06-06-2023, 11:29 AM
पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे
VOLUME II
बैचलर पार्टी
CHAPTER-3
PART16
आनंद आनंद
इतनी खूबसूरत महिलाओं को एक साथ एक्शन में देखते हुए, मैंने सोचा कि मुझे और मेरी प्रेमिका को भी इस चक्र को पूरा करना चाहिए, और उसे वापस मंच पर ले जाकर, मैंने फिर से मिनी की चुदाई शुरू करने का फैसला किया ।
![[Image: 16a.jpg]](https://i.ibb.co/QCR98CF/16a.jpg)
हम फिर से मंच पर अपने बिस्तर पर बैठ गए, जैसे ही हमने अपनी सीट ली थी, संगीत का एक अनदेखा बैंड बज उठा , सबसे सुंदर और मोहक हवा चल रही थी; एक बड़ा पर्दा, जो कमरे के एक छोर पर फैला हुआ था, ऊपर उठ गया, मंच के ऊपर एक अन्य एक छोटा सुंदर सा मंच प्रदर्शित हुआ जिस पर चार लड़कियां कुछ सबसे उत्तेजक नृत्य करती हुई दिखाई दीं, जो मोहक मुद्राएं दिखा रही थी और अपनी धुंधली स्कर्ट के बीच से अपनी योनी दिखाते हुए,अपने अंदरूनी भागो को झलक दिखा रही थी ।
![[Image: 16a0.jpg]](https://i.ibb.co/6XJg6Hb/16a0.jpg)
मिनी मेरी गोद में बैठी और जितना हो सके मेरे नग्न शरीर के करीब ऐ अपने साथ चिपका लिया मेरी जाँघों पर उसकी चिकनी जाँघे और नितम्ब ठीके हुए थे, मेरी छाती पर उसके उसके बड़े दृढ़ बुलबुल स्तन दबे हुए थे , मेरी गर्दन के चारों ओर उसके बाहे थी, उसका कोमल गाल मेरे गालो से चिपक गया, उसके गुलाबी होंठ मेरे ओंठो से चिपके हुए थे मेरे ओंठो को चूसने लगे , हम दोनों अपनी चारो सेक्स को देख कर कामाग्नि में जलते हुए, उग्र चुंबन कर रहे थे।
![[Image: 16f.jpg]](https://i.ibb.co/khPTyDS/16f.jpg)
कामाग्नि कामतुरो में आग लगाने के लिए पर्याप्त थी लेकिन ये सब शायद पर्याप्त नहीं था मेरे छोटे शैतान ने उसकी जांघों को अलग कर दिया, और मेरी जांघो के बीच अपना हाथ फिसला कर, मिनी ने मेरे लिंग को पकड़ लिया, जो पहले से ही उसकी जांघो को रगड़ कर और योनि के छेद को खोजने की कोशिस कर रहा था ताकि वो जिसमे अपना सिर रख ले या खुद को छिपा ले, और फिर मिनी ने उसे हाथ से उसकी जांघों के बीच खींचकर उसका सिर पहले से गीली योनी के मोटे रसदार होंठों के बीच रखा और लंडमुंड को अप्सराओं के बीच तब तक रगड़ा जब तक कि मैं बहुत उत्साहित न हो गया . तब मैंने उससे कहा कि अगर वह नहीं चाहती कि मैं उसकी जाँघों पर ही स्खलित हो जाऊं तो वह मुझे अंदर जाने दे, क्योंकि अब मैं खुद को और अधिक समय तक रोक नहीं सकता ।
![[Image: 16e.jpg]](https://i.ibb.co/ZTyvH2w/16e.jpg)
यह पाते हुए कि उसने मुझे उस पिच तक पहुँचाया है जो उसके उद्देश्य के अनुकूल है, मिनी ने एक पैर उठाया, और उसे एक धका देते हुए, अपनी योनि को मेरे लंड के ऊपर फेंक नीचे की और दबा दिया, खुद को लंड पर घुमाते हुए, वो अपने गोल, नरम और चिकने पेट को मेरी और लायी और मेरे लंड पर अपनी योनि की नीचे दबा दिया । अब क्रॉस-लेग्ड बैठी होने के कारण, उसने अपने पैर की उंगलियों पर खुद को उठाया, और मेरे कठोर लंड को पकड़कर, लंडमुंड को अपनी योनी में डाल दिया, फिर अपना वजन मुझ पर पड़ने दिया जिससे लंड पूरा अंदर समा गया .
