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Romance दोस्त हरामी हीं होते है एक पंडित लड़के की कहानी(अम्मी और बहन की चुदाई)
#22
Part 3

जब मै वापस मुंबई आया तब अभय ने मुझको बहुत चिढ़ाया और बोला देख साली अपनी अम्मी और बहन रुक्सार को कितना पाक़ीज़ा और सरीफ कहता था देख साले तेरी अम्मी और बहन को हम दोनो ने रंडी बना बना कर चोदा हैं
मै शांत था अंकुर सच मे यार असलम तेरी अम्मी और बहन क्या कमाल की माल हैं मजा आ गया चोदने मे।
अंकुर...देख असलम तेरी अम्मी अभय की दीवानी हो गयी हैं और तेरी बहन रुक्सार मेरी दीवानी हो गयी हैं।
मतलब आज से अभय तेरा पापा और मै तेरा जीजू हु समझा की नही ।
फिर मै गुस्से मे इन लोगो से मिलना हि छोड़ दिया कभी कभी रास्ते मे मिल जाते थे पर मै साइड होकर चला जाता था अभय और  अंकुर महीने मे 10 10 दिन के दिये गायब हो जाते थे ।
ऐसे हि 1 साल बीत गया जब भी मिलते अभय और अंकुर पापा और जीजू कहने को बोलते ।
फिर साल भर बाद मै घर गया तब पता चला की अब्बू की मौजूदी मे अंकुर और अभय आते थे हर महीने और अम्मी और रुक्सार की चूत मार कर जाते थे अब्बू के सामने और तो और उसके पता नही कितने दोस्त भी आते हैं हर हफ्ते तेरी बहन रुक्सार को चोदने ।
और बहुत तो पैसा देकर जाते हैं
ये सब आंटी सादिया ने बताया था की तेरी अम्मी और बहन रंडी हैं असलम एक नंबर की
वो दोनो आते हैं 10 दिन तक यही रूक कर तेरी अम्मी की चुद फाड़ कर बहन का भोसड़ा बना कर जाते हैं उसी 10 दिनों मे उसके 50सो दोस्त आते रहते हैं और वो तेरी अम्मी और बहन को नंगा करके चोदते रहे हैं तेरी अम्मी और बहन रुक्सार को बहुत बार दोनो ने एक साथ भी चोदे हैं एक बार तो मै बाहर से देखी थी की तेरी अम्मी को दो लोगो ने उठाया था और दो लांड गांड मे और दो लंड चूत मे डालाकर रंडी जैसा मार मार कर चोद रहे थे और वहा तेरा अब्बू कायर के जैसा बस देख रहा वाही पास मे तेरी बहन रुक्सार भी 4 लंड से चुद रही थी उछल उछल कर दर्द मे रोते हुए फिर सब ने शाम तक तेरी अम्मी और बहन रुक्सार को कम से कम 20 बार चोदे थे और फिर सब जड़ गये और तेरी अम्मी और रुक्सार ने पी भी लिया फिर तेरे अब्बू को वो लोग पैसा दिये 1 लख चोदने का।
मै गुस्सा मे घर गया था
सादिया ...बेटा देखो कभी मुझको भी चुदवा दो अपने दोस्तों से
मै अंदर जाकर देखा तो आज शर्मा जी चोद रहे थे अम्मी जान को
मै बस वहा से उपर चला गया सब मुझको देख भी लिए थे
साम को मैने अब्बू से कहा बताओ अम्मी जान आपके सामने चुद रही हैं और आप चुदवा रहे हो
अब्बू..देख बेटा तेरी अम्मी एक नंबर की चुदड़कड़ हैं मै खुश नही कर पा रहा था अब देख ना तेरी अम्मी कितनी खुश हैं सोच तेरा दोस्त वो अभय और अंकुर तेरी बहन रुक्सार और अम्मी को चोद चोद कर रंडी बना दिये हैं वो लोग हर महीने आते हैं और तेरी अम्मी और बहन रुक्सार को हि नही तेरी खाला और उनकी बेटी सॉफी को भी बहुत बार चोद चुके हैं
