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राखी सिंह aka गजाला की एक छोटी कहानी
#10
..........पिछले भाग से आगे

राखी ये तो buttplug है ना। सलीम उसे चारो ओर घुमा कर उसका अंदाजा लगा रहे थे।


राखी नज़रे झुकाए शांत होकर बैठी रहती है सोफे में और बड़ी धीमी आवाज में बोलती है - हां।

इसे लड़कियां तो अपने asshole में डालती हैं न।

सलीम उसे सारे एंगल से देखते हैं।

जी हां, राखी बिलकुल खामोश हो कर उनकी बात का जवाब दे रही होती है।



तो क्या आप भी इसका यूज करती हैं।

राखी शरमाते हुए नजरे झुका लेती हैं और कुछ नही बोलती।

अचानक सलीम उस buttplug पर एक नाम देखते हैं उर्दू में लिखा हुआ सलीम की गजाला। سلیم کی غذالہ

राखी मैं बड़े देर से सोच रहा हूं पर समझ नही पा रहा ये सलीम और गजाला का क्या चक्कर है।
राखी को butplug देते हुए सलीम पूछते हैं


जी मैं ही गजाला हूं और ये सलीम मेरा प्यार थे, बचपन से। जब मैं 14 साल की थी तब से मैं सलीम खान के साथ प्रेम संबंध में थी। मेरी शादी के बाद भी मेरे इनसे संबंध रहे। पर वक्त का तकाज़ा आज हम दोनों अलग अलग हैं पता नही कहां वो कहां मैं।
सलीम खान ने मुझे गजाला नाम दिया था और मुझे उर्दू सिखाई थी
राखी खामोश होकर नीचे देखती हैं और शर्म से पसीना उसके चेहरे पर आने लगता है, लेकिन राखी कुछ नही बोलती।

देखिए राखी अगर आप इसे यूज करती हैं तो इसमें गलत कुछ भी नही आखिर आपने इतने दर्द सहे है तो आपका भी हक बनता है खुशी पाने का, हो सकता है आपका तरीका अलग हो लेकिन इन सब चीजों को carefully यूज कीजिए। इनसे कभी कभी इन्फेक्शन भी हो सकता है। और बेहतर है जब आप इसे अपनी गांड़ में डालें तो थोड़ा चिकनाई लगा लें।

गांड़ शब्द सुनकर राखी चेहरा उठाकर सलीम की ओर देखती है तो सलीम की नजर उससे मिलती है और वो अपने शब्द को सुधार करते हैं


अरे gand मतलब asshole।
वैसे इसका साइज तो 7 इंच के आसपास का है आप इसे पूरा ले लेती हैं।


जी पहले नही ले पाती थी पर अब ले लेती हूं राखी शरमाते हुए बोली...

सलीम धीरे धीरे राखी पास आते हैं और राखी के कंधे पकड़ते हुए कहते हैं,

ठीक है राखी तुमने अपने दिल की बातें मुझे बताई अच्छा लगा।
क्या हम दोस्त बन सकते हैं।

राखी सर ऊपर उठाकर देखती है
तो उनकी आंखों में आंसुओ का सैलाब आ रहा होता है, जिस नाम ने उसे इतना प्यार किया था बचपन से लेकर जवानी तक उसी नाम का एक शख्स फिर उसके सामने खड़ा है उससे दोस्ती का हाथ बढ़ा कर।
राखी कीआंखों में आए हुए आंसू को सलीम अपनी रुमाल से साफ़ करते हैं।

तुम्हारी आंखों में आए हुए ये आंसू कह रहे हैं राखी कि तुमने मेरी दोस्ती कुबूल कर ली है।

और ये कहते हुए राखी की एक हथेली को सलीम अपने दोनों हथेलियों के बीच दबा लेते हैं।

इस आदमी ने मेरी उन बदमाश लड़कों से मदद की, फिर इतनी दूर मेरा बैग वापस करने आया और मेरी दुख भरी बातें भी सुनी।
सच में कितना अच्छा इंसान है इससे दोस्ती करने में क्या बुराई है।
और ये स्मार्ट भी लग रहा है और सुलझा हुआ भी लग रहा है। ये सोचते हुए राखी बोलती है

ठीक है सलीम जी मैं भी आपको अपना दोस्त मानकर ये सारी बातें शेयर करी। मुझे आपकी दोस्ती कबूल है।

तो ठीक है राखी इसी बात पर एक एक चाय और हो जाए तुम्हारे इन गोरे खूबसूरत और मुलायम हाथों की।

ठीक है सलीम जी बिलकुल आप बैठिए मैं अभी बना के लाती हूं।

अरे नहीं नहीं मैं भी चलूंगा तुम्हारे साथ किचन में मैं भी तो देखूं तुम इतनी मीठी चाय कैसे बनाती हो

ठीक है आइए सलीम जी

राखी उठकर चलने लगती है और सलीम राखी की Gand की थिरकन को देखते हुए उसके पीछे पीछे किचन में पहुंचते हैं।

राखी ने चाय बनानी शुरू की तभी सलीम ने अचानक से राखी के गले में अपनी सोने की चैन अपने गले से उतारकर डाल दी।

अरे ये क्या है सलीम जी

कुछ नहीं बस हमारी दोस्ती का तोहफा कुबूल करो तुम।



सोने की इतनी महंगी चैन पाकर राखी खुश तो बहुत होती है लेकिन थोड़ा हिचकिचा भी रही होती है।


पर सलीम जी इतनी महंगी चैन.....

राखी प्यार और दोस्ती में सस्ता महंगा नहीं देखते। तुम्हारी खुबसूरती के आगे इस सोने की चैन की कोई कीमत नहीं।

अपनी तारीफ सुनके राखी शर्मा जाती हैं

क्या सलीम जी इतनी खूबसूरत भी नही हूं।पर आपकी दोस्ती की इज्जत करते हुए मैं इसे रख लेती हूं।

ये हुई न बात अब चलो गरम गरम चाय पिला दो


दोनो चाय पीते है और चाय पीते पीते सलीम कहते हैं

इस दोस्ती की शुरुआत हुई है एक सेल्फी तो बनती है।

हां हां क्यों नहीं।

सलीम राखी को अपने सिंगल वाले सोफे में बिठालते हैं लेकिन राखी की Gand बहुत चौड़ी होने के कारण वो नहीं बैठ पाती इसलिए सलीम उन्हें अपनी गोद में ही बिठा लेते हैं। राखी कुछ समझ पाती इससे पहले ही सलीम उसे अपनी गोद में बिठाकर एक मस्त सी सेल्फी ले लेते हैं जिसमे राखी मांसल gand सलीम की गोद में और उसकी deep नेक ब्लाउज से झांकती हुई बूब्स दिखती है।

अपना नंबर दो राखी मैं आपको फोटो भेजता हूं तुम्हें।

जी हां लिखिए,

और राखी उन्हे अपना नंबर उन्हें दे देती हैं।

ठीक है राखी अब मैं चलता हूं अब तो हमारी दोस्ती हो गई है इसलिए फिर तुमसे मिलता हूं।

जी बिलकुल अंधेरा भी हो गया है और मेरी बेटी मिनाक्षी के आने का भी टाइम हो गया है फिर aaiyega नमस्ते

फिर राखी सलीम जी को विदा करती हो और बर्तन और कपड़े समेट कर रखने लगती है।

To be continued......…
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RE: राखी सिंह aka गजाला की एक छोटी कहानी - by Minaxikhan - 16-04-2023, 07:41 PM



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