![[Image: 16c.jpg]](https://i.ibb.co/84VWnZ8/16c.jpg)
झटपट। वह इस प्रकार खुद को कई बार ऊपर और नीचे ले गयी , जल्द ही मैं मैं इतना उग्र हो गया कि मुझे लगा की मिनी के पूरी तरह से तैयार होने से पहले मैं ही स्खलित हो जाऊँगा, लेकिन अचानक जैसे कोई जादू हुआ और मिनी भी पूरी त्यार हो गयी और मेरी साथी मिनी भी इस अभियान में किसी भी तरह से मेरे से पीछे नहीं रही थी और उसने मेरे हरेक धक्के को पूरी तरह से मेरे जैसे ही जोरदार उथल-पुथल के साथ लौटा दिया था, मैं भी उसके गर्म कॉमर्स के तरल की गर्मी को महसूस कर रहा था, प्रेम के भंडार के द्वार खुल गए और फिर शुक्राणुओं की बाढ़ आयी प्रेम की ऐसी धारा बहने लगी . जब मैंने स्खलन किया और गर्म रस को उसकी योनी की परतों में भरते हुए महसूस किया तो मिनी ने भी मेरे लंड को अपने रस से भिगो दिया. इस तरह दोनों को रस घुल-मिल गया। हम एक दुसरे को चूमते हुए एक साथ चिपके रहे, लेकिन मेरा लिंग अब स्खलन के बाबजूद सिकुड़ा नहीं था और अपने घोंसले के रसदार सिलवटों के अंदर ही रहा । नए जोश के साथ मिनी मेरे गले लग गयी ।
![[Image: rati1.jpg]](https://i.ibb.co/DfJD8Tv/rati1.jpg)
हमारी आँखे बंद थी मुझे लगा कि अचानक बत्तियाँ बुझ गईं हैं । मुझे एक परिचित महिला की आवाज़ सुनाई दी।
दीपक, बहुत अच्छा ! आनंद आनंद ! आनंद आनंद ! मुझे लगा कि मैं बोल नहीं सकता और ये उसी दिव्य अंगूठी की मालकिन की आवाज है ! उस आवाज़ ने कहा, दीपक! घबराओ मत तुम सुरक्षित हो ।
![[Image: naya1.jpg]](https://i.ibb.co/6yb9sdN/naya1.jpg)
मैं अपनी जगह जम गया था। मैं हिल या बोल नहीं सकता था। आवाज़ वापस आने तक मैं मुश्किल से सोच पा रहा था। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था ।
"चिंता मत करो, तुम सुरक्षित हो!" तभी कमरे में सुनहरी रोशनी हो गई। मेरे सामने वही देवी माया । राजकुमारीयो से बहुत सुंदर खूबसूरत दिव्य 18 साल की चिरयौवना, लेकिन उसके चारों ओर ज्ञान और अनुभव की आभा थी और उसके साथ में राजकुमार की तरह आलोकिक और सुन्दर वही दिव्य काम पुरुष भी था। उन दोनों के शरीर में एकदम सही संतुलन था, देवी के नितम्ब, स्तन, कूल्हे, कमर, सब कुछ पूरी तरह से आनुपातिक थे। आकर्षक साडी और गहने अलंकार और पुष्प धारण किये हुए, बेहद आकर्षक और सुंदर तथा उसकी आवाज़ बहुत नरम थी, चेहरे पर हलकी मुस्कान थी और मैं उस चेहरे से नज़रें नहीं हटा सका। इस सौंदर्य को शब्दों में बयाँ नहीं किया जा सकता। बस एकदम सही। उनकी मीठी आवाज़ को मैं और अधिक सुनना चाहता था।
मैंने मन में कहा " प्रणाम ! मैंने दोनों को प्रणाम किया और सर झुका कर कुछ मन्त्र जाप करने लगा। अमर मुनि जी की असीम कृपासे वही मन्त्र मैं दोहराने लगा ।
ओह, आप एक बार फिर !
