरी गांड का मिश्रण चाट कर साफ़ कर दिया..
अनीश ने यासीन को आवाज दी - यासीन २ टॉवल लेकर आओ
मैं हक्का - बका रह गयी..मेरा गाउन पानी में भीग गया था , मैं पूरी नंगी थी और मुझे ढकने के कुछ नहीं था.. इससे पहले में कुछ कहती और रोकती, यासीन दो टॉवल लेकर बाथरूम के अंदर आ गया.. मुझे और अनीश दोनों को पूरा नंगा देखकर खुश हो गया. उसने अनीश को के टॉवल दिया और दूसरा टॉवल मुझे. अनीश ने कहा - यासीन तुम टॉवल से संध्या का बदन पोंछ कर सूखा दो .. मैं चकित रह गयी .. और मुझे शर्म भी आ रही थी..यासीन ने ख़ुशी ख़ुशी से टॉवल मेरे हातों से लिया और मेरी पीठ पोछने लगा. मैंने अनीश को देखा .. वह मेरे तरफ देखकर मुस्करा रहा था और गौर से यासीन को देख रहा था.. अनीश अपना बदन पोंछ रहा था..उसका लण्ड अब सिकुड़ कर छोटा सा हो गया था .. २ इंच का बेबी लण्ड था उसका ..वह धीरे धीरे अपना बेबी लण्ड और अण्डे टॉवल से पोंछने लगा. और मुझे और यासीन को हवस भरी नजरों से देखने लगा..
यासीन बड़ा कमीना निकला.. वह एक हात से मुझे टॉवल से पोंछ रहा था और दूसरी हात से मेरे पोंछे हुए बदन पर फेरकर देख रहा था की सब सुख गया या कोई पानी के बुँदे ना रहे .. उसने अब मेरे बूब्स और निप्पल्स को भी छू लिया ..उसके मर्दाने हातों के छूने से मेरे बदन में करेंट दौड़ गया..मैं थरथरा गयी..अनीश मेरी मज़बूरी का मजा ले रहा था ..उसने कहा - यासीन मैडम के कमर के निचे और पाँव भी एकदम अच्छी से सुका दो..
यासीन अब मेरे पैरो के पास निचे झुककर अपने पैरों पर बैठ गया.. और मेरी चुत को टॉवल से पोछने लगा..उसने दूसरे हातों से मेरी चुत को सहला लिया..और कहा ..हाँ साब एकदम सुख गया ..मैंने निचे देखा ..यासीन की लुंगी फिर से आगे से खुल गयी थी..और उसका गोरा कटा हुआ १० इंच का काले बालों वाला लण्ड फुफकार रहा था..आसमान की तरफ..
अनीश ने कहा .. अरे यासीन ठीक से देखो ..अंदर पानी से गिला ना हो .. वैसे यासीन ने मेरी चुत में उसकी मोटी ऊँगली डाल दी..आह..मैं सिहर उठी..
यासीन..साब अंदर से बहुत गीली है..
अनीश -हाँ संध्या की चुत बहुत गरम है हमेशा गीली होती है..
यासीन - साब मैडम इतनी गरम है , पर आपका लण्ड तो बहुत छोटा सा है..एकदम १० साल के बच्चे जैसे
अनीश - हाँ मेरा लण्ड बहुत छोटा है .. तेरा दिखा यासीन..
यासीन ने अपनी लुंगी बाजु कर दी..वह अब अनीश के सामने एकदम नंगा था..उसका लण्ड बहुत गोरा था और उसके लण्ड का सूपड़ा एकदम लाल लाल स्ट्रॉबेरी जैसे था .. यासीन के बहुत लम्बे और घने बालों वाली काली झाटें थी और उसके बड़े बड़े बालों से भरे दो अण्डे निचे लटक रहे थे. अनीश उसका लण्ड देखने हमारे करीब आ गया
अनीश - अरे वाह यासीन .. ! तुम्हारी झाटें तो एकदम मस्त है..
