25-05-2023, 11:11 AM
पड़ोस के दीपक भाईजान-1
नमस्ते दोस्तो, मेरी पिछली कहानी विलेज के मुखिया का बेटा और शहरी छोरी को पढ़ने के लिए और मेल के द्वारा रिप्लाई करने के लिए धन्यवाद।
आज फिर मैं एक नई कहानी लेकर के आयी हूँ। मैं धन्यवाद कहना चाहूंगी मनमोहन जी का जिन्होंने कहानी लिखने में मेरी बहुत मदद की।
आफरीन सलीम
दीपक , नीतू
आफरीन ने हाल ही में अपना 21वाँ जन्मदिन मनाया था। दिखने में लाखों में एक आफरीन की छह महीने पहले ही निगाह हुई थी। 5 फ़ीट 5 इंच लंबी, 34-28-36 एकदम कोक बोतल जैस फिगर, गोरा रंग, घने काले बाल कोई भी जान देने के लिए झट से तैयार हो जाता। उसको भी पता था कि वो कितनी सुंदर है, उसको भी मर्द लोगों का अटेंशन अच्छा लगता था।
सलीम, उसका पति भी उसको बहुत सूट करता था, 27 साल का एक हैंडसम लड़का था। उनकी सेक्स लाइफ भी बहुत अच्छी तरह से चल रही थी। आफरीन बहुत छोटे शहर में पली बढ़ी थी। 10वीं तक पढ़ी आफरीन ने कॉलेज के बेफिक्र जीवन का अनुभव ही नहीं लिया था। सलीम से भी शादी से पहले अकेले में नहीं मिली थी। अपना कौमार्य भी उसने सलीम के साथ सुहागरात में खोया था। उनके घर में सलीम और सासू अम्मी थी। सलीम की बहन की 1 साल पहले शादी हो गई थी। सलीम की अम्मी आफरीन को बेटी की तरह प्यार करती थी; दोनों की आपस में बहुत बनती थीं।
उनका शहर में दो मंजिला बंगला था, ऊपर का फ्लोर दो साल से खाली ही था। सलीम एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करता था, उसकी कंपनी ने उसे दो साल के लिए एक प्रोजेक्ट पे काम करने के लिए अमेरिका भेज दिया, वो आफरीन को साथ नहीं ले जा सकता क्योंकि अम्मी अकेली पड़ जाती। और दोनों को साथ ले जाने की उसे अनुमति नहीं मिली, तो वो अकेला ही चला गया।
आफरीन वैसे ही शर्मीली टाइप की थी, अड़ोस पड़ोस में ज्यादा जान पहचान नहीं थी; सलीम के जाने के बाद वो तो एकदम अकेली पड़ गयी थी।
अमेरिका जाने से पहले सलीम ने अपने ऊपर का फ्लोर एक अन्य धर्म की फैमिली को किराये पे दिया था। वह फैमिली सलीम के जाने के एक हफ्ते बाद रहने को आई थी। दीपक और उसकी पत्नी नीतू। दीपक मजबूत शरीर का साँवले रंग का 45 साल का आदमी था, उसकी हाइट 6 फ़ीट 1 इंच थी। नीतू भी 40 साल की थी, उसका रंग साँवला था, थोड़ी मोटी थी, वो भी आफरीन की तरह घर में ही रहती थी। उनको कोई बच्चा नहीं था। दीपक पास के ही एक फैक्टरी में सुपरवाइजर था। दिपक दिखने में इतना अच्छा नहीं था पर रंगीला किस्म का आदमी था। जब से वो वहाँ रहने आया था तब से आफरीन पर उसकी गंदी नजर थी।
कुछ ही दिनों में आफरीन ने नीतू से जान पहचान बनाई। अब तो वो रोज आफरीन के घर जाकर उसके साथ और उसकी सास के साथ बातें करती। शुरू शुरू में आफरीन उससे ज्यादा बातें नहीं करती थी। पर अकेलेपन की वजह से आफरीन को उसकी बातें अच्छी लगने लगी। कभी कभी आफरीन भी दोपहर को उसके घर पे बाते करने जाने लगी; दोनों मार्केट साथ साथ जाने लगी।
