05-06-2019, 09:00 PM
धीरे धीरे सब कुछ सामान्य होने लगा लेकिन रीमा के दिमाग में जग्गू के वर्ड किस घंटे की तरह बज रहे थे, उसे जग्गू किसी भी तरह से स्वीकार नहीं था, जग्गू उसके बारे में सोचता था ये सोचकर भी रीमा को उबकाई आ रही थी | उसे जग्गू को सबक सिखाना था | रीमा ने जग्गू के बारे में सब कुछ पता लगाया और सबूतों के साथ कॉलेज के प्रिंसिपल से शिकायत कर दी | शिकायत सही पाई गयी और कॉलेज में ड्रग्स बेचने की आरोप में उसे हमेशा के लिए कॉलेज से निकाल दिया गया | उसके बाप ने कॉलेज मैनेजमेंट के पास जाकर बहुत चिरौरी करी, कॉलेज मैनेजमेंट ने काफी देर बाद जाकर इस बात के लिए राजी हुआ कि अगर शिकायतकर्ता भी इस बाद की सहमती देता है तो कुछ किया जा सकता है | ड्रग्स के आरोप में तो लाइफ टाइम बैन होना ही था | काफी उठापटक और मान मनौउअल के बाद रीमा इस बात पर राजी हुई, की जग्गू की सजा कम कर दी जाये, उसने तरीका मैनेजमेंट पर छोड़ दिया | कॉलेज में रीमा प्रियम की सेकंड गार्डियन के नाम से रजिस्टर थी और इसी बात का उसने फायदा उठाया जग्गू से अपनी खुन्नस निकालने में, हालाँकि रोहित को ये सब बाते पता थी लेकिन रीमा ही मुख्य भूमिका में रही | मैनेजमेंट ने जग्गू और उसके बाप का लिखित माफीनामा लेने के बाद उसका आरोप पत्र में से ड्रग्स को हटा कर अनुशासन हीनता का क्लॉज़ ऐड किया गया, जिससे लाइफ टाइम का बैन एक साल में बदल जाये | अब जग्गू एक साल तक कॉलेज में कदम नहीं रख सकता था |
रीमा की वजह से पुरे कॉलेज में जग्गू के साथ साथ उसके बाप की जो थू थू हुई, जग्गू पर रीमा की हवस का जो बुखार पहले से चढ़ा था वो अब बदले में बदल गया | जग्गू का बाप हरामी तो लेकिन उसे ये भी पता था की सामने वाली पार्टी का सीधे सिक्युरिटी में लिंक है | इसलिए वो कोई पंगे नहीं लेना चाहता था | लेकिन बाप की तरह जग्गू समझदार नहीं था | उसे रीमा को अपनी नजरो में नीचा दिखाने की धुन सवार हो गयी | कॉलेज से निकाले जाने के बाद प्रियम और राजू से भी उसका मिलना कम हो गया | फिर भी वो कोशिश करके मिलने आ ही जाता | रोहित को इससे कोई दिक्कत नहीं थी जब तक प्रियम की पढाई में कोई नुकसान न हो | ड्रग्स को लेकर भी बहुत ज्यादा कठोर नहीं था लेकिन उसे इससे बचा कर रखना भी जरुरी था, इसलिए उसने रीमा का खुलकर साथ दिया था | जग्गू अभी भी जुगाड़ करके कही न कही से ड्रग्स ले ही आता | फिर तीनो की महफ़िल जमती | आखिर एक दिन नशे में धुत होकर जग्गू ने अपने दिल की बात कह ही डाली |
जग्गू - यार प्रियम वो तूने अपनी चाची की एक रिकॉर्डिंग करी थी, बड़ा मन है सुनने का, कहाँ है वो |
प्रियम - कौन सी रिकॉर्डिंग ????