सदैव आनंद प्राप्त करो ! " उसने मेरे विचारों को पढ़ते हुए कहा।
"मैं चौंका-? मैंने कभी सोचा नहीं था पुनःआपके दर्शन होंगे ?"
वो दिव्य युगल मुस्कुराया और एक क़दम मेरी ओर बढ़ते हुए बोले । वत्स देखो चारो और किस प्रकार आनंदबिखरा हुआ है .. मैंने देखा तो चारो और पुरुषो में मुझे कामदेवऔर माया देवी का ही अक्स नजर आया ! मैं हैरान था ये सब क्या है ?
आनंद आनंद आज हमे बहुत आनद प्राप्त हुआ है ! "इस अंगूठी का उपयोग करें वत्स ! हमे और आनद दो वत्स .. जैसे इन सब कोआननद मिल रहा है वैसे औरो को बदलेो! वत्स दुनिया पर आनंद बरसाओ ! या रानिवास या हरम बनाऔ! दुनिया को हमारे लिए आनंदमय बनाऔ । ?" दिव्य पुरुष ने कहा । हम तुमसे प्रसन्न हैं वत्स ! आप एक अच्छे और दयालु व्यक्ति हैं। हमारा चुनाव सही था वत्स!
अब इसका और प्रयोग करो और दुनिया को हमारे लिए आनंदमय बनाऔ ।
बहुत अच्छा. जैसी आपकी आज्ञा देव ! मैंने मन में कहा
![[Image: 16b.jpg]](https://i.ibb.co/RbGX94X/16b.jpg)
उन दोनों का चेहरा ख़ुशी से भर गया और वह बोले "पुनः हम तुम्हे याद दिला रहे हैं कि अंगूठी की शक्तियाँ लगभग असीमित हैं; आप जो चाहेंगे या चाह सकते हैं वह हासिल कर सकते हैं, यह अंगूठी अपने मालिक को अपने और दूसरों के भाग्य को नियंत्रित करने की शक्ति देता है, अंगूठी अपने मालिक को शारीरिक, मानसिक और सभी चीजों पर नियंत्रण रखने में सक्षम बनाएगी और जब तक आप इसे पहनते हैं आप युवा रहेंगे।
सुरक्षा उपाय के रूप में इसकी शक्तिया नियंत्रण करने के लिए जो शक्तिया हमने संप्रेषित की थी उनके कारण तुमने अंगूठी के बल पर काबू पाने की शक्तिका सही प्रयोग किया है । तुम्हारे अंदर की दिव्य शक्तिया अब महर्षि की कृपा से जागृत है और तुम्हे जो और भी शकितया शीघ्र हमने और इस अंगूठी ने प्रद्दन की हैं ट्युमने उन्हें संभाल लिया है तथा तुम्हारे अंदर की अन्य दिव्य शक्तिया अंगूठी की सहायता से समय और साधना के साथ-साथ बढ़ती, निखरती और सवरती जा रही है ।"