अनीश का हात यासीन के झाटों के काले बालों में चला गया और सहलाने लगा.
मैंने अनीश को देखा..वो अभी भी टॉवल से अपने लण्ड और गोटिया रगड़ रहा था..उसका २ इंच का बेबी लण्ड अभी फिर से उठकर सख्त ५ इंच का कड़क लोहा बन गया था..
यासीन - साब ! हाँ बहुत बाल हैं मेरे बदन पर..पर साब आपने तो कोई बाल नहीं रखे..सब शेव किये..आप का लण्ड एकदम १० साल के बच्चे जैसे चिकना , बिना बालों वाला लगता है..और यासीन भी अनीश के चिकने लण्ड और गोटियों को हात लगाकर देखने लगा.
इससे पहले वह कुछ कहे ..मैंने कहा..बस अब ठीक हैं यासीन...मुझे बेडरूम में लेकर चले .. यासीन ने मुझे वैसे ही नंगा गोदी में उठाया और बेडरूम में लेकर बिस्तर पर लिटा दिया..बिस्तर की दूसरी साइड पर तकिया लेने वह मेरे ऊपर झुक गया..वैसे उसका लण्ड मेरे चहरे के पास आ गया .. उसके लण्ड का कटा हुआ लाल टोपा मेरे ओंठों के पास था.. मैं खुद को रोक नहीं पायी और जल्दी से मैंने उसके टोपे पर जीभ पैर दी..
वैसे यासीम..उम्म्म कर के झूम उठा. अनीश भी पीछे पीछे बेडरूम में आया..क्या हुआ यासीन
यासीन..कुछ नहीं साब..
मैं फिर से संभल गयी.. ठीक है यासीन तुम अब जाओ, में गाउन पहन लुंगी..
यासीन थोड़ा मायूस सा हो गया और चला गया..
अनीश प्यार से मेरे पास आ गया और मुझे नीले कलर का गाउन पहना दिया..जो धर्मेश अंकल लाये थे..
रात को खाना खाते वक्त ..अकेले धर्मेश अंकल थे..उन्होंने बताया .. की पम्मी आंटी उनके घर चली गयी..कुछ पानी के पाइप का लीकेज था..इमरजेंसी थी .वह कल वापस आएगी.
फिर उन्होंने मुझे मैसेज किया.. संध्या .. मेरी रंडी..आज तेरे पति को कुक बनाने का सही समय है.. यासीन ने मुझे सब बताया कैसे अनीश ने तुम्हे उसके सामने नंगा किया और उसे तुम्हारी चुत से खेलने दिया. यासीन के लण्ड से वह कैसे आकर्षित हो गया .. लोहा अभी गरम है.. तुम थोड़ी देर में मुझे वीडियो काल करो..और अनीश को मेरे पास भेज दो.. की मौसाजी से डॉक्टर ने दी हुई दवाई ले आओ.. और वीडियो काल पर तुम सब देखना..मैं कैसे तेरे पति को ककोल्ड बनाता हूँ.
मैं हैरान हो गयी.. पर मुझे बहुत उत्तेजना भी हो रही थी . मुझे अपने पति अनीश से बहुत प्यार था..उन्होंने मुझे हर खुशियां दी थी ..उनके छोटे बेबी लण्ड होने के बावजूद उन्होंने मुझे बहुत मर्दों से और बड़े बड़े लण्ड से चुदवाया था.. मैं सिर्फ उनकी ख़ुशी चाहती थी..उनको भी कुछ खुशियां गिफ्ट में देना चाहती थी..इसलिए यह सब्र मुझे ठीक लग रहा था.
