27-04-2023, 04:15 PM
तभी उसका फ़ोन बजा उसने फ़ोन उठाया ।
राजीव: हेलो , अरे रमेश तुम? बोलो क्या बात है?
रमेश जो उसका दोस्त है: अरे तुमको अपने बेटे की शादी नहीं करनी है क्या?
राजीव: अरे करनी है ना , कोई है क्या तुम्हारी नज़र में?
रमेश : हाँ एक लड़की है मेरे एक दोस्त की ही बेटी है। अच्छी सुंदर और सुशील है और पढ़ी लिखी भी है।
राजीव: अरे तो फिर देर किस बात की है। बात आगे बढ़ाओ।
रमेश: ठीक है मैं फिर तुमको बताऊँगा उन लोगों से बात करके । ठीक है ना?
राजीव : बिलकुल ठीक है। मैं इंतज़ार करूँगा। बाई।
राजीव को ख़ुश देख कर रानी उसके बॉल्ज़ को सहला कर बोली: आप शिवा भय्या की शादी तय कर रहे हैं?
राजीव उसकी चूचि दबाके बोला: हाँ लड़की खोज रहा हूँ। देखो कब मिलती है?
फिर दोनों एक दूसरे से लिपट गए और राजीव उसको दूसरे राउंड की चुदाई के लिए तय्यार करने लगा।
रानी उसके बॉल्ज़ को सहलाते हुए बोली: मुझे तो लगता है कि आपने इतना रस मेरे अंदर छोड़ा है मैं शायद आज ही गर्भ से हो गयी हों गई होऊँगी।
राजीव हँसते हुए: शायद नहीं , पक्का गर्भ ठहर ही गया होगा। मेरे लौड़ा तुम्हारी बच्चे दानी के ऊपर ठोकरें मार रहा था। वैसे मुझे एक बार तुमको फिर से चोदना है। सच क्या टाइट बुर है तुम्हारी।
रानी उठकर बैठी और बोली: मुझे ज़रा बाथरूम जाना है।
राजीव : चलो मुझे भी जाना है।
दोनों बाथरूम में जाकर मूते और राजीव झुककर हैंड शॉवर से उसकी बुर को धोया और फिर रानी ने भी उसके लौड़े को धोया। फिर वो दोनों बाहर आकर बिस्तर पर लेटे और एक दूसरे को चूमने लगे। जल्दी ही दोनों गरम हो गए। राजीव उसके ऊपर ६९ की पोजीशन में आ गया और उसकी बुर को चूमने और चाटने लगा। उधर उसका लौड़ा रानी के मुँह के सामने था। उसने कभी लौड़ा नहीं चूसा था। मगर उसने कुछ फ़ोटो देखीं थीं उसके सहेलियों की मोबाइल में जिनमे अंग्रेज़ औरतें आदमियों का लौड़ा चूस रहीं थीं। उसकी कुछ सहेलियाँ भी उसको बतायी थी कि वो अपने पति के लौड़े चूसती हैं।
उसने भी हिम्मत की और उसके लौड़ेको सहलाते हुए अपने मुँह के पास लायी और उसके सुपाडे को सूँघा। उसका पूरा शरीर मस्ती से भरने लगा। उधर उसकी बुर पर राजीव की जीभ तांडव कर रही थी और वह बुरी तरह से पानी छोड़ रही थी। तभी उसने सुपाडे को चूम लिया और फिर वह जीभ से उसे चाटने लगी। उधर राजीव ने भी उसके मुँह में लौड़े का दबाव बढ़ाया और रानी के मुँह में उसका लौड़ा जैसे घुसता चला गया। अब राजीव उसके मुँह की चुदाई करने लगा। साथ ही बुर की रगड़ाई भी जीभ से किए जा रहा था। अब रानी मस्ती से लौड़ा चूसे जा रही थी।
फिर राजीव उठा और उसने रानी को पेट के बल लिटाया और फिर उसको चूतर उठाने को बोला। अब उसकी बुर और गाँड़ उसकी आँखों के सामने थे। उसने गाँड़ की सुराख़ पर ऊँगली फेरी और फिर मस्ती से उसकी बुर मसलने लगा और फिर अपने लौड़े को उसकी बुर में लगाकर उसके अंदर अपना लौड़ा ठेल दिया और फिर उसकी नीचे को लटकी हुईं चूचियाँ दबाकर उसकी मस्त चुदाई करने लगा।
वह भी मज़े से अपनी गाँड़ पीछे करके चुदवाने लगी। कमरा एक बार फिर से फ़च फ़च की आवाज़ों से गूँजने लगा। जल्दी ही दोनों चिल्लाकर झड़ने लगे। राजीव ने उसकी बुर में अपना वीर्य अंदर तक छोड़ दिया।
फिर वो दोनों एक साथ लिपट कर सो गए।
अगले कुछ दिन ऐसे ही चला रोज़ शिवा के जाने के बाद वो चुदाई करते और राजीव उसको विश्वास दिला रहा था कि वह जल्दी ही गर्भ से हो जाएगी।
उस दिन भी वो दोनों चुदाई के बाद आराम कर रहे थे रानी उसके लौड़े को हल्के से सहला रही थी। तभी उसके दोस्त रमेश का फ़ोन आया और वह बोला: यार क्या तुम और शिवा कल यहाँ आ सकते हो? मैं चाहता हूँ कि कल तुम मेरे दोस्त श्याम की भतीजी को देख लो। बहुत प्यारी बच्ची है तुम लोगों को ज़रूर पसंद आएगी।
राजीव ने रानी की गाँड़ सहलाते हुए कहा: अच्छा ये तो बहुत अच्छी बात है। कौन कौन है उसके घर में?
