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Adultery Sasur aur Bahu (with Pics)
#5
राज नहाने चला गया और उसे बग़ीचे की सेक्सी लड़कियाँ याद आ रही थीं और उसका लौड़ा खड़ा हो गया। आऽऽह क्या मस्त दूध थे और क्या उभरी हुई गाँड़ थी। वह अपने लौड़े को दबाए जा रहा था। तभी उसके ध्यान में शशी का बदन और उसके सलवार में चिपके चूतड़ आये और वह मज़े से मुस्कुराया और सोचा कि शायद उसको चोदने में भी बड़ा मज़ा आएगा।

वह नहा कर बाहर आया और टी शर्ट और लोअर पहन कर तैयार हुआ और किचन में जाकर शशी को बोला: दो ग्लास केसर बादाम डाल कर दूध बनाओ। साथ ही २ सेब केले और नाशपाती भी काट के लाओ। शशी ने हाँ में सिर हिलाया और काम में लग गयी।

थोड़ी देर में वह एक ट्रे में दूध का दो गिलास और फल काटकर लायी। और सामने टी टेबल पर रख दिया जो कि सोफ़े के सामने रखा था।

राज ने एक गिलास दूध उठाया और उसके हाथ में दे दिया। शशी ने प्रश्न सूचक नज़रों से देखा और बोली: छोटे सांब उठ गए क्या? उनको देना है?

राज: अरे वो तो ९ बजे उठेगा। यह तुमको पीना है। मैंने कहा था ना कि तुमको तगड़ी बनाना है। तो चलो पीओ अब।

वह हैरान होकर उसको देखी और राज ने दूसरा गिलास उठाया और पीने लगा। और फिर से उसे पीने का इशारा किया। वह धीरे से पीने लगी। साफ़ लग रहा था कि उसे बहुत अच्छा लग रहा था।

फिर राज ने फल की प्लेट उठायी और पास ही खड़ी शशी को बोला: लो फल भी खाओ।

वह झिझकते हुए बोली: साहब पेट भर गया।

राज ने उसके पेट की तरफ़ इशारा करके कहा: देखो इतना छोटा भी नहीं है तुम्हारा पेट कि इसमे फल की भी जगह नहीं हो। चलो खाओ। फिर उसका हाथ पकड़कर पास में बिठाया और उसके मुँह में सेब का एक टुकड़ा डाल दिया। वो थोड़ी सी परेशान दिख रही थी, पर खाने लगी।

राज: सुबह से कुछ खाया है? उसने नहीं में सिर हिलाया। तब उसने एक टुकड़ा और उसके मुँह में डाल दिया। अब राज भी खाने लगा और उसे भी खिलाए जा रहा था। शशी को कभी इतना अटेन्शन नहीं मिला था सो वह भी इन पलों का आनंद लेने लगी। फल ख़त्म होने के बाद राज बोला: शाबाश, बहुत बढ़िया। फिर उसके हाथ को पकड़कर बोला: आधे घंटे के बाद मैं पराँठा और ओमलेट खाऊँगा, वो भी मेरे और अपने लिए भी बना लेना। साथ ही खाएँगे। ठीक है?

शशी: जी साहब । फिर वह खड़ी होने लगी तो राज ने उसका हाथ छोड़ दिया। वह किचन में चली गयी। राज भी पेपर पढ़ने लगा। जय अभी भी सो रहा था।

आधे घंटे के बाद वह नाश्ता डाइनिंग टेबल पर लगा दी। उसने राज के लिए एक प्लेट भी लगा दी थी।

राज: तुम्हारी प्लेट कहाँ है? मैंने कहा था ना कि जो मैं खाऊँगा वही तुमको भी खाना है। चलो प्लेट लाओ और बैठो यहाँ।

शशी: साहब मैं खा लूँगी, अभी आप खालो।

राज: पक्का बाद में खा लोगी?

शशी: पक्का खा लूँगी।

राज: अच्छा चलो एक कौर तो मेरे हाथ से खाओ। ये कहकर उसने उसके मुँह में एक कौर डाला और वो उसको खाते हुए किचन में चली गयी। उसने बड़े प्यार से गरम गरम पराँठे खिलाए और राज ने भी उसकी पाक कला की बहुत तारीफ़ की। वो शायद तारीफ़ की भी भूकी थी क्योंकि वह बहुत ख़ुश हो गयी थी। फिर राज ने दो कप चाय माँगी। जब वह चाय लायी तो उसने उसे ज़िद करके अपने बग़ल में बैठाया और चाय पीने को बोला। वह चुपचाप चाय पीने लगी।

राज: तुम्हारा पति तुम्हें प्यार तो करता है ना?