जग्गू - अबे वही लंड चूसने वाली |
प्रियम में नशे में मस्त था - वो तो पता नहीं कहाँ खो गयी |
जग्गू - सालें दुबारा जाकर पानी चाची से लंड चुसवा, मुझे वो रिकॉर्डिंग सुननी है |
प्रियम - अबे तू पागल हो गया है क्या, साले वो बहुत डेंजरस है, मुझे भी नहीं पता था | मै तो उन्हें बहुत सीधे साधी समझता था, उनसे दूर ही रह बेटा, नहीं तो पता नहीं कब गांड मार लेगी |
जग्गू - तेरी मार ली है लगता भोसड़ी के | इतना कहकर जग्गू ठहाके मार मार कर हसने लगा | राजू ने भी जग्गू का साथ दिया | प्रियम को ये मजाक बिलकुल अच्छा नहीं लगा |
जग्गू प्रियम की शक्ल देखकर - लगता है सच में इसकी चाची ने इसकी गांड मार ली बहनचोद | राजू मै हैरान हो सोचकर कैसे एक चूत किसी की गांड मार सकती है |
प्रियम भी झुंझला गया - साले किसी दिन तेरी मार लेगी तो पता चलेगा |
जग्गू की हंसी नहीं रुक रही थी - मारेगी काहे से बीच वाली उंगली से, मिडिल फिंगर का इशारा करके हां हा हा हा हा ह |
प्रियम को भी खुन्नस आ रही थी - साले हंस तो ऐसे रहे हो, कॉलेज से निकलवा दिया तुझे क्या उखाड़ लिया तुमने | रीमा चाची ऐसी ही है बोला न उनसे पंगे लोगो न तो सही बता रहा ऐसी झुका के मारेगी कि दो दिन तक बिस्तर से नहीं उठोगे, तुमारी सारी मर्दानगी तुमारी ही गांड में घुसा देगी, तब समझ में आएगा |
जग्गू को प्रियम की बात गुस्सा आ गया - क्या समझ में आएगा, क्या समझती है वो साली अपने आप को, मुझे कॉलेज से निकलवा दिया तो क्या खुद को दुनिया ऊपर समझने लगी | कुतिया बनाकर उसको न चोदा तो जग्गू मेरा नाम नहीं | साली की चीखे निकाल दूगां औए उनका विडिओ बनाकर पुरे शहर में वायरल कर दूगां | फिर साली की मोटी गाड़ भी मारुगा, तभी कलेजे में ठंडक पड़ेगी |
प्रियम उसको ताना मरता हुआ - अबे तू फेंका कम कर, साला तेरी झोपड़ी की लौंडिया तुझे चोदने नहीं देती और ख्वाब देख रहा है चाची के | साले सोचा वो कर जिसकी गुंजाईश हो |
जग्गू - साले फेंक नहीं रहा हूँ, तेरी चाची को तो मै चोदकर ही रहूगां, उस दिन तेरी चाची की वजह से नूतन की सील तोड़ते तोड़ते रह गया | साला उसकी पैंटी तक उतार दी थी मैंने, लंड पूरी तरह से तन्नाया हुआ था, बस नूतन की गुलाबी चूत में घुसाने को बचा था कि ये मनहूस टपक पड़ी |
राजू - जग्गू यार प्रियम सही कह रहा है, मेरा दिल कहता रीमा चाची से पंगे न ले |
जग्गू - चुप कर साले फट्टू कही के, उसकी चाची है तेरी क्या लगाती है | इसकी चाची को चोदुगाँ तो इसका एक बार को टची होना बनता है |
प्रियम बीच में ही बोल पड़ा - मै काहे को टची होऊंगा |
जग्गू - टची तो तू हो रहा है |
प्रियम - तुझे सही सलाह दे रहा हूँ, बाकि तेरी मर्जी |
जग्गू - लगी १० हजार की, एक महीने में तेरी चाची को चोद के ना दिखाया तो मेरा नाम गांडमारे रख देना |
राजू - सोच ले अच्छे से और रकम 20 हजार होगी और एक साल तक ये माल फ्री लायेगा |
जग्गू जोश जोश में बोल गया - बहनचोदो मंजूर है, साली की गांड भी चोदूगा | बस तुम लोग साथ न छोड़ो | मै प्लान बनाऊंगा |