रमेश: यार बेचारी के पिता का तो बचपन में ही देहांत हो गया था वह अपनी माँ के साथ मेरे दोस्त के यहाँ पली है जो कि उसका ताया है । यानी वह श्याम की भतीजी है। बी कॉम किया है और दिखने में भी बहुत सुंदर है।
राजीव: ओह चलो हम कल का प्लान बनाते हैं। तुमको ख़बर कर के कल शाम को आएँगे । तुम्हारा शहर सिर्फ़ दो घण्टे की ही दूर पर तो है। हम वहाँ पाँच बजे तक तो पहुँच ही जाएँगे।
फिर इधर उधर की बात करके उसने फ़ोन रख दिया। फिर राजीव ने उसकी गाँड़ में एक ऊँगली डाल दी और रानी आऽऽंह कर उठी ।
राजीव: अरे एक ऊँगली नहीं ले पा रही है तो मेरा लौड़ा कैसे अंदर लेगी?
रानी: मुझे नहीं लेना आपका लौड़ा यहाँ। बुर को जितना चाहिए चोदिए। पर गाँड़ नहीं मरवाऊँगी।
राजीव: अरे जब तुम गर्भ से हो जाओगी तो गाँड़ से ही काम चलाउंगा ना। डॉक्टर बोल देगी तीन चार महीने बाद कि बुर को चोदना बंद करो।
रानी हँसते हुए बोली: तब की तब देखी जाएगी। अच्छा तो कल आप बहु देखने जा रहे हैं।
राजीव : हाँ हम जाएँगे। देखें क्या होता है वहाँ?
फिर वह किचन ने चली गयी और वह भी आराम करने लगा।
राजीव: हेलो , अरे रमेश तुम? बोलो क्या बात है?
रमेश जो उसका दोस्त है: अरे तुमको अपने बेटे की शादी नहीं करनी है क्या?
राजीव: अरे करनी है ना , कोई है क्या तुम्हारी नज़र में?
रमेश : हाँ एक लड़की है मेरे एक दोस्त की ही बेटी है। अच्छी सुंदर और सुशील है और पढ़ी लिखी भी है।
राजीव: अरे तो फिर देर किस बात की है। बात आगे बढ़ाओ।
रमेश: ठीक है मैं फिर तुमको बताऊँगा उन लोगों से बात करके । ठीक है ना?
राजीव : बिलकुल ठीक है। मैं इंतज़ार करूँगा। बाई।
राजीव को ख़ुश देख कर रानी उसके बॉल्ज़ को सहला कर बोली: आप शिवा भय्या की शादी तय कर रहे हैं?
राजीव उसकी चूचि दबाके बोला: हाँ लड़की खोज रहा हूँ। देखो कब मिलती है?