शशी की आँख गीली ही गयी और बोली: जैसे आज आपने इतने प्यार से खिलाया ऐसे भी आजतक उसने मुझे सात साल में कभी नहीं पूछा। वो औरत को बस एक काम के लिए ही समझता है।

राज ने भोलेपन से पूछा: किस काम के लिए?

शशी ने नज़रें झुका लीं और बोली: वही जो मर्द को चाहिए बिस्तर में औरत से।

राज: ओह अब समझा। सच में तुम्हारा मर्द ऐसा है? ये तो बड़ी अजीब बात है।

शशी: साहब हम ग़रीब औरतों का यही हाल है?

राज ने उसकी पतली कलाई पकड़ी और उसको सहलाने लगा और बोला: देखो तुम कितनी दुबली हो? मैं तो तुमको तगड़ी करके ही मानूँगा।

शशी हँसकर बोली: क्या आप मुझे तगड़ी बना कर पहलवानी करवाओगे? इस पर दोनों हँसने लगे।

फिर शशी अपने काम में लग गई, थोड़ी देर बाद जय भी उठकर आया और राज ने उसके लिए भी चाय मँगवाई। शशी चाय लाई और जय को नमस्ते की। राज ने बताया कि यह नई नौकशशी है। जय ने ओह कहकर चाय पी। फिर दोनों बाप बेटा दुकान की बात करने लगे। बाद में जय नहाने चला गया। राज ने शशी को उसके लिए नाश्ता और लंच के लिए डिब्बा भी बनाने को कहा।

जय तैयार होकर नाश्ता करके लंच का डिब्बा लेकर १० बजे दुकान चला गया। अब घर में फिर से दोनों अकेले हो गए। थोड़ी देर बाद राज ने शशी को आवाज़ दी और बोला: मैं ज़रा बाज़ार जा रहा हूँ, तुम्हें कुछ चाहिए? फिर अचानक उसकी निगाहें उसकी बड़ी बड़ी आँख पर पड़ीं और उनमें एक सफ़ेदी सी देखकर वह उसका हाथ पकड़ा और उसकी उँगलियों के नाख़ून को चेक किया और बोला: अरे तुमको तो आयरन की कमी है , ऐसी ही कमी एक बार मेरी बीवी को भी हो गयी थी, तभी तुम इतनी कमज़ोर हो। मैं आज दवाई लाउँगा। ये कहकर उसने उसका हाथ छोड़ा और बाहर निकल गया।

वो पास के बाज़ार में एक दुकान में गया और वहाँ अपने दोस्त से मिला जिसने उसका बड़े तपाक से स्वागत किया। इधर उधर की बातों के बाद चाय पीकर राज बोला: यार, मैंने जय की शादी करने का फ़ैसला किया है, तेरी निगाह में कोई लड़की है उसके लायक तो बताना।

दोस्त: हाँ यार क्यों नहीं , थोड़ा सोच लेने दे जैसे ही ध्यान में आएगा बताऊँगा।

राज: ठीक है भाई फिर चलता हूँ।

वहाँ से निकल कर वह दवाई की दुकान से मल्टीविटामिन और आयरन टॉनिक ख़रीदा और कुछ ज़रूरी चीज़ें लेकर घर आया।

शशी को उसने पानी और चम्मच लाने को कहा। फिर उसने दो दो चम्मच दोनों दवाइयाँ उसको अपने हाथ से पिलायीं। शशी की आँखों में आँसू छलक आए। आज तक किसी ने भी उसकी इतनी फ़िक्र नहीं की थी। राज ने उसके आँसू पोंछें और झुक कर उसका माथा चूम लिया और बोला: अरे रो क्यों रही हो, अब तो जल्दी ही तुम तगड़ी हो जाओगी और फिर कुश्ती लड़ना। वह भावुक होकर बोली: आप बहुत अच्छे हैं साहब, मैं आपको बाऊजी बोल सकती हूँ क्या?