नीतू अब अपने पति के बारे में बहुत बातें करने लगी। उसने आफरीन को यह भी बताया कि दीपक उसके प्रति आकर्षित हो गया है और उसी मूड में वह नीतू को रातभर तंग करता है। कभी कभी तो उसे आफरीन नाम से बुलाते हुए रात भर जगाता है।
आफरीन उसकी बातों को मजाक में ले लेती थी। पर अब उसे अपने बदन पर दिपक की गंदी नजर महसूस होती थी। पहले पहले तो उसे घिन आती थी पर अब उसे अच्छा लगने लगा था, एक अलग ही सुरसुरी होती थी।
आज भी वो दोनों मार्केट गयी थी कि अचानक बारिश हो गयी और दोनों पूरी तरह से भीग गयी। रीतू ने वहाँ से अपने पति को फोन लगाया- डीपक, मैं और आफरीन मार्केट में है और बारिश शुरू हो गई है। हम दोनों भी पूरे भीग गए हैं। प्लीज हमें घर पे छोड़ दो! “ठीक है, मैं 10 मिनट में आया” वह बोला।
दीपक दस मिनट में रिक्शा लेकर वहा पहुँचा। बारिश में भीगा आफरीन का नशीला बदन देखकर मानो जैसे पागल ही हो रहा था। लो कट स्लीव लेस कमाीज़ पहनी आफरीन की सलवार उसके बदन से पूरी चिपकी हुई थी। उसकी पूरी जवानी साफ साफ नजर आ रही थी। ठंड की वजह से उसके निप्पल भी उसके सफेद ब्रा में से दिखाई दे रहे थे। दीपक के ऐसे देखने से आफरीन शर्मा गयी थी। ने तो मानो उसको आँखों से नंगी कर दिया था।
जैसे तैसे आफरीन घर तक पहुँची, फिर दौड़ कर अपने कमरे तक गयी। तभी उसकी सासू अम्मी ने उसको बताया कि कल शाम को उसे अपनी बेटी के घर जाना है, उसकी बेटी के प्रेग्नेंट होने की वजह से। पहले ही पति दूर गया था अब सासू अम्मी भी जा रही है.
सुन कर, अपने घर में उसको अकेले रहना पड़ेगा सोचकर वो थोड़ा घबरा गई।
दूसरे दिन शाम को उसकी सासू अम्मि ’15 दिन बाद आती हूँ.’ बोलकर अपनी बेटी के घर चली गयी।
उसके जाने के बाद आफरीन नीतू के घर यह पूछने गयी कि ‘वह उसके घर रहने के लिए आ सकती है क्या?’ उसके दरवाजा बजाने के बाद दिपक ने दरवाजा खोला और पूछा- अरे आफरीन, तुम कैसे आ गयी हमारे घर! वह आफरीन के आंखों में ऐसे देख रहा था कि जैसे कोई शेर अपने शिकार की तरफ देख रहा हो।
“कुछ नहीं, मुझे जरा नीतू से मिलना था, वह है क्या घर में?” आफरीन ने पूछा। “वो तो घर पर नहीं है, तुम्हें बताया नहीं उसने? वो अपनी मा के गांव गयी है दो दिन के लिए… उसकी मां की तबियत खराब है, उसको कुछ बताना है क्या?” दीपक बोला। “नहीं न… नहीं कुछ काम नहीं था, मेरी सासू अम्मी अपनी बेटी के यहाँ गयी है ना पंद्रह दिन के लिए, तो सोचा रीतू से बात करूँ!”
आफरीन अब नर्वस हो गयी थी। उसकी सास भी घर पर नहीं थी और उसकी पड़ोसन… उसकी खास दोस्त नीतू भी घर पर नहीं थी। अकेले घर पे रात गुजारने के ख्याल से उसे डर लगने लगा था। दीपक ने उसे अंदर बुलाया। आफरीन भी टेंशन में उसको ना नहीं बोली। वह एकदम जेंटलमैन कि तरह पेश आ रहा था।
आफरीन ने भी पिंक कलर की कमाीज़ और मैचिंग सलवार पहना हुआ था। “ दीपक भैया… नीतू घर पर नहीं है… अब आपके लिए खाना कौन बनाएगा?” उसने ऐसे ही पूछ लिया।
“मैं कुछ मंगवा लूंगा बाहर से, मुझे तो चाय भी बनानी नहीं आती, खाना कहा से बनाऊंगा।” सच में तो नीतू तुम्हारी सासू माँ को पूछने वाली थी मेरे खाने के बारे में… पर मैंने ही मना कर दिया, क्योंकि तुम दोनों को तकलीफ होगी!”