फिर दोनों एक दूसरे से लिपट गए और राजीव उसको दूसरे राउंड की चुदाई के लिए तय्यार करने लगा।
रानी उसके बॉल्ज़ को सहलाते हुए बोली: मुझे तो लगता है कि आपने इतना रस मेरे अंदर छोड़ा है मैं शायद आज ही गर्भ से हो गयी हों गई होऊँगी।
राजीव हँसते हुए: शायद नहीं , पक्का गर्भ ठहर ही गया होगा। मेरे लौड़ा तुम्हारी बच्चे दानी के ऊपर ठोकरें मार रहा था। वैसे मुझे एक बार तुमको फिर से चोदना है। सच क्या टाइट बुर है तुम्हारी।
रानी उठकर बैठी और बोली: मुझे ज़रा बाथरूम जाना है।
राजीव : चलो मुझे भी जाना है।
दोनों बाथरूम में जाकर मूते और राजीव झुककर हैंड शॉवर से उसकी बुर को धोया और फिर रानी ने भी उसके लौड़े को धोया। फिर वो दोनों बाहर आकर बिस्तर पर लेटे और एक दूसरे को चूमने लगे। जल्दी ही दोनों गरम हो गए। राजीव उसके ऊपर ६९ की पोजीशन में आ गया और उसकी बुर को चूमने और चाटने लगा। उधर उसका लौड़ा रानी के मुँह के सामने था। उसने कभी लौड़ा नहीं चूसा था। मगर उसने कुछ फ़ोटो देखीं थीं उसके सहेलियों की मोबाइल में जिनमे अंग्रेज़ औरतें आदमियों का लौड़ा चूस रहीं थीं। उसकी कुछ सहेलियाँ भी उसको बतायी थी कि वो अपने पति के लौड़े चूसती हैं।
उसने भी हिम्मत की और उसके लौड़ेको सहलाते हुए अपने मुँह के पास लायी और उसके सुपाडे को सूँघा। उसका पूरा शरीर मस्ती से भरने लगा। उधर उसकी बुर पर राजीव की जीभ तांडव कर रही थी और वह बुरी तरह से पानी छोड़ रही थी। तभी उसने सुपाडे को चूम लिया और फिर वह जीभ से उसे चाटने लगी। उधर राजीव ने भी उसके मुँह में लौड़े का दबाव बढ़ाया और रानी के मुँह में उसका लौड़ा जैसे घुसता चला गया। अब राजीव उसके मुँह की चुदाई करने लगा। साथ ही बुर की रगड़ाई भी जीभ से किए जा रहा था। अब रानी मस्ती से लौड़ा चूसे जा रही थी।
फिर राजीव उठा और उसने रानी को पेट के बल लिटाया और फिर उसको चूतर उठाने को बोला। अब उसकी बुर और गाँड़ उसकी आँखों के सामने थे। उसने गाँड़ की सुराख़ पर ऊँगली फेरी और फिर मस्ती से उसकी बुर मसलने लगा और फिर अपने लौड़े को उसकी बुर में लगाकर उसके अंदर अपना लौड़ा ठेल दिया और फिर उसकी नीचे को लटकी हुईं चूचियाँ दबाकर उसकी मस्त चुदाई करने लगा।
वह भी मज़े से अपनी गाँड़ पीछे करके चुदवाने लगी। कमरा एक बार फिर से फ़च फ़च की आवाज़ों से गूँजने लगा। जल्दी ही दोनों चिल्लाकर झड़ने लगे। राजीव ने उसकी बुर में अपना वीर्य अंदर तक छोड़ दिया।
फिर वो दोनों एक साथ लिपट कर सो गए।
अगले कुछ दिन ऐसे ही चला रोज़ शिवा के जाने के बाद वो चुदाई करते और राजीव उसको विश्वास दिला रहा था कि वह जल्दी ही गर्भ से हो जाएगी।
उस दिन भी वो दोनों चुदाई के बाद आराम कर रहे थे रानी उसके लौड़े को हल्के से सहला रही थी। तभी उसके दोस्त रमेश का फ़ोन आया और वह बोला: यार क्या तुम और शिवा कल यहाँ आ सकते हो? मैं चाहता हूँ कि कल तुम मेरे दोस्त श्याम की भतीजी को देख लो। बहुत प्यारी बच्ची है तुम लोगों को ज़रूर पसंद आएगी।
राजीव ने रानी की गाँड़ सहलाते हुए कहा: अच्छा ये तो बहुत अच्छी बात है। कौन कौन है उसके घर में?
रमेश: यार बेचारी के पिता का तो बचपन में ही देहांत हो गया था वह अपनी माँ के साथ मेरे दोस्त के यहाँ पली है जो कि उसका ताया है । यानी वह श्याम की भतीजी है। बी कॉम किया है और दिखने में भी बहुत सुंदर है।
राजीव: ओह चलो हम कल का प्लान बनाते हैं। तुमको ख़बर कर के कल शाम को आएँगे । तुम्हारा शहर सिर्फ़ दो घण्टे की ही दूर पर तो है। हम वहाँ पाँच बजे तक तो पहुँच ही जाएँगे।
फिर इधर उधर की बात करके उसने फ़ोन रख दिया। फिर राजीव ने उसकी गाँड़ में एक ऊँगली डाल दी और रानी आऽऽंह कर उठी ।
राजीव: अरे एक ऊँगली नहीं ले पा रही है तो मेरा लौड़ा कैसे अंदर लेगी?
रानी: मुझे नहीं लेना आपका लौड़ा यहाँ। बुर को जितना चाहिए चोदिए। पर गाँड़ नहीं मरवाऊँगी।
राजीव: अरे जब तुम गर्भ से हो जाओगी तो गाँड़ से ही काम चलाउंगा ना। डॉक्टर बोल देगी तीन चार महीने बाद कि बुर को चोदना बंद करो।
रानी हँसते हुए बोली: तब की तब देखी जाएगी। अच्छा तो कल आप बहु देखने जा रहे हैं।
राजीव : हाँ हम जाएँगे। देखें क्या होता है वहाँ?
फिर वह किचन ने चली गयी और वह भी आराम करने लगा।