दिव्य पुरुष (काम) ने जारी रखा अंगूठी ने आपको अपने मालिक के तौर पर आपको दुसरे के दिमाग़ और मन को पढ़ने, नियंत्रित करने और उनके कार्यो को नियंत्रित और निर्देशित काने की लगभग असीमित शक्ति क्षमता प्रदान कर दी है और अन्य लोग आपके आगे पूरी तरह से शक्तिहीन हैं। अब आप किसी भी तरह की सामग्री का रूप से बदलने का अधिकार रखते है । आपके पास किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य, आकार या आकार सहित उसकी शारीरिक स्थिति को बदलने की शक्ति भी है. आपको स्मरण होगा आपने बाबा को ठीक किया था । अब आप अपने या दूसरों के शरीर की किसी भी कार्यक्षमता को बदल सकते हैं, कम कर सकते हैं या उसे आगे बढ़ा सकते हैं और आप द्रव्यमान चीजों के आकार को या उनकी कार्यक्षमता को बदल सकते हैं। सभी इरादे, शक्तियाँ और उद्देश्य केवल आपकी अपनी सरलता और कल्पना से ही सीमित हो जाते हैं और आपके अधीन हो सकते हैं।
इस अंगूठी के मालिक होने के कारण अब आपका आपके शारीरिक यौन कौशल पर पूर्ण नियंत्रण है। अब आपकी यौन इच्छा इतनी बढ़ जाएगी की आप की यौन इच्छा सदैव अतृप्त ही रहेगी। अब आप जब तक चाहें आपके लिंग के स्तम्भन को बनाए रख सकते हैं और जितनी देर तक चाहे सम्भोग कर पाएंगे और स्खलन को रोक पाएंगे और स्खलन के बाद आपका लिंग पुनः स्तम्भन को तत्काल प्राप्त कर पायेगा। आप ये भी नियंत्रित कर सकेंगे कि आप कितना या कितना कम स्खलन करते हैं।
अब आपने इस अंगूठी के माध्यम से इच्छा की शक्तियों पर पूर्ण नियंत्रण प्राप्त कर लिया है और आप की यौन शक्तिया बढ़ गयी है । और अब आपका लिंग की लंबाई और मोटापन उस महिला जिसके साथ आप किसी भी समय होते हैं उसकी योनि की लंबाई और क्षमता के अनुसार परिवर्तनशील हो गया , जिससे बहुत बड़ा लिंग होने के कारण उसे नुक़सान पहुँचाने के जोखिम के बिना उसे पूरी तरह से संतुष्ट कर सकता हूँ ।
अब मुझे समझ आया की जैसे ही मैं अभी मिनी के साथ चार्म पर पहुंचा तो मेरी िंशक्तियो के कारण ही मिनी भी तत्काल प्रभाव से स्खलित हो गयी थी
![[Image: 16d.jpg]](https://i.ibb.co/8mwVfNh/16d.jpg)
photo host
.
मैंने आँखे खोली और मैंने एक बार फिर उस दिव्य युगल को प्रणाम किया और उनके सामने झुक कर उन्हें इस दिव्य शक्ति को मुझे प्रदान करने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने मुझे तुम्हारा कल्याण हो! का आशीर्वाद दिया और आननद आननद ही आनंद बोलकर लुप्त हो गए .
मेरी आँखे बंद ही गयी । मैंने आँखे खोली तो वहाँ अँधेरा था । और फिर अचानक से कमरे का बल्ब जग उठा, मुझे लगा जैसे मैंने कोई सपना देखा है.