तभी मुझे धर्मेश अंकल का वीडियो कॉल आया... मैंने कॉल ले लिए..मैंने देखा की .. सामने बिस्तर पर धर्मेश अंकल पूरा नंगा बैठे है.. पैर फैला कर और अपना लण्ड सहला रहे है..उनको ऐसे देखकर में एकदम उत्तेजित हो गयी..और मेरी चुत गिल्ली होने लगी. उन्होंने कहा.. संध्या अब अनीश को मेरे कमरे में भेज दो. मैंने देखा अनीश सिर्फ एक शॉर्ट्स में था..क्यूंकि हम दोनों रात को नंगा सोते है.
मैंने कहा ..अनीश मेरी कुछ दवाई धर्मेश अंकल लेकर आये थे..उनकी रूम में जाकर ले आओं ना..प्लीज..
अनीश ने कहा - ठीक है.. लेकर आ ता हूँ जान और वो वैसे ही छोटीसी शॉर्ट्स में कमरे से बहार चले गए..
मैंने फिर से वीडियो कॉल देखना चालू किया.. मैंने देखा की धर्मेश अंकल ने अपनी आंखें बंद कर ली.और वह अब अपने लण्ड को पकड़ के आगे पीछे हिला रहे थे..यभी मैंने देखे की दरवाजे पर अनीश खड़ा होकर रुक गया.. वह धर्मेश अंकल को पूरा नंगा देख कर सर से पाँव तक हिल गया.उसकी नजर धर्मेश अंकल के नंगे बदन पर थी. धर्मेश अंकल एक गोरा, एकदम फिट, ५० -५५ की उम्र वाला आदमी था, नीली गहरी आंखें, एकदम कबीर बेदी जैसी, हट्टा-कट्टा पहलवान जैसे. कुछ तो बात थी धर्मेश में. सबको आकर्षित कर लेते थे. और सबसे खुनसुरत उनका काला मोटा १० इंच का लण्ड था..लाल टोप एकदम फुला हुआ..और मोटे केले जैसे टेढ़ा..एकदम जबरदस्त खुसबूसृत लण्ड था.. अनीश उनको निहार रहा था और अब उसका एक हात उसकी शॉर्ट्स में चला गया था और वो अपने लण्ड को सहला रहा था. मुझे बहुत सरप्राइज हुआ . अनीश अब धर्मेश अंकल के खूबूसरत नंगे जिस्म से पूरा सम्मोहित हो गया था. धर्मेश अंकल का काला लण्ड एकदम सख्त लोहे जैसे फुफकार रहा था ..वह उसे अपने दोनों हातों से पकड़ कर आगे पीछे करके मसल रहे..थे.. धर्मेश अंकल आहे भर रहे थे - उम्..आह...मेरी संध्या.. मेरी रंडी बन जा...
मुझे जोर से झटका लगा ..यह अनीश के मौसाजी उसके सामने पूरा नंगा है, अपने बड़े लण्ड को हातों से पकड़कर मूठ मार रहे और उसकी बीवी का नाम ले रहे है .. मैंने सोचा अनीश को कही गुस्सा ना आ जाये.. पर अनीश के कदम धीरे धीरे उनके बिस्तर के तरफ बढ़ रहे थे...और अब उसकी शॉर्ट्स भी उसके घुटने तक खिसका दी..और अपने लण्ड को खुला कर के धर्मेश अंकल के लण्ड को देखकर हिला रहा था. मेरी चूत यह देखकर गिल्ली हो गयी..मेरा एक हात अपने आप मेरी गिल्ली चुत के ऊपर चला गया..
