07-05-2023, 09:13 PM
पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे
VOLUME II
बैचलर पार्टी
CHAPTER-3
PART 8
संधि और विधि, संगीत और नृत्य
शाम के समय संगीत और नृत्य की महफ़िल सजायी गयी और उसमे मेरे दोस्तों । रजनी आमिर और बॉब मोंटू और साथ में मेरे फूफेरे भाई, बहने अलका, जेन लूसी और सिंडी, हुमा, रुखसाना, लिली मिली एमी उनकी सहायिकाएँ सपना, शबनम सहित सभी रिश्तेदार उपस्थित थे । महफ़िल की शुरुआत परिचारिकाओ ने शर्बत परोस कर की।
इससे पहले जब मैं अपने कमरे में आराम कर रहा था तो मुझे रानी माँ ने सभा कक्ष में बुलवाया था । फिर मेरा परिचय और मेरी मुलाकात रानी माँ ने वहाँ उपस्थित हुए अपने पड़ोस के राजाओ और राजकुमारों से करवायी। जिनमे सबसे पहले भाई महाराज के साले थे उनकी बड़ी महारानी ऐश्वर्या के बड़े भाई-महाराज ज्ञानेंद्र जो की राज्य के महाराज थे, उनके अतिरिक्त पड़ोस के तीन राज्यों के तीन अन्य राजा और उनके राजकुमार भी थे जो की विवाह समारोह में भाग लेने आये थे । फिर रानी माँ की अध्यक्षता में सभी राजकुमारों, राजाओ और रानी माँ की एक ख़ास सभा का आयोजन किया गया । इसमें पिताजी और भाई महाराज भी संम्मिलित हुए ।
सबसे पहले तो सब का परस्पर परिचय करवाया गया । और संक्षेप में रानी माँ ने बताया की किस तरह हमारे पूर्वज श्राप के कारण परीवार से अलग हो गए थे और फिर किस तरह से हमारा पुनर्मिलन हुआ और इसमें वह महाराज की नपुंसकता की बात को बड़ी चतुरता से उन्होंने छुपा लिया था ।
सबने रानी माँ और हमारे परिवार के पुनर्मिलन पर बधाई दी । फिर भाई महराज की पत्नी के बड़े भाई ने कहा की आधुनिक समय में शाही परिवार सबसे ज्यादा चिंतित हैं कि उनके राजकुमार और राजकुमारी को शादी के लिए एक उपयुक्त साथी मिल जाए और ये भी उपयुक्त साथी एक शाही परिवार से सम्बंधित हों । क्योंकि अब राजकुमार और राजकुमारीया गुरुकुल के बजाय आधुनिक कॉलेजों में पढ़ने के लिए जाते हैं। वे आम लोगों से मिलते हैं और कई बार अपने साथी खुद चुनते हैं ।
तो पिता जी ने कहा महाराज मैं प्रस्ताव रखता हूँ ही हम पड़ोस के पांचो राज्य परिवार इस समस्या के निदान के लिए एक परस्पर संधि कर ले और अपने पांचो राज्यों के बीच विवाह की व्यवस्था के लिए एक विधि स्थापित कर ले। राज्यों के सबसे बड़े राजकुमार और सबसे बड़ी राजकुमारियों की शादी एक पीढ़ी के दौरान होगी, जबकि अन्य राज्य परिवार एक राजकुमार या राजकुमारी का विवाह बाहर करने के लिए भी स्वतंत्र रहेंगे ताकि परिवारों में नए लोग और नए रक्त भी शामिल होते रहे। अगली पीढ़ी, वे इस व्यवस्था में राज परिवार को आवश्यकता अनुसार बदल लेंगे और यह व्यवस्था पीढ़ी दर पीढ़ी जारी रहेगी और इससे न केवल परिवार सुदृढ़ होंगे बल्कि हमारे राज्य भी इससे सुदृढ़ होंगे ।
पड़ोस के महाराज ने कहा अगर किसी पीढ़ी में ऐसा हुआ की राजकुमारीया राजकुमारों से अधिक होनी तो फिर परिवार के कुमारो को एक से अधिक विवाह करने की भी अनुमति होगी । और अगर कुमार अधिक हुए तो वे बाहर विवाह कर सकते हैं ।
सभी ने इस प्रस्ताव पर सहमति जताई और फिर सबने इस आशय की एक संधि और विधि बना ली ।
फिर महाराज और उनकी सभी महारानियाँ सभा में पधारे और उन्होंने संगीत सभा के आरम्भ में सभी की इस विधि के बारे में जानकारी दी और सब राजपरिवारो को सधि स्वीकार करने के लिए बधाई दी और फिर महफ़िल के आरम्भ में राज्य के संगीत घराने के कलाकारो और संगीत वादकों ने शहनाई बजा कर कार्यक्रम की शुरुआत की।
