09-05-2023, 02:49 PM
मेरा नाम है फारुख अंसारी मै एक सरीफ घर का लड़का हु और
सबसे पहले मे अपना ओर अपने परिवार का परिचय करवाता हू आप सबको ये कहानी मेरे परिवार की ओर मेरी है
सबसे पहले मे अपना ओर अपने परिवार का परिचय करवाता हू आप सबको ये कहानी मेरे परिवार की ओर मेरी है
मेरे परिवार मै हम अब मेरी बेगम दो बच्चो ओर अम्मी अब्बू सहित 6 सदस्य है मेरी 1 बहन भी है जो शादीशुदा है
कहानी की नायिका मेरी चुदासी अम्मी है जिसने अबतक सैकडो तरह तरह के लंड खाए है ओर भी वो चुदने के लिए बेताब रहती है अम्मी की पहली चुदाई से मै ये कहानी शुरू कर रहा हू जिसमे मेरी अम्मी अपने ससुर बेटे के अलावा जितने लंड खाए है उनकी दास्तान सुनने को मिलेगी
मेरे पूरे कॉलेजी दोस्त ओर फैमली ड्राइवर मुकेश के साथ मेरी अम्मी ने चुदाई के समय मुझे बताई है ये कहानी मेरी अम्मी की है जिनकी उम्र आज 57 साल है ओर उनके शरीर का साइज 40 के बूब्स ओर उनकी गांड 95 की भरी हुई है उनकी लबाई 5.6 है रंग बिलकुल गोरा है आज भी अम्मी सेक्स मै लाजवाब है
मेरी अम्मी अपने परिवार मे भाई बहनो मे सबसे बडी थी मेरे नानाजी एक ट्रको का बिजनेस था अक्सर वो बाहर रहते थे नानाजी खेती का काम करती थी ओर मेरी मम्मी जो अपने भाई बहनो का काम ओर घर के कामकाज के लिए घर पर रहती थी घर पर ट्रको के ड्राइवर आते जाते रहते थे उनमे से एक कौशल पंडित साहब मेने उन्हे देखा नही मगर जब भी पंडित साहब की बात आती है तो अम्मी की आंखो मे आज भी चमक आ जाती है अम्मी जब 19 साल की थी तब अम्मी की पहली चुदाई पंडित साहब ने की उस दिन सुबह से आंधी चल रही थी ओर पंडित साहब को नानीजी ने वही रूकने को ओर नानाजी बाहर थे गांव मै खाना समय से हो जाता है
तो अम्मी ने अपने सभी भाई बहन को सुलाकर नानीजी को दूध दे दिया ओर नानीजी ने उन्हे पंडित साहब के कमरे मै दूध देने भेज दिया अम्मी दूध लेकर कमरे मै गयी ओर उनको दूध लेकर कमरे मे गयी ओर मोमबत्ती के उजाले मै दूध दिया तो पंडित साहब ने पूछा बच्चे कहा है तो अम्मी ने कहा बच्चे सो गये है तो कहने लगे आज कहानी नही सुननी तो अम्मी ने कहा अम्मी से पूछकर आती हू ओर नानीजी ने कहा सुनकर कमरे मे आकर सो जाना मे सो रही सुबह जल्दी उठकर खेत जाना है तुम सुबह रोटी बनाकर खेत मै आ जाना मेरी रोटी लेकर फिर अम्मी पंडित साहब के पास जाकर कहानी सुनने लगती है तो पंडित साहब ने अम्मी को कहा आ जाओ मेरी चारपाई पर आकर सुन लो ओर मोमबत्ती को बुझा दो
अम्मी पंडित साहब के पास जाकर लेट गयी कहानी सुनने पंडित साहब की उम्र 35 साल की थी ओर अम्मी 19 की जवान गांव की लडकीयो का शरीर शहर की लडकीयो की तुलना मे ज्यादा मजबूत ओर विकसित होता है पंडित साहब कहानी सुनाते सुनाते अम्मी के बोब्स दबाते हुए मजाक करने लगे ओर मेरी अम्मी ने कहा ये क्या कर रहै तो चाचाजी तो कहा देख रहा तेरी चाची से बडे है या छोटे तो अम्मी ने पूछा बताओ बडे है या छोटे तो कहा खोलने पर ही पता लगेगा दबाने से पता नही लगा लग तो छोटे छोटे ही रहै है तो अम्मी ने कहा सुबह देख लेना अब मै जा रही हू सोने तो पंडित साहब ने कहा यही सो जाओ तो अम्मी वही सो गयी सोने के बाद जब पंडित साहब ने बूब्स दबाए तो अम्मी गर्म हो गयी ओर पहली बार अम्मी का कामरस उनकी कुवारी चुत से बाहर निकला
तो अम्मी ने कहा चाचा छोडो मुझे सुसु निकल गयी है तब चाचा ने कहा वो सुसु नही दूध है तेरा तो अम्मी ने दूध तो बोबो से निकलता है मुझे सब पता है नीचे से तो मुत ही आता है तो चाचा ने कहा कल दिन मै तेरा दूध नीचे से निकालकर दिखाऊगा फिर दोनो जने सो गये ओर पंडित साहब सुबह उठकर नहाकर अम्मी का इंतजार करने लगे अम्मी ने सभी भाई बहनो को तैयार करके स्कुल भेजा ओर खुद नहाकर रोटी लेकर खेत चली गयी रोटी देते ही वो खेत से लौटकर घर पहुची तो पंडित साहब ने पकड लिया बोले दूध निकालू क्या नीचे से तो अम्मी ने कहा चाचाजी मजाक मत करो ऐसा नही होता