राज ने उसे खींचकर अपने से लिपटा लिया और बोला: क्यों नहीं ज़रूर बोलो। और उसके गालों पर चिमटी काट दी। वह हँसते हुए भाग गयी। अब जब भी मौक़ा मिलता राज उसके हाथ पकड़ लेता और कभी गाल भी सहला देता।

इस बीच राज ने अपने रिश्तेदारों को भी फ़ोन किया और जय के लिए लड़की ढूँढने को कहा।

इसी तरह पाँच दिन निकल गए और अब भी राज शशी को अपने हाथ से ही फल खिलाता और दवाई भी पिलाता। शशी की झिझक अब काफ़ी कम हो गयी थी। कई बार वह उसे अपने से चिपका लेता और प्यार से उसके गाल भी सहला देता। क़रीब पाँच दिनों में ही दोनों ने एक तरह का बोंड सा हो गया था। राज का अकेलापन दूर हो गया था और शशी भी अटेन्शन की भूकी थी जो उसे भरपूर मिल रहा था। वो सुबह आती फिर २ बजे अपने घर चली जाती और फिर ५ बजे से ८ बजे तक रात का खाना बना कर चली जाती। राज उसके तीनों टाइम के खाने का ध्यान रखता और उसे खिलाकर ही छोड़ता था। इस तरह के अच्छे खाने और ख़ुश रहने के कारण उसके चेहरे में एक चमक सी आने लगी थी और शरीर भी थोड़ा सा गदराने सा लगा था।

क़रीब एक हफ़्ते के बाद एक दिन सुबह जब उसने शशी के लिए दरवाज़ा खोला तो उसकी आँख के नीचे गाल में सूजन थी। वह चौंक कर बोला: शशी क्या हुआ ? ये चोट कैसी?

शशी अंदर आयी और ज़मीन पर बैठ गयी और फफक कर रोने लगी। राज थोड़ा सा परेशान हो कर उसको उठाया और सोफ़े पर बिठा कर उसके बग़ल में बैठ गया और उसको अपने से सटा कर उसकी पीठ पर हाथ फेरा और बोला: अरे क्या हुआ? बताएगी भी? क्या मर्द ने मारा?

शशी उसके कंधे पर सिर रखकर रोते हुए बोली: हाँ बहुत मारा। ये देखिए, कहते हुए उसने अपना गला भी दिखाया जहाँ लाल निशान थे । फिर उसने अपनी सलवार भी पैरों से उठाकर अपनी टांगो को दिखाया जहाँ लाल निशान थे । उसकी बाँह भी लाल हुई जा रही थी। राज उठकर दवाई लाया और उसकी सब जगह दवाई लगाया। वह फिर से रोने लगी और बोली: मैं मर जाऊँगी। मुझे नहीं जीना।

अब राज ने उसे खींचकर अपनी गोद में बिठा लिया और उसके गाल को चूमते हुए बोला: ऐसा नहीं बोलते। मैं हूँ ना अभी । अच्छा अब बताओ क्या हुआ था?

शशी: कल रात को वह देर से आया और उसने शराब पी हुई थी। वह बिस्तर पर आया और मेरी मैक्सी उठाने लगा। मैंने मना किया कि तुम बहुत बास मार रहे हो। वह ग़ुस्सा हो गया और चिल्लाया कि साली बच्चा भी नहीं पैदा कर सकती और मुझे करने भी नहीं देती, मादरचोद , आज तेरी लेकर ही रहूँगा। मैं बहुत चिल्लायी और रोई पर उसने एक नहीं मानी और मेरी मैक्सी उठाने लगा। मेरे विरोध करने पर उसने मुझे बहुत मारा और आख़िर में उसने अपनी मन की कर ही ली।

राज उसकी बाँह सहलाते हुए बोला: ओह तो वो तुमको ज़बरदस्ती चोद लिया? ये तो बलात्कार हुआ।

शशी एक मिनट के लिए राज की भाषा पर चौकी पर उसके घर में तो इस तरह की भाषा का उपयोग होते ही रहता था , सो उसने ध्यान नहीं दिया। शशी बोली: क्या करें बाऊजी हम औरतों का तो यही हाल होता है? साला ख़ुद नामर्द है और मुझे बाँझ कहता है। कमीना कहीं का। ये कहते हुए उसने राज की छाती पर अपना सिर रख दिया। वो अभी भी उसकी गोद में बैठी थी।

अब राज ने उसे प्यार से देखते हुए उसकी बाँह को सहलाते हुए उसके गाल चूमने शुरू किए। फिर वह उसके सब लाल निशान को चूमने लगा। उसकी बाँह गाल और गरदन भी चूमा। फिर उसने अपने से जकड़ कर कहा: इस समस्या का एक ही हल है शशी।

शशी ने उसकी छाती से अपना सिर उठाया और बोली: क्या हल है बाऊजी?

राज उसकी आँखों में देखते हुए बोला: तुम्हें माँ बनना पड़ेगा। तभी उस कमीने का मुँह बंद होगा।

शशी: पर ये कैसे होगा?