![[Image: gif-kis.gif]](https://i.ibb.co/KFxtzRF/gif-kis.gif)
कुछ देर बाद मैंने महसूस किया मिनी मुझे बेतहाशा चूम रही थी और मैंने अपने आँखे खोल दी तो मैंने मिनी की और देखा और उसे बहुत देर तक चूमा . इस कामक्रीड़ा के इस सत्र से उबरने के तुरंत बाद, हमने विशेष तौर पर इसी अवसर के लिए त्यार किये गए मसालेदार चॉकलेट के छोटे कप पिए और अगले सत्र के लिए ऊर्जा और ताकत प्राप्त की ।
कहानी जारी रहेगी
दीपक कुमार
VOLUME II
बैचलर पार्टी
CHAPTER-3
PART16
आनंद आनंद
इतनी खूबसूरत महिलाओं को एक साथ एक्शन में देखते हुए, मैंने सोचा कि मुझे और मेरी प्रेमिका को भी इस चक्र को पूरा करना चाहिए, और उसे वापस मंच पर ले जाकर, मैंने फिर से मिनी की चुदाई शुरू करने का फैसला किया ।
![[Image: 16a.jpg]](https://i.ibb.co/QCR98CF/16a.jpg)
हम फिर से मंच पर अपने बिस्तर पर बैठ गए, जैसे ही हमने अपनी सीट ली थी, संगीत का एक अनदेखा बैंड बज उठा , सबसे सुंदर और मोहक हवा चल रही थी; एक बड़ा पर्दा, जो कमरे के एक छोर पर फैला हुआ था, ऊपर उठ गया, मंच के ऊपर एक अन्य एक छोटा सुंदर सा मंच प्रदर्शित हुआ जिस पर चार लड़कियां कुछ सबसे उत्तेजक नृत्य करती हुई दिखाई दीं, जो मोहक मुद्राएं दिखा रही थी और अपनी धुंधली स्कर्ट के बीच से अपनी योनी दिखाते हुए,अपने अंदरूनी भागो को झलक दिखा रही थी ।
![[Image: 16a0.jpg]](https://i.ibb.co/6XJg6Hb/16a0.jpg)
मिनी मेरी गोद में बैठी और जितना हो सके मेरे नग्न शरीर के करीब ऐ अपने साथ चिपका लिया मेरी जाँघों पर उसकी चिकनी जाँघे और नितम्ब ठीके हुए थे, मेरी छाती पर उसके उसके बड़े दृढ़ बुलबुल स्तन दबे हुए थे , मेरी गर्दन के चारों ओर उसके बाहे थी, उसका कोमल गाल मेरे गालो से चिपक गया, उसके गुलाबी होंठ मेरे ओंठो से चिपके हुए थे मेरे ओंठो को चूसने लगे , हम दोनों अपनी चारो सेक्स को देख कर कामाग्नि में जलते हुए, उग्र चुंबन कर रहे थे।
![[Image: 16f.jpg]](https://i.ibb.co/khPTyDS/16f.jpg)
कामाग्नि कामतुरो में आग लगाने के लिए पर्याप्त थी लेकिन ये सब शायद पर्याप्त नहीं था मेरे छोटे शैतान ने उसकी जांघों को अलग कर दिया, और मेरी जांघो के बीच अपना हाथ फिसला कर, मिनी ने मेरे लिंग को पकड़ लिया, जो पहले से ही उसकी जांघो को रगड़ कर और योनि के छेद को खोजने की कोशिस कर रहा था ताकि वो जिसमे अपना सिर रख ले या खुद को छिपा ले, और फिर मिनी ने उसे हाथ से उसकी जांघों के बीच खींचकर उसका सिर पहले से गीली योनी के मोटे रसदार होंठों के बीच रखा और लंडमुंड को अप्सराओं के बीच तब तक रगड़ा जब तक कि मैं बहुत उत्साहित न हो गया . तब मैंने उससे कहा कि अगर वह नहीं चाहती कि मैं उसकी जाँघों पर ही स्खलित हो जाऊं तो वह मुझे अंदर जाने दे, क्योंकि अब मैं खुद को और अधिक समय तक रोक नहीं सकता ।
![[Image: 16e.jpg]](https://i.ibb.co/ZTyvH2w/16e.jpg)
यह पाते हुए कि उसने मुझे उस पिच तक पहुँचाया है जो उसके उद्देश्य के अनुकूल है, मिनी ने एक पैर उठाया, और उसे एक धका देते हुए, अपनी योनि को मेरे लंड के ऊपर फेंक नीचे की और दबा दिया, खुद को लंड पर घुमाते हुए, वो अपने गोल, नरम और चिकने पेट को मेरी और लायी और मेरे लंड पर अपनी योनि की नीचे दबा दिया । अब क्रॉस-लेग्ड बैठी होने के कारण, उसने अपने पैर की उंगलियों पर खुद को उठाया, और मेरे कठोर लंड को पकड़कर, लंडमुंड को अपनी योनी में डाल दिया, फिर अपना वजन मुझ पर पड़ने दिया जिससे लंड पूरा अंदर समा गया .