उसको आफरीन की सहानुभूति हासिल करनी थी जिसकी वजह से आफरीन उसको अपने घर पर खाने को बुलाये। आफरीन के पास अब कोई रास्ता नहीं बचा था, उसने दीपक को रात के खाने पर बुलाया। दीपक झट से राजी हो गया।
आफरीन अब किचन में खाने की तैयारी करने लगी थी। पंद्रह मिनट बाद घर की बेल बजी। उसने दरवाजा खोला तो सामने दीपक खड़ा था। किचन में काम करते वक्त उसने अपनी कमीज का रुप्पटा कमर में फंसा दिया था जिस वजह से उसकी चूचियाँ साफ साफ दिखाई दे रही थी। उसको बहुत पसीना भी आया हुआ था.
दीपक को देखते ही आफरीन बोली- अरे दीपक भैया… आप आ गए… मैंने अभी खाना बनाना शुरू किया है… अभी आधा घंटा और लगेगा खाना बनाने के लिए! उस पे मुस्कुराते हुए दीपक बोला- कोई बात नहीं, मैं भी घर बैठे बैठे बोर हो रहा था, तो सोचा यहाँ आकर के तुम्हारी मदद कर दूँ!
आफरीन के पास अब कोई रास्ता नहीं बचा था। उसने दीपक को घर के अंदर लिया और किचन में जाते हुए उसको बोली- उसकी कोई जरूरत नहीं, मैं बना लूंगी खाना… आप आराम से टीवी देख लो!
पर उसकी बातों को नजर अंदाज करते दीपक किचन में आ गया, वो खाना बनाने लगी। दीपक उसके साथ बातें करने लगा। कुछ देर के बाद आफरीन को दिपक के साथ बात करना अच्छा लगने लगा। थकान की वजह से उसके शरीर पर रेंगती दीपक की नजर को उसने इग्नोर कर दिया।
खाना परोसते वक्त झुकने पर उसके दिखते हुए उसके गोल स्तनों पे दीपक की नजर अटक गई और परोसने की बाद पीछे मुड़ी आफरीन के गोल गोल नितम्बों को वो आंखें फाड़ कर देख रहा था। दीपक बहुत मुश्किल से अपने आप को कंट्रोल कर रहा था, उसके लंड ने अब उसके पेंट में तंबू बना दिया था।
पूरे टाइम आफरीन के सुंदरता की तारीफ कर रहा था। आफरीन भी अपनी तारीफ सुनकर खुश हो रही थी। “ आफरीन, तुम सुत सलवार में बहुत सुंदर दिखती हो, तुम्हारा पति बहुत लकी है जो उसको तुम्हारे जैसी पत्नी मिली है.
पता नहीं कैसे वो तुम्हें यहाँ छोड़ कर इतनी दूर चला गया। मैं होता तो तुम्हें कभी छोड़ कर नहीं जाता। तुम खाना भी बहुत अच्छा बनाती हो। सच में तुम एक परिपूर्ण स्त्री हो.”
इस पे जरा शर्माते हुए आफरीन बोली- ऐसा नहीं है दीपक भैया… मैं इतनी भी ग्रेट नहीं हूँ! उसकी तारीफ से आफरीन शर्मा कर लाल हो गयी थी। अपने पति के अलावा किसी ने भी उसकी इतनी तारीफ नहीं की थी।
“इतना स्वादिष्ट खाना खिलाने के लिए मैं तुम्हें एक गिफ्ट दे कर थैंक्स बोलना चाहता हूं। पांच मिनट में, मैं तुम्हें घर से लाकर देता हूं, रुको!” ऐसा बोलकर दीपक उठने लगा. तो आफरीन ने उसे रोकते हुए बोली- रहने दो… नहीं… इसकी कोई जरूरत नहीं है दीपक भैय्या! पर उसकी बात पूरी होने से पहले ही दीपक घर से बाहर निकल गया था।
आफरीन थोड़ा कंफ्यूज हो गयी थी और वो क्या गिफ्ट लाता है यह देखने के लिये आतुर भी हो रही थी।
पांच मिनट बाद दीपक वापस आ गया- यह लो तुम्हारे लिए गिफ्ट! बोल कर उसने एक कैरी बैग आफरीन को थमा दी। “क्या है यह?” आफरीन ने पूछा तो वो मुस्कुराते हुए बोला। “खोलो न सरप्राइज है तुम्हारे लिए!”