मैंने देखा अनीश अब बिल्कुम धर्मेश अंकल के बिस्तर के पास खड़ा है..उसकी नजर धर्मेश अंकल के मोटे लम्बे लण्ड पर थी.... उसकी शॉर्ट्स अब फर्श पर गिर गयी थी और वह एक हाथ से धीरे से उसका लण्ड हिला रहा था. धर्मेश अंकल अब पूरा बिस्तर पर लेट गए थे..वो अपना मोटा लण्ड आराम से हिला रहे थे..और सिसकियाँ ले रहे थे..उम्... संध्या...तेरी चुत आज देखि..कितनी खूबसूरत है...तुझे दिन रात चोदूूँगा ..काश तू मेरी बहु नहीं होती..तुझे रंडी बनाता और रात - दिन चोदता. अनीश भी यह सुनकर एकदम गरम हो गया था.. उसके हात भी उसके लण्ड पर आगे पीछे घूम रहे थे.. तभी सही वक्त समाज कर धर्मेश अंकल ने ऑंखें खोली..
धर्मेश अंकल - (घबराते हुए - नाटक करते) - ओह ! अनीश तुम. . आई ऍम वैरी सॉरी ! सॉरी बेटा ! वह तुम्हारी पम्मी मौसी नहीं है ना..सो सेक्स मिस करता हूँ..आज रोक नहीं पाया खुद को..
अनीश - ओह सॉरी अंकल.. मैं भी बहक गया..सॉरी तो मैंने कहना चाहिए ..आप मौसी को मिस कर रहे है..
पर दोनों ने भी लण्ड सहलाना चालू रखा..
धर्मेश अंकल - अरे नहीं बेटा , तुम्हारी मौसी कोई काम की नहीं रही..मेनोपोज़ के बाद वह ठंडी हो गयी..इसलिए मुझे यह करना पड़ता ..और आज बहु की मालिश देखि तो और ज्यादा उत्तेजित हो गया
अनीश - ओह अंकल..यह तो बहुत नाइंसाफी है आपके मस्त लण्ड पर..आपको इसको भूखा नहीं रखना चाहिए
धर्मेश अंकल - हां अब आदत हो गयी बेटे .. पर क्या तुझे मेरा लण्ड सच में मस्त लगता है ? कैसे इसकी भूक शांत करू ..तू ही बता दे
मैं सब वीडियो काल पर देख रही थी और सुन रही थी. मुझे हंसी आ गयी.. धर्मेश अंकल बहुत अनुभवी और कमीने थे..उन्होंने मेरे भोले पति की नब्ज पकड़ ली थी.
अनीश - हाँ अंकल..! आपका लण्ड सच में मस्त है..इतना खूबसूरत लण्ड मैंने पहले कभी नहीं देखा..यह तो एक सात दस - बीस कुंवारी चुत की सील फाड् देगा
धर्मेश अंकल..ओह ! इसलिए तू भी नंगा हो गया.. तुझे मेरा लण्ड अच्छा लगा , तुझे इसको टच करना है..
अनीश ने कहा - उम् ...हाँ अंकल सच में अच्छा है..एकदम mota और लाल टोपा..है
धर्मेश अंकल ने अनीश को बढ़ावा दिया.. चलो एक काम करते है..तू मेरा लण्ड पकड़ ले..मैं तेरा लण्ड पकड़ लेता हूँ..
उन्होंने अनीश का लण्ड पकड़ लिया..अनीश को भी हिम्मत आ गयी..वह बिस्तर पर धर्मेश अंकल के पास बैठ गया और उनका गरम लण्ड पकड़ लिया. और प्यार से हिलाने लगा .उसकी नजर धर्मेश अंकल के लण्ड से हट नहीं रही थी..धर्मेश अंकल-- आह...उम्..करके आहे भरने लगे ..
धर्मेश अंकल - कैसे फील हो रहा अनीश मेरा लण्ड पकड़ कर..
अनीश - बहुत अच्छा लण्ड हैं आपका अंकल .. मस्त सख्त ..और गरम..बहुत अच्छा लग रहा है..
धर्मेश अंकल...आह ! अनीश मरे लण्ड को थोड़ा सा चूस ले..मुझे अच्छा फील होगा..
अनीश - अरे नहीं अंकल..
पर उसने अब अपने दोनों हातों में धर्मेश अंकल का लण्ड पकड़ लिया..