![[Image: 16c.jpg]](https://i.ibb.co/84VWnZ8/16c.jpg)
झटपट। वह इस प्रकार खुद को कई बार ऊपर और नीचे ले गयी , जल्द ही मैं मैं इतना उग्र हो गया कि मुझे लगा की मिनी के पूरी तरह से तैयार होने से पहले मैं ही स्खलित हो जाऊँगा, लेकिन अचानक जैसे कोई जादू हुआ और मिनी भी पूरी त्यार हो गयी और मेरी साथी मिनी भी इस अभियान में किसी भी तरह से मेरे से पीछे नहीं रही थी और उसने मेरे हरेक धक्के को पूरी तरह से मेरे जैसे ही जोरदार उथल-पुथल के साथ लौटा दिया था, मैं भी उसके गर्म कॉमर्स के तरल की गर्मी को महसूस कर रहा था, प्रेम के भंडार के द्वार खुल गए और फिर शुक्राणुओं की बाढ़ आयी प्रेम की ऐसी धारा बहने लगी . जब मैंने स्खलन किया और गर्म रस को उसकी योनी की परतों में भरते हुए महसूस किया तो मिनी ने भी मेरे लंड को अपने रस से भिगो दिया. इस तरह दोनों को रस घुल-मिल गया। हम एक दुसरे को चूमते हुए एक साथ चिपके रहे, लेकिन मेरा लिंग अब स्खलन के बाबजूद सिकुड़ा नहीं था और अपने घोंसले के रसदार सिलवटों के अंदर ही रहा । नए जोश के साथ मिनी मेरे गले लग गयी ।
![[Image: rati1.jpg]](https://i.ibb.co/DfJD8Tv/rati1.jpg)
हमारी आँखे बंद थी मुझे लगा कि अचानक बत्तियाँ बुझ गईं हैं । मुझे एक परिचित महिला की आवाज़ सुनाई दी।
दीपक, बहुत अच्छा ! आनंद आनंद ! आनंद आनंद ! मुझे लगा कि मैं बोल नहीं सकता और ये उसी दिव्य अंगूठी की मालकिन की आवाज है ! उस आवाज़ ने कहा, दीपक! घबराओ मत तुम सुरक्षित हो ।
![[Image: naya1.jpg]](https://i.ibb.co/6yb9sdN/naya1.jpg)
मैं अपनी जगह जम गया था। मैं हिल या बोल नहीं सकता था। आवाज़ वापस आने तक मैं मुश्किल से सोच पा रहा था। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था ।
"चिंता मत करो, तुम सुरक्षित हो!" तभी कमरे में सुनहरी रोशनी हो गई। मेरे सामने वही देवी माया । राजकुमारीयो से बहुत सुंदर खूबसूरत दिव्य 18 साल की चिरयौवना, लेकिन उसके चारों ओर ज्ञान और अनुभव की आभा थी और उसके साथ में राजकुमार की तरह आलोकिक और सुन्दर वही दिव्य काम पुरुष भी था। उन दोनों के शरीर में एकदम सही संतुलन था, देवी के नितम्ब, स्तन, कूल्हे, कमर, सब कुछ पूरी तरह से आनुपातिक थे। आकर्षक साडी और गहने अलंकार और पुष्प धारण किये हुए, बेहद आकर्षक और सुंदर तथा उसकी आवाज़ बहुत नरम थी, चेहरे पर हलकी मुस्कान थी और मैं उस चेहरे से नज़रें नहीं हटा सका। इस सौंदर्य को शब्दों में बयाँ नहीं किया जा सकता। बस एकदम सही। उनकी मीठी आवाज़ को मैं और अधिक सुनना चाहता था।
मैंने मन में कहा " प्रणाम ! मैंने दोनों को प्रणाम किया और सर झुका कर कुछ मन्त्र जाप करने लगा। अमर मुनि जी की असीम कृपासे वही मन्त्र मैं दोहराने लगा ।
ओह, आप एक बार फिर !
