25-05-2023, 11:49 AM
पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे
VOLUME II
बैचलर पार्टी
CHAPTER-3
PART14-A
मंच का नजारा
मेरा लंड एकदम खड़ा और कड़क हो गया था। मैं मिनी की चूचियाँ दबाने लगा और मैंने दस बारह मिनटों तक चूचियों को खूब दबाया। फिर मैं मिनी की चूचियाँ को पीने लगा। चूचियों को पीने से मिनी की हालत और खराब हो गई, मेरा लंड पूरा सख्त हो चूका था तो कैसा भी मंच पर बिस्तर के पास बैठ गई और हमारा खेल देखने लगी। मैं अब मिनी की चूचियों को और कस कर चूसने में लग गया। मिनी ने भी मेरा लंड पकड़ कर सहलाना चालू कर दिया।
मेरा एक हाथ मिनी की चिकनी बुर पर चला गया और मैं उस पर हाथ फ़ेरते हुए बुर को ऊपर से ही मसलता रहा।
मेरी हथेलियों और मिनी के निपल्स के बीच के संपर्क ने स्वाभाविक रूप से मिनी को और अधिक गर्म कर दिया।
मेरे होठों में उसके ओंठ थे और मैं उसे पूरी शिद्दत के साथ चुंबन करते हुए अपने दुसरे हाथ को उसके स्तनों पर घूमते हुए पीठ पर ले जाकर मैंने उसके कामुक नितम्बो को पकड़ा और सहलाना शुरू कर दिया।
जैसे ही मैंने उसके नितम्बो के गालों को अलग करते हुए फैलाया तो मेरे हाथ की उंगलिया हाथ उसकी गांड के छेद को छु गयी । फिर मैंने उसकी गांड के गालों के बीच में और उसकी चूत में एक उंगली खिसका दी। उसकी चूत उस समय बिलकुल गीली हो टपक रही थी।
इस बीच मैंने आवेशपूर्ण चुंबन जारी रखा। मैंने उसके स्तनों को जोर से पकड़ का दबा दिया तो वह कराहने लगी। मैंने उसको मुँह को चूमना बंद कर उसके दाए स्तनों को धीरे से चुनते हुए चाटा और दाए निप्पल को कुतरना शुरू कर दिया।
मेरा मुँह उसके बाएँ निप्पल की ओर बढ़ा और उसे चूसने और कुतरने लगा। वह कराहती रही और मैं दूसरे हाथ उसके दाहिने स्तन को पकड़कर उसे दबाने लगा। मैंने उसके हाथ को अपने लंड की ओर निर्देशित किया और उसे अपनी मर्दानगी का अहसास कराया। उसने मेरे सख्त लंड को पकड़ कर सहलाना शुरू कर दिया फिर मैंने अपना मुँह उसके दूसरे निप्पल पर स्थानांतरित कर दिया, जिसे मैंने जोर से चूसा।
"हे भगवान," वह फुसफुसायी, "यह मेरी कल्पना से बहुत बड़ा और बेहतर है।" उसकी आँखों में वासना थी एकदम नई बुर पूरी गर्म हो चुकी थी, और पूरी तरह से लंड लेने के लिए बेकरार थी। उसने मेरा लंड पकड़ा और अपनी बुर की तरफ़ ले जाने की कोशिश करने लगी। उसने मुझसे कहा-अब जल्दी करो, अब नहीं रहा जा रहा। डाल दो।
मैंने एक बार चारो और देखा, सब हमारी तरफ देख रहे थे । लगभग लड़कियों के हाथ लड़को के लंड रगड़ रहे थे और लड़के लड़कियों के बुर कर स्तनों की सहला रहे थे और हमे देख रहे थे ।
मैंने उसकी चूत को फैलाया, अपनी तर्जनी और मध्यमा उंगलियों का उपयोग करके उसके सख्त और उत्तेजित भगशेफ को उजागर किया और अपना अंगूठे से उसके भगशेफ को रगड़ दिया। मेरा मुंह उसकी जाँघों पर और नीचे चला गया और उसके भगशेफ को सहलाने लगा। मैंने ऊँगली तो अंदर धकेलने की कोशिश की, लेकिन ऐसा नहीं कर सका क्योंकि उसकी योनि बहुत टाइट थी मैंने कुशलता से उसकी भगनासा को फड़फड़ाना शुरू कर दिया। वह जोर-जोर से कराहने लगी।
मैंने उनकी गांड के नीचे एक तकिया लगाया और उसके दोनों टांगों को फ़ैला दिया उसके ऊपर चढ़ गया। मैंने उसकी योनि के ऊपर मैंने लंड एक दो बार घिसा और उसकी योनि के रस को लंड पर लगा कर लंड को चिकना किया अब मेरा कठोर लंड योनि में जाने के लिए तैयार था।