आफरीन ने बैग से वह गिफ्ट बाहर निकाला, एक सुंदर, महंगी लगभग पारदर्शी स्लीवलेस नाइटी थी। गिफ्ट देख कर सच मैं तो आफरीन को थोड़ा शॉक लगा, उसने अपनी पूरी लाइफ में ऐसे कपड़े नहीं पहने थे। “ दीपक भैया…म…मैं… नहीं ले सकती यह गिफ्ट!” “प्लीज अफरीन मना मत करना! एक बार दुकान में बाहर से देख कर ही मैंने उसे खरीद लिया था। पर नीतू थोड़ी मोटी होने के कारण उसको नहीं आ रही थी, अब तो दुकानदार ने भी इसको वापस लेने से मना कर दिया! दीपक आफरीन को रिक्वेस्ट करने लगा। फिर दीपक अपने ही जोक पर ज़ोरों से हँसने लगा।
आफरीन को रियेक्ट करना मुश्किल हो रहा था, वो भी जोक पे थोड़ी सी मुस्कुरा दी।
“प्लीज आफरीन … ले लो ना… मुझे पता है तुम पर बहुत सुंदर लगेगी। सच तो यह है कि तुम्हारी खूबसूरती की वजह से इस नाइटी की सुंदरता और बढ़ेगी!” दीपक के जरा और जोर देने के बाद आफरीन शर्माते हुए बोली- वैसे तो मैं किसी से कोई गिफ्ट नहीं लेती, पर आप इतना आग्रह कर रहे हो तो…
उसकी बात को बीच में ही तोड़ते हुए दीपक बोला- आफरीन, तुम्हें ऐतराज ना हो तो तुम इसे पहन सकती हो क्या? नीतू ने एक बार ट्राय किया था पर उसे बैठी ही नहीं। मुझे डर है कि उसकी वजह से यह बड़ी नहीं हो गयी हो, और अगर तुम्हें लूज़ हो गयी तो? “अभी नहीं… कल पहन कर आपको बताती हूँ… अभी नहीं!” आफरीन बोली.
पर दीपक को ना सुनने की आदत नहीं थी; उसके और जरा फ़ोर्स करने पर आफरीन राजी हो गयी और नाइटी पहनने के लिए बैडरूम में चली गई, उसने कमीज और सलावर उतारकर उस नाइटी को पहन लिया। नाइटी तो मानो उसके शरीर के नाप से ही बनाई थी; एकदम पतली गुलाबी रंग की नाइटी थी। स्लीव लेस नाइटी में से उसके स्तनों का आकार बिल्कुल साफ साफ दिख रहा था।
वो आईने में अपने आप को देख ही रही थी कि बाहर से दीपक ने दरवाजा खटखटाया और बोला- ठीक से बैठ रही है ना? “अ…ह…हां, बैठ रही है.” उसने हड़बड़ाते हुए बोला। “साइज बराबर है ना?” उसने पूछा। “हां… बराबर है.” आफरीन ने बोला। “मैं देखूँ क्या?” “नहीं… मैं नहीं आ सकती आपके सामने इन कपड़ों में!” वो डरती हुई बोली।
वो उसको ना बोल ही रही थी कि हॉल में रखा उसका मोबाइल बजा। रिंगटोन से उसे पता चला कि उसके पति सलीम का फ़ोन है। ‘ हे अल्लाह … दीपक ने फ़ोन उठाया तो…’ रात के 10 बजे कोई अनजान आदमी अपने घर में है… यह सोचकर ही उसके जिंदगी में भूचाल आ सकता था; वो वैसे ही भागते हुए हॉल में गयी और फ़ोन उठाया। वह अकेली है और उसके साथ सलीम नहीं है इसकी माफी मांगते हुए ही सलीम ने बातें शुरू कर दी। वो अकेली है यह सोचकर सलीम उसके साथ खुलकर बात कर रहा था। उसको चिढ़ा रहा था, उसको पर्सनल सवाल पूछ रहा था।
आफरीन थोड़ा डरते हुए ही पांच मिनट सलीम से बात की; फ़ोन काटने के बाद उसने नोटिस किया कि दीपक उसको भूखे शेर की तरह देख रहा है। “वाह… आफरीन तुम तो पूरी अप्सरा लग रही हो… उस लिंगरीज के विज्ञापन में मॉडल रहती है ना… बिल्कुल वैसे ही लग रही हो तुम!” उसको देखते हुए दीपक बोला।
आफरीन अब ऐसे आदमी के सामने खड़ी थी जो हमेशा से उसको कामुकता भारी नजरों से देखता था।