प्रियम बिना जोश के बोला - मरवाएगा हम सबको |
जग्गू - बहनचोदो तुम लोग ही बैक मार जाते हो | राजू तू बोल |
राजू - मुझे मरना नहीं है, मेरी लाइफ में कोई प्रॉब्लम नहीं, चूत नहीं मिलेगी न सही लेकिन हाथ पाँव तो सही सलामत है |
अगली सुबह सबका नशा उतर गया और टॉपिक ख़त्म हो गया | हालाँकि जब भी तीनो साथ बैठकर माल फूकते थे तो उनका डिस्कशन रीमा पर ही होता था | 20 दिन से ज्यादा बीत गए, जग्गू कुछ ज्यादा कर नहीं पाया था | रोहित भी ऑफिस के काम में बहुत बिजी रहता था, उस प्रियम पर ध्यान देने की लिए टाइम कम मिलता था | इसलिए कई बार शाम को रीमा के यहाँ चली जाती थी और वहीँ डिन्नर बनाती थी | एक दिन रीमा ने प्रियम के पास से ड्रग्स की पुडिया पकड़ ली और बिना किसी सेकंड थॉट के रोहित के ऑफिस से आते ही उसको थमा दी | उस समय तो रोहित कुछ नहीं बोला, लेकिन रीमा के जाने के बाद उसकी जो तुड़ाई हुई है कि उसकी जान निकल गयी | दो दिन कॉलेज नहीं गया लेकिन उसे ये पता चल गया की उसके कमरे में से पुडिया रीमा ने ही निकाल कर दी है, क्योंकि रोहित तो ऑफिस में रहता था इसलिए उसका प्रियम के कमरे में आने का कोई सवाल ही नहीं था | अब तो प्रियम को भी लगता था एक बार रीमा चाची को सबक सिखा ही दिया जाये | अब वो उसके लिए प्रॉब्लम बनती जा रही थी | न चाहते हुए, बेहद ज्यादा डर के बावजूद माल फूकने के बाद रीमा को सबक सिखाने का प्लान बनाने लगे | प्रियम के साथ ये दिक्कत थी अगर वो पकड़ा गया तो रोहित के कहर से बचना मुश्किल है, अभी अभी कुछ दिन पहले ही उसकी अच्छे से मालिश हुई है इसलिए कुछ ऐसा करना होगा जिससे उसके कांड की खबर रोहित तक न पंहुचे |
प्रियम बोला - यार ऐसा कुछ सोचो, जो रीमा चाची मेरे बाप को न बता सके |
राजू - यू मैं हम कुछ एम्बैस्सिंग करे उनके लिए |
जग्गू - एक बार औरत को जमकर चोद दो मोटे लंड से हचक के बिना उसकी मर्जी के | चुदते समय एक बार उसके मुहँ से चीखे और आँखों से आंसू निकल आये समझ लो फिर वो तेरे लंड के सामने खामोश ही रहेगी |
प्रियम - तेरे से नहीं होगा जग्गू तू रहने दे, तू नहीं जानता रीमा चाची को |
जग्गू - तू हमेशा मेरे टैलेंट पर सक क्यों करता है?
राजू - अगर हम रीमा चाची का विडिओ बना ले .............|
प्रियम - यू मैं चुदते समय |
राजू - यस |
प्रियम - मुझे भी लगता है वो इसी तरह काबू में आएगी |
जग्गू - साली कुतिया को चोदूगा मै, तुम विडिओ बनाना राजू |
प्रियम - मेरे डैड दो वीक बाद फोरेन जा रहे है एक महीने के लिए तब तक मै रीमा चाची के कण्ट्रोल में ही रहूगां |
राजू - इसका मतलब जग्गू अपनी शर्त हार गया |
जग्गू - कौन सी शर्त ????
राजू - अबे भूल गया, 20 हजार और साल भर का माल फ्री अगर एक महीने में इसकी चाची को नहीं चोद पाया तो, अब तो सिर्फ चार दिन बचे है |
जग्गू - इन चार दिन में कुछ नहीं हो सकता |
प्रियम हँसने लगा - अपनी बात से पीछे मत हट, तू शर्त हार चूका है | मै डैड के रहते कोई रिस्क नहीं लूगाँ |
राजू - प्लान क्या होगा ????