कहानी जारी रहेगी
दीपक कुमार
VOLUME II
बैचलर पार्टी
CHAPTER-3
PART14-A
मंच का नजारा
मेरा लंड एकदम खड़ा और कड़क हो गया था। मैं मिनी की चूचियाँ दबाने लगा और मैंने दस बारह मिनटों तक चूचियों को खूब दबाया। फिर मैं मिनी की चूचियाँ को पीने लगा। चूचियों को पीने से मिनी की हालत और खराब हो गई, मेरा लंड पूरा सख्त हो चूका था तो कैसा भी मंच पर बिस्तर के पास बैठ गई और हमारा खेल देखने लगी। मैं अब मिनी की चूचियों को और कस कर चूसने में लग गया। मिनी ने भी मेरा लंड पकड़ कर सहलाना चालू कर दिया।
मेरा एक हाथ मिनी की चिकनी बुर पर चला गया और मैं उस पर हाथ फ़ेरते हुए बुर को ऊपर से ही मसलता रहा।
मेरी हथेलियों और मिनी के निपल्स के बीच के संपर्क ने स्वाभाविक रूप से मिनी को और अधिक गर्म कर दिया।
मेरे होठों में उसके ओंठ थे और मैं उसे पूरी शिद्दत के साथ चुंबन करते हुए अपने दुसरे हाथ को उसके स्तनों पर घूमते हुए पीठ पर ले जाकर मैंने उसके कामुक नितम्बो को पकड़ा और सहलाना शुरू कर दिया।
जैसे ही मैंने उसके नितम्बो के गालों को अलग करते हुए फैलाया तो मेरे हाथ की उंगलिया हाथ उसकी गांड के छेद को छु गयी । फिर मैंने उसकी गांड के गालों के बीच में और उसकी चूत में एक उंगली खिसका दी। उसकी चूत उस समय बिलकुल गीली हो टपक रही थी।
इस बीच मैंने आवेशपूर्ण चुंबन जारी रखा। मैंने उसके स्तनों को जोर से पकड़ का दबा दिया तो वह कराहने लगी। मैंने उसको मुँह को चूमना बंद कर उसके दाए स्तनों को धीरे से चुनते हुए चाटा और दाए निप्पल को कुतरना शुरू कर दिया।
मेरा मुँह उसके बाएँ निप्पल की ओर बढ़ा और उसे चूसने और कुतरने लगा। वह कराहती रही और मैं दूसरे हाथ उसके दाहिने स्तन को पकड़कर उसे दबाने लगा। मैंने उसके हाथ को अपने लंड की ओर निर्देशित किया और उसे अपनी मर्दानगी का अहसास कराया। उसने मेरे सख्त लंड को पकड़ कर सहलाना शुरू कर दिया फिर मैंने अपना मुँह उसके दूसरे निप्पल पर स्थानांतरित कर दिया, जिसे मैंने जोर से चूसा।
"हे भगवान," वह फुसफुसायी, "यह मेरी कल्पना से बहुत बड़ा और बेहतर है।" उसकी आँखों में वासना थी एकदम नई बुर पूरी गर्म हो चुकी थी, और पूरी तरह से लंड लेने के लिए बेकरार थी। उसने मेरा लंड पकड़ा और अपनी बुर की तरफ़ ले जाने की कोशिश करने लगी। उसने मुझसे कहा-अब जल्दी करो, अब नहीं रहा जा रहा। डाल दो।
मैंने एक बार चारो और देखा, सब हमारी तरफ देख रहे थे । लगभग लड़कियों के हाथ लड़को के लंड रगड़ रहे थे और लड़के लड़कियों के बुर कर स्तनों की सहला रहे थे और हमे देख रहे थे ।
मैंने उसकी चूत को फैलाया, अपनी तर्जनी और मध्यमा उंगलियों का उपयोग करके उसके सख्त और उत्तेजित भगशेफ को उजागर किया और अपना अंगूठे से उसके भगशेफ को रगड़ दिया। मेरा मुंह उसकी जाँघों पर और नीचे चला गया और उसके भगशेफ को सहलाने लगा। मैंने ऊँगली तो अंदर धकेलने की कोशिश की, लेकिन ऐसा नहीं कर सका क्योंकि उसकी योनि बहुत टाइट थी मैंने कुशलता से उसकी भगनासा को फड़फड़ाना शुरू कर दिया। वह जोर-जोर से कराहने लगी।
मैंने उनकी गांड के नीचे एक तकिया लगाया और उसके दोनों टांगों को फ़ैला दिया उसके ऊपर चढ़ गया। मैंने उसकी योनि के ऊपर मैंने लंड एक दो बार घिसा और उसकी योनि के रस को लंड पर लगा कर लंड को चिकना किया अब मेरा कठोर लंड योनि में जाने के लिए तैयार था।
कहानी जारी रहेगी
दीपक कुमार