उनके बाद कुछ शास्त्रिय गायन हुआ और फिर कव्वाली इत्यादि पेश की गयी । इस तरह से देसी और तरह-तरह के संगीत और नृत्य के कार्यक्रम पेश किये गए । महाराज और अन्य सभी राजाओ. कुमारो और मेरे दोस्तों ने उनकी प्रस्तुति पर उन्हें उचित इनाम दिए ।
फिर रात्रि भोज हुआ और भोजन के बाद बनारस की कुछ महिला नर्तकियाँ आईं। वे सब शानदार पोशाक में तैयार थी। मुख्य नर्तकी ने एक तंग गुलाबी इलास्टिक, बिना लेस वाली, शलवार पहनी थी जो केवल उसकी जांघों और कूल्हों के कर्व्स को निखारती थी। इसके ऊपर उन्होंने टाइट पारदर्शी कुर्ती पहनी थी जिससे उनके बड़े स्तन बमुश्किल ढके गए थे। नाजुक सुनहरी पायल और कंगन उसकी कलाइयों और टखनों को सुशोभित करते थे। वास्तव में, वह बिल्कुल मुजरा डांसर की तरह लग रही थी। उसने शानदार मुजरा प्रस्तुत किया । महराज और अन्य सभी राजाओ. कुमारो और मेरे दोस्तों ने उनकी प्रस्तुति पर उन्हें उचित इनाम दिए ।
मुजरे के बाद सभी राजसी परिवार, रानी माँ और भाभियाँ और अन्य महिलाये, लड़किया अपने-अपने कक्ष में चली गयी और साथ ही पिताजी और अन्य बड़े लोग सभी लोग अपने कक्षों में चले गए ।
उनके जाते ही माहौल बदल दिया गया । मंच के सेटिंग बदल डाली गयी और मंच के चारो तरफ कुर्सियाँ और सोफे सजा दिए गए । रंगबिरंगी रोशनियाँ जगमगाने लगी सब उपस्थित पुरुषो कोअपने वस्त्र त्याग कर विशेष रंगबिरंगे रेशमी गाउन पहनने का अनुरोध किया गया जिनपे उनके नाम के पहले अक्षर का बैच लगा हुआ था ।
कुर्सियों के सामने छोटे मेज लगाए गए और उन पर परिचारिकाओं के जल्दी से गिलास और कुछ खाने पीने का समान सजा दिया और बॉब मुझे अपने साथ ले गया ।
राजसी बैचलर पार्टी शुरू होने वाली है अपनी जगह पकड़ लीजिये ।
कहानी जारी रहेगी
दीपक कुमार
VOLUME II
बैचलर पार्टी
CHAPTER-3
PART 8
संधि और विधि, संगीत और नृत्य
शाम के समय संगीत और नृत्य की महफ़िल सजायी गयी और उसमे मेरे दोस्तों । रजनी आमिर और बॉब मोंटू और साथ में मेरे फूफेरे भाई, बहने अलका, जेन लूसी और सिंडी, हुमा, रुखसाना, लिली मिली एमी उनकी सहायिकाएँ सपना, शबनम सहित सभी रिश्तेदार उपस्थित थे । महफ़िल की शुरुआत परिचारिकाओ ने शर्बत परोस कर की।
इससे पहले जब मैं अपने कमरे में आराम कर रहा था तो मुझे रानी माँ ने सभा कक्ष में बुलवाया था । फिर मेरा परिचय और मेरी मुलाकात रानी माँ ने वहाँ उपस्थित हुए अपने पड़ोस के राजाओ और राजकुमारों से करवायी। जिनमे सबसे पहले भाई महाराज के साले थे उनकी बड़ी महारानी ऐश्वर्या के बड़े भाई-महाराज ज्ञानेंद्र जो की राज्य के महाराज थे, उनके अतिरिक्त पड़ोस के तीन राज्यों के तीन अन्य राजा और उनके राजकुमार भी थे जो की विवाह समारोह में भाग लेने आये थे । फिर रानी माँ की अध्यक्षता में सभी राजकुमारों, राजाओ और रानी माँ की एक ख़ास सभा का आयोजन किया गया । इसमें पिताजी और भाई महाराज भी संम्मिलित हुए ।
सबसे पहले तो सब का परस्पर परिचय करवाया गया । और संक्षेप में रानी माँ ने बताया की किस तरह हमारे पूर्वज श्राप के कारण परीवार से अलग हो गए थे और फिर किस तरह से हमारा पुनर्मिलन हुआ और इसमें वह महाराज की नपुंसकता की बात को बड़ी चतुरता से उन्होंने छुपा लिया था ।
सबने रानी माँ और हमारे परिवार के पुनर्मिलन पर बधाई दी । फिर भाई महराज की पत्नी के बड़े भाई ने कहा की आधुनिक समय में शाही परिवार सबसे ज्यादा चिंतित हैं कि उनके राजकुमार और राजकुमारी को शादी के लिए एक उपयुक्त साथी मिल जाए और ये भी उपयुक्त साथी एक शाही परिवार से सम्बंधित हों । क्योंकि अब राजकुमार और राजकुमारीया गुरुकुल के बजाय आधुनिक कॉलेजों में पढ़ने के लिए जाते हैं। वे आम लोगों से मिलते हैं और कई बार अपने साथी खुद चुनते हैं ।