प्रियम - ज्यादा प्लान मत बना फ़ैल हो जायेगा | तब का तभी देखेगें | मेरी पीठ पर पड़े हर निशान का मुझे बदला लेना है, अब चाहे कुछ भी हो जाये |
रोहित सच में प्रोजेक्ट के काम के लिए विदेश चला गया | प्रियम रीमा के साथ कुछ दिन ही रहेगा, क्योंकि उसकी बुवा लम्बी छुट्टी बिताने यहाँ आ रही थी हालाँकि वो अलग बात है की रोहित के साथ वो वक्त नहीं बिता पायेगी | इसकी वजह से रीमा से ज्यादा प्रियम ने राहत की साँस की थी | प्रियम को अपने साथ रखने पर रीमा को अपनी उन्मुक्त आजादी को त्यागना पड़ता जबकि प्रियम को रीमा के स्कैनर में लाइफ बितानी पड़ती | रोहित के जाने और प्रियम की बुवा के आने के बीच में बस ४ दिन का फर्क था |
पहला दिन शांति से गुजर गया | रीमा और प्रियम में ज्यादा बातचीत भी नहीं हुई | दुसरे दिन तीनो जुगत लगाते रहे आखिर कार प्लान बना ही डाला | कल रीमा ऑफिस से जल्दी घर आने वाली है | वो तीन बजे तक ऑफिस आ जाएगी | प्रियम का काम सारे अपडेट दोनों को देते रहना है | पीछे का दरवाजा खुला रहेगा | जग्गू और राजू दोनों मुहँ ढककर आयेगें | आते ही जग्गू अपनी गन निकल लेगा, पराजू लपककर प्रियम के कमरे का दरवाजा बंद कर देगा | इसके आगे का न उन्होंने सोचा न प्लान करने की जरुरत थी |
अगले तीन रीमा तय समय पर घर पर आ गयी | जग्गू अपने बाप की एक चोरी की खाली गन उठा लाया | रीमा ने आते ही कपड़े बदले, प्रियम का अपडेट लिया और अपने बेडरूम में कोई नावेल पढ़ने चली गयी | प्रियम ने दोनों को मेसेज कर अपडेट दिया | पीछे का दरवाजा प्लान के अनुसार खुला था | जग्गू और दोनों ने जल्दी से मुहँ ढका और बनाये हुए नक्शे के अनुसार घर के अन्दर घुसे | अन्दर घुसते ही जग्गू ने बेड पर पसरी रीमा पर गन तान दी - हिलना मत वरना बेजा उड़ा दूगां |
रीमा के तोअचानक ये देख होश ही उड़ गए | वो नावेल छोड़ बाहर की तरफ भागी कर दिया | इससे पहले बेडरूम से निकल पति, जग्गू ने बमुश्किल उसको कमरे के अन्दर ठेला और बाहर से बेडरूम का दरवाजा बंद कर दिया | राजू ने प्रियम के रूम का दरवाजा बंद किया | राजू भागकर बाहर का गेट बंद करने गया | राजू ने सभी परदे खींच दिए |
रीमा की वजह से पुरे कॉलेज में जग्गू के साथ साथ उसके बाप की जो थू थू हुई, जग्गू पर रीमा की हवस का जो बुखार पहले से चढ़ा था वो अब बदले में बदल गया | जग्गू का बाप हरामी तो लेकिन उसे ये भी पता था की सामने वाली पार्टी का सीधे सिक्युरिटी में लिंक है | इसलिए वो कोई पंगे नहीं लेना चाहता था | लेकिन बाप की तरह जग्गू समझदार नहीं था | उसे रीमा को अपनी नजरो में नीचा दिखाने की धुन सवार हो गयी | कॉलेज से निकाले जाने के बाद प्रियम और राजू से भी उसका मिलना कम हो गया | फिर भी वो कोशिश करके मिलने आ ही जाता | रोहित को इससे कोई दिक्कत नहीं थी जब तक प्रियम की पढाई में कोई नुकसान न हो | ड्रग्स को लेकर भी बहुत ज्यादा कठोर नहीं था लेकिन उसे इससे बचा कर रखना भी जरुरी था, इसलिए उसने रीमा का खुलकर साथ दिया था | जग्गू अभी भी जुगाड़ करके कही न कही से ड्रग्स ले ही आता | फिर तीनो की महफ़िल जमती | आखिर एक दिन नशे में धुत होकर जग्गू ने अपने दिल की बात कह ही डाली |
जग्गू - यार प्रियम वो तूने अपनी चाची की एक रिकॉर्डिंग करी थी, बड़ा मन है सुनने का, कहाँ है वो |
प्रियम - कौन सी रिकॉर्डिंग ????