धर्मेश अंकल थोड़ा सक्ति से बोले - चलो अनीश मेरा लण्ड चूस लो..मुझे मालूम है तेरा मन इसको चूसना चाहता है..
अनीश कुछ नहीं बोला. अब धर्मेश अंकल गुस्से में बोले - मादरचोद मेरा लण्ड मुँह में ले ले..नहीं तो अभी तेरी बीवी को बुलाता हूँ..और दिखाता हूँ की तू कैसे खुद होकर मेरे कमरे में नंगा हो गया और मेरा लण्ड हिला रहा हैं.
अनीश अब डर गया.. उसकी आँखों मैं डर था..वह धीरे से निचे झुका और धर्मेश अंकल का लण्ड मुँह में ले लिया..और चूसने लगा
धर्मेश अंकल - आह .! . वाह बेटा ..ऐसे ही जोर जोर से चूस ले..मैं तुझे मेरी मलाई खिलाऊंगा आज..
अनीश अब जोर जोर से धर्मेश अंकल का लण्ड चाटने लगा .. और चूसने लगा ..मुझे सब दिख रहा था ..मुझे हंसी आ गयी.. धर्मेश अंकल ने मेरी धमकी देकर अनीश को उनका लण्ड चूसने को बाध्य किया.और मुझे आश्चर्य हुआ की मेरा पति भी डरने का नाटक करके उनका लण्ड चूस रहा था.. अनीश ने मेरे सात सेक्स की बहुत रंग-रलिया मनाई है..वो मेरे से प्यार करता है और उसे पता हैं मैं उसका सात देती हूँ. पर उसको शायद सच में धर्मेश अंकल का लण्ड चूसना था ..इसलिए इस बेकार धमकी से डरने का नाटक किया.
धर्मेश अंकल - अनीश के लण्ड को सहला रहे थे..आह अनीश ! .. काश कोई चुत मिल जाये तो चोद चोद कर फाड् दू.. आपने भूके लण्ड की भूक मिटा दू.. आज दोपहर को मालिश के वक्त संध्या की चुत दिख गयी .. बहुत सुन्दर है..तू रोज चोदता है उसे ?
अनीश के मुँह में धर्मेश अंकल का लण्ड था -- उम्म्म हाँ ..
धर्मेश अंकल - उह...वाह..पर तेरा लण्ड तो बहुत छोटा है..बेचारी की चुत भुकी रह जाती होगी..
अनीश कुछ नहीं बोला - उम्....आह
तभी धर्मेश अंकल ने गुस्से मैं अनीश के गाल पर एक थप्पड़ मार दी..और उसको अपने लण्ड से अलग किया - भोसड़ीके बता .. नहीं तो तुझे मेरा लण्ड चूसने नहीं दूंगा..
अनीश की आंख से थप्पड़ खाकर पानी आ गया..- पर वो अभी भी दोनों हातों से धर्मेश अंकल के लण्ड को पकड़े था उसने कहा - हाँ अंकल मेरा लण्ड बहुत छोटा है, शायद आपकी बहु की चुत प्यासी राह जाती होगी.
धर्मेश अंकल - हाँ अब ठीक है..अब बता इतनी सुन्दर बहु है मेरी..उसकी चुत के लिए कैसा लण्ड चाहिए
अनीश - अंकल उसकी गोरी चुत के लिए एकदम बड़ा और मोटा और सख्त कड़क लण्ड चाहिए..
धर्मेश अंकल - अच्छा अब सच बता..मेरा लण्ड कैसे लगा..झूठ बोला तो और मरूंगा
अनीश - अंकल आप का लण्ड बहुत खूबसूरत है..इतना सख्त लण्ड मैं नहीं देखा
धर्मेश अंकल - हम्म.. क्या बहु को मेरा लण्ड पसंद आएगा.. ? क्या मेरा लण्ड उसको चोदने लायक है?