मै...अब्बू आप भी ना
अब्बू...ये कुछ भी नही हैं तेरी अम्मी तो अभय और अंकुर से बच्चे भी पैदा करना चाहती थी उनकी इतनी दीवानी हो गयी थी पेट से हो गयी थी पर मैने आबर्सन करावाया ।
फिर।अम्मी ने मुझसे कहा देख असलम मै अब बहुत खुश हु तेरे अब्बू मुझको चोद नही पाते थे पर अब तो मै सेकड़ो लंड खा चुकी हु इस साल तो और तेरी बहन रुक्सार भी सेकड़ो लंड खा चुकी हु।
मै रूम मे जाकर खूब रोया की अम्मी और बहन रुक्सार रंडी बन गयी बाजारू रंडी ।
रोते रोते सोचा की जब अम्मी और रुक्सार को चुदने मे मजा आ रहा हैं तो मै क्यून शर्म करु चुदने देता हु जिससे भी चुदे अम्मी और रुक्सार ।
शाम।को सॉफी आयी थी देखा चूचियाँ एकदम बड़ा बड़ा हो गया था गांड भी फैल गया था।
रुक्सार...अप्पी सॉफी आपकी तो निगाह हो रहा हैं
सॉफी...हा मेरे कॉलेज के दोस्त अकरम से
रुक्सार...अप्पी सॉफी सुहागरात के दिन चिल्ला चिल्ला कर चुदना आप ।
सॉफी क्यून... ताकि जीजू अकरम को लगे की सील उन्होंने हि तोड़ी हैं
ये बात सुनकर् अम्मी अब्बू और सॉफी हसने लगे बस मै नही हसा
सॉफी...अरे असलम तु भी हस ले ना देख ना तेरी बहन रुक्सार कैसी चालक बन गयी हैं देख असलम तेरी अम्मी और रुक्सार को कोई प्रॉब्लम नही हैं तो तु क्यून चिंता कर रहा हैं चुदने दे ना जैसे और जिसके साथ चुदना चाह रहे हैं
तभी शर्मा।अंकल आ जाते हैं और सबके सामने सॉफी की बूब्स पकड़ कर मसलने लगते हैं और बोले सादी कर रही यही साली छिनाल रंडी तु ।
सॉफी....हा
शर्मा जी...चल एक।राउंड चुद जा तु साली
सॉफी...बाजारू रंडी जैसी सबके सामने बोली की मै तो आपके लंड की दीवानी हु हि पर मेरी छोटी बहन नूर तो आपके लंड की इतनी दीवानी हैं की आपके साथ सादी भी करना चाहती हैं वो तो
शर्मा जी... हसते हुए तुझ जैसे बाजारू रंडियो से कौन सादी करेगा कहकर सब हसने लगे ।
तभी 4 लोग और आ गये रमेश , दिनेश ,सत्या अंकल और पंडे जी
सब ने मेरे और अब्बू के सामने अम्मी और रुक्सार का कपड़ा फाड़ कर चोदने लगे और सॉफी भी चुद रही थी
कोई मेरी अम्मी की गांड और चूत मे लंड डाल रहा था कोई चूत मे रुक्सार के और सॉफी को लंड चुदवा रहा था ऐसे ऐसे रात 6 बजे तक अम्मी और बहन रुक्सार और अप्पी सॉफी को सबने बाजारू रंडी के जैसे चोदे कुतिया बनाकर खड़े करके हर एक पोज मे सबने बदल बदल कर अम्मी और बहन रुक्सार और अप्पी सॉफी को चोदे पाचो रगड़ रगड़ कर।चोद रहे थे तीनो को अम्मी और सॉफी को चुदने के दौरान दर्द भी हो रहा था पर बहन रुक्सार आराम से लंड खा रही थी वैसे हि अम्मी और सॉफी को रुला रुला।कर लंड चटवा चटवा कर वो सब ने बहुत चोदा फिर सब अम्मी रुक्सार और सॉफी पर जड़ गये और फिर चलने लगे
तभी सत्या बोला सॉफी की सादी हो रही।हैं
शर्मा जी चलो साली को 10।दिन तक अपने फॉर्म हाउस पर लेकर चलते हैं रोज होनीमून मनाएंगे साली जान तो सके शादी के बाद चुदने का क्या मजा आता हैं
साफी... खुद चल।दी साथ साथ ।
