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Thriller काफिर मर्द से चुदकर सुरु हुयी अम्मी की चुदाई का सफर
#4
तो उनकी दाढी से अम्मी को एक ही उत्तेजना हो रही थी फिर पंडित घुटने के बल बैठकर अम्मी के पेट को चुमते हुए नाभी को चाटने लगे जिससे अम्मी गर्म होकर पंडित साहब के सिर के बाल पकड कर खिचने लगी उनकी गर्मी देखकर पंडित साहब ने जल्दी से सलवार का नाडा एक झटके मे खोलकर अम्मी को नंगा कर दिया अचानक नंगी होने पर अम्मी ने शर्म के मारे अपने हाथो से अपने मुह को छुपा लिया मगर आज अम्मी ने अपनी चुत को साफकर के काले रंग की चड्डी डाली थी जिसे पंडित साहब ने सुघते हुए नीचे कर दिया अब अम्मी बिलकुल नंगी थी पंडित साहब धीरे धीरे अपनी मालिक की बेटी की चुत की सील खोलने की तरफ बढ रहै थे!

पंडित साहब ने पास मै रखी घी की कटोरी मै अपनी दो उंगली डालकर एक उंगली अम्मी की चुत मै डाल दी जिससे अम्मी ने अपने मुह से हाथ उठाकर पंडित साहब के सिर पर रखकर उनके बाल खीच लिये जोर से अम्मी अचानक हुए इस हमले से थोडा हडबडा गयी थी मगर पंडित साहब मझे हुए खिलाडी थे उन्होने तुरत एक हाथ अम्मी के बोबो पर रखकर उनके बोबो को दबाना शुरू कर दिया था जिससे अम्मी की उत्तेजना बढने लगे दो मिनट बाद जब एक उंगली आराम से चुत मे अंदर बाहर होने लगी तो उन्होने दूसरी उंगली डाल दी जिससे अम्मी ने अपने होटो को अपने दात से काटकर अपना दर्द छिपा लिया दो मिनट उंगली करने पर अम्मी की गर्मी शरीर से बाहर निकलने वाली हो गयी थी ओर फिर अम्मी का जिस्म अकडने लगा अम्मी को पसीने आने लगे ओर जब कामरस आने को हुआ तो अम्मी कहने चाचा मुझे मेरा मुत निकल रहा है क्या करू मै तो पंडित साहब ने ये मुत नही ये दूध आ रहा है!

अभी दिखाता हू आने दे फिर अम्मी ने पंडित साहब के बाल जोर से पकड लिये उधर पंडित साहब ने अपनी उंगली की स्पीड बढा ली ओर अम्मी के कामरस से पंडित साहब का हाथ भर गया ओर अम्मी की जांघो पर फैल गया पंडित साहब कामरस की खुशबु लेते हुए उसे चाटने लगे जिसे देखकर अम्मी ने कहा चाचाजी ये गंदी है​ तो पंडित साहब ने कहा ये जन्नत है मेरी रानी अम्मी का कामरस निकलते ही अम्मी थककर चारपाई पर बैठ गयी थी पंडित साहब फिर अम्मी के पास बैठकर अपना पानी कुर्ता उतारकर सामने वाली चारपाई पर फैककर लेट गये ओर अम्मी को पकडकर अपने पास सुला लिया!

उन्होने अम्मी के सिर को अपने बाजु पर रखकर आमने सामने मुह कर लिया ओर गालो पर किस करके पूछने लगे मजा आया क्या दूध निकलने पर तो अम्मी ने कहा बहुत मजा आया तो पंडित साहब ने ये तो शुरुआत है इससे ज्यादा मजा भी आता है चुदाई मै तो अम्मी कहने लगी चुदाई मै बहुत दर्द होता है मैने सुना है तो पंडित साहब ने जब उंगली की तब कितना दर्द हुआ था उतना ही चुदाई मै होगा पंडित साहब बाते करते करते गांड सहला रहै थे ओर उससे अम्मी फिर से गर्म हो रही थी अम्मी उनकी सीने से मुह छिपाकर लिपटी हुई थी पंडित साहब ने अब धीरे से अपने धोती का नाडा खोलकर बिना आवाज कीये नीचे कर दिया ओर चुपचाप मम्मी के हाथ को पकडकर अपने लंड पर रखकर दिया!
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RE: काफिर मर्द से चुदकर सुरु हुयी अम्मी की चुदाई का सफर - by Fatimakhan - 09-05-2023, 03:09 PM



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