राज झुका और उसके होंठ चूमकर बोला: मैं हूँ ना, इस काम के लिए।

शशी चौक कर बोली: आप ये क्या कह रहे हैं? मैं ऐसी औरत नहीं हूँ।
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Sasur aur Bahu (with Pics) - by badmaster122 - 22-11-2019, 03:22 PM
RE: Sasur aur Bahu (with Pics) - by Mahakaal - 22-11-2019, 06:31 PM
RE: Sasur aur Bahu (with Pics) - by Suryahot123 - 22-11-2019, 08:41 PM
RE: Sasur aur Bahu (with Pics) - by badmaster122 - 16-04-2023, 11:10 AM
RE: Sasur aur Bahu (with Pics) - by badmaster122 - 16-04-2023, 11:23 AM
RE: Sasur aur Bahu (with Pics) - by badmaster122 - 16-04-2023, 11:43 AM
RE: Sasur aur Bahu (with Pics) - by badmaster122 - 16-04-2023, 11:56 AM
RE: Sasur aur Bahu (with Pics) - by badmaster122 - 27-04-2023, 04:15 PM
RE: Sasur aur Bahu (with Pics) - by exbiixossip2 - 27-04-2023, 04:50 PM
RE: Sasur aur Bahu (with Pics) - by badmaster122 - 06-05-2023, 03:47 PM
RE: Sasur aur Bahu (with Pics) - by badmaster122 - 06-05-2023, 04:03 PM
RE: Sasur aur Bahu (with Pics) - by badmaster122 - 07-05-2023, 11:49 AM
RE: Sasur aur Bahu (with Pics) - by badmaster122 - 07-05-2023, 12:03 PM
RE: Sasur aur Bahu (with Pics) - by badmaster122 - 07-05-2023, 12:08 PM
RE: Sasur aur Bahu (with Pics) - by badmaster122 - 07-05-2023, 12:16 PM
RE: Sasur aur Bahu (with Pics) - by badmaster122 - 07-05-2023, 12:40 PM
RE: Sasur aur Bahu (with Pics) - by badmaster122 - 07-05-2023, 12:50 PM
RE: Sasur aur Bahu (with Pics) - by badmaster122 - 08-05-2023, 03:53 PM
RE: Sasur aur Bahu (with Pics) - by badmaster122 - 08-05-2023, 04:12 PM
RE: Sasur aur Bahu (with Pics) - by badmaster122 - 08-05-2023, 04:18 PM
RE: Sasur aur Bahu (with Pics) - by badmaster122 - 11-05-2023, 05:17 PM
RE: Sasur aur Bahu (with Pics) - by badmaster122 - 11-05-2023, 05:26 PM
RE: Sasur aur Bahu (with Pics) - by badmaster122 - 11-05-2023, 05:35 PM
RE: Sasur aur Bahu (with Pics) - by badmaster122 - 18-05-2023, 03:30 PM
RE: Sasur aur Bahu (with Pics) - by badmaster122 - 27-05-2023, 11:56 AM
RE: Sasur aur Bahu (with Pics) - by badmaster122 - 28-05-2023, 10:16 AM
RE: Sasur aur Bahu (with Pics) - by badmaster122 - 28-05-2023, 10:31 AM
RE: Sasur aur Bahu (with Pics) - by badmaster122 - 28-05-2023, 10:49 AM
RE: Sasur aur Bahu (with Pics) - by ramumargaya - 28-05-2023, 02:15 PM
RE: Sasur aur Bahu (with Pics) - by badmaster122 - 11-06-2023, 10:51 AM
RE: Sasur aur Bahu (with Pics) - by badmaster122 - 11-06-2023, 10:59 AM
RE: Sasur aur Bahu (with Pics) - by badmaster122 - 11-06-2023, 11:06 AM
RE: Sasur aur Bahu (with Pics) - by badmaster122 - 11-06-2023, 11:19 AM
RE: Sasur aur Bahu (with Pics) - by badmaster122 - 22-07-2023, 11:02 AM
RE: Sasur aur Bahu (with Pics) - by badmaster122 - 22-07-2023, 11:08 AM
RE: Sasur aur Bahu (with Pics) - by badmaster122 - 22-07-2023, 11:15 AM
RE: Sasur aur Bahu (with Pics) - by badmaster122 - 22-07-2023, 11:27 AM
RE: Sasur aur Bahu (with Pics) - by RangilaRaaj - 22-07-2023, 01:58 PM
RE: Sasur aur Bahu (with Pics) - by ddad29 - 22-07-2023, 07:05 PM



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