अनीश अब फटी आँखों से धर्मेश अंकल को देख रहा था - हाँ अंकल आप का प्यासा - भूखा लण्ड एकदम योग्य है आपकी बहु के भुकी चुत के लिए.. पता नहीं वो मानेगी या नहीं..
अनीश शायद रिश्तों में कोई रिस्क नहीं लेना चाहता था..अभी तक उसने मुझे सब अनजान आदमियों से चुदवाया था.. इसलिए वो धर्मेश अंकल को टालने की कोशिस कर रहा था.
पर धर्मेश अंकल कहा मानने वाले थे.. उन्होंने अनीश को उसकी गांड पर एक जोरदार थप्पड़ मार दीया..
धर्मेश अंकल - मादरचोद उसको मनाना तेरा काम है.. समजा.. चल जा अब
पर अनीश वहा से जा नहीं रहा था..उसके दोनों हात में अभी भी धर्मेश अंकल का मोटा लण्ड फनफना रहा था..
धर्मेश अंकल - क्या हुआ..जा लवडे के बाल..क्यों रुका है..छोड़ मेरे लण्ड को..
पर अनीश वहा से हिल नहीं रहा था...वह भुकी नजरों से धर्मेश अंकल के लण्ड को देख रहा था..
धर्मेश अंकल - तुझे मेरा लण्ड चूसना है ? बोल गांडू..नहीं तो अभी तेरी बीवी को बुलाता हूँ
अनीश - हाँ अंकल
धर्मेश अंकल - फिर ऐसे नहीं...मेरे पाँव पकड़ कर आशीर्वाद ले और आदर से मेरा लण्ड को चूसने की अनुमति मांग..
अनीश ने अपना सर धर्मेश अंकल के पाँव पर रख दिया और बोला - मेरे पिता सामान मौसाजी..मुझे आपका आशीर्वाद दो.. और आपके लण्ड को चूसने की अनुमति दो.
धर्मेश अंकल - ऐसे नहीं मिलेंगे आशीर्वाद..पहले मेरे पैर चाट कर आशीर्वाद लो..
अनीश धर्मेश अंकल के पैरों पर अपने ओंठों से किस करने लगा और उनके पैर चाटने लगा..उसकी जीभ बहार निकल कर वह धर्मेश अंकल के पाँव के तलवे मजे से चाटने लगा..उसका लण्ड अब सख्त हो कर फनफना रहा था ..उसको इस अपमान की वजह से कामुकता बढ़ रही थी.. मैं समज गयी थी की मेरा पति अब जल्दी ही धर्मेश अंकल का कुक बन जायेगा..धर्मेश अंकल भी उनके तलवो को अनीश के मुँह पर फेर रहे थे..बिच में ही उन्होंने उनका एक पैर अनीश के लण्ड पर जोरदार दबा दिया..और उसके अण्डे मसल दिए..अनीश रो पड़ा - आह मौसाजी..दर्द होता है..तभी धर्मेश अंकल ने उसको फिर से जोरदार तमाचा गाल पर मार दिया..उसके गालपर लाल निशान बन गयी..
अनीश के आँखों में अब आंसू थे..धर्मेश अंकल ने अनीश के बाल पकडे और खिंच कर अपने पास लेकर आये..उन्होंने कहा - मुँह खोल साले छक्के - और अनीश के मुँह में थूक दिए..
मुझे अनीश को ऐसे देखकर बुरा लग रहा था.. मेरे पति की बेइज्जती हो रही थी.. पर अनीश सारा थूक निगल गया और मुँह खोलकर बैठा..ताकि और धर्मेश अंकल की थूक ले सके.
धर्मेश अंकल ने कहा - मैं तेरे पिता सामान हूँ..मुज़से आदर से बात करनी..मेरा सब कहा मानना और कोई बात के लिए मना नहीं करना..अब जावो और मेरे अण्डे चाटों..
अनीश - जी अंकल..