22-05-2023, 11:37 AM
(This post was last modified: 22-05-2023, 11:38 AM by Wilson. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
update-3
शाम को करीब सात बजे मैं घर आया, सानिया बैठ कर टीवी देख रही थी। उसने ही मुझे चाय बना कर दी।
हम दोनों साथ चाय पी रहे थे, जब मैंने कहा- तैयार हो जाओ सानिया, आज बाहर ही खाएंगे!
खुशी उसके चेहरे पर झलक गई और मैं उसके उस सलोने से चेहरे से नजर हटा न पाया।
हम लोग इधर-उधर की बात कर रहे थे, तभी उसे ख्याल आया, बोली- सॉरी चाचा, आज आपके बाथरूम में गलती से मेरे कपड़े रह गए। असल में मेरे जाने के बाद अम्मी जब सारे घर को ठीक करती है, तो वो यह सब भी कर देती है। कल से ऐसा नहीं होगा।
उसके चेहरे पे सारी दुनिया की मासूमियत थी।
मैंने भी प्यार से कहा- अरे, कोई बात नहीं बेटा, मुझे कोई परेशानी नहीं हुई। तुम तो धो कर गई ही थी, मैंने तो सिर्फ़ सूखने के लिए तार पर डाल दिया।
फ़िर थोड़ी शरारत मन में आई तो कह दिया- वैसे भी तुम तो खुद दस किलो की हो, तो तुम्हारी ब्रा-पैन्टी तो 10 ग्राम से ज्यादा नहीं होनी चाहिए न। उसको सूखने डालने में कोई मेहनत तो करना नहीं पड़ा मुझे।
उसने अपनी बड़ी-बड़ी आँखों को गोल-गोल नचाया- पूरे 41 किलो हूँ मैं!
मैंने तड़ से जड़ दिया- ठीक है, फ़िर तो मैं सुधार कर देता हूँ, फ़िर 41 ग्राम होगी ब्रा-पैन्टी?
वो मुस्कुरा कर बोली- मेरा मजाक बना रहे हैं, मैं तैयार होने जा रही हूँ।
और वो अपने कमरे में चली गई, मैं अपने कमरे में।
कोई आधे घण्टे बाद हम घर से निकले। सानिया ने एक गहरे हरे रंग की कैप्री और गुलाबी टॉप पहनी थी। बालों को थोड़ा ऊपर उठा पैनीटेल बनाया था, पैर में बिना मोजा रीबॉक के जूते।
मैं उसकी खूबसूरती पर मुग्ध था।
शाम को करीब सात बजे मैं घर आया, सानिया बैठ कर टीवी देख रही थी। उसने ही मुझे चाय बना कर दी।
हम दोनों साथ चाय पी रहे थे, जब मैंने कहा- तैयार हो जाओ सानिया, आज बाहर ही खाएंगे!
खुशी उसके चेहरे पर झलक गई और मैं उसके उस सलोने से चेहरे से नजर हटा न पाया।
हम लोग इधर-उधर की बात कर रहे थे, तभी उसे ख्याल आया, बोली- सॉरी चाचा, आज आपके बाथरूम में गलती से मेरे कपड़े रह गए। असल में मेरे जाने के बाद अम्मी जब सारे घर को ठीक करती है, तो वो यह सब भी कर देती है। कल से ऐसा नहीं होगा।
उसके चेहरे पे सारी दुनिया की मासूमियत थी।
मैंने भी प्यार से कहा- अरे, कोई बात नहीं बेटा, मुझे कोई परेशानी नहीं हुई। तुम तो धो कर गई ही थी, मैंने तो सिर्फ़ सूखने के लिए तार पर डाल दिया।
फ़िर थोड़ी शरारत मन में आई तो कह दिया- वैसे भी तुम तो खुद दस किलो की हो, तो तुम्हारी ब्रा-पैन्टी तो 10 ग्राम से ज्यादा नहीं होनी चाहिए न। उसको सूखने डालने में कोई मेहनत तो करना नहीं पड़ा मुझे।
उसने अपनी बड़ी-बड़ी आँखों को गोल-गोल नचाया- पूरे 41 किलो हूँ मैं!
मैंने तड़ से जड़ दिया- ठीक है, फ़िर तो मैं सुधार कर देता हूँ, फ़िर 41 ग्राम होगी ब्रा-पैन्टी?
वो मुस्कुरा कर बोली- मेरा मजाक बना रहे हैं, मैं तैयार होने जा रही हूँ।
और वो अपने कमरे में चली गई, मैं अपने कमरे में।
कोई आधे घण्टे बाद हम घर से निकले। सानिया ने एक गहरे हरे रंग की कैप्री और गुलाबी टॉप पहनी थी। बालों को थोड़ा ऊपर उठा पैनीटेल बनाया था, पैर में बिना मोजा रीबॉक के जूते।
मैं उसकी खूबसूरती पर मुग्ध था।