दीपक आगे बढ़ा और अपना हाथ आफरीन के नंगे कंधों पर रखा- तुम्हारी स्किन कितनी सॉफ्ट है… काश मेरी नीतू की स्किन भी इतनी सॉफ्ट होती तो मजा आ जाता।
Nighty dress me afreen deepak ke samne
नमस्ते दोस्तो, मेरी पिछली कहानी विलेज के मुखिया का बेटा और शहरी छोरी को पढ़ने के लिए और मेल के द्वारा रिप्लाई करने के लिए धन्यवाद।
आज फिर मैं एक नई कहानी लेकर के आयी हूँ। मैं धन्यवाद कहना चाहूंगी मनमोहन जी का जिन्होंने कहानी लिखने में मेरी बहुत मदद की।
आफरीन सलीम
दीपक , नीतू
आफरीन ने हाल ही में अपना 21वाँ जन्मदिन मनाया था। दिखने में लाखों में एक आफरीन की छह महीने पहले ही निगाह हुई थी। 5 फ़ीट 5 इंच लंबी, 34-28-36 एकदम कोक बोतल जैस फिगर, गोरा रंग, घने काले बाल कोई भी जान देने के लिए झट से तैयार हो जाता। उसको भी पता था कि वो कितनी सुंदर है, उसको भी मर्द लोगों का अटेंशन अच्छा लगता था।
सलीम, उसका पति भी उसको बहुत सूट करता था, 27 साल का एक हैंडसम लड़का था। उनकी सेक्स लाइफ भी बहुत अच्छी तरह से चल रही थी। आफरीन बहुत छोटे शहर में पली बढ़ी थी। 10वीं तक पढ़ी आफरीन ने कॉलेज के बेफिक्र जीवन का अनुभव ही नहीं लिया था। सलीम से भी शादी से पहले अकेले में नहीं मिली थी। अपना कौमार्य भी उसने सलीम के साथ सुहागरात में खोया था। उनके घर में सलीम और सासू अम्मी थी। सलीम की बहन की 1 साल पहले शादी हो गई थी। सलीम की अम्मी आफरीन को बेटी की तरह प्यार करती थी; दोनों की आपस में बहुत बनती थीं।
उनका शहर में दो मंजिला बंगला था, ऊपर का फ्लोर दो साल से खाली ही था। सलीम एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करता था, उसकी कंपनी ने उसे दो साल के लिए एक प्रोजेक्ट पे काम करने के लिए अमेरिका भेज दिया, वो आफरीन को साथ नहीं ले जा सकता क्योंकि अम्मी अकेली पड़ जाती। और दोनों को साथ ले जाने की उसे अनुमति नहीं मिली, तो वो अकेला ही चला गया।
आफरीन वैसे ही शर्मीली टाइप की थी, अड़ोस पड़ोस में ज्यादा जान पहचान नहीं थी; सलीम के जाने के बाद वो तो एकदम अकेली पड़ गयी थी।
अमेरिका जाने से पहले सलीम ने अपने ऊपर का फ्लोर एक अन्य धर्म की फैमिली को किराये पे दिया था। वह फैमिली सलीम के जाने के एक हफ्ते बाद रहने को आई थी। दीपक और उसकी पत्नी नीतू। दीपक मजबूत शरीर का साँवले रंग का 45 साल का आदमी था, उसकी हाइट 6 फ़ीट 1 इंच थी। नीतू भी 40 साल की थी, उसका रंग साँवला था, थोड़ी मोटी थी, वो भी आफरीन की तरह घर में ही रहती थी। उनको कोई बच्चा नहीं था। दीपक पास के ही एक फैक्टरी में सुपरवाइजर था। दिपक दिखने में इतना अच्छा नहीं था पर रंगीला किस्म का आदमी था। जब से वो वहाँ रहने आया था तब से आफरीन पर उसकी गंदी नजर थी।
कुछ ही दिनों में आफरीन ने नीतू से जान पहचान बनाई। अब तो वो रोज आफरीन के घर जाकर उसके साथ और उसकी सास के साथ बातें करती। शुरू शुरू में आफरीन उससे ज्यादा बातें नहीं करती थी। पर अकेलेपन की वजह से आफरीन को उसकी बातें अच्छी लगने लगी। कभी कभी आफरीन भी दोपहर को उसके घर पे बाते करने जाने लगी; दोनों मार्केट साथ साथ जाने लगी।