सदैव आनंद प्राप्त करो ! " उसने मेरे विचारों को पढ़ते हुए कहा।
"मैं चौंका-? मैंने कभी सोचा नहीं था पुनःआपके दर्शन होंगे ?"
वो दिव्य युगल मुस्कुराया और एक क़दम मेरी ओर बढ़ते हुए बोले । वत्स देखो चारो और किस प्रकार आनंदबिखरा हुआ है .. मैंने देखा तो चारो और पुरुषो में मुझे कामदेवऔर माया देवी का ही अक्स नजर आया ! मैं हैरान था ये सब क्या है ?
आनंद आनंद आज हमे बहुत आनद प्राप्त हुआ है ! "इस अंगूठी का उपयोग करें वत्स ! हमे और आनद दो वत्स .. जैसे इन सब कोआननद मिल रहा है वैसे औरो को बदलेो! वत्स दुनिया पर आनंद बरसाओ ! या रानिवास या हरम बनाऔ! दुनिया को हमारे लिए आनंदमय बनाऔ । ?" दिव्य पुरुष ने कहा । हम तुमसे प्रसन्न हैं वत्स ! आप एक अच्छे और दयालु व्यक्ति हैं। हमारा चुनाव सही था वत्स!
अब इसका और प्रयोग करो और दुनिया को हमारे लिए आनंदमय बनाऔ ।
बहुत अच्छा. जैसी आपकी आज्ञा देव ! मैंने मन में कहा
![[Image: 16b.jpg]](https://i.ibb.co/RbGX94X/16b.jpg)
उन दोनों का चेहरा ख़ुशी से भर गया और वह बोले "पुनः हम तुम्हे याद दिला रहे हैं कि अंगूठी की शक्तियाँ लगभग असीमित हैं; आप जो चाहेंगे या चाह सकते हैं वह हासिल कर सकते हैं, यह अंगूठी अपने मालिक को अपने और दूसरों के भाग्य को नियंत्रित करने की शक्ति देता है, अंगूठी अपने मालिक को शारीरिक, मानसिक और सभी चीजों पर नियंत्रण रखने में सक्षम बनाएगी और जब तक आप इसे पहनते हैं आप युवा रहेंगे।
सुरक्षा उपाय के रूप में इसकी शक्तिया नियंत्रण करने के लिए जो शक्तिया हमने संप्रेषित की थी उनके कारण तुमने अंगूठी के बल पर काबू पाने की शक्तिका सही प्रयोग किया है । तुम्हारे अंदर की दिव्य शक्तिया अब महर्षि की कृपा से जागृत है और तुम्हे जो और भी शकितया शीघ्र हमने और इस अंगूठी ने प्रद्दन की हैं ट्युमने उन्हें संभाल लिया है तथा तुम्हारे अंदर की अन्य दिव्य शक्तिया अंगूठी की सहायता से समय और साधना के साथ-साथ बढ़ती, निखरती और सवरती जा रही है ।"
दिव्य पुरुष (काम) ने जारी रखा अंगूठी ने आपको अपने मालिक के तौर पर आपको दुसरे के दिमाग़ और मन को पढ़ने, नियंत्रित करने और उनके कार्यो को नियंत्रित और निर्देशित काने की लगभग असीमित शक्ति क्षमता प्रदान कर दी है और अन्य लोग आपके आगे पूरी तरह से शक्तिहीन हैं। अब आप किसी भी तरह की सामग्री का रूप से बदलने का अधिकार रखते है । आपके पास किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य, आकार या आकार सहित उसकी शारीरिक स्थिति को बदलने की शक्ति भी है. आपको स्मरण होगा आपने बाबा को ठीक किया था । अब आप अपने या दूसरों के शरीर की किसी भी कार्यक्षमता को बदल सकते हैं, कम कर सकते हैं या उसे आगे बढ़ा सकते हैं और आप द्रव्यमान चीजों के आकार को या उनकी कार्यक्षमता को बदल सकते हैं। सभी इरादे, शक्तियाँ और उद्देश्य केवल आपकी अपनी सरलता और कल्पना से ही सीमित हो जाते हैं और आपके अधीन हो सकते हैं।