जग्गू - अबे वही लंड चूसने वाली |
प्रियम में नशे में मस्त था - वो तो पता नहीं कहाँ खो गयी |
जग्गू - सालें दुबारा जाकर पानी चाची से लंड चुसवा, मुझे वो रिकॉर्डिंग सुननी है |
प्रियम - अबे तू पागल हो गया है क्या, साले वो बहुत डेंजरस है, मुझे भी नहीं पता था | मै तो उन्हें बहुत सीधे साधी समझता था, उनसे दूर ही रह बेटा, नहीं तो पता नहीं कब गांड मार लेगी |
जग्गू - तेरी मार ली है लगता भोसड़ी के | इतना कहकर जग्गू ठहाके मार मार कर हसने लगा | राजू ने भी जग्गू का साथ दिया | प्रियम को ये मजाक बिलकुल अच्छा नहीं लगा |
जग्गू प्रियम की शक्ल देखकर - लगता है सच में इसकी चाची ने इसकी गांड मार ली बहनचोद | राजू मै हैरान हो सोचकर कैसे एक चूत किसी की गांड मार सकती है |
प्रियम भी झुंझला गया - साले किसी दिन तेरी मार लेगी तो पता चलेगा |
जग्गू की हंसी नहीं रुक रही थी - मारेगी काहे से बीच वाली उंगली से, मिडिल फिंगर का इशारा करके हां हा हा हा हा ह |
प्रियम को भी खुन्नस आ रही थी - साले हंस तो ऐसे रहे हो, कॉलेज से निकलवा दिया तुझे क्या उखाड़ लिया तुमने | रीमा चाची ऐसी ही है बोला न उनसे पंगे लोगो न तो सही बता रहा ऐसी झुका के मारेगी कि दो दिन तक बिस्तर से नहीं उठोगे, तुमारी सारी मर्दानगी तुमारी ही गांड में घुसा देगी, तब समझ में आएगा |
जग्गू को प्रियम की बात गुस्सा आ गया - क्या समझ में आएगा, क्या समझती है वो साली अपने आप को, मुझे कॉलेज से निकलवा दिया तो क्या खुद को दुनिया ऊपर समझने लगी | कुतिया बनाकर उसको न चोदा तो जग्गू मेरा नाम नहीं | साली की चीखे निकाल दूगां औए उनका विडिओ बनाकर पुरे शहर में वायरल कर दूगां | फिर साली की मोटी गाड़ भी मारुगा, तभी कलेजे में ठंडक पड़ेगी |
प्रियम उसको ताना मरता हुआ - अबे तू फेंका कम कर, साला तेरी झोपड़ी की लौंडिया तुझे चोदने नहीं देती और ख्वाब देख रहा है चाची के | साले सोचा वो कर जिसकी गुंजाईश हो |
जग्गू - साले फेंक नहीं रहा हूँ, तेरी चाची को तो मै चोदकर ही रहूगां, उस दिन तेरी चाची की वजह से नूतन की सील तोड़ते तोड़ते रह गया | साला उसकी पैंटी तक उतार दी थी मैंने, लंड पूरी तरह से तन्नाया हुआ था, बस नूतन की गुलाबी चूत में घुसाने को बचा था कि ये मनहूस टपक पड़ी |
राजू - जग्गू यार प्रियम सही कह रहा है, मेरा दिल कहता रीमा चाची से पंगे न ले |
जग्गू - चुप कर साले फट्टू कही के, उसकी चाची है तेरी क्या लगाती है | इसकी चाची को चोदुगाँ तो इसका एक बार को टची होना बनता है |
प्रियम बीच में ही बोल पड़ा - मै काहे को टची होऊंगा |
जग्गू - टची तो तू हो रहा है |