नीतू अब अपने पति के बारे में बहुत बातें करने लगी। उसने आफरीन को यह भी बताया कि दीपक उसके प्रति आकर्षित हो गया है और उसी मूड में वह नीतू को रातभर तंग करता है। कभी कभी तो उसे आफरीन नाम से बुलाते हुए रात भर जगाता है।
आफरीन उसकी बातों को मजाक में ले लेती थी। पर अब उसे अपने बदन पर दिपक की गंदी नजर महसूस होती थी। पहले पहले तो उसे घिन आती थी पर अब उसे अच्छा लगने लगा था, एक अलग ही सुरसुरी होती थी।
आज भी वो दोनों मार्केट गयी थी कि अचानक बारिश हो गयी और दोनों पूरी तरह से भीग गयी। रीतू ने वहाँ से अपने पति को फोन लगाया- डीपक, मैं और आफरीन मार्केट में है और बारिश शुरू हो गई है। हम दोनों भी पूरे भीग गए हैं। प्लीज हमें घर पे छोड़ दो! “ठीक है, मैं 10 मिनट में आया” वह बोला।
दीपक दस मिनट में रिक्शा लेकर वहा पहुँचा। बारिश में भीगा आफरीन का नशीला बदन देखकर मानो जैसे पागल ही हो रहा था। लो कट स्लीव लेस कमाीज़ पहनी आफरीन की सलवार उसके बदन से पूरी चिपकी हुई थी। उसकी पूरी जवानी साफ साफ नजर आ रही थी। ठंड की वजह से उसके निप्पल भी उसके सफेद ब्रा में से दिखाई दे रहे थे। दीपक के ऐसे देखने से आफरीन शर्मा गयी थी। ने तो मानो उसको आँखों से नंगी कर दिया था।
जैसे तैसे आफरीन घर तक पहुँची, फिर दौड़ कर अपने कमरे तक गयी। तभी उसकी सासू अम्मी ने उसको बताया कि कल शाम को उसे अपनी बेटी के घर जाना है, उसकी बेटी के प्रेग्नेंट होने की वजह से। पहले ही पति दूर गया था अब सासू अम्मी भी जा रही है.
सुन कर, अपने घर में उसको अकेले रहना पड़ेगा सोचकर वो थोड़ा घबरा गई।
दूसरे दिन शाम को उसकी सासू अम्मि ’15 दिन बाद आती हूँ.’ बोलकर अपनी बेटी के घर चली गयी।
उसके जाने के बाद आफरीन नीतू के घर यह पूछने गयी कि ‘वह उसके घर रहने के लिए आ सकती है क्या?’ उसके दरवाजा बजाने के बाद दिपक ने दरवाजा खोला और पूछा- अरे आफरीन, तुम कैसे आ गयी हमारे घर! वह आफरीन के आंखों में ऐसे देख रहा था कि जैसे कोई शेर अपने शिकार की तरफ देख रहा हो।
“कुछ नहीं, मुझे जरा नीतू से मिलना था, वह है क्या घर में?” आफरीन ने पूछा। “वो तो घर पर नहीं है, तुम्हें बताया नहीं उसने? वो अपनी मा के गांव गयी है दो दिन के लिए… उसकी मां की तबियत खराब है, उसको कुछ बताना है क्या?” दीपक बोला। “नहीं न… नहीं कुछ काम नहीं था, मेरी सासू अम्मी अपनी बेटी के यहाँ गयी है ना पंद्रह दिन के लिए, तो सोचा रीतू से बात करूँ!”
आफरीन अब नर्वस हो गयी थी। उसकी सास भी घर पर नहीं थी और उसकी पड़ोसन… उसकी खास दोस्त नीतू भी घर पर नहीं थी। अकेले घर पे रात गुजारने के ख्याल से उसे डर लगने लगा था। दीपक ने उसे अंदर बुलाया। आफरीन भी टेंशन में उसको ना नहीं बोली। वह एकदम जेंटलमैन कि तरह पेश आ रहा था।
आफरीन ने भी पिंक कलर की कमाीज़ और मैचिंग सलवार पहना हुआ था। “ दीपक भैया… नीतू घर पर नहीं है… अब आपके लिए खाना कौन बनाएगा?” उसने ऐसे ही पूछ लिया।
“मैं कुछ मंगवा लूंगा बाहर से, मुझे तो चाय भी बनानी नहीं आती, खाना कहा से बनाऊंगा।” सच में तो नीतू तुम्हारी सासू माँ को पूछने वाली थी मेरे खाने के बारे में… पर मैंने ही मना कर दिया, क्योंकि तुम दोनों को तकलीफ होगी!”