तो पिता जी ने कहा महाराज मैं प्रस्ताव रखता हूँ ही हम पड़ोस के पांचो राज्य परिवार इस समस्या के निदान के लिए एक परस्पर संधि कर ले और अपने पांचो राज्यों के बीच विवाह की व्यवस्था के लिए एक विधि स्थापित कर ले। राज्यों के सबसे बड़े राजकुमार और सबसे बड़ी राजकुमारियों की शादी एक पीढ़ी के दौरान होगी, जबकि अन्य राज्य परिवार एक राजकुमार या राजकुमारी का विवाह बाहर करने के लिए भी स्वतंत्र रहेंगे ताकि परिवारों में नए लोग और नए रक्त भी शामिल होते रहे। अगली पीढ़ी, वे इस व्यवस्था में राज परिवार को आवश्यकता अनुसार बदल लेंगे और यह व्यवस्था पीढ़ी दर पीढ़ी जारी रहेगी और इससे न केवल परिवार सुदृढ़ होंगे बल्कि हमारे राज्य भी इससे सुदृढ़ होंगे ।
पड़ोस के महाराज ने कहा अगर किसी पीढ़ी में ऐसा हुआ की राजकुमारीया राजकुमारों से अधिक होनी तो फिर परिवार के कुमारो को एक से अधिक विवाह करने की भी अनुमति होगी । और अगर कुमार अधिक हुए तो वे बाहर विवाह कर सकते हैं ।
सभी ने इस प्रस्ताव पर सहमति जताई और फिर सबने इस आशय की एक संधि और विधि बना ली ।
फिर महाराज और उनकी सभी महारानियाँ सभा में पधारे और उन्होंने संगीत सभा के आरम्भ में सभी की इस विधि के बारे में जानकारी दी और सब राजपरिवारो को सधि स्वीकार करने के लिए बधाई दी और फिर महफ़िल के आरम्भ में राज्य के संगीत घराने के कलाकारो और संगीत वादकों ने शहनाई बजा कर कार्यक्रम की शुरुआत की।
उनके बाद कुछ शास्त्रिय गायन हुआ और फिर कव्वाली इत्यादि पेश की गयी । इस तरह से देसी और तरह-तरह के संगीत और नृत्य के कार्यक्रम पेश किये गए । महाराज और अन्य सभी राजाओ. कुमारो और मेरे दोस्तों ने उनकी प्रस्तुति पर उन्हें उचित इनाम दिए ।
फिर रात्रि भोज हुआ और भोजन के बाद बनारस की कुछ महिला नर्तकियाँ आईं। वे सब शानदार पोशाक में तैयार थी। मुख्य नर्तकी ने एक तंग गुलाबी इलास्टिक, बिना लेस वाली, शलवार पहनी थी जो केवल उसकी जांघों और कूल्हों के कर्व्स को निखारती थी। इसके ऊपर उन्होंने टाइट पारदर्शी कुर्ती पहनी थी जिससे उनके बड़े स्तन बमुश्किल ढके गए थे। नाजुक सुनहरी पायल और कंगन उसकी कलाइयों और टखनों को सुशोभित करते थे। वास्तव में, वह बिल्कुल मुजरा डांसर की तरह लग रही थी। उसने शानदार मुजरा प्रस्तुत किया । महराज और अन्य सभी राजाओ. कुमारो और मेरे दोस्तों ने उनकी प्रस्तुति पर उन्हें उचित इनाम दिए ।
मुजरे के बाद सभी राजसी परिवार, रानी माँ और भाभियाँ और अन्य महिलाये, लड़किया अपने-अपने कक्ष में चली गयी और साथ ही पिताजी और अन्य बड़े लोग सभी लोग अपने कक्षों में चले गए ।
उनके जाते ही माहौल बदल दिया गया । मंच के सेटिंग बदल डाली गयी और मंच के चारो तरफ कुर्सियाँ और सोफे सजा दिए गए । रंगबिरंगी रोशनियाँ जगमगाने लगी सब उपस्थित पुरुषो कोअपने वस्त्र त्याग कर विशेष रंगबिरंगे रेशमी गाउन पहनने का अनुरोध किया गया जिनपे उनके नाम के पहले अक्षर का बैच लगा हुआ था ।
कुर्सियों के सामने छोटे मेज लगाए गए और उन पर परिचारिकाओं के जल्दी से गिलास और कुछ खाने पीने का समान सजा दिया और बॉब मुझे अपने साथ ले गया ।
राजसी बैचलर पार्टी शुरू होने वाली है अपनी जगह पकड़ लीजिये ।
कहानी जारी रहेगी
दीपक कुमार