प्रियम - तुझे सही सलाह दे रहा हूँ, बाकि तेरी मर्जी |
जग्गू - लगी १० हजार की, एक महीने में तेरी चाची को चोद के ना दिखाया तो मेरा नाम गांडमारे रख देना |
राजू - सोच ले अच्छे से और रकम 20 हजार होगी और एक साल तक ये माल फ्री लायेगा |
जग्गू जोश जोश में बोल गया - बहनचोदो मंजूर है, साली की गांड भी चोदूगा | बस तुम लोग साथ न छोड़ो | मै प्लान बनाऊंगा |
प्रियम बिना जोश के बोला - मरवाएगा हम सबको |
जग्गू - बहनचोदो तुम लोग ही बैक मार जाते हो | राजू तू बोल |
राजू - मुझे मरना नहीं है, मेरी लाइफ में कोई प्रॉब्लम नहीं, चूत नहीं मिलेगी न सही लेकिन हाथ पाँव तो सही सलामत है |
अगली सुबह सबका नशा उतर गया और टॉपिक ख़त्म हो गया | हालाँकि जब भी तीनो साथ बैठकर माल फूकते थे तो उनका डिस्कशन रीमा पर ही होता था | 20 दिन से ज्यादा बीत गए, जग्गू कुछ ज्यादा कर नहीं पाया था | रोहित भी ऑफिस के काम में बहुत बिजी रहता था, उस प्रियम पर ध्यान देने की लिए टाइम कम मिलता था | इसलिए कई बार शाम को रीमा के यहाँ चली जाती थी और वहीँ डिन्नर बनाती थी | एक दिन रीमा ने प्रियम के पास से ड्रग्स की पुडिया पकड़ ली और बिना किसी सेकंड थॉट के रोहित के ऑफिस से आते ही उसको थमा दी | उस समय तो रोहित कुछ नहीं बोला, लेकिन रीमा के जाने के बाद उसकी जो तुड़ाई हुई है कि उसकी जान निकल गयी | दो दिन कॉलेज नहीं गया लेकिन उसे ये पता चल गया की उसके कमरे में से पुडिया रीमा ने ही निकाल कर दी है, क्योंकि रोहित तो ऑफिस में रहता था इसलिए उसका प्रियम के कमरे में आने का कोई सवाल ही नहीं था | अब तो प्रियम को भी लगता था एक बार रीमा चाची को सबक सिखा ही दिया जाये | अब वो उसके लिए प्रॉब्लम बनती जा रही थी | न चाहते हुए, बेहद ज्यादा डर के बावजूद माल फूकने के बाद रीमा को सबक सिखाने का प्लान बनाने लगे | प्रियम के साथ ये दिक्कत थी अगर वो पकड़ा गया तो रोहित के कहर से बचना मुश्किल है, अभी अभी कुछ दिन पहले ही उसकी अच्छे से मालिश हुई है इसलिए कुछ ऐसा करना होगा जिससे उसके कांड की खबर रोहित तक न पंहुचे |
प्रियम बोला - यार ऐसा कुछ सोचो, जो रीमा चाची मेरे बाप को न बता सके |
राजू - यू मैं हम कुछ एम्बैस्सिंग करे उनके लिए |
जग्गू - एक बार औरत को जमकर चोद दो मोटे लंड से हचक के बिना उसकी मर्जी के | चुदते समय एक बार उसके मुहँ से चीखे और आँखों से आंसू निकल आये समझ लो फिर वो तेरे लंड के सामने खामोश ही रहेगी |
प्रियम - तेरे से नहीं होगा जग्गू तू रहने दे, तू नहीं जानता रीमा चाची को |
जग्गू - तू हमेशा मेरे टैलेंट पर सक क्यों करता है?