उसको आफरीन की सहानुभूति हासिल करनी थी जिसकी वजह से आफरीन उसको अपने घर पर खाने को बुलाये। आफरीन के पास अब कोई रास्ता नहीं बचा था, उसने दीपक को रात के खाने पर बुलाया। दीपक झट से राजी हो गया।
आफरीन अब किचन में खाने की तैयारी करने लगी थी। पंद्रह मिनट बाद घर की बेल बजी। उसने दरवाजा खोला तो सामने दीपक खड़ा था। किचन में काम करते वक्त उसने अपनी कमीज का रुप्पटा कमर में फंसा दिया था जिस वजह से उसकी चूचियाँ साफ साफ दिखाई दे रही थी। उसको बहुत पसीना भी आया हुआ था.
दीपक को देखते ही आफरीन बोली- अरे दीपक भैया… आप आ गए… मैंने अभी खाना बनाना शुरू किया है… अभी आधा घंटा और लगेगा खाना बनाने के लिए! उस पे मुस्कुराते हुए दीपक बोला- कोई बात नहीं, मैं भी घर बैठे बैठे बोर हो रहा था, तो सोचा यहाँ आकर के तुम्हारी मदद कर दूँ!
आफरीन के पास अब कोई रास्ता नहीं बचा था। उसने दीपक को घर के अंदर लिया और किचन में जाते हुए उसको बोली- उसकी कोई जरूरत नहीं, मैं बना लूंगी खाना… आप आराम से टीवी देख लो!
पर उसकी बातों को नजर अंदाज करते दीपक किचन में आ गया, वो खाना बनाने लगी। दीपक उसके साथ बातें करने लगा। कुछ देर के बाद आफरीन को दिपक के साथ बात करना अच्छा लगने लगा। थकान की वजह से उसके शरीर पर रेंगती दीपक की नजर को उसने इग्नोर कर दिया।
खाना परोसते वक्त झुकने पर उसके दिखते हुए उसके गोल स्तनों पे दीपक की नजर अटक गई और परोसने की बाद पीछे मुड़ी आफरीन के गोल गोल नितम्बों को वो आंखें फाड़ कर देख रहा था। दीपक बहुत मुश्किल से अपने आप को कंट्रोल कर रहा था, उसके लंड ने अब उसके पेंट में तंबू बना दिया था।
पूरे टाइम आफरीन के सुंदरता की तारीफ कर रहा था। आफरीन भी अपनी तारीफ सुनकर खुश हो रही थी। “ आफरीन, तुम सुत सलवार में बहुत सुंदर दिखती हो, तुम्हारा पति बहुत लकी है जो उसको तुम्हारे जैसी पत्नी मिली है.
पता नहीं कैसे वो तुम्हें यहाँ छोड़ कर इतनी दूर चला गया। मैं होता तो तुम्हें कभी छोड़ कर नहीं जाता। तुम खाना भी बहुत अच्छा बनाती हो। सच में तुम एक परिपूर्ण स्त्री हो.”
इस पे जरा शर्माते हुए आफरीन बोली- ऐसा नहीं है दीपक भैया… मैं इतनी भी ग्रेट नहीं हूँ! उसकी तारीफ से आफरीन शर्मा कर लाल हो गयी थी। अपने पति के अलावा किसी ने भी उसकी इतनी तारीफ नहीं की थी।
“इतना स्वादिष्ट खाना खिलाने के लिए मैं तुम्हें एक गिफ्ट दे कर थैंक्स बोलना चाहता हूं। पांच मिनट में, मैं तुम्हें घर से लाकर देता हूं, रुको!” ऐसा बोलकर दीपक उठने लगा. तो आफरीन ने उसे रोकते हुए बोली- रहने दो… नहीं… इसकी कोई जरूरत नहीं है दीपक भैय्या! पर उसकी बात पूरी होने से पहले ही दीपक घर से बाहर निकल गया था।
आफरीन थोड़ा कंफ्यूज हो गयी थी और वो क्या गिफ्ट लाता है यह देखने के लिये आतुर भी हो रही थी।
पांच मिनट बाद दीपक वापस आ गया- यह लो तुम्हारे लिए गिफ्ट! बोल कर उसने एक कैरी बैग आफरीन को थमा दी। “क्या है यह?” आफरीन ने पूछा तो वो मुस्कुराते हुए बोला। “खोलो न सरप्राइज है तुम्हारे लिए!”