इस अंगूठी के मालिक होने के कारण अब आपका आपके शारीरिक यौन कौशल पर पूर्ण नियंत्रण है। अब आपकी यौन इच्छा इतनी बढ़ जाएगी की आप की यौन इच्छा सदैव अतृप्त ही रहेगी। अब आप जब तक चाहें आपके लिंग के स्तम्भन को बनाए रख सकते हैं और जितनी देर तक चाहे सम्भोग कर पाएंगे और स्खलन को रोक पाएंगे और स्खलन के बाद आपका लिंग पुनः स्तम्भन को तत्काल प्राप्त कर पायेगा। आप ये भी नियंत्रित कर सकेंगे कि आप कितना या कितना कम स्खलन करते हैं।
अब आपने इस अंगूठी के माध्यम से इच्छा की शक्तियों पर पूर्ण नियंत्रण प्राप्त कर लिया है और आप की यौन शक्तिया बढ़ गयी है । और अब आपका लिंग की लंबाई और मोटापन उस महिला जिसके साथ आप किसी भी समय होते हैं उसकी योनि की लंबाई और क्षमता के अनुसार परिवर्तनशील हो गया , जिससे बहुत बड़ा लिंग होने के कारण उसे नुक़सान पहुँचाने के जोखिम के बिना उसे पूरी तरह से संतुष्ट कर सकता हूँ ।
अब मुझे समझ आया की जैसे ही मैं अभी मिनी के साथ चार्म पर पहुंचा तो मेरी िंशक्तियो के कारण ही मिनी भी तत्काल प्रभाव से स्खलित हो गयी थी
![[Image: 16d.jpg]](https://i.ibb.co/8mwVfNh/16d.jpg)
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मैंने आँखे खोली और मैंने एक बार फिर उस दिव्य युगल को प्रणाम किया और उनके सामने झुक कर उन्हें इस दिव्य शक्ति को मुझे प्रदान करने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने मुझे तुम्हारा कल्याण हो! का आशीर्वाद दिया और आननद आननद ही आनंद बोलकर लुप्त हो गए .
मेरी आँखे बंद ही गयी । मैंने आँखे खोली तो वहाँ अँधेरा था । और फिर अचानक से कमरे का बल्ब जग उठा, मुझे लगा जैसे मैंने कोई सपना देखा है.
![[Image: gif-kis.gif]](https://i.ibb.co/KFxtzRF/gif-kis.gif)
कुछ देर बाद मैंने महसूस किया मिनी मुझे बेतहाशा चूम रही थी और मैंने अपने आँखे खोल दी तो मैंने मिनी की और देखा और उसे बहुत देर तक चूमा . इस कामक्रीड़ा के इस सत्र से उबरने के तुरंत बाद, हमने विशेष तौर पर इसी अवसर के लिए त्यार किये गए मसालेदार चॉकलेट के छोटे कप पिए और अगले सत्र के लिए ऊर्जा और ताकत प्राप्त की ।
कहानी जारी रहेगी
दीपक कुमार