22-05-2023, 11:55 AM
(This post was last modified: 22-05-2023, 12:01 PM by Wilson. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
Update-4
हम लोग पैदल ही एक घण्टा घूमे और फ़िर करीब नौ बजे एक चाईनीज रेस्तराँ में खाना खाकर दस बजे तक घर आ गए। थोड़ी देर टीवी देखने के बाद करीब 11 बजे सानिया अपने कमरा में और मैं अपने कमरा में सोने चले गए। सानिया के बारे में सोचते सोचते बड़ी देर बाद मुझे नींद आई।
अगले दिन करीब छः बजे सानिया ने मुझे जगाया, वो सामने चाय लेकर खड़ी थी। मेरे दिमाग में पहला ख्याल आया कि आज का दिन अच्छा हो गया, उसकी सलोनी सूरत देख कर।
हमने साथ चाय पी। वो तब मेरे बिस्तर पे बैठी थी। उसने एक नाईटी पहनी हुई थी जो उसके घुटने से थोड़ा नीचे तक थी। रेडीमेड होने के कारण थोड़ा लूज थी, और उसके ब्रा के स्टैप्स दिख रहे थे। आज उसे साढ़े आठ बजे निकलना था, सो वो बोली-‘आप बाथरूम से हो लीजिए, तब मैं भी नहा लूँगी, आज थोड़ा पहले जाना है।
मैं जब बाथरूम से बाहर आया तो देखा कि उसने मेरा बिस्तर ठीक कर दिया है और अपने कपड़े हाथ में लेकर मेरे बेड पर बैठी है।
जब वो बाथरूम की तरफ़ जाने लगी तब मैंने छेड़ते हुए कहा- आज भी अपना 41 ग्राम छोड़ देना।
वो यह सुन जोर से बोली- छीः! और हल्के से हँसते हुए बाथरूम का दरवाजा बन्द कर लिया।
मैं बाहर बैठ पेपर पढ़ रहा था, जब वो बोली-‘मैं जा रही हूँ चाचू, करीब एक बजे लौटूँगी, मेरा लंच बनवा दीजिएगा, नस्ता मैं कैंटीन में कर लूँगी।
मैं उसको कसे पीले सलवार कुर्ते में जाते देखता रहा, जब तक वो दिखती रही। उसकी सुन्दर सी गांड हल्के हल्के मटक रही थी।
थोड़ी देर में मेरी नौकरानी मैरी आ गई और अपना काम करने लगी, मैं भी तैयार होने बाथरूम में आ गया।
मुझे थोड़ा शक था कि आज शायद मुझे ब्रा-पैन्टी ना दिखे, पर मेरी खुशी का ठिकाना न रहा जब मैंने देखा कि आज फ़िर उसने अपनी ब्रा-पैन्टी धो कर कल की तरह ही जमीन पर छोड़ दी है।
कल शायद उससे गलती से छूट गया था, पर आज के लिए मैं पक्का था कि उसने जान-बूझ कर छोड़ा है।
मुझे लगने लगा कि यह साली पट सकती है।
मैंने आज फ़िर उसकी पैन्टी लंड पे लपेट मूठ मारी और माल उसके पैन्टी में डाल दिया। यह वाली पैन्टी कल वाली से भी पुरानी थी, और उसमें भी दो-एक छोटे छेद थे। पर मुझे मजा आया। मैंने अपने माल से लिपटी पैन्टी को ब्रा के साथ सूखने को डाल दिया।
हम लोग पैदल ही एक घण्टा घूमे और फ़िर करीब नौ बजे एक चाईनीज रेस्तराँ में खाना खाकर दस बजे तक घर आ गए। थोड़ी देर टीवी देखने के बाद करीब 11 बजे सानिया अपने कमरा में और मैं अपने कमरा में सोने चले गए। सानिया के बारे में सोचते सोचते बड़ी देर बाद मुझे नींद आई।
अगले दिन करीब छः बजे सानिया ने मुझे जगाया, वो सामने चाय लेकर खड़ी थी। मेरे दिमाग में पहला ख्याल आया कि आज का दिन अच्छा हो गया, उसकी सलोनी सूरत देख कर।
हमने साथ चाय पी। वो तब मेरे बिस्तर पे बैठी थी। उसने एक नाईटी पहनी हुई थी जो उसके घुटने से थोड़ा नीचे तक थी। रेडीमेड होने के कारण थोड़ा लूज थी, और उसके ब्रा के स्टैप्स दिख रहे थे। आज उसे साढ़े आठ बजे निकलना था, सो वो बोली-‘आप बाथरूम से हो लीजिए, तब मैं भी नहा लूँगी, आज थोड़ा पहले जाना है।
मैं जब बाथरूम से बाहर आया तो देखा कि उसने मेरा बिस्तर ठीक कर दिया है और अपने कपड़े हाथ में लेकर मेरे बेड पर बैठी है।
जब वो बाथरूम की तरफ़ जाने लगी तब मैंने छेड़ते हुए कहा- आज भी अपना 41 ग्राम छोड़ देना।
वो यह सुन जोर से बोली- छीः! और हल्के से हँसते हुए बाथरूम का दरवाजा बन्द कर लिया।
मैं बाहर बैठ पेपर पढ़ रहा था, जब वो बोली-‘मैं जा रही हूँ चाचू, करीब एक बजे लौटूँगी, मेरा लंच बनवा दीजिएगा, नस्ता मैं कैंटीन में कर लूँगी।
मैं उसको कसे पीले सलवार कुर्ते में जाते देखता रहा, जब तक वो दिखती रही। उसकी सुन्दर सी गांड हल्के हल्के मटक रही थी।
थोड़ी देर में मेरी नौकरानी मैरी आ गई और अपना काम करने लगी, मैं भी तैयार होने बाथरूम में आ गया।
मुझे थोड़ा शक था कि आज शायद मुझे ब्रा-पैन्टी ना दिखे, पर मेरी खुशी का ठिकाना न रहा जब मैंने देखा कि आज फ़िर उसने अपनी ब्रा-पैन्टी धो कर कल की तरह ही जमीन पर छोड़ दी है।
कल शायद उससे गलती से छूट गया था, पर आज के लिए मैं पक्का था कि उसने जान-बूझ कर छोड़ा है।
मुझे लगने लगा कि यह साली पट सकती है।
मैंने आज फ़िर उसकी पैन्टी लंड पे लपेट मूठ मारी और माल उसके पैन्टी में डाल दिया। यह वाली पैन्टी कल वाली से भी पुरानी थी, और उसमें भी दो-एक छोटे छेद थे। पर मुझे मजा आया। मैंने अपने माल से लिपटी पैन्टी को ब्रा के साथ सूखने को डाल दिया।