आफरीन ने बैग से वह गिफ्ट बाहर निकाला, एक सुंदर, महंगी लगभग पारदर्शी स्लीवलेस नाइटी थी। गिफ्ट देख कर सच मैं तो आफरीन को थोड़ा शॉक लगा, उसने अपनी पूरी लाइफ में ऐसे कपड़े नहीं पहने थे। “ दीपक भैया…म…मैं… नहीं ले सकती यह गिफ्ट!” “प्लीज अफरीन मना मत करना! एक बार दुकान में बाहर से देख कर ही मैंने उसे खरीद लिया था। पर नीतू थोड़ी मोटी होने के कारण उसको नहीं आ रही थी, अब तो दुकानदार ने भी इसको वापस लेने से मना कर दिया! दीपक आफरीन को रिक्वेस्ट करने लगा। फिर दीपक अपने ही जोक पर ज़ोरों से हँसने लगा।
आफरीन को रियेक्ट करना मुश्किल हो रहा था, वो भी जोक पे थोड़ी सी मुस्कुरा दी।
“प्लीज आफरीन … ले लो ना… मुझे पता है तुम पर बहुत सुंदर लगेगी। सच तो यह है कि तुम्हारी खूबसूरती की वजह से इस नाइटी की सुंदरता और बढ़ेगी!” दीपक के जरा और जोर देने के बाद आफरीन शर्माते हुए बोली- वैसे तो मैं किसी से कोई गिफ्ट नहीं लेती, पर आप इतना आग्रह कर रहे हो तो…
उसकी बात को बीच में ही तोड़ते हुए दीपक बोला- आफरीन, तुम्हें ऐतराज ना हो तो तुम इसे पहन सकती हो क्या? नीतू ने एक बार ट्राय किया था पर उसे बैठी ही नहीं। मुझे डर है कि उसकी वजह से यह बड़ी नहीं हो गयी हो, और अगर तुम्हें लूज़ हो गयी तो? “अभी नहीं… कल पहन कर आपको बताती हूँ… अभी नहीं!” आफरीन बोली.
पर दीपक को ना सुनने की आदत नहीं थी; उसके और जरा फ़ोर्स करने पर आफरीन राजी हो गयी और नाइटी पहनने के लिए बैडरूम में चली गई, उसने कमीज और सलावर उतारकर उस नाइटी को पहन लिया। नाइटी तो मानो उसके शरीर के नाप से ही बनाई थी; एकदम पतली गुलाबी रंग की नाइटी थी। स्लीव लेस नाइटी में से उसके स्तनों का आकार बिल्कुल साफ साफ दिख रहा था।
वो आईने में अपने आप को देख ही रही थी कि बाहर से दीपक ने दरवाजा खटखटाया और बोला- ठीक से बैठ रही है ना? “अ…ह…हां, बैठ रही है.” उसने हड़बड़ाते हुए बोला। “साइज बराबर है ना?” उसने पूछा। “हां… बराबर है.” आफरीन ने बोला। “मैं देखूँ क्या?” “नहीं… मैं नहीं आ सकती आपके सामने इन कपड़ों में!” वो डरती हुई बोली।
वो उसको ना बोल ही रही थी कि हॉल में रखा उसका मोबाइल बजा। रिंगटोन से उसे पता चला कि उसके पति सलीम का फ़ोन है। ‘ हे अल्लाह … दीपक ने फ़ोन उठाया तो…’ रात के 10 बजे कोई अनजान आदमी अपने घर में है… यह सोचकर ही उसके जिंदगी में भूचाल आ सकता था; वो वैसे ही भागते हुए हॉल में गयी और फ़ोन उठाया। वह अकेली है और उसके साथ सलीम नहीं है इसकी माफी मांगते हुए ही सलीम ने बातें शुरू कर दी। वो अकेली है यह सोचकर सलीम उसके साथ खुलकर बात कर रहा था। उसको चिढ़ा रहा था, उसको पर्सनल सवाल पूछ रहा था।
आफरीन थोड़ा डरते हुए ही पांच मिनट सलीम से बात की; फ़ोन काटने के बाद उसने नोटिस किया कि दीपक उसको भूखे शेर की तरह देख रहा है। “वाह… आफरीन तुम तो पूरी अप्सरा लग रही हो… उस लिंगरीज के विज्ञापन में मॉडल रहती है ना… बिल्कुल वैसे ही लग रही हो तुम!” उसको देखते हुए दीपक बोला।
आफरीन अब ऐसे आदमी के सामने खड़ी थी जो हमेशा से उसको कामुकता भारी नजरों से देखता था।
दीपक आगे बढ़ा और अपना हाथ आफरीन के नंगे कंधों पर रखा- तुम्हारी स्किन कितनी सॉफ्ट है… काश मेरी नीतू की स्किन भी इतनी सॉफ्ट होती तो मजा आ जाता।
Nighty dress me afreen deepak ke samne