राजू - अगर हम रीमा चाची का विडिओ बना ले .............|
प्रियम - यू मैं चुदते समय |
राजू - यस |
प्रियम - मुझे भी लगता है वो इसी तरह काबू में आएगी |
जग्गू - साली कुतिया को चोदूगा मै, तुम विडिओ बनाना राजू |
प्रियम - मेरे डैड दो वीक बाद फोरेन जा रहे है एक महीने के लिए तब तक मै रीमा चाची के कण्ट्रोल में ही रहूगां |
राजू - इसका मतलब जग्गू अपनी शर्त हार गया |
जग्गू - कौन सी शर्त ????
राजू - अबे भूल गया, 20 हजार और साल भर का माल फ्री अगर एक महीने में इसकी चाची को नहीं चोद पाया तो, अब तो सिर्फ चार दिन बचे है |
जग्गू - इन चार दिन में कुछ नहीं हो सकता |
प्रियम हँसने लगा - अपनी बात से पीछे मत हट, तू शर्त हार चूका है | मै डैड के रहते कोई रिस्क नहीं लूगाँ |
राजू - प्लान क्या होगा ????
प्रियम - ज्यादा प्लान मत बना फ़ैल हो जायेगा | तब का तभी देखेगें | मेरी पीठ पर पड़े हर निशान का मुझे बदला लेना है, अब चाहे कुछ भी हो जाये |
रोहित सच में प्रोजेक्ट के काम के लिए विदेश चला गया | प्रियम रीमा के साथ कुछ दिन ही रहेगा, क्योंकि उसकी बुवा लम्बी छुट्टी बिताने यहाँ आ रही थी हालाँकि वो अलग बात है की रोहित के साथ वो वक्त नहीं बिता पायेगी | इसकी वजह से रीमा से ज्यादा प्रियम ने राहत की साँस की थी | प्रियम को अपने साथ रखने पर रीमा को अपनी उन्मुक्त आजादी को त्यागना पड़ता जबकि प्रियम को रीमा के स्कैनर में लाइफ बितानी पड़ती | रोहित के जाने और प्रियम की बुवा के आने के बीच में बस ४ दिन का फर्क था |
पहला दिन शांति से गुजर गया | रीमा और प्रियम में ज्यादा बातचीत भी नहीं हुई | दुसरे दिन तीनो जुगत लगाते रहे आखिर कार प्लान बना ही डाला | कल रीमा ऑफिस से जल्दी घर आने वाली है | वो तीन बजे तक ऑफिस आ जाएगी | प्रियम का काम सारे अपडेट दोनों को देते रहना है | पीछे का दरवाजा खुला रहेगा | जग्गू और राजू दोनों मुहँ ढककर आयेगें | आते ही जग्गू अपनी गन निकल लेगा, पराजू लपककर प्रियम के कमरे का दरवाजा बंद कर देगा | इसके आगे का न उन्होंने सोचा न प्लान करने की जरुरत थी |
अगले तीन रीमा तय समय पर घर पर आ गयी | जग्गू अपने बाप की एक चोरी की खाली गन उठा लाया | रीमा ने आते ही कपड़े बदले, प्रियम का अपडेट लिया और अपने बेडरूम में कोई नावेल पढ़ने चली गयी | प्रियम ने दोनों को मेसेज कर अपडेट दिया | पीछे का दरवाजा प्लान के अनुसार खुला था | जग्गू और दोनों ने जल्दी से मुहँ ढका और बनाये हुए नक्शे के अनुसार घर के अन्दर घुसे | अन्दर घुसते ही जग्गू ने बेड पर पसरी रीमा पर गन तान दी - हिलना मत वरना बेजा उड़ा दूगां |
रीमा के तोअचानक ये देख होश ही उड़ गए | वो नावेल छोड़ बाहर की तरफ भागी कर दिया | इससे पहले बेडरूम से निकल पति, जग्गू ने बमुश्किल उसको कमरे के अन्दर ठेला और बाहर से बेडरूम का दरवाजा बंद कर दिया | राजू ने प्रियम के रूम का दरवाजा बंद किया | राजू भागकर बाहर का गेट बंद करने गया | राजू ने सभी परदे खींच दिए |