फिर।10 दिन बाद सॉफी आयी एकदम गांड और चौड़ी हो गयी थी।बूब्स लटक रहे थे
इन 10 दिन मे मैने भी सादिया आंटी को चोदा और मेरा दोस्त रफूक को भी सादिया आंटी।को चुदवाया ।
फिर सॉफी अप्पी का निगाह हो गया अकरम के साथ निगाह वाले दिन भी अम्मी खालू से चुद रही थी और रुक्सार अकरम के दोस्त अजय से उछल उछल कर चुद रही थी मै भी अकरम की बहन आयश पर लाइन मार रहा था वो हिजाब मे थी ।
फिर निगाह के बाद सॉफी को हनीमून पर अकरम और उसके 4 दोस्तों ने भी पटक पटक कर चोदे थे ये सॉफी ने हि बताया की मै बस बहुत चिल्ला रही थी जिससे उनको लगा की कुंवारी थी उन लोगो ने सील तोड़ा हैं।
रुक्सार और कुछ
सॉफी...हा मेरी नंद और अम्मी जान ना नौकरो से चुदती हैं
कमलेश और रामु से ।
अम्मी ...हस्ते हुए आह आह तेरी अम्मी।जान को भी चुदवा दु क्या यहा पर
सॉफी...नही नही बड़ी ननद को चुदवा दो वो अभी तक किसी से नही चुदी हैं
अम्मी...मजा आया अकरम के लंड से
सॉफी...अरे बहुत छोटा हैं उनका उसने अच्छा तो मै उगलिया ना कर लु
सब हसने ले अम्मी अब असलम की निगाह करवा दु
सॉफी..मेरी एक दोस्त हैं जैनब उससे करवा दो वो एक अपने बॉयफ्रेंड अरुण से चुदी हैं बस
मै..मै कोई रंडी से निगाह नही करूंगा
सॉफी...अच्छा तेरी अम्मी रंडी और रुक्सार को तो देख हि रहे हो घर पर कभी भी कपड़ा नही पहनती नंगी हि रहती हैं
अम्मी..हा मै अलसम के लिए कोई अच्छी सी पाक लड़की लाएंगे अपने जैसी नही जो बस चूसने के लिए बनी हो
सॉफी.. मेरी बड़ी ननद आलिशा से करवा दो वो बहुत हि साफ हैं और अम्मी जान उसके लिए भी लड़का खोज रही हैए
अम्मी।मान गयी
फिर सॉफी ने बात् करी और फिर मेरा और आलिशा की निगाह हो गया उस निगाह मे भी अम्मी और सॉफी और रुक्सार ने अपने अपने लिए लंड तैयर कर लिए थे वो टेंट वाले ने सब लोग को कुतिया बना कर चोदा था अम्मी और रुक्सार और सॉफी को और सॉफी के।सौाहर के अम्मी भी शामिल थी
फिर।हनीमून को मैने आलिशा को सील तोड़ी मजा आ गया चोद कर मै बहुत खुश था की इतनी सरीफ और पाक लड़की मिली मुझको जिसका मैने सील तोड़ा
मैने अम्मी और रुक्सार को अब घर पर चुदने का पाबंदी लगा दी थी मेरा जॉब लग गया था तो मैने अपने गांव् के बहार एक फॉर्म हाउस ख़रीद् लिया अब उसी मे अम्मी और रुक्सार चुदवाती रहती हैं जिससे मन करता रहता हैं
फिर ऐसे हि मैने आलिशा को 6 महीने तक चोदा फिर पता नही क्यून अब आलिशा को चोदने का मन नही करता था
आलिशा...अम्मी और नंद रोज सुहब हि कहा चाली जाति हैं फॉर्म हीउज़ पर ऐसा क्या होता हैं वहा
मै...बस देखने के लिए जाति हैं
फिर एक महीने और बीत गया
फिर एक दिन कुछ ऐसा हो गया की मै शोक हो गया
कायर पति
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RE: दोस्त हरामी हीं होते है एक पंडित लड़के की कहानी(अम्मी और बहन की चुदाई) - by Crazyman321 - 08-06-2